21-08-2019, 04:09 AM
अण्डरवियर भी नीचे खिसका दी। उसका नंगा लण्ड तो बिल्कुल मोमबत्ती जैसा नहीं था ... ओह्ह्ह्ह्ह !" !! यह तो बहुत ही गुदगुदा... कड़क... और टोपे पर गीला सा था। मेरी चूत लपलपा रही थी ......................................................
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.