10-01-2019, 01:42 PM
(This post was last modified: 07-11-2023, 04:30 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
थोड़ी देर बाद सरोज एक वाइट टाइट टी-शर्ट और ब्लैक लेग्गिंग पहनी हुई कमरे में दाखिल हुई। वो अपने बाल पे टॉवल लपेटी थी। गीले बालों के वजह से
उसकी टीशर्ट ट्रांसपेरेंट हो गई थे और मुझे उसकी ब्रा स्ट्राप साफ़-साफ़ नज़र आने लगी थी।
बलैक लेग्गिंग में उसकी मांसल थाइस को देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने धीरे से साइड में राखी ब्लैंकेट से अपने आप को कमर तक ढ़क लिया।
डाईनिंग हाल से होते हुवे सरोज किचन की ओर बढ़ी और नाश्ता तैयार करने लगी।
मै सोफे पे बैठा उसके गांड को घूरता रहा न जाने कब मैं अपना लंड ब्लैंकेट के अंदर बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा। उसके टाइट बूब्स के गोलाई और थाइस मुझे पागल बना रही थी। और फिर वो हुआ जिसका मुझे डर था, मेरे बहुत कोशिश करने के बावजूद मेरे लंड से पानी फव्वारे की तरह बाहर निकल आया।
मुझे एहसास हुआ के एक्सकिटमेंट के वजह से आज लंड से ज्यादा पानी निकल आया और ब्लैंकेट पे भी बड़े बड़े स्पॉट लग गए है। मैंने हाथों से रब करना चाहा लेकिन दो बड़े बड़े गीले स्पॉट साफ़ नज़र आ रहे थे। मैं ब्लैंकेट फोल्ड करके बाथरूम के तरफ बढ़ गया,मास्टरबैंग का इतना अच्छा एहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ वो भी अपनी बहु को टाइट कपडो में देख कर।
दोपहर को मैं अपने कमरे में लेता था, तभी बहु कमरे में आयी और मुझे लंच के लिए डाइनिंग हॉल में बुलाने लगी।
सरोज - बाबूजी लंच रेडी है
मैन - बहु, मेरा खाने का मन नहीं हो रहा है तुम खा लो मैं शाम को कुछ खा लूंगा।।
सरोज - बाबुजी भूख तो मुझे भी नहीं लग रही, नाश्ता काफी कर ली आज
मैन - देखो बहु तुम्हे डाइटिंग करने की जरुरत नहीं है, तुम खा लो।। ऐसा करो लंच यहीं ले के आ जाओ
सरोज - डाइटिंग तो करना है बाबूजी, मोटी हो गई हू।
मैन - कौन केहता है तुम मोटी हो गई हो, तुम परफेक्ट हो बाह
सरोज - (अपने कमर पे दोनों हाथ रखते हुऐ।।) बाबूजी मेरी कमर शादी से पहले २६ थे और अब ३० हो गई है। और आप कहते हैं की मैं मोटी नहीं हुई?
मैन - (उसके गदराये कमर को देखते हुए।।) नहीं बेटी तुम्हारी कमर अच्छी है। तुम बिलकुल मोटी नहीं हो मोटी तो वो होती हैं जिनका कोई शेप नहीं होता।।और पेट बाहर के तरफ निकला होता है।
सरोज - (मुस्कुराते हुए अपनी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर उठाती है। और उसकी डीप गोरी नाभी मुझे नज़र आने लगती है।।) पापा मैं डाइटिंग करुँगी देखो मेरा पेट कुछ दिनों में बाहर आ जाएग।
मै - (बहु के पास बढ़कर और उसकी नावेल को देखते हुए।) बहु तुम्हारी कमर की शेप अच्छी है और तुम्हारी नावेल भी। तुम्हे डाइटिंग की कोई जरुरत नहीं है।। हाँ अगर तुम चाहो तो मेरे साथ रोज मॉर्निंग वाक पे चल सकती हो।
सरोज - नहीं बाबूजी मैं ज्यादा चलती हूँ तो थक जाती हू।
मै - है क्यों? अब ये मत केहना के तुम्हारी थाइस मोटी हैं इस्लिये।।
सरोज (शर्माते हुये अपनी टी-शर्ट नीचे करती है।। मेरी बात का कोई जवाब नहीं देती।।) तभी डोरबेल्ल बजती है और सरोज मेन डोर के तरफ भगति है।
मै भी कमरे से बहार निकल के आता हूं, शायद दूधवाला है।
सरोज - (दूध वाले को डांटते हुए। तुम सुबह क्यों नहीं आते ये कोई टाइम है आने का? )
मैन ये सोच के उतावला था की दूधवाला टाइट टी-शर्ट में मेरी बहु के बूब्स को देख रहा है, और मैं बहु के मांसल हिप्स को देख रहा हू। मेरी बहु एक साथ दो लोगों को अपनी जवानी दिखा रही है। मैंने तो सुबह मास्टरबैंग किया था और एक बार फिर मेरा लंड मुझे मजबूर कर रहा था।
मैन सोचने लगा शायद दूधवाला भी जब घर जायेगा अपने लंड को हाथों में लिए मेरी बहु के बारे में गन्दा सोच के रगडता होगा।। न जाने अबतक कितने मरद इसकी जवानी को देख अपने लंड से पानी निकालें होंगे। पिछले दो दिन में मैं और शमशेर मास्टरबैंग कर चुके थे न जाने और कौन कौन दूधवाला, शायद न्यूज़पेपर वाला भी या फिर माली, पड़ोस के गुप्ता जी न जाने कौन कौन ये सब सोच के मेरा लंड अपनी चरम सीमा पे था।
मै अब रोजाना दिन में रात में कई बार बहु के बारे में सोच के मास्टरबैंग करने लगा।। कभी कभी वो मेरे सामने होती और मैं दरवाजे के पीछे छूप के उसे देखते हुए मास्टरबैंग करता।। मेरे बेडशीट पे कई स्पॉट पड़ गए थे। शायद बहु ने कभी नोटिस किया हो या फिर नहीं भी।।।
उसकी टीशर्ट ट्रांसपेरेंट हो गई थे और मुझे उसकी ब्रा स्ट्राप साफ़-साफ़ नज़र आने लगी थी।
बलैक लेग्गिंग में उसकी मांसल थाइस को देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने धीरे से साइड में राखी ब्लैंकेट से अपने आप को कमर तक ढ़क लिया।
डाईनिंग हाल से होते हुवे सरोज किचन की ओर बढ़ी और नाश्ता तैयार करने लगी।
मै सोफे पे बैठा उसके गांड को घूरता रहा न जाने कब मैं अपना लंड ब्लैंकेट के अंदर बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा। उसके टाइट बूब्स के गोलाई और थाइस मुझे पागल बना रही थी। और फिर वो हुआ जिसका मुझे डर था, मेरे बहुत कोशिश करने के बावजूद मेरे लंड से पानी फव्वारे की तरह बाहर निकल आया।
मुझे एहसास हुआ के एक्सकिटमेंट के वजह से आज लंड से ज्यादा पानी निकल आया और ब्लैंकेट पे भी बड़े बड़े स्पॉट लग गए है। मैंने हाथों से रब करना चाहा लेकिन दो बड़े बड़े गीले स्पॉट साफ़ नज़र आ रहे थे। मैं ब्लैंकेट फोल्ड करके बाथरूम के तरफ बढ़ गया,मास्टरबैंग का इतना अच्छा एहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ वो भी अपनी बहु को टाइट कपडो में देख कर।
दोपहर को मैं अपने कमरे में लेता था, तभी बहु कमरे में आयी और मुझे लंच के लिए डाइनिंग हॉल में बुलाने लगी।
सरोज - बाबूजी लंच रेडी है
मैन - बहु, मेरा खाने का मन नहीं हो रहा है तुम खा लो मैं शाम को कुछ खा लूंगा।।
सरोज - बाबुजी भूख तो मुझे भी नहीं लग रही, नाश्ता काफी कर ली आज
मैन - देखो बहु तुम्हे डाइटिंग करने की जरुरत नहीं है, तुम खा लो।। ऐसा करो लंच यहीं ले के आ जाओ
सरोज - डाइटिंग तो करना है बाबूजी, मोटी हो गई हू।
मैन - कौन केहता है तुम मोटी हो गई हो, तुम परफेक्ट हो बाह
सरोज - (अपने कमर पे दोनों हाथ रखते हुऐ।।) बाबूजी मेरी कमर शादी से पहले २६ थे और अब ३० हो गई है। और आप कहते हैं की मैं मोटी नहीं हुई?
मैन - (उसके गदराये कमर को देखते हुए।।) नहीं बेटी तुम्हारी कमर अच्छी है। तुम बिलकुल मोटी नहीं हो मोटी तो वो होती हैं जिनका कोई शेप नहीं होता।।और पेट बाहर के तरफ निकला होता है।
सरोज - (मुस्कुराते हुए अपनी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर उठाती है। और उसकी डीप गोरी नाभी मुझे नज़र आने लगती है।।) पापा मैं डाइटिंग करुँगी देखो मेरा पेट कुछ दिनों में बाहर आ जाएग।
मै - (बहु के पास बढ़कर और उसकी नावेल को देखते हुए।) बहु तुम्हारी कमर की शेप अच्छी है और तुम्हारी नावेल भी। तुम्हे डाइटिंग की कोई जरुरत नहीं है।। हाँ अगर तुम चाहो तो मेरे साथ रोज मॉर्निंग वाक पे चल सकती हो।
सरोज - नहीं बाबूजी मैं ज्यादा चलती हूँ तो थक जाती हू।
मै - है क्यों? अब ये मत केहना के तुम्हारी थाइस मोटी हैं इस्लिये।।
सरोज (शर्माते हुये अपनी टी-शर्ट नीचे करती है।। मेरी बात का कोई जवाब नहीं देती।।) तभी डोरबेल्ल बजती है और सरोज मेन डोर के तरफ भगति है।
मै भी कमरे से बहार निकल के आता हूं, शायद दूधवाला है।
सरोज - (दूध वाले को डांटते हुए। तुम सुबह क्यों नहीं आते ये कोई टाइम है आने का? )
मैन ये सोच के उतावला था की दूधवाला टाइट टी-शर्ट में मेरी बहु के बूब्स को देख रहा है, और मैं बहु के मांसल हिप्स को देख रहा हू। मेरी बहु एक साथ दो लोगों को अपनी जवानी दिखा रही है। मैंने तो सुबह मास्टरबैंग किया था और एक बार फिर मेरा लंड मुझे मजबूर कर रहा था।
मैन सोचने लगा शायद दूधवाला भी जब घर जायेगा अपने लंड को हाथों में लिए मेरी बहु के बारे में गन्दा सोच के रगडता होगा।। न जाने अबतक कितने मरद इसकी जवानी को देख अपने लंड से पानी निकालें होंगे। पिछले दो दिन में मैं और शमशेर मास्टरबैंग कर चुके थे न जाने और कौन कौन दूधवाला, शायद न्यूज़पेपर वाला भी या फिर माली, पड़ोस के गुप्ता जी न जाने कौन कौन ये सब सोच के मेरा लंड अपनी चरम सीमा पे था।
मै अब रोजाना दिन में रात में कई बार बहु के बारे में सोच के मास्टरबैंग करने लगा।। कभी कभी वो मेरे सामने होती और मैं दरवाजे के पीछे छूप के उसे देखते हुए मास्टरबैंग करता।। मेरे बेडशीट पे कई स्पॉट पड़ गए थे। शायद बहु ने कभी नोटिस किया हो या फिर नहीं भी।।।