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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
मंजू बाई की सीख 

[Image: bhabhi-15.jpg]


हम लोग शापिंग कर  रहे थे और मंजू बाई उन्हें 'सिखा ' रही थी।

 
उन्होंने सोचा था की बस वो देखेंगे और मंजू बाई सब काम करेगी ,बहुत होगा तो उन्हें कुछ बता समझा देगी ,या फिर थोड़ा बहुत हाथ बंटाना ,
 
लेकिन यहाँ एकदम उलटा हो रहा था।
 
सब काम उन्हें ही करना पड़ रहा था ,उलटे मंजू बाई हड़का अलग रही थी।
 
वो डिशेज साफ़ कर रहे थे और मंजू बाई ,...
 
" क्या कैसे कर रहे हो , ठीक से साफ़ करो रगड़ रगड़ के ,.. क्या सब ताकत तेरी बहन ने चूस ली?"
 
उन्होंने कुछ और ताकत लगाई लेकिन मंजू बाई को नहीं जमा , वो बोली ,
 
" अच्छा चल आती हूँ मैं ,कर के दिखाती हूँ तुझे ,  "
 
और फिर मंजू बाई ने अपना आँचल  अपनी कमर में लपेट के पेटीकोट में खोंस लिया। 

दोनों गद्दर ब्लाउज फाड़ जोबन , खूब कड़े कड़े ,एकदम इनकी आँखों के सामने। पतले ब्लाउज में उभार कटाव ,कड़ापन सब दिख रहा था। ब्रा वो पहनती नहीं थी।  

[Image: boobs-jethani-14947927-122466274897860-5...3318-n.jpg]

एकबार फिर इनका 'कुतुबमीनार ' तन के खड़ा हो गया।  ब्रा वो कभी नहीं पहनती थी लेकिन उसके उभार आँचल में छुपे ढके रहते थे और जब पल्लू उसने कमर में लपेट लिया तो फिर सब कुछ साफ़ साफ़ ,...
 
मंजू बाई एकदम इनसे सट के चिपक के खड़ी हो गयी।  

कनखियों से वो इनका उठा हुआ तंबू देख रही थी ,लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। 

मंजू बाई के उभारों का जो इनके खूंटे पे असर हुआ वो सब साफ़ समझ रही थी, कोई नौसिखिया तो थी नहीं ,  
ऐसे खेलों की पुरानी खिलाडन थी।
 
वो एक कटोरी साफ़ कर रहे थे।
 
झुक के अपने उभार की नोक उनके एक हाथ से रगड़ते मंजू बाई बोली ,
 
 
" अरे कैसे अपनी बहिनिया की कटोरी में ऊँगली डालते हो ,दो अंदर एक बाहर ,... हाँ बस वैसे ही , ...ठीक बस ,... अब ज़रा रगड़ रगड़ जैसे , ...अपनी छुटकी बहिनिया की कटोरी में ऊँगली डाल के ,... हाँ जोर जोर से मांजो , देखो चमक जायेगी।  जैसे तेरी बहन का चेहरा चमक जाता होगा तेरी ऊँगली से , ...हाँ बस वैसे ही। देख चमक गया न। अरे मेरे मुन्ने तू बहुत जल्द सीख जाएगा , बस चुपचाप मेरी बात मानता रह। "
[Image: boobs-jethani-20479696-335948380192950-1...7264-n.jpg]

 
मंजू बाई का एक उभार उनकी पीठ से रगड़ खा रहा था बार बार और   नल खुला हुआ था ,तेज धार से छर छर ,.. उसकी बूंदो से मंजू बाई का ब्लाउज भी थोड़ा गीला  हो गया था। 

एकदम उसके जोबन से चिपक गया था। अब सिर्फ उभार ,कटाव और कड़ापन ही दिख रहा था बल्कि ब्लाउज के अंदर का पूरा नजारा।
 
 [Image: boobs-jethani-champa-15095573-1325382605...3502-n.jpg]
खड़ा खूँटा उनका और टनटना गया था।
 
ये बात मंजू बाई से छिपी नहीं थी।
 
" अरे चल जल्दी जल्दी कर बहुत काम करवाना है तुझसे अभी ," 


वो बोली और मंजू बाई के इस डबल मीनिंग डायलाग का और गहरा असर उनके ऊपर पड़ा।
 
मंजू बाई अब खुल के उनके लुंगी फाड़ते खूंटे की ओर देख रही थी ,बिना किसी झिझक ,हिचक के।
 
बर्तन वो मांज चुके थे तो मंजू बाई बोली ,
 
"चल रगड़ना सीख लिया , अच्छी तरह से। अब धुलवाउंगी बाद में ,धुलना भी सीखा दूंगी ,लेकिन चल पहले झाड़ू उठा। आज झाड़ना तेरा काम है और झड़वाना मेरा अच्छी तरह समझ ले। "
 
वो दोनों लोग किचेन से निकले ,मंजू बाई ने उनके हाथ में झाड़ू पकड़ा दी थी।
 
जितना असर उनके ऊपर मंजू बाई के बूब्स का हो रहा था उतना ही उसके डबल मिनिग बातों का भी , ' झाड़ना ' और ;झड़वाना' से मंजू बाई का क्या मतलब है वो अच्छी तरह समझ रहे थे।
 
सबसे पहले बैडरूम से उसने शुरू कराया और साथ में ही हड़काना ,
 
" अरे ज़रा ताकत लगा के , कस के झाड़ ने। तेरी बहन ने क्या सारी ताकत निचोड़ ली है जो इतना , ... अरे आगे पीछे सब झड़वाउंगी मुन्ने तुझसे , अभी बहुत ,... "
 
फिर बिस्तर के नीचे भी ,
 
" अरे अंदर भी , अंदर डाल के ,क्या बाहर बाहर मजा आएगा।  पूरा अंदर डाल के झाड़ो ,कोई कोना बचना नहीं चाहिए।  अरे मायके में क्या ऐसे ही ऊपर झापर झाड़ के काम चला लेते थे ,कुछ सिखाया नहीं तेरी माँ बहनों ने ,कैसे पूरा अंदर डाल डाल के।  ... चल कोई बात नहीं मैं हूँ सब सीखा दूंगी अपने मुन्ने  को अच्छे से झाड़ना ,झड़वाना सब। "
 
वो झुक कर झाड़ू लगा रहे थे , हिप्स उठे हुए।  मंजू बाई ने प्यार से उनके उठे हिप्स पे एक चपत लगाते कहा।
 
 
लेकिन साथ ही साथ उनकी लुंगी बनी साडी भी उसने उठा दी ,ऑलमोस्ट कमर तक और छल्ले की तरह लपेट दी।
 
" ऐसे ही हाँ अरे मुन्ने मुझसे क्या शर्मा रहा है ,...हाँ  और ,थोड़ा और चूतड़ ऊपर उठा , अरे बचपन में सारे लौंडेबाज तेरी चिकनी गांड मारने के लिए जैसे घोड़ी बनाते होंगे बस वैसे ही उठा हाँ अब ठीकऐसे पूरा जोर लगेगा अंदर तक झाड़ने में। "
 
[Image: Manju-bai21.jpg]

दोनों जाँघों के बीच हाथ डाल के जब मंजू बाई ने उनके चूतड़ ऊपर करवाये तो ,मंजू बाई की उंगलिया सिर्फ उनके चूतड़ से ही नहीं बल्कि तन्नाए खूँटे से भी रगड़ खा गयी.
 
' हथियार तो जबरदस्त है ,भूखा भी है और बौराया भी "मंजू बाई समझ गयीं थी।
 
और बेडरूम करने के बाद जब वो निकलने लगे तो मंजू बाई सामने खड़ी , अभी भी मंजू बाई ने आँचल कमर में खोंस रखा था इसलिए मंजू बाई की दोनों 'चोटियां ' सीधे उनके मुंह के सामने ,
 
" अरे मुन्ना मेरे कहाँ निकले अभी बाथरूम बाकी है न।  सब कमरा बोला था और वहां तो एकदम चमाचम होना चाहिए न।

मंजू बाई ने उनको पकड़ कर बाथरूम की ओर ठेल दिया।
 
वो बाथरूम का दरवाजा खोल ही रहे थे की एक आवाज ने उन्हें रोक दिया।
 
रेफ्रिजरेटर का दरवाजा खुलने की आवाज ,...
 
एक बडा सा लाल एपल , कश्मीरी ,मंजू बाई ने निकाल लिया था।
 
उन्हें दिखाते हुए दांत से एक बड़ी सी बाइट मंजू बाई ने काटी और मुस्करा के बोली ,

[Image: apple.jpg]
 
" तुझे भी मिलेगा , अरे मुन्ना काम कर पहले। मालुम है मुझे मुन्ना बहुत भूखा है ,

दूंगी अभी सब दूंगी लेकिन चल पहले काम कर और हाँ ,  ... "
 
कमोड की ओर इशारा कर के बोलीं ,
 
" इसे अच्छी तरह चमकाना ,एकदम सफ़ेद ,कोई दाग वाग नहीं ,ऊँगली से चेक कर लेना। मैं आके अभी चेक करुँगी ,चल काम शुरू कर। "
 
उन्होंने बाथरूम धोना ,साफ़ करना शुरू कर दिया और मंजू बाई ,बाथरूम के दरवाजे पे ऐपल की बाइट लेती ,
 
 
जब उन्होंने सब काम ख़तम कर लिया तो मंजू बाई अंदर आई और अपने हाथ से उनके मुंह में ऐपल की एक बाइट बड़ी सी दी और फिर मंजू बाई ने उन्हे ऐपल पकड़ाया ,
 
लेकिन एक पल के लिए वो झिझके ,
 
" गन्दा है हाथ।

हलके से हाथ की ओर इशारा करते वो बोले पर मंजू ने हड़का लिया ,
[Image: Teej-elebrities-deep-neck-open-chest-blo...ress-8.jpg]

 
" अरे कुछ गन्दा नहीं होता ,चल पकड़ " जोर से वो बोली ,और उन्होंने अधखाया ऐपल पकड़ लिया।
 
झुक के मंजू बाई ने अंदर तक चेक किया , सब चमाचम।
 
 
"एक बाइट और  ले के मुझे दे दे"
 
अब उनकी झिझक ख़तम हो गयी थी। एक बाइट लेकर ऐपल उन्होंने मंजू बाई को पकड़ा दिया।
 
और   उसके पीछे हाल  में वो ,
 
आगे आगे मंजू बाई ,
 
उसके कसर मसर करते बड़े बड़े कसे चूतड़ ,उनके बीच की साफ़ दिखती दरार ,...
 

[Image: saree-back-x.jpg]

हालत उनकी खराब हो रही थी।
 
मंजू बाई सब समझ रही थी और उसने और आग में घी डाला , मुड़ के उनकी ओर देख के जीभ निकाल के चिढा दिया फिर जीभ से अपने मोटे मोटे होंठ चाट लिए।  
" चल शुरू कर , ... " मंजू बाई ने हाल में पहुँचते बोला।
 
एक बार वो फिर झुके हुए ,पिछवाड़ा खूब ऊपर  हवा में , साडी एकदम ऊपर चिपकी , अंदर घुस घुस के झाड़ू लगाते।
 
मंजू बाई बार बार उनके अधखुले पिछवाड़े में अब खुल के हाथ लगाती ,पुश करती तो कभी सीधे बीच की दरार में ऊँगली डाल के  जोर से रगड़ देती।
 
थोड़ी देर में आधा हाल ही हो पाया था की मंजू बाई की पीछे से आवाज आयी ,
 
" अच्छा चल  उठ ऐसे तो बहुत टाइम लग जाएगा। "
 
जब वो मुड़े मंजू बाई की ओर ,उन्हें  लगा शायद गुस्से में बोल रही लेकिन वो मुस्करा रही थी।
 
उनकी ओर बचा हुआ अधखाया सेब दिखा के उसने पूछा ,
 
" बोल चाहिए "

[Image: MIL-86656847e3eebfcc1284935607a6252a.jpg]
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 02-09-2019, 10:17 AM



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