21-08-2019, 05:30 AM
अपने दोनों हाथ मेरे सख़्त और मोटे मम्मों पर रख दिये। मैंने नीचे मम्मों को देखा... मेरे दोनों कबूतरों को जो उसके हाथों की गिरफ़्त में थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.