02-09-2019, 09:58 AM
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मंजू बाई
![[Image: Manju-bai-aaaa.jpg]](https://i.ibb.co/8z1mJVC/Manju-bai-aaaa.jpg)
मंजू बाई ,...
३५ -३६ की उमर ,लंबा चौड़ा खूब भरा शरीर , रंग गोरा नही तो ज्यादा सांवला भी नहीं , बस हल्का सा सलोना सांवला।
खूब गठी देह ,जैसे काम करने वालियों की होती हैं , कसी कसी पिंडलियां , दीर्घनितम्बा ,
छातियाँ भी बड़ी बड़ी लेकिन एकदम कठोर ठोस,
![[Image: manju-bai-bb.jpg]](https://i.ibb.co/TbGXV4k/manju-bai-bb.jpg)
मम्मी को वो पहचानती थी। उनसे दुआ सलाम कर के मुझसे बोली ,
" बहूजी आज सुबह ही आयी हूँ , अपनी बेटी गीता को भी साथ ले आयी हूँ उसकी ससुराल से वापस , ... "
उसकी बात मैं काटती ,अचरज से बीच में बोली,
" पर गीता को, तुम तो कह रही थी ... उसे एक महीने पहले ही बच्चा हुआ है , ... तो इतनी जल्दी ,... ससुराल से। "
" अरे बहू जी उसका मरद तो पंजाब चला गया कमाने ,साल दस महीने में एक बार कभी आता है ,कभी वो भी नहीं। और ऊपर से गीता की सास ,छिनाल खुद तो पूरे गाँव को चढ़ाती है अपने ऊपर ,पंचभतारी ,इस उमर में भी दबवाने मिसवाने में ,नैन मटक्का करने में शरम नहीं ,... "
![[Image: Manju-Bai-b336eedfe1ab00559d2440ac3165821c.jpg]](https://i.ibb.co/hg16Dyq/Manju-Bai-b336eedfe1ab00559d2440ac3165821c.jpg)
" सही कहती है तू सारी सासें आजकल ऐसी ही होती है बहुओं की , " उनकी ओर देख के मुस्करा के मैं बोली।
जिस तरह से उन्होंने ब्लश किया ,मम्मी भी समझ गयीं और मन्जू बाई भी की मेरा इशारा किधर है। मंजू बाई ने अपनी बात जारी रखी
" और गीता की सास से भी दो हाथ आगे गीता की ननद है।
करमजली अपने ससुराल से झगड़ा करके आ गयी है और असल बात ये है की गाँव के सारे लौंडों से फसी है वो ,भैय्या भैय्या बोलती है और सबके सा,थ गन्ने के खेत में कबड्डी खेलती है। माँ बेटी दोनों नम्बरी छिनार , और गीता की ननद ,मेरी बेटी का नाम धरती है। गीता की सास मुझसे बोलने लगी , तुझे बेटी को ले जाना हो तो ले जाओ लेकिन मैं बच्चे को नहीं ले जाने दूंगी। तो मैं भी बोली की रखो तुम बच्चे को और मैं गीता को ले आयी। "
फिर कुछ रुक कर वो बोली ,
"बहू जी मुझे मालुम है मैं इतनी दिन नहीं आयी ,आप को कितनी तकलीफ हुयी होगी ,... लेकिन "
अबकी उस बात मम्मी ने काटी। इनके चिकने गाल पे प्यार से हाथ फिराते बोलीं ,
" अरे कोई तकलीफ नहीं हुयी ,मंजू बाई। ये था न ,झाड़ू पोंछा ,बर्तन सब कुछ इसी के जिम्मे था ,हाँ थोडा नौसिखिया है तो तू आगयी है तो कुछ सिखा विखा देना इसको "
![[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]](https://i.ibb.co/X5NsTtj/MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg)
मंजू बाई की निगाह इनकी पर ,बल्कि उन्होंने जो साडी पहनी थी मम्मी की लुंगी बना के और उससे भी बढ़कर ,...
उसमें तने तंबू के बम्बू पर गयी।
और वहीँ अटक गयी।
तंबू तना भी जबरदस्त था।
![[Image: Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg]](https://i.ibb.co/mFHQ9S2/Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg)
मम्मी ने मंजू बाई को इशारे से अपने पास बुलाया और पर्स से ५०० का नोट निकाल कर दिया।
वो ना ना करती रही ,लेकिन पहले तो मम्मी ने मंजू बाई के कान में कुछ फुसफुसाया , फिर बोलीं ,
" अरे तेरी बेटी के पहलौठा बच्चा हुआ है न तो उसके दूध पीने के लिए। "
मंजू बाई ने वो नोट पहले तो माथे पर लगाया , फिर झुके झुके ही अपनी चोली में खोंस लिया।
मंजू बाई की कसी चोली से दोनों बड़े बड़े उभार बाहर छलक रहे थे।
और इनकी लालची निगाह दोनों छलकते उभारों पर ,बीच की गहराई में धंसी , फंसी।
![[Image: boobs-jethani-14054088-248867345507149-7...4382-n.jpg]](https://i.ibb.co/zVXJN0m/boobs-jethani-14054088-248867345507149-7938461223875224382-n.jpg)
लेकिन मम्मी की निगाह से इनकी चोरी कैसे बचती , उन्होंने मंजू बाई से इनकी ओर इशारा कर के पूछ लिया ,
" सुन तू मेरी बेटी को बहू कहती है तो फिर ,... तेरी बेटी इसकी क्या लगेगी। "
मंजू बाई इशारा समझ गयी थी , मुस्करा के इनकी ओर देख के बोली ,
" बहन लगेगी ,और क्या। "
और फिर अपने बड़े बड़े उभार छलकाते हुए पल्लू खोंस लिया।
( गीता ,मंजू बाई की बेटी ,देह तो मंजू बाई ऐसे थी खूब भरी भरी थी ,गदरायी लेकिन रंग एकदम गोरा चम्पई था ,जैसे कोई दूध में केसर डाल दे।
![[Image: Geeta-Sana-Khan-Spicy-in-Half-Saree.jpg]](https://i.ibb.co/tHyJs9B/Geeta-Sana-Khan-Spicy-in-Half-Saree.jpg)
एक बार मैंने मंजू बाई से , वो पोंछा लगा रही थी , को चिढाते हुए पूछा भी ,मंजू बाई तेरा रंग तो ,.. और तेरी बेटी एकदम चिट्टी। मुस्करा के वो बोली ,इसका बाप बहुत गोरा था ,रंग बाप पे गया है। मैंने फिर पूछा तेरा मर्द तो। हंसते हुए उसने फिर साफ़ साफ बोला ,अरे बहू जी आप तो समझती हो ,मेरा मरद नहीं ,इसका बाप )
और जैसे ही वो मुड़ी तो इनकी निगाह उसके दीर्घ नितंबों और बीच की दरार पर।
मंजू बाई कुछ अपने मोटे मोटे ३८++ चूतड़ मटका भी ज्यादा रही थी।
![[Image: ass-saree-d30806b42344da9e31bc5fbfafe607e9.jpg]](https://i.ibb.co/zJcVKZV/ass-saree-d30806b42344da9e31bc5fbfafe607e9.jpg)
मम्मी ने फिर उसे रोक के बोला ,
" अरे मंजू बाई ज़रा तू इनको भी कुछ काम वाम सिखा दे न ,अब कभी तुम नहीं आओगी तो सब काम इसे ही तो करना पड़ता है न। "
और फिर इनसे भी मम्मी बोलीं ,
" जा सब सीख ले ठीक से ,मंजू बाई सिखा देंगीं। और तू हेल्प करा देगा तो काम भी जल्दी निपट जाएगा। "
जैसे ही ये उठे मंजू बाई के पास जाने के लिए ,मम्मी ने हलके से आँख मारते हुए उनसे धीरे से बोला ,
" ग्रीन सिग्नल ".
इससे बड़ी ख़ुशी की बात इनके लिए क्या हो सकती थी।
चेहरे पर से ख़ुशी एकदम छलक रही थी और खूँटा अलग एकदम तन्नाया हुआ।
वो मंजू के बाई पास पहुंचे ही थे ,की मम्मी ने फिर बोला ,
" अरे ज़रा अच्छी तरह सब काम सिखा देना ,झाड़ना ,पोंछना , रगड़ रगड़ के ,... और अगर ये न सीखे न .... तो जबरदस्ती भी कर सकती हो तुम ,सिखाने के लिए। "
मम्मी का इशारा एकदम साफ़ था।
और मंजू बाई भी ,उसने एकदम मालिकाना अंदाज में अपनी हथेली इनके पिछवाड़े रखते , मुड़ के मम्मी की ओर देखते हुए बोला ,
" एकदम आप चिंता न करिये सब सीखा दूंगी। झाड़ना ,पोंछना सब ,... "
और उन्हें हलके से पुश करते हुए किचेन की ओर चली।
तब तक मुझे एक शरारत सूझी , मैंने मम्मी को याद कराया।
" अरे मम्मी कल रात अपने इतने प्यार से इनका एक घर में पुकारने का नाम रखा था लेकिन अब तक एक बार भी उस नाम से उन्हें पुकारा नहीं ,कितना बुरा लग रहा होगा उन्हें न। "
मम्मी तुरंत समझ गयी और उन्हें बुलाया ,
" सुन बहनचोद ,.... "
![[Image: MIL-W-D4qr-YYDUEAA2-Ct9.jpg]](https://i.ibb.co/5hJw0Ht/MIL-W-D4qr-YYDUEAA2-Ct9.jpg)
और अब मंजू बाई के चौंकने की बारी थी।
वो आश्चर्य से मेरी ओर मुंह कर के देख रही थी।
" अरे मंजू बाई , ये इनके प्यार का नाम है। घर में पुकारने का नाम। इनकी सास ने बड़े प्यार से इनका ये नाम रखा है। अब घर में हम सब लोग इन्हें इसी नाम से बुलाएंगे। "
,
सब लोग पर जोर देने से मंजू बाई अच्छी तरह समझ गयी।
उधर इनकी सास इन्हें समझा रही थीं ,
" सुन बहनचोद , अभी हम लोग शापिंग के लिए जा रहे हैं। दो तीन घंटे के बाद ही लौटेंगे। तब तक तुम मंजू बाई की सब बाते मानना ,एकदम ध्यान से , जो जो ये सिखाये एकदम अच्छी तरह सीखना। रगड़ रगड़ के बरतन चमकाने ,किचेन के सब काम के साथ हर जगह झाड़ू , ...अंदर तक झड़वाना इससे मंजू बाई ,... डस्टिंग ,हर जगह ,... कोई जगह बचनी नहीं चाहिए ,.... और मंजू बाई तुम अपने सामने ,.. "
" एकदम ,... आप लोग जाइये ,सब चीज अच्छी तरह सिखा दूंगी। अब आपने मुझे ये काम सौपा है तो ,... आप लोग आराम से लौट के आइये। आप के आने तक एकदम चमाचम मिलेगी,सब चीज । "
मंजू बाई ने बात काट के हामी भरी। मंजू बाई का हाथ अभी भी उनके पिछवाड़े ही था।
मैं और मम्मी घर के बाहर निकल रहे थे की मैं अपने को रोक नहीं पायी , दरवाजे से ही मैंने हंकार लगाई ,
" अरे बहनचोद ,ज़रा आके दरवाजा बंद कर दे न। "
मम्मी कार में बैठ चुकी थीं।
जब वो दरवाजा बंद करने आये तो उनके होंठो पे एक हलकी सी चुम्मी लेते मैंने उनके कान में बोला
" ग्रीन सिग्नल "
![[Image: Teej-678c73ec65c704088bb3be72b56e20f9.jpg]](https://i.ibb.co/HCzB46M/Teej-678c73ec65c704088bb3be72b56e20f9.jpg)
![[Image: Manju-bai-aaaa.jpg]](https://i.ibb.co/8z1mJVC/Manju-bai-aaaa.jpg)
मंजू बाई ,...
३५ -३६ की उमर ,लंबा चौड़ा खूब भरा शरीर , रंग गोरा नही तो ज्यादा सांवला भी नहीं , बस हल्का सा सलोना सांवला।
खूब गठी देह ,जैसे काम करने वालियों की होती हैं , कसी कसी पिंडलियां , दीर्घनितम्बा ,
छातियाँ भी बड़ी बड़ी लेकिन एकदम कठोर ठोस,
![[Image: manju-bai-bb.jpg]](https://i.ibb.co/TbGXV4k/manju-bai-bb.jpg)
मम्मी को वो पहचानती थी। उनसे दुआ सलाम कर के मुझसे बोली ,
" बहूजी आज सुबह ही आयी हूँ , अपनी बेटी गीता को भी साथ ले आयी हूँ उसकी ससुराल से वापस , ... "
उसकी बात मैं काटती ,अचरज से बीच में बोली,
" पर गीता को, तुम तो कह रही थी ... उसे एक महीने पहले ही बच्चा हुआ है , ... तो इतनी जल्दी ,... ससुराल से। "
" अरे बहू जी उसका मरद तो पंजाब चला गया कमाने ,साल दस महीने में एक बार कभी आता है ,कभी वो भी नहीं। और ऊपर से गीता की सास ,छिनाल खुद तो पूरे गाँव को चढ़ाती है अपने ऊपर ,पंचभतारी ,इस उमर में भी दबवाने मिसवाने में ,नैन मटक्का करने में शरम नहीं ,... "
![[Image: Manju-Bai-b336eedfe1ab00559d2440ac3165821c.jpg]](https://i.ibb.co/hg16Dyq/Manju-Bai-b336eedfe1ab00559d2440ac3165821c.jpg)
" सही कहती है तू सारी सासें आजकल ऐसी ही होती है बहुओं की , " उनकी ओर देख के मुस्करा के मैं बोली।
जिस तरह से उन्होंने ब्लश किया ,मम्मी भी समझ गयीं और मन्जू बाई भी की मेरा इशारा किधर है। मंजू बाई ने अपनी बात जारी रखी
" और गीता की सास से भी दो हाथ आगे गीता की ननद है।
करमजली अपने ससुराल से झगड़ा करके आ गयी है और असल बात ये है की गाँव के सारे लौंडों से फसी है वो ,भैय्या भैय्या बोलती है और सबके सा,थ गन्ने के खेत में कबड्डी खेलती है। माँ बेटी दोनों नम्बरी छिनार , और गीता की ननद ,मेरी बेटी का नाम धरती है। गीता की सास मुझसे बोलने लगी , तुझे बेटी को ले जाना हो तो ले जाओ लेकिन मैं बच्चे को नहीं ले जाने दूंगी। तो मैं भी बोली की रखो तुम बच्चे को और मैं गीता को ले आयी। "
फिर कुछ रुक कर वो बोली ,
"बहू जी मुझे मालुम है मैं इतनी दिन नहीं आयी ,आप को कितनी तकलीफ हुयी होगी ,... लेकिन "
अबकी उस बात मम्मी ने काटी। इनके चिकने गाल पे प्यार से हाथ फिराते बोलीं ,
" अरे कोई तकलीफ नहीं हुयी ,मंजू बाई। ये था न ,झाड़ू पोंछा ,बर्तन सब कुछ इसी के जिम्मे था ,हाँ थोडा नौसिखिया है तो तू आगयी है तो कुछ सिखा विखा देना इसको "
![[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]](https://i.ibb.co/X5NsTtj/MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg)
मंजू बाई की निगाह इनकी पर ,बल्कि उन्होंने जो साडी पहनी थी मम्मी की लुंगी बना के और उससे भी बढ़कर ,...
उसमें तने तंबू के बम्बू पर गयी।
और वहीँ अटक गयी।
तंबू तना भी जबरदस्त था।
![[Image: Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg]](https://i.ibb.co/mFHQ9S2/Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg)
मम्मी ने मंजू बाई को इशारे से अपने पास बुलाया और पर्स से ५०० का नोट निकाल कर दिया।
वो ना ना करती रही ,लेकिन पहले तो मम्मी ने मंजू बाई के कान में कुछ फुसफुसाया , फिर बोलीं ,
" अरे तेरी बेटी के पहलौठा बच्चा हुआ है न तो उसके दूध पीने के लिए। "
मंजू बाई ने वो नोट पहले तो माथे पर लगाया , फिर झुके झुके ही अपनी चोली में खोंस लिया।
मंजू बाई की कसी चोली से दोनों बड़े बड़े उभार बाहर छलक रहे थे।
और इनकी लालची निगाह दोनों छलकते उभारों पर ,बीच की गहराई में धंसी , फंसी।
![[Image: boobs-jethani-14054088-248867345507149-7...4382-n.jpg]](https://i.ibb.co/zVXJN0m/boobs-jethani-14054088-248867345507149-7938461223875224382-n.jpg)
लेकिन मम्मी की निगाह से इनकी चोरी कैसे बचती , उन्होंने मंजू बाई से इनकी ओर इशारा कर के पूछ लिया ,
" सुन तू मेरी बेटी को बहू कहती है तो फिर ,... तेरी बेटी इसकी क्या लगेगी। "
मंजू बाई इशारा समझ गयी थी , मुस्करा के इनकी ओर देख के बोली ,
" बहन लगेगी ,और क्या। "
और फिर अपने बड़े बड़े उभार छलकाते हुए पल्लू खोंस लिया।
( गीता ,मंजू बाई की बेटी ,देह तो मंजू बाई ऐसे थी खूब भरी भरी थी ,गदरायी लेकिन रंग एकदम गोरा चम्पई था ,जैसे कोई दूध में केसर डाल दे।
![[Image: Geeta-Sana-Khan-Spicy-in-Half-Saree.jpg]](https://i.ibb.co/tHyJs9B/Geeta-Sana-Khan-Spicy-in-Half-Saree.jpg)
एक बार मैंने मंजू बाई से , वो पोंछा लगा रही थी , को चिढाते हुए पूछा भी ,मंजू बाई तेरा रंग तो ,.. और तेरी बेटी एकदम चिट्टी। मुस्करा के वो बोली ,इसका बाप बहुत गोरा था ,रंग बाप पे गया है। मैंने फिर पूछा तेरा मर्द तो। हंसते हुए उसने फिर साफ़ साफ बोला ,अरे बहू जी आप तो समझती हो ,मेरा मरद नहीं ,इसका बाप )
और जैसे ही वो मुड़ी तो इनकी निगाह उसके दीर्घ नितंबों और बीच की दरार पर।
मंजू बाई कुछ अपने मोटे मोटे ३८++ चूतड़ मटका भी ज्यादा रही थी।
![[Image: ass-saree-d30806b42344da9e31bc5fbfafe607e9.jpg]](https://i.ibb.co/zJcVKZV/ass-saree-d30806b42344da9e31bc5fbfafe607e9.jpg)
मम्मी ने फिर उसे रोक के बोला ,
" अरे मंजू बाई ज़रा तू इनको भी कुछ काम वाम सिखा दे न ,अब कभी तुम नहीं आओगी तो सब काम इसे ही तो करना पड़ता है न। "
और फिर इनसे भी मम्मी बोलीं ,
" जा सब सीख ले ठीक से ,मंजू बाई सिखा देंगीं। और तू हेल्प करा देगा तो काम भी जल्दी निपट जाएगा। "
जैसे ही ये उठे मंजू बाई के पास जाने के लिए ,मम्मी ने हलके से आँख मारते हुए उनसे धीरे से बोला ,
" ग्रीन सिग्नल ".
इससे बड़ी ख़ुशी की बात इनके लिए क्या हो सकती थी।
चेहरे पर से ख़ुशी एकदम छलक रही थी और खूँटा अलग एकदम तन्नाया हुआ।
वो मंजू के बाई पास पहुंचे ही थे ,की मम्मी ने फिर बोला ,
" अरे ज़रा अच्छी तरह सब काम सिखा देना ,झाड़ना ,पोंछना , रगड़ रगड़ के ,... और अगर ये न सीखे न .... तो जबरदस्ती भी कर सकती हो तुम ,सिखाने के लिए। "
मम्मी का इशारा एकदम साफ़ था।
और मंजू बाई भी ,उसने एकदम मालिकाना अंदाज में अपनी हथेली इनके पिछवाड़े रखते , मुड़ के मम्मी की ओर देखते हुए बोला ,
" एकदम आप चिंता न करिये सब सीखा दूंगी। झाड़ना ,पोंछना सब ,... "
और उन्हें हलके से पुश करते हुए किचेन की ओर चली।
तब तक मुझे एक शरारत सूझी , मैंने मम्मी को याद कराया।
" अरे मम्मी कल रात अपने इतने प्यार से इनका एक घर में पुकारने का नाम रखा था लेकिन अब तक एक बार भी उस नाम से उन्हें पुकारा नहीं ,कितना बुरा लग रहा होगा उन्हें न। "
मम्मी तुरंत समझ गयी और उन्हें बुलाया ,
" सुन बहनचोद ,.... "
![[Image: MIL-W-D4qr-YYDUEAA2-Ct9.jpg]](https://i.ibb.co/5hJw0Ht/MIL-W-D4qr-YYDUEAA2-Ct9.jpg)
और अब मंजू बाई के चौंकने की बारी थी।
वो आश्चर्य से मेरी ओर मुंह कर के देख रही थी।
" अरे मंजू बाई , ये इनके प्यार का नाम है। घर में पुकारने का नाम। इनकी सास ने बड़े प्यार से इनका ये नाम रखा है। अब घर में हम सब लोग इन्हें इसी नाम से बुलाएंगे। "
,
सब लोग पर जोर देने से मंजू बाई अच्छी तरह समझ गयी।
उधर इनकी सास इन्हें समझा रही थीं ,
" सुन बहनचोद , अभी हम लोग शापिंग के लिए जा रहे हैं। दो तीन घंटे के बाद ही लौटेंगे। तब तक तुम मंजू बाई की सब बाते मानना ,एकदम ध्यान से , जो जो ये सिखाये एकदम अच्छी तरह सीखना। रगड़ रगड़ के बरतन चमकाने ,किचेन के सब काम के साथ हर जगह झाड़ू , ...अंदर तक झड़वाना इससे मंजू बाई ,... डस्टिंग ,हर जगह ,... कोई जगह बचनी नहीं चाहिए ,.... और मंजू बाई तुम अपने सामने ,.. "
" एकदम ,... आप लोग जाइये ,सब चीज अच्छी तरह सिखा दूंगी। अब आपने मुझे ये काम सौपा है तो ,... आप लोग आराम से लौट के आइये। आप के आने तक एकदम चमाचम मिलेगी,सब चीज । "
मंजू बाई ने बात काट के हामी भरी। मंजू बाई का हाथ अभी भी उनके पिछवाड़े ही था।
मैं और मम्मी घर के बाहर निकल रहे थे की मैं अपने को रोक नहीं पायी , दरवाजे से ही मैंने हंकार लगाई ,
" अरे बहनचोद ,ज़रा आके दरवाजा बंद कर दे न। "
मम्मी कार में बैठ चुकी थीं।
जब वो दरवाजा बंद करने आये तो उनके होंठो पे एक हलकी सी चुम्मी लेते मैंने उनके कान में बोला
" ग्रीन सिग्नल "
![[Image: Teej-678c73ec65c704088bb3be72b56e20f9.jpg]](https://i.ibb.co/HCzB46M/Teej-678c73ec65c704088bb3be72b56e20f9.jpg)