18-08-2019, 02:22 PM
सैंया के संग रजइया में
वो कान पारे सुन रहे थे , बोले क्या बोल रही हो ,
मैंने कस के उनके खूंटे को दबाते हुए उन्हें झिड़क दिया ,
" तुम से नहीं अपने प्यारे मूसलचंद से बोल रही हूँ , ...
और जब दो समझदार लोग बाते करते हैं न तो तीसरे को नहीं बोलना चाहिए ,... तुम चुप रहो। "
और मैं फिर चालू हो गयी ,
" बहुत चिल्लायेगी , एकदम कच्ची है न फटेगी तो दर्द होगा ही।
लेकिन घबड़ाना मत मैं रहूंगी न , दोनों हाथ कस के पकड़े रहूंगी , पटकती रहेगी होना वो छोटे छोटे चूतड़ , ...
मैं उसे चीखने से भी नहीं रोकूंगी , अरे भौजाई के लिए सबसे अच्छी मीठी म्यूजिक भाभी के लिए ननद की चीख होती है जब उसकी फटती है , ... चोदना कस कस के उसकी चूत , कसी कच्ची चूत।
लोगे न "
इतना कहना काफी थी , ... मुझे बिस्तर पर पटक कर वो ऊपर चढ़ गए मेरे , मेरी दोनों लम्बी लम्बी टाँगे उनके कंधे पर , और खूंटा मेरी गुलाबो के मुंह पर
" अभी तो तेरी लूंगा , ... "
मेरी क्या , ...
उन्हें रोकते उकसाते मैं बोली ,
उईईईईईई मेरी चीख निकल गयी , एक धक्के में उन्होंने आधे से ज्यादा पेल दिया और बोले ,
" तेरी चूत ,... "
यही तो मैं सुनना चाहती थी उनके मुंह से , ...
" तो ले लो न ,... राजा , अभी मेरी चूत ले लो , और जल्द ही उस एलवल वाली की कच्ची चूत मैं दिलवाऊंगी , ... "
बस जैसे मैंने आग में घी डाल दिया हो ,
एक एक बाद एक धक्के , ...
आज तीसरी रात थी ,...
और आज तक इतने कस के , ...
मैं भी लेकिन आज साथ दे रही थी , थोड़ी ही देर में उनका मोटा सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी पर धक्का मार रहा था।
ईईईईई मैं जोर से चीखी ,
एक तो उनका मोटा कितना , मेरी कलाई से कम तो नहीं था ,
और ऊपर से आज वो धक्के भी एकदम तूफ़ान मेल की ताकत से लगा रहे थे ,
" क्यों मज़ा आया , " मेरे निपल को चूसते वो बोले।
मैं क्यों मौका छोड़ती , आज मैं उनकी सारी ,... मैंने मुस्करा के उन्हें उकसाते छेड़ते बोला ,
" किस चीज में '
" चुदवाने में , ... "
सारी शर्म लिहाज छोड़ कर वो शर्मीला लड़का बोला , और यही तो मैं चाहती थी ,
मैंने अपनी मृणाल बाँहों में उन्हें जकड़ लिया , और कस के होंठों पर चुम्मा लेकर बोला ,
" बहुत "
लेकिन साथ में जोड़ दिया ,
" मेरी उस कच्ची कली एलवल वाली गुड्डी रानी ,
मेरी छुटकी ननदिया को भी बहुत मजा आएगा। "
लेकिन बजाय बुरा मानने के , वो मेरे जोबन मसलते बोले ,
" किस चीज में ?"
और अबकी मैं बोली , हंस कर खिलखिलाते
" मेरे सैंया से , अपने भइया से चुदवाने में "
और जोड़ा ,
इसका मतलब तेरा मन करता है मेरी ननद की लेने का , स्साली माल ही ऐसे है , कोई बात नहीं चलो होली में उसको अपने बालम के नीचे लिटाऊंगी ,
और उसके बाद तो उन्होंने , ... मैं सोच भी नहीं सकती थी वो सीधा साधा लड़का जो मेरा नाम पूछने में २४ घंटे लगा देता है , इस तरह से ,
जैसे कोई धुनिया रुई धुनें , उस तरह वो धुन रहे थे , और वो भी एक साथ तिहरा हमला
उनका मोटा लम्बा लंड , इंजन की पिस्टन की तरह मेरी कसी टीनेजर चूत में , रगड़ते , दरेरते , घिसटते फाड़ते ,
और साथ में उनके होंठ मेरे उभार कभी चूसते कभी कचकचा के काट लेते।
दूसरा जोबन उनके हाथ के नीचे रगड़ा मसला जा रहा था , और उनका दूसरा हाथ , बार बार कभी मेरी क्लिट को सहलाता था कभी रगड़ देता था।
मस्ती के मारे मेरी हालत खराब थी , जब मैं झड़ने लगती , तूफ़ान में पत्ते की तरह मेरी देह कांपती तो भी उनकी चोदने की रफ़्तार कम नहीं होती थी ,
आज एकदम पहली दूसरी रातों से अलग , ... और मैं भी तो इस घोड़े को ऐड लगाने की कला सीख गयी थी ,
मेरी ननद , ... ख़ास तौर से वो एलवल वाली इनकी ममेरी बहन , ... गुड्डी , भले अभी ,... लेकिन ननद तो ननद ,...
जहाँ उस का नाम लेकर मैं एक बार इन्हे छेड़ती तो बस जैसे एक्सीलेरेटर पर पैर पड़ जाय , ...
इनकी सलहज ने बोला था ननद रानी चुदवाने का असली मज़ा तब आता है , जब मरद औरत , सब सरम लिहाज भूल के , ... लंड बुर गांड बोल बोल के चोदे चुदवाये , ...सच में इनकी सलहज की बाकी बातों की तरह ये बात भी एकदम सही थी ,...
आज सभी बत्तियां कमरे की जल रही थी , बाहर वाला पर्दा भी खुला था , लेकिन न मुझे फरक पड़ रहा था न उसे ,
दो बार मैं झड़ चुकी थी , ... मेरी निगाह दीवाल घडी पर पड़ी ,... आधे घंटे से ऊपर से वो मुझे कुचल मसल रहा था।
और जब वो झड़े तो कमरे में तूफान आ गया , मैं भी साथ साथ , ...
जाड़े की रात में मेरी देह पर पसीने की बूँद छलछला रही थी , और
देर तक , एक बार नहीं बार बार , ... मैं भी साथ साथ ,...
और उसके बाद भी देर तक ,...
मुझे उनकी सलहज की , और दुलारी की एक बात याद आयी , ....
वो कान पारे सुन रहे थे , बोले क्या बोल रही हो ,
मैंने कस के उनके खूंटे को दबाते हुए उन्हें झिड़क दिया ,
" तुम से नहीं अपने प्यारे मूसलचंद से बोल रही हूँ , ...
और जब दो समझदार लोग बाते करते हैं न तो तीसरे को नहीं बोलना चाहिए ,... तुम चुप रहो। "
और मैं फिर चालू हो गयी ,
" बहुत चिल्लायेगी , एकदम कच्ची है न फटेगी तो दर्द होगा ही।
लेकिन घबड़ाना मत मैं रहूंगी न , दोनों हाथ कस के पकड़े रहूंगी , पटकती रहेगी होना वो छोटे छोटे चूतड़ , ...
मैं उसे चीखने से भी नहीं रोकूंगी , अरे भौजाई के लिए सबसे अच्छी मीठी म्यूजिक भाभी के लिए ननद की चीख होती है जब उसकी फटती है , ... चोदना कस कस के उसकी चूत , कसी कच्ची चूत।
लोगे न "
इतना कहना काफी थी , ... मुझे बिस्तर पर पटक कर वो ऊपर चढ़ गए मेरे , मेरी दोनों लम्बी लम्बी टाँगे उनके कंधे पर , और खूंटा मेरी गुलाबो के मुंह पर
" अभी तो तेरी लूंगा , ... "
मेरी क्या , ...
उन्हें रोकते उकसाते मैं बोली ,
उईईईईईई मेरी चीख निकल गयी , एक धक्के में उन्होंने आधे से ज्यादा पेल दिया और बोले ,
" तेरी चूत ,... "
यही तो मैं सुनना चाहती थी उनके मुंह से , ...
" तो ले लो न ,... राजा , अभी मेरी चूत ले लो , और जल्द ही उस एलवल वाली की कच्ची चूत मैं दिलवाऊंगी , ... "
बस जैसे मैंने आग में घी डाल दिया हो ,
एक एक बाद एक धक्के , ...
आज तीसरी रात थी ,...
और आज तक इतने कस के , ...
मैं भी लेकिन आज साथ दे रही थी , थोड़ी ही देर में उनका मोटा सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी पर धक्का मार रहा था।
ईईईईई मैं जोर से चीखी ,
एक तो उनका मोटा कितना , मेरी कलाई से कम तो नहीं था ,
और ऊपर से आज वो धक्के भी एकदम तूफ़ान मेल की ताकत से लगा रहे थे ,
" क्यों मज़ा आया , " मेरे निपल को चूसते वो बोले।
मैं क्यों मौका छोड़ती , आज मैं उनकी सारी ,... मैंने मुस्करा के उन्हें उकसाते छेड़ते बोला ,
" किस चीज में '
" चुदवाने में , ... "
सारी शर्म लिहाज छोड़ कर वो शर्मीला लड़का बोला , और यही तो मैं चाहती थी ,
मैंने अपनी मृणाल बाँहों में उन्हें जकड़ लिया , और कस के होंठों पर चुम्मा लेकर बोला ,
" बहुत "
लेकिन साथ में जोड़ दिया ,
" मेरी उस कच्ची कली एलवल वाली गुड्डी रानी ,
मेरी छुटकी ननदिया को भी बहुत मजा आएगा। "
लेकिन बजाय बुरा मानने के , वो मेरे जोबन मसलते बोले ,
" किस चीज में ?"
और अबकी मैं बोली , हंस कर खिलखिलाते
" मेरे सैंया से , अपने भइया से चुदवाने में "
और जोड़ा ,
इसका मतलब तेरा मन करता है मेरी ननद की लेने का , स्साली माल ही ऐसे है , कोई बात नहीं चलो होली में उसको अपने बालम के नीचे लिटाऊंगी ,
और उसके बाद तो उन्होंने , ... मैं सोच भी नहीं सकती थी वो सीधा साधा लड़का जो मेरा नाम पूछने में २४ घंटे लगा देता है , इस तरह से ,
जैसे कोई धुनिया रुई धुनें , उस तरह वो धुन रहे थे , और वो भी एक साथ तिहरा हमला
उनका मोटा लम्बा लंड , इंजन की पिस्टन की तरह मेरी कसी टीनेजर चूत में , रगड़ते , दरेरते , घिसटते फाड़ते ,
और साथ में उनके होंठ मेरे उभार कभी चूसते कभी कचकचा के काट लेते।
दूसरा जोबन उनके हाथ के नीचे रगड़ा मसला जा रहा था , और उनका दूसरा हाथ , बार बार कभी मेरी क्लिट को सहलाता था कभी रगड़ देता था।
मस्ती के मारे मेरी हालत खराब थी , जब मैं झड़ने लगती , तूफ़ान में पत्ते की तरह मेरी देह कांपती तो भी उनकी चोदने की रफ़्तार कम नहीं होती थी ,
आज एकदम पहली दूसरी रातों से अलग , ... और मैं भी तो इस घोड़े को ऐड लगाने की कला सीख गयी थी ,
मेरी ननद , ... ख़ास तौर से वो एलवल वाली इनकी ममेरी बहन , ... गुड्डी , भले अभी ,... लेकिन ननद तो ननद ,...
जहाँ उस का नाम लेकर मैं एक बार इन्हे छेड़ती तो बस जैसे एक्सीलेरेटर पर पैर पड़ जाय , ...
इनकी सलहज ने बोला था ननद रानी चुदवाने का असली मज़ा तब आता है , जब मरद औरत , सब सरम लिहाज भूल के , ... लंड बुर गांड बोल बोल के चोदे चुदवाये , ...सच में इनकी सलहज की बाकी बातों की तरह ये बात भी एकदम सही थी ,...
आज सभी बत्तियां कमरे की जल रही थी , बाहर वाला पर्दा भी खुला था , लेकिन न मुझे फरक पड़ रहा था न उसे ,
दो बार मैं झड़ चुकी थी , ... मेरी निगाह दीवाल घडी पर पड़ी ,... आधे घंटे से ऊपर से वो मुझे कुचल मसल रहा था।
और जब वो झड़े तो कमरे में तूफान आ गया , मैं भी साथ साथ , ...
जाड़े की रात में मेरी देह पर पसीने की बूँद छलछला रही थी , और
देर तक , एक बार नहीं बार बार , ... मैं भी साथ साथ ,...
और उसके बाद भी देर तक ,...
मुझे उनकी सलहज की , और दुलारी की एक बात याद आयी , ....