Thread Rating:
  • 8 Vote(s) - 2.63 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
#4
केशव : "ये इतना भी आसान नही है, जितना लग रहा है...चलो,मैं पत्ते बाँटकर दिखाता हूँ ...''

और केशव ने गड्डी कटवाई और फिर 3-3 पत्ते आपस मे बाँट लिए..काजल ने फ़ौरन पत्ते उठा लिए.

केशव : "अरे....दीदी , ऐसे एकदम से नही उठाते...पहले ब्लाइंड चलनी पड़ती है... और अगर आपके पत्ते अच्छे हुए तो आप चाल चल सकती हो ''

और फिर केशव उसे ब्लाइंड और चाल के बारे मे बताने लगा..और ब्लाइंड और चाल के बारे मे अच्छी तरह से समझ कर वो बोली : "कोई बात नही...अगली बार से ध्यान रखूँगी..पर इन पत्तो का क्या करू...ये बड़े कहलाएँगे या नही..''

इतना कहकर उसने अपने तीनों पत्ते केशव के सामने फेंक दिए...वो तीनों इक्के थे..

केशव : "वाव दीदी...इक्के की ट्रेल...पहली बार मे ही आपके पास इक्के की ट्रेल आई ..बहुत बाड़िया...आपको पता है, इनके आगे कुछ भी नही चलता..ये सबसे बड़े होते हैं...सामने वाले के पास चाहे कुछ भी हो, आपसे जीत नही सकता...''

काजल (आँखे घुमाते हुए ) : "कुछ भी.... हाँन...''

और ना चाहते हुए भी काजल की नज़रें घूमती हुई केशव के शॉर्ट्स की तरफ चली गयी...और वहाँ पर उठ रहा तंबू उसकी नज़रों से छुपा नही रह सका..

काजल को तो अपनी आँखो पर विश्वास ही नही हुआ...ऐसा उसने जान बूझकर नही किया था..ऐसे ही उसकी नज़रें घूमती हुई वहाँ चली गयी थी..और वो इतनी भी नासमझ नही थी की इतने बड़े उभार का मतलब ना समझ सके..

[img][Image: 93483800_7e6ee67cb90212d61a9657131ae29229.jpg][/img]
असल मे वो दुनिया के सामने तो भोली भाली बनकर रहती थी...पर अपनी जिंदगी मे वो एक नंबर की ठरकी थी..वो होती है ना घुन्नी टाइप की लड़कियाँ , जो अपने आप को दुनिया की नज़रों से छुपा कर रखती है...पर अंदर से बड़ी चालू होती है...ठीक वैसी ही थी काजल भी..उसने आज तक कभी भी सेक्स नही किया था..पर सेक्स से जुड़ी बाते उसे हमेशा उत्तेजित करती थी..कॉलेज / कॉलेज में भी वो लड़को से दूर रहती थी..पर रोज रात को उन्ही लड़को के बारे मे सोच-सोचकर फिंगरिंग किया करती थी...ये उसका अभी तक का नीयम था, इसलिए उसे सोते-2 रोज 12 बज जाते थे...अपने मोबाइल पर वी चेट पर चेटिंग करना..फेक नाम से एफ बी पर अकाउंट भी बनाया हुआ था उसने और उसमें वो लड़को से रोज रात को चेटिंग करती थी...अपने मोबाइल से अपनी चूत की और मुम्मों की पिक्स उन्हे भेजकर उत्तेजित भी करती थी...पर किसी से फोन पर बात नही करती थी और ना ही किसी के सामने खुलकर आती थी..यानी अपना चेहरा हमेशा छुपा कर ही रखती थी..
Like Reply


Messages In This Thread
RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल - by Jyoti Singh - 10-01-2019, 04:39 PM



Users browsing this thread: 6 Guest(s)