18-08-2019, 04:32 PM
गुड्डी
मेरी ननद ,
इनकी छुटकी बहिनिया
आज मैं इन्हे छेड़ने पर तुली थी अपनी उस एलवल वाली कच्ची कली ननद का नाम ले ले कर छेड़ने में ,
' क्यों उस कच्ची कली की कच्ची अमिया की याद आ रही है , सच में कुतरने में बहुत मज़ा आएगा। अरे सिर्फ कच्ची अमिया क्यों गुड्डी रानी की कच्ची कली को भी फूल बनाने का काम तेरे ही जिम्मे आएगा , "
अब वो कुछ शर्मा रहे थे , कुछ झिझक रहे थे , लेकिन जैसे उन्होंने मेरी नथ उतारी थी ,
वैसे इनकी शरम लाज उतारने का काम मेरे जिम्मे था।
मुश्किल से बोले ,
" तुम भी न ,... उसके पीछे ,... अभी बहुत छोटी है वो ,... आठवे में पढ़ती है , ... "
मैंने बड़ी मुश्किल से मुस्कराहट रोकी , ... मुझे छेड़ने का एक मौक़ा इन्होने खुद दे दिया था।
" कौन छोटी है , नाम तो बोलो मेरे राजा "
उनकी नाक पकड़ कर चिढ़ाते मैं बोली।
" गुड्डी ,... "
उनके मुंह से निकल गया।
" छोटी वोटी कुछ नहीं है , मान लिया की चल उसका कभी छोटा है ,
तो बस मिजना मसलना शुरू कर दे न , हो जाएगा बड़ा उसका भी , ... और जानते हो मेरी सास मेरी नंदों के बारे में क्या कहती हैं , ... ?"
मैंने चिढ़ाना जारी रखा।
असल में ये बात मेरी सास ने कही थी लेकिन अपनी ननद , इनकी बुआ के बारे में , ... और वहां सिर्फ औरते लड़कियां ही थीं , ... पर पति से क्या शर्म , मैंने जस का तस उनके सामने परोस दिया ,
" मेरी सास कह रही थीं , मेरी ससुराल में ननदें चौदह की होते ही चुदवासी हो जाती हैं , ... तो मत ये कहना की तेरा माल अभी चौदह का भी नहीं ,... "
और अब मेरा हाथ उनके फिर से कुनमुना रहे मूसलचंद पर था।
" नहीं नहीं चौदह की तो वो हो गयी... कब की ,... "
उन्होंने धीरे से माना।
" वही तो मैं कह रही हूँ , जबरदस्त चुदवासी होगी वो ,... कोई इधर उधर का ,... इससे अच्छा तुम ही नेवान कर लो ,... "
मैं उन्हें छेड़ भी रही थी और अब हलके हलके मुठिया भी रही थी।
"अच्छा चल , मेरी सास ने तो लाइन क्लियर दे दिया तुझे ,... अब उनकी छोडो ,
अपनी सास की बात मानते हो की नहीं , या बोलो , रोज सबेरे फोन आता है ,
और अपने दामाद की इतनी तारीफ़ , बेटी को तो अब भूल गयीं वो ,... नहीं मानते हो उनकी बात तो बोलो ,... कल सुबह ही मैं बोल दूंगी उन्हें , रोज दामाद जी दामद जी करती हैं। "
मेरी बात काटते वो घबड़ा के बोले ,
" नहीं नहीं , मैं तो उनकी हर बात मानता हूँ ,... मैंने कब कहा , उनकी कौन सी बात ,... "
अबकी बात काटने की बारी मेरी थी ,
" कोहबर की बात भूल गए " मैंने उन्हें फिर याद दिलाया।
मेरी ननद ,
इनकी छुटकी बहिनिया
आज मैं इन्हे छेड़ने पर तुली थी अपनी उस एलवल वाली कच्ची कली ननद का नाम ले ले कर छेड़ने में ,
' क्यों उस कच्ची कली की कच्ची अमिया की याद आ रही है , सच में कुतरने में बहुत मज़ा आएगा। अरे सिर्फ कच्ची अमिया क्यों गुड्डी रानी की कच्ची कली को भी फूल बनाने का काम तेरे ही जिम्मे आएगा , "
अब वो कुछ शर्मा रहे थे , कुछ झिझक रहे थे , लेकिन जैसे उन्होंने मेरी नथ उतारी थी ,
वैसे इनकी शरम लाज उतारने का काम मेरे जिम्मे था।
मुश्किल से बोले ,
" तुम भी न ,... उसके पीछे ,... अभी बहुत छोटी है वो ,... आठवे में पढ़ती है , ... "
मैंने बड़ी मुश्किल से मुस्कराहट रोकी , ... मुझे छेड़ने का एक मौक़ा इन्होने खुद दे दिया था।
" कौन छोटी है , नाम तो बोलो मेरे राजा "
उनकी नाक पकड़ कर चिढ़ाते मैं बोली।
" गुड्डी ,... "
उनके मुंह से निकल गया।
" छोटी वोटी कुछ नहीं है , मान लिया की चल उसका कभी छोटा है ,
तो बस मिजना मसलना शुरू कर दे न , हो जाएगा बड़ा उसका भी , ... और जानते हो मेरी सास मेरी नंदों के बारे में क्या कहती हैं , ... ?"
मैंने चिढ़ाना जारी रखा।
असल में ये बात मेरी सास ने कही थी लेकिन अपनी ननद , इनकी बुआ के बारे में , ... और वहां सिर्फ औरते लड़कियां ही थीं , ... पर पति से क्या शर्म , मैंने जस का तस उनके सामने परोस दिया ,
" मेरी सास कह रही थीं , मेरी ससुराल में ननदें चौदह की होते ही चुदवासी हो जाती हैं , ... तो मत ये कहना की तेरा माल अभी चौदह का भी नहीं ,... "
और अब मेरा हाथ उनके फिर से कुनमुना रहे मूसलचंद पर था।
" नहीं नहीं चौदह की तो वो हो गयी... कब की ,... "
उन्होंने धीरे से माना।
" वही तो मैं कह रही हूँ , जबरदस्त चुदवासी होगी वो ,... कोई इधर उधर का ,... इससे अच्छा तुम ही नेवान कर लो ,... "
मैं उन्हें छेड़ भी रही थी और अब हलके हलके मुठिया भी रही थी।
"अच्छा चल , मेरी सास ने तो लाइन क्लियर दे दिया तुझे ,... अब उनकी छोडो ,
अपनी सास की बात मानते हो की नहीं , या बोलो , रोज सबेरे फोन आता है ,
और अपने दामाद की इतनी तारीफ़ , बेटी को तो अब भूल गयीं वो ,... नहीं मानते हो उनकी बात तो बोलो ,... कल सुबह ही मैं बोल दूंगी उन्हें , रोज दामाद जी दामद जी करती हैं। "
मेरी बात काटते वो घबड़ा के बोले ,
" नहीं नहीं , मैं तो उनकी हर बात मानता हूँ ,... मैंने कब कहा , उनकी कौन सी बात ,... "
अबकी बात काटने की बारी मेरी थी ,
" कोहबर की बात भूल गए " मैंने उन्हें फिर याद दिलाया।