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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
MEGAUPDATE 42


रेशमा से बात करके फिर से मुझे निराशा हुई
रेशमा ने मेरे प्यार को ठुकरा दिया
पर अब मैं रेशमा से दूर नही जाउन्गा
मैं प्रेमी बन कर नही रह सकता तो दोस्त बन कर तो रह ही सकता हूँ
और रेशमा कितना भी कुछ करे मैं उसकी दोस्ती अब टूटने नही दूँगा
रेशमा के उपर मैं अभी तक था
अवी-मैं उठ जाता हूँ , तुम प्यार से इनकार करती रहोगी और फिर से सेक्स करना शुरू कर दोगि , इस से
अच्छा है मैं ही उठ जाता हूँ
और मैं ने रेशमा की चूत से लंड निकाल लिया
रेशमा के दिल मे इस से दर्द हुआ
और इस दर्द के साथ वो जीना चाहती है तो मैं क्या कर सकता हूँ
मैं ने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए
रेशमा अभी तक मुझे देके जा रही थी
शायद सोच रही होगी कि मैं ने उसके साथ सब कुछ कर ही लिया
या फिर सोच रही होगी कि उसने मुझे रोका क्यूँ नही
अवी-देखती मत रहो , उतो और कपड़े पहनो , हर कोई मेरे जैसा शरीफ नही होता , मेरी जगह कोई और
आ जाता तो क्या होता इतना तो सोचती
अचानक मेरी टोन बदल गयी
रेशमा ने अपने बदन को हाथो से छुपा दिया और अपने कपड़े ढूँढने लगी
रेशमा की साड़ी तो पेड़ से लटकी थी
ब्लाउस और ब्रा दूर जाकर गिरी हुई थी , पेटिकोट था उसी जगह पर
अवी- तुम कपड़े पहन लो , मैं दूसरी तरफ देखता हूँ
सब कुछ तो देख भी लिया है कर भी लिया है ,
पर ये सब क्या नया नाटक शुरू किया मैं इसी सोच मे दुबई थी रेशमा
रेशमा ने अपने कपड़े पहन लिए
पर कपड़े ऐसे हो गये थे कि कोई देके तो लगेगा रेशमा का रेप हुआ है
मैं रेशमा को लेकर मंदिर के कॉंपाउंड तक आ गया
मंदिर के गेट पर लॉक था ,
रेशमा भी सोच रही कि बाहर कैसे जाए
अवी- मैं तुम्हें उठाता हूँ तुम देवार से बाहर जंप मारना
रेशना ये कैसे करेगी इस से ज़्यादा वो मेरी बातों पर फोकस कर रही थी
अवी- दोस्ती मे क्या क्या करना पड़ रहा है , प्रेमी होता तो पत्थर से लॉक तोड़ कर बाहर ले जाता ,
दोस्त हूँ ना दोस्त इतना ही कर सकता है
रेशमा को मेरी बात पे ज़रूर हसी आई होगी
रेशमा को मैं ने उठाया तो रेशमा का बदन फिर मेरे हाथो से फिसल रहा था
पर इस बार कोई फीलिंग नही थी
मैं ने रेशमा को मंदिर के बाहर जाने मे मदद की और मैं भी बाहर आ गया
अवी-चलो वरना पोलीस पकड़ लेंगी ,
और रेशमा के साथ मैं कार के पास आ गया
अवी- की दो
रेशमा- की , वो तो पर्स मे है
अवी- और पर्स
रेशमा- वो शायद वही रह गया
अवी- तुम.भी ना , फिर से जाना होगा , डरो मत मैं अकेला जाता हूँ बस तुम अपना ध्यान रखना , रात
का टाइम है
और रेशमा ने हां मे गर्दन घुमाई और मैं मंदिर मे जाकर पर्स लेकर आया
पूरी कसरत हो रही थी
कार मैं खुद चलाने के मूड मे था
रेशमा चुप चाप मेरे बाजू मे जाकर बैठ गयी
पर मैं ने कार चालू ही नही की
रेशमा मेरे तरफ देख रही थी कि मैं कार क्यूँ स्टार्ट नही की
रेशमा- कार चालू करो
अवी-कुछ भूल रहा हूँ मैं
रेशमा- क्या ?
अवी-हॅपी बर्तडे है ,
रेशमा देखती रह गयी
अबी- आज तुम्हारा बर्तडे है , हॅपी बर्तडे दोस्त
रेशमा- थॅंक्स
अवी-सॉरी आज दूसरा दिन निकल गया
रेशमा- कोई बात नही , शायद नयी शुरुआत हो मेरे लिए
अवी-ऐसी नयी शुरुआत क्या क्या फ़ायदा जहाँ साथी ना हो साथ चलने को
रेशमा- तुम हो ना
अवी-मैं एक दोस्त हूँ भूलो मत
रेशमा- क्या मैं पूछ सकती हूँ कि तुम यहाँ कैसे आए
अवी-क्यूँ जानना है
रेशमा- इस जगह के बारे में मेरे हज़्बेंड भी नही जानते तो तुम्हें कैसे पता चला
अवी-प्यार करता हूँ , और प्रेमी अपनी प्रेमिका को कहीं से भी ढूँढ सकता है
रेशमा थोड़ी थोड़ी नॉर्मल हो रही थी
पर मैं बीच बीच मे झटके भी दे रहा था
अवी-इतना चौंको मत , सुबह से तुम्हें ढूँढ रहा था
रेशमा- क्यूँ ?
अवी-आज मुझे दूसरे जगह शिफ्ट होना था ,तो सोचा आख़िरी बार तुमसे मिल लूँ पर तुम तो सुबह से
गायब थी
रेशमा- वो मैं
अवी-रहने दो , कहोगी कि आज अकेली रहना चाहती थी , पर तुम्हारे अकेले रहने के चक्कर मे मैं
परेशान होकर पूरी मुंबई घूम रहा था
जैसे ही पता चला कि तुम्हारा बर्तडे है तो झटका लगा
एक तो तुम्हारी हालत कुछ दिन से देवदासी की तरह थी , उपर से मैं ऐसे दिन यहाँ से जा रहा था जिस दिन
तुम्हारा बर्तडे है
मुझे लगा कहीं तुम सुसाइड ना कर लो
इस डर ने मुझे कुछ सोचने नही दिया
मैं हर जगह तुम्हें ढूंढता रहा
तुम्हारे ऑफीस तुम्हारे मायके हर जगह फोन किया
कहाँ कहाँ नही ढूँढा ,
पार्क से लेकर शॉपिंग माल तक पर तुम नही मिली
सोचा कि पोलीस मे जाउ
पर पोलीस को क्या कहूँगा कि कौन हो तुम मेरी
पोलीस मे जाता तो पूरी सोसायटी बाते करती हमारी

इस लिए कल तक इंतज़ार करने का सोचा
लगा कि शाम तक तुम वापस आ जाओगी
इस लिए तुम्हारे अपार्टमेंट को सजाके रखा
जब तुम आओगी तो तुम अपने अपार्टमेंट मे मुझे केक के साथ देखोगी तो तुम नॉर्मल हो जाओगी
तुम्हें लगे कि कोई है तुम्हारा अपना जिसको याद है कि आज तुम्हारा बर्तडे है
पर तुम तो आई नही
फिर तुम्हारे बेडरूम मे तुम्हारी एक फोटो देखी
उस फोटो मे केक था और इस मंदिर की तस्वीर भी थी ( सॉरी बताना भूल गया कि मल्टिप्फॉटो फ्रेम
थी)
तब जाके मुझे तुम्हारा पता चला
किस्मत ने मुझे तुम्हारा पता बताया
मेरी किस्मत मुझे अपने प्यार के पास ले आई
मैं तुम्हारे पास आ गया
और भगवान ने खुद हमे मिला दिया
मुझे लगा कि तुम भी मुझे प्यार करने लगी हो इस लिए मैं तुम्हें वो ख़ुसीयन देने लगा जो तुम
चाहती हो
पर तुम मतलबी निकली
मुझसे अपने दिल का चैन तो ले लिया पर उसी दिल मे थोड़ी जगह देने को इतना सोच रही हो
रेशमा फिर मेरी बात सुनकर शॉक्ड हुई
उसका चेहरा देखने लायक था
जहाँ वो खुद को अकेली देखना चाहती रही वहाँ मैं आ गया
उसको वो प्यार दिया जो उसको कभी नही मिला
और मैं ने कार हमारे सोसायटी की तरफ घुमा दी
रेशमा को मेरी बातों ने सोचने पर मज़बूर कर दिया
अब वो होश मे थी तो मेरे प्यार को समझ जाएगी
अगर नही तो उसकी दोस्ती है मेरे पास
रेशमा बस मेरी बात सुनती रही और हम सोसायटी मे आ गये
वॉच मॅन कुछ देख पाता उस से पहले कार पार्किंग मे लग गयी
रेशमा अभी भी सोच ही रही थी
रेशमा- कार क्यूँ रोकी
अवी-हम अपनी सोसायटी मे है , अब नीचे उतरो
रेशमा और मैं फिर से लिफ्ट मे अकेले होंगे
रेशमा को इस बार मेरा साथ चाहिए था
हम लिफ्ट मे आते ही खुद को सेफ समझ रहे थे
हमे किसी ने नही देखा सोसायटी मे आते हुए
रेशमा लिफ्ट मे आने के बाद भी सोच मे डूबी हुई थी
अवी-क्या सोच रही हो
रेशमा- तुम मुझे कितना प्यार करते हो
अवी-मैं तुम्हें बस प्यार करता हूँ
ना मैं तुम्हारे लिए चाँद तारे तोड़ सकता हूँ
ना तुमसे शादी कर सकता हूँ
ना तुम्हारे लिए अपनो को छोड़ सकता हूँ
पर प्यार करता हूँ तुमसे , कितना ये मैं नही जानता
मैं तुम्हारे लिए जान नही दे सकता , क्यूँ कि मरने से मैं डरता हूँ
ना मैं तुम्हारे लिए किसी को मार सकता हूँ , तुम्हारे हज़्बेंड को भी नही मार सकता क्यूँ कि मैं जैल
भी जाना नही चाहता , क्यूँ कि मैं तुम्हारे साथ जीना चाहता हूँ ,
तुम्हारी रक्षा कर सकता हूँ पर तुम्हें बदनाम होने नही दे सकता
बस इतना ही प्यार करता हूँ
मेरे जवाब ऐसे थे कि रेशमा हॅंग हो जाती
इतनी पढ़ी लिखी लड़की होने के बाद भी मेरे जवाब पे वो कोई रिक्षन दे नही पाती
जब झूठ कहो तो लड़किया खुश होती है और सच कहूँ तो सोचती रह जाती है
अवी-क्या हुआ
रेशमा- तुम्हारे जवाब ऐसे क्यूँ होते है , झूठ बोलना सीख लो
अवी-सच कहूँ रेशमा , झूठ बोलता तो आज तुम मेरे बिस्तर पर होती
रेशमा को एक और झटका दिया
बाहों की जगह बिस्तर कहना ज़्यादा ज़रूरी था
अवी- तुम्हें मेरे बिस्तर पर लाना कोई मुश्किल नही था , तुम खुद आती मेरे पास , उस रात को
बाल्कनी मे मैं झूठ बोलता तो ये दिन देखना नही पड़ता
अवी- एक झूठ से तुम मेरी बिस्तर मे होती , बिस्तर
अवी- पर मैं सच बोल कर तुम्हें अपने बाहों मे रखना चाहता हूँ
अवी- लोगो को झूठ ज़्यादा पसंद होता है सच से , क्यूँ कि झूठ से उम्मीद जिंदा रहती है और सच से सारी
उम्मीद ख़तम हो जाती है
अवी- पर सच से ही ख़ुसीया मिलती है जो ज़िंदगी भर साथ रहती है और झूठ से जो हसी मिलती है वो
चार दिन की होती है
रेशमा- काश मेरी शादी ना हुई होती
अवी- काश काश की बाते मत करो , जो हुआ वो बदला नही जाता , जो किस्मत मे लिखा है वो भी बदल
नही सकते ,
अवी- ये मत सोचो कि तुम्हारे पास सिर्फ़ एक चान्स था ओलिंपिक मेडेल जीतने का ये सोचो कि 4 साल बाद
फिर से चान्स होगा ओलिंपिक मेडल जीतने का
रेशमा- कोई भी बात किसी और चीज़ पर लागू नही होती
अवी-ज़िंदगी एक मिलती है , उसमे सारे सपने सारी ख़ुसीया पाना पड़ता है
मुझे नही मालूम कि जन्नत और हेल है भी कि नही , मैं नही जानता कि नया जानम होता है कि नही ,
मुझे नही पता कि पाप करोगे तो अगले जनम मे बुरा होगा , मैं बस इतना जानता हूँ कि एक
ज़िंदगी है उसको जी भरके जियो , जो तुम्हें अच्छा लगता है वो करो
रेशमा- एक ज़िंदगी है तो इस का ये मतलब नही होता कि कुछ भी करो
अवी-पर ज़िंदगी खुद कह रही है कि तुम्हें एक और चान्स दे रही हूँ , जी लो , तो ज़्यादा सोचना नही
चाहिए
रेशमा- मेरी ज़िंदगी मे यही लिखी है
अवी- ज़िंदगी हम खुद बनाते है
रेशमा- तुम दूसरो जैसे क्यूँ नही हो
अवी-मैं दूसरो जैसा होता तो तुम्हें इतना प्यार नही करता , तुम्हारे लिए हवस होती मेरे दिल मे प्यार की
जगह
रेशमा- तुम पास होते हो तो लगता है तुम दूर रहो और दूर रहते हो तो लगता है पास रहो
अवी-इसे प्यार कहते है
रेशमा- इसे कन्फ्यूषन कहते है
अवी-तो फिर इस कन्फ्यूषन से बाहर निकलो , अपने दिल को बता दो कि मैं तुम्हारा दोस्त हूँ या प्रेमी
अवी- अपने दिल को बता दो कि मैं क्या हूँ , वरना तुम सो नही पाओगी जी नही पाओगि
रेशमा- ये इतना आसान नही है
अवी-आसान बनाना पड़ता है , मैं ने तुम्हें प्रपोज़ किया तो तुमने जवाब नही दिया , तो देखो मैं
दोस्त बन गया , वैसे तुम फाइनल करो कि मैं दोस्त हूँ या प्रेमी
रेशमा- मुझे टाइम चाहिए
अवी-मुझे क्यूँ बता रही हो , तुम्हें अपने दिल को बताना है कि मैं तुम्हारा कौन लगता हूँ , उसको बताओ
मुझे नही , और एक बात
रेशमा- क्या ?
अवी-हम लिफ्ट से बाहर कब जाएँगे , 2 बार उपर नीचे हो चुके है ,
रेशमा की बातों की वजह से हम लिफ्ट मे फसे हुए है
रेशमा- सॉरी मेरा ध्यान नही रहा
अवी-इसी लिए कहता हूँ कि फाइनल कर ही डालो मेरे बारे में
रेशमा- देखती हूँ
अवी- ज़्यादा सोचो ही मत , तुम प्रेमी बनाओगी तो मैं यही रहूँगा और दोस्त बनाओगी तो भी मैं
तुम्हारे साथ रहूँगा ,
अवी- दोस्त बनाओगी तो भी तुम्हें हसी दूँगा और प्रेमी बनाओगी तो भी तुम्हें ख़ुसीया दूँगा
अवी- सिर्फ़ थोडा फरक होगा दोनो मे ,
रेशमा- क्या ?
अवी- दोस्त दिन मे हसी देगा और प्रेमी दिन रात खुशी देगा,
रेशमा- तुम मुझे बहुत कन्फ्यूज़ करते हो
अवी-तुम खुद कन्फ्यूज़ रहना चाहती हो
रेशमा- मुझे सोचने दो
अवी-इतना मत सोचो , 3 बार हुआ हम उपर जाकर नीचे आए है , क्या ज़िंदगी भर लिफ्ट मे रखना
चाहती हो
रेशमा- सॉरी
अवी-अब बात मत करो , वरना इसी लिफ्ट मे खड़े खड़े मर जाउन्गा मैं
और इस बार फाइनली हम उपर जाने लगे
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RE: रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 20-08-2019, 10:03 PM



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