20-08-2019, 09:23 PM
(This post was last modified: 21-08-2019, 11:42 PM by babasandy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
वैसे तो गांव के सभी लौंडे मेरी चंदा भाभी के दीवाने थे पर उन सब में से सबसे बड़ा आशिक था सुनील... मेरे दोस्त ने बताया था कि सुनील ने मेरी चंदा भाभी को पटा लिया है और अब हर रोज उनको गांव के गन्ने के खेत में ले जाता है... उसने कई बार देखा था ऐसा उसने मुझे बताया था... खैर जो भी हो... दिनेश ,अजय और संदीप भी तो मेरी चंदा भाभी के इर्द-गिर्द ही रहते थे....
दिनभर जिस प्रकार की घटनाएं मेरे सामने मेरी रूपाली दीदी के साथ हुई थी उसके बाद अपने घर वापस आकर मैं बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा था.... पर ऑटो वाला सुरेश भी हमारे साथ घर में दाखिल हो गया था और मेरे घर की औरतों के जोबन का भरपूर नजारा ले रहा था .. खासकर मेरी प्रियंका दीदी पर... मेरी प्रियंका दीदी 24 वर्षीय नवयुवती... दिखने में बिल्कुल कच्ची कली कचनार जैसी.. लंबी छरहरी पतली दुबली... पर नितंबों और चूचियों में गजब की उठान.. मेरी प्रियंका दीदी बिल्कुल रूपाली दीदी पर गई थी चूचियों के मामले में... एकदम कसी हुई बड़ी-बड़ी गोल गोल ..और खड़े-खड़े निपल्स.. उनको देखकर ऐसा लगता है कि उनके पतले दुबले बदन के ऊपर उनके सीने पर दो बड़ी-बड़ी चूचियां अलग से लाके चिपका दी गई हो... और निपल्स तो वैसे ही जैसे मेरी रूपाली दीदी के... बिल्कुल कड़क खड़े खड़े ज्यादा बड़े नहीं पर तने हुए.. गांव के भूखे शिकारियों को बेवजह आमंत्रित करते हुए.... 36C साइज कि मेरी प्रियंका दीदी की चूची... सुराही दार गर्दन... बेहद पतली 24 इंच की कमर... और कमर के नीचे मेरी प्रियंका दीदी के एक जोड़े भारी नितंब.... ना जाने क्यों मेरी प्रियंका दीदी की गांड पर भरपूर चर्बी चढ़ गई है.. मेरी प्रियंका दीदी जब चलती है अपनी पतली कमर लचका कर बलखाते हुए तू उनकी गांड के दोनों भाग आपस में रगड़ खाते हुए ऊपर नीचे होते रहते हैं जैसे मैं पहले ऊपर तो मैं पहले ऊपर .... ऐसा लगता है जैसे कूल्हों के बाहर से मेरी दीदी की कमर लचक के टूट जाएगी... सांवली सलोनी तीखे नैन नक्श... बेहद खूबसूरत है मेरी प्रियंका दीदी... सारे गांव के कुंवारी लौंडे मेरी प्रियंका दीदी को अपनी दुल्हन बनना चाहते हैं... उनके साथ सुहागरात मनाने के सपने गांव का हर कुंवारा लड़का देख रहा है.. इसका मुझे अंदाजा था...
सुरेश बड़ी बेशर्मी से प्रियंका दीदी की चूची देख रहा था....
मेरी प्रियंका दीदी ने एक काले रंग की ढीली सलवार पहन रखी थी.. जिसके ऊपर उन्होंने गुलाबी रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी... दीदी ने चुन्नी तो डाल रखी थी पर चुनरी उनके गले में फंसी हुई थी.. पतली सी टी शर्ट के अंदर मेरी दीदी की चूचियां कसमसा रही थी.. टाइट कपड़ों में ऐसा लग रहा था कि मेरी दीदी की चूची टीशर्ट को फाड़ के बाहर निकल आएंगी... घर में होने के कारण शायद अंदर में मेरी प्रियंका दीदी ने ब्रा पहनना भी जरूरी नहीं समझा था जिसके कारण उनके खड़े-खड़े निपल्स साफ-साफ झलक रहे थे मुंह उठाए हुए... सुरेश मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर नजर गड़ाए हुए खड़ा था कि तभी मेरी मम्मी की नजर उस पर पड़ी..
तुम कौन हो बेटा... मम्मी ने उससे पूछा...
आंटी जी मैं सुरेश... ऑटो वाला... बगल के गांव का रहने वाला हूं... मैंने ही तो इन लोगों को घर पहुंचाया.... सुरेश ने जवाब दिया...
अच्छा बेटा तो तुम वही हो क्या.... हमारे दमाद जी ने बताया था तुम्हारे बारे में.. बड़े वाले आदमी हो तुम.. इतनी मदद की तुमने हमारे बच्चों की...... आओ कुछ मुंह मीठा कर लो हमारे घर में.. मम्मी ने सुरेश को कहा..
बेटी आओ... सुरेश का मुंह मीठा करवा दो.. मम्मी ने प्रियंका दीदी की तरफ देखते कहा..
मम्मी की आवाज सुनकर मेरी प्रियंका दीदी ने पहली बार सुरेश की तरफ ध्यान दिया... सुरेश की आंखो में वासना की अग्नि देख कर मेरी दीदी भी सहम गई थी.. मेरी प्रियंका दीदी कोई बच्ची तो है नहीं जो मर्द की आंखो में वासना की भूख ना देख सके..... प्रियंका दीदी अपनी चुनरी से अपने सीने को ढकने का प्रयास करने लगी..
नहीं आंटी जी... मुझे देर हो रही है मुझे जाना है... जल्दी से आप लोग मेरा किराया दे दो...... बहुत प्यास लगी है.. हो सके तो एक गिलास पानी पिला दीजिए... प्यास और पानी की बात कहते हुए उसकी निगाहें मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर थी...
उसकी बात सुनकर मेरी प्रियंका दीदी तुरंत किचन के अंदर गई और पानी लेकर आ गई एक ग्लास... उन्होंने ग्लास सुरेश के हाथ में थमा दिया और अपनी चुनरी से अपने सीने को ढकने का प्रयास करने लगी... सुरेश ने मेरी दीदी के हाथ से पानी का ग्लास ले लिया और पीने लगा.. पानी पीते हुए भी उसकी निगाहें मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर टिकी हुई थी.. पानी तो वह ऐसे पी रहा था जैसे मेरी दीदी की चूची पी रहा हो...
चंदा.... इस ऑटो वाले भैया को इनका किराया तो दे दो.. मेरी मम्मी ने चंदा भाभी को कहा..
मेरी रूपाली दीदी का हाथ छोड़कर चंदा भाभी अपने बेडरूम में गई.. पैसे लेकर आई.. और उन्होंने पैसे सुरेश के हाथों में थमा दीया..
अपनी चूचियां तान के मेरी चंदा भाभी सुरेश के सामने खड़ी थी..
और क्या सेवा करूं आपकी भैया जी... भाभी ने सुरेश की आंखों में आंखें डाल कर पूछा..
कुछ नहीं दीदी बस अब मैं जाता हूं... सुरेश ने घबराते हुए कहा...
चंदा भाभी के बोल्ड अंदाज को देखकर सुरेश बिल्कुल सकते में आ गया था... उसने किराया लिया और चुपचाप वहां से निकल गया... हमारे घर का माहौल बेहद खुशनुमा था... रात का खाना हम सब ने मिलकर साथ में खाया... चंदा भाभी मेरी रूपाली दीदी को बार-बार इस दौरान छेड़ रही थी.... मेरी रूपाली दीदी के चेहरे पर थकान साफ साफ दिखाई दे रही थी और हो भी क्यों ना.... दिन भर उनके साथ..
गपा गप छपा छप जो हुआ था... रूपाली दीदी की चाल भी बदली हुई लग रही थी.... मेरी दीदी टांगे फैलाकर चल रही थी...
रात को जब सोने का टाइम हुआ तो चंदा भाभी ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ लिया और उनको अपने बेडरूम मे ले गई.... रूपाली दीदी और चंदा भाभी एक ही बेडरूम में एक साथ सोए,.. मुन्नी भी... भाभी के दोनों बच्चे.. यानी मेरे भतीजे गुड्डू और राजू मम्मी के साथ सो गय.... मैं और प्रियंका दीदी एक ही रूम में सोए हुए थे अलग अलग बेड पर......
चंदा भाभी का बेडरूम सटा हुआ था हमारे ही रूम से... उस कमरे में होने वाली सारी आवाजें मुझे साफ-साफ रही थी.......
दिन भर में जो भी घटनाएं हुई थी उनके बारे में सोच कर मेरा लोड़ा बिल्कुल खड़ा था... एक निगाह मैंने अपनी प्रियंका दीदी पर डाली... दीदी बिल्कुल सो रही थी... आश्वस्त होने के बाद मैंने अपना लौड़ा पैंट से बाहर निकाल लिया और हाथ में पकड़ के ऊपर नीचे करने लगा.. बारी बारी से मोटे मोटे लंबे काले औजार के ऊपर में रूपाली दीदी... उनका दूध पीता हुआ जुनैद.... और बड़ी बेरहमी से मेरी दीदी का गांड मारता हुआ असलम..... सारा दृश्य मेरी आंखों के सामने घूम रहा था...
बगल के कमरे से पायल की रुनझुन... चूड़ियों की खन खन.. पलंग की चरर मरर... भाभी और दीदी की खिलखिलाती हंसी.... जरूर चंदा भाभी मेरी दीदी को नंगी करके उनके ऊपर चढ़ गई होगी अपना स्ट्रैप ऑन दिलदो पहन के.. मेरे लोड़े से मलाई निकल गई.... मैंने अपनी पैंट ऊपर की और सो गया.... सुबह जब तकरीबन 8:00 बजे मेरी आंख खुली .. मेरे घर मे मेला जाने की तैयारी चल रही थी...
मेरे गांव का सबसे बड़ा मेला.... आसपास के गांव से भी बहुत सारे लोग आते थे.. इस मेले में... नहाने धोने के बाद मैं बिल्कुल तैयार हो गया था मेला जाने के लिए.....
दिनभर जिस प्रकार की घटनाएं मेरे सामने मेरी रूपाली दीदी के साथ हुई थी उसके बाद अपने घर वापस आकर मैं बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा था.... पर ऑटो वाला सुरेश भी हमारे साथ घर में दाखिल हो गया था और मेरे घर की औरतों के जोबन का भरपूर नजारा ले रहा था .. खासकर मेरी प्रियंका दीदी पर... मेरी प्रियंका दीदी 24 वर्षीय नवयुवती... दिखने में बिल्कुल कच्ची कली कचनार जैसी.. लंबी छरहरी पतली दुबली... पर नितंबों और चूचियों में गजब की उठान.. मेरी प्रियंका दीदी बिल्कुल रूपाली दीदी पर गई थी चूचियों के मामले में... एकदम कसी हुई बड़ी-बड़ी गोल गोल ..और खड़े-खड़े निपल्स.. उनको देखकर ऐसा लगता है कि उनके पतले दुबले बदन के ऊपर उनके सीने पर दो बड़ी-बड़ी चूचियां अलग से लाके चिपका दी गई हो... और निपल्स तो वैसे ही जैसे मेरी रूपाली दीदी के... बिल्कुल कड़क खड़े खड़े ज्यादा बड़े नहीं पर तने हुए.. गांव के भूखे शिकारियों को बेवजह आमंत्रित करते हुए.... 36C साइज कि मेरी प्रियंका दीदी की चूची... सुराही दार गर्दन... बेहद पतली 24 इंच की कमर... और कमर के नीचे मेरी प्रियंका दीदी के एक जोड़े भारी नितंब.... ना जाने क्यों मेरी प्रियंका दीदी की गांड पर भरपूर चर्बी चढ़ गई है.. मेरी प्रियंका दीदी जब चलती है अपनी पतली कमर लचका कर बलखाते हुए तू उनकी गांड के दोनों भाग आपस में रगड़ खाते हुए ऊपर नीचे होते रहते हैं जैसे मैं पहले ऊपर तो मैं पहले ऊपर .... ऐसा लगता है जैसे कूल्हों के बाहर से मेरी दीदी की कमर लचक के टूट जाएगी... सांवली सलोनी तीखे नैन नक्श... बेहद खूबसूरत है मेरी प्रियंका दीदी... सारे गांव के कुंवारी लौंडे मेरी प्रियंका दीदी को अपनी दुल्हन बनना चाहते हैं... उनके साथ सुहागरात मनाने के सपने गांव का हर कुंवारा लड़का देख रहा है.. इसका मुझे अंदाजा था...
सुरेश बड़ी बेशर्मी से प्रियंका दीदी की चूची देख रहा था....
मेरी प्रियंका दीदी ने एक काले रंग की ढीली सलवार पहन रखी थी.. जिसके ऊपर उन्होंने गुलाबी रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी... दीदी ने चुन्नी तो डाल रखी थी पर चुनरी उनके गले में फंसी हुई थी.. पतली सी टी शर्ट के अंदर मेरी दीदी की चूचियां कसमसा रही थी.. टाइट कपड़ों में ऐसा लग रहा था कि मेरी दीदी की चूची टीशर्ट को फाड़ के बाहर निकल आएंगी... घर में होने के कारण शायद अंदर में मेरी प्रियंका दीदी ने ब्रा पहनना भी जरूरी नहीं समझा था जिसके कारण उनके खड़े-खड़े निपल्स साफ-साफ झलक रहे थे मुंह उठाए हुए... सुरेश मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर नजर गड़ाए हुए खड़ा था कि तभी मेरी मम्मी की नजर उस पर पड़ी..
तुम कौन हो बेटा... मम्मी ने उससे पूछा...
आंटी जी मैं सुरेश... ऑटो वाला... बगल के गांव का रहने वाला हूं... मैंने ही तो इन लोगों को घर पहुंचाया.... सुरेश ने जवाब दिया...
अच्छा बेटा तो तुम वही हो क्या.... हमारे दमाद जी ने बताया था तुम्हारे बारे में.. बड़े वाले आदमी हो तुम.. इतनी मदद की तुमने हमारे बच्चों की...... आओ कुछ मुंह मीठा कर लो हमारे घर में.. मम्मी ने सुरेश को कहा..
बेटी आओ... सुरेश का मुंह मीठा करवा दो.. मम्मी ने प्रियंका दीदी की तरफ देखते कहा..
मम्मी की आवाज सुनकर मेरी प्रियंका दीदी ने पहली बार सुरेश की तरफ ध्यान दिया... सुरेश की आंखो में वासना की अग्नि देख कर मेरी दीदी भी सहम गई थी.. मेरी प्रियंका दीदी कोई बच्ची तो है नहीं जो मर्द की आंखो में वासना की भूख ना देख सके..... प्रियंका दीदी अपनी चुनरी से अपने सीने को ढकने का प्रयास करने लगी..
नहीं आंटी जी... मुझे देर हो रही है मुझे जाना है... जल्दी से आप लोग मेरा किराया दे दो...... बहुत प्यास लगी है.. हो सके तो एक गिलास पानी पिला दीजिए... प्यास और पानी की बात कहते हुए उसकी निगाहें मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर थी...
उसकी बात सुनकर मेरी प्रियंका दीदी तुरंत किचन के अंदर गई और पानी लेकर आ गई एक ग्लास... उन्होंने ग्लास सुरेश के हाथ में थमा दिया और अपनी चुनरी से अपने सीने को ढकने का प्रयास करने लगी... सुरेश ने मेरी दीदी के हाथ से पानी का ग्लास ले लिया और पीने लगा.. पानी पीते हुए भी उसकी निगाहें मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर टिकी हुई थी.. पानी तो वह ऐसे पी रहा था जैसे मेरी दीदी की चूची पी रहा हो...
चंदा.... इस ऑटो वाले भैया को इनका किराया तो दे दो.. मेरी मम्मी ने चंदा भाभी को कहा..
मेरी रूपाली दीदी का हाथ छोड़कर चंदा भाभी अपने बेडरूम में गई.. पैसे लेकर आई.. और उन्होंने पैसे सुरेश के हाथों में थमा दीया..
अपनी चूचियां तान के मेरी चंदा भाभी सुरेश के सामने खड़ी थी..
और क्या सेवा करूं आपकी भैया जी... भाभी ने सुरेश की आंखों में आंखें डाल कर पूछा..
कुछ नहीं दीदी बस अब मैं जाता हूं... सुरेश ने घबराते हुए कहा...
चंदा भाभी के बोल्ड अंदाज को देखकर सुरेश बिल्कुल सकते में आ गया था... उसने किराया लिया और चुपचाप वहां से निकल गया... हमारे घर का माहौल बेहद खुशनुमा था... रात का खाना हम सब ने मिलकर साथ में खाया... चंदा भाभी मेरी रूपाली दीदी को बार-बार इस दौरान छेड़ रही थी.... मेरी रूपाली दीदी के चेहरे पर थकान साफ साफ दिखाई दे रही थी और हो भी क्यों ना.... दिन भर उनके साथ..
गपा गप छपा छप जो हुआ था... रूपाली दीदी की चाल भी बदली हुई लग रही थी.... मेरी दीदी टांगे फैलाकर चल रही थी...
रात को जब सोने का टाइम हुआ तो चंदा भाभी ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ लिया और उनको अपने बेडरूम मे ले गई.... रूपाली दीदी और चंदा भाभी एक ही बेडरूम में एक साथ सोए,.. मुन्नी भी... भाभी के दोनों बच्चे.. यानी मेरे भतीजे गुड्डू और राजू मम्मी के साथ सो गय.... मैं और प्रियंका दीदी एक ही रूम में सोए हुए थे अलग अलग बेड पर......
चंदा भाभी का बेडरूम सटा हुआ था हमारे ही रूम से... उस कमरे में होने वाली सारी आवाजें मुझे साफ-साफ रही थी.......
दिन भर में जो भी घटनाएं हुई थी उनके बारे में सोच कर मेरा लोड़ा बिल्कुल खड़ा था... एक निगाह मैंने अपनी प्रियंका दीदी पर डाली... दीदी बिल्कुल सो रही थी... आश्वस्त होने के बाद मैंने अपना लौड़ा पैंट से बाहर निकाल लिया और हाथ में पकड़ के ऊपर नीचे करने लगा.. बारी बारी से मोटे मोटे लंबे काले औजार के ऊपर में रूपाली दीदी... उनका दूध पीता हुआ जुनैद.... और बड़ी बेरहमी से मेरी दीदी का गांड मारता हुआ असलम..... सारा दृश्य मेरी आंखों के सामने घूम रहा था...
बगल के कमरे से पायल की रुनझुन... चूड़ियों की खन खन.. पलंग की चरर मरर... भाभी और दीदी की खिलखिलाती हंसी.... जरूर चंदा भाभी मेरी दीदी को नंगी करके उनके ऊपर चढ़ गई होगी अपना स्ट्रैप ऑन दिलदो पहन के.. मेरे लोड़े से मलाई निकल गई.... मैंने अपनी पैंट ऊपर की और सो गया.... सुबह जब तकरीबन 8:00 बजे मेरी आंख खुली .. मेरे घर मे मेला जाने की तैयारी चल रही थी...
मेरे गांव का सबसे बड़ा मेला.... आसपास के गांव से भी बहुत सारे लोग आते थे.. इस मेले में... नहाने धोने के बाद मैं बिल्कुल तैयार हो गया था मेला जाने के लिए.....