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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
Update 40

अमृत को पीने के बाद मैं ने उसकी चूत को एक बार चाट कर साफ किया.
मैं ने टाइम देखा ,2 घंटे से मैं रेशमा के साथ सिर्फ़ उपर उपर से प्यार कर रहा था.
मतलब मुझे रेशमा के साथ प्यार करते हुए समय का भी ध्यान नही रहा.
फिर ज़्यादा देर करना ठीक नही होता. मैं ने अपने कपड़े निकाल दिए.और रेशमा को आँखे खोलने के
लिए कहा .
उसने आँखे खोल दी.मैं ने लंड को रेशमा के हाथो मे दिया.
रेशमा ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर लंड की तरफ .
लंड की तरफ देखते हुए शर्मा गयी .
फिर मैं ने रेशमा की गंद के नीचे अपने कपड़े रख दिए. फिर मैं रेशमा की टाँगो के बीच मे
आ गया.
मैं ने लंड पे थूक लगा दी. और लंड को चूत पर रख दिया.
मेरा लंड रेशमा की चूत को प्यार करना चाहता था. उसको फील करना चाहता था.
मैं ने लंड वैसे ही रहने दिया .
लंड और चूत का मिलन होने वाला था. उस मिलन मे दर्द होने वाला था पर मेरा लंड चूत को
दर्द देने से पहले उसको प्यार कर रहा था.
दर्द से पहले प्यार...
मुझे कुछ ना करते हुए देख कर रेशमा ने आँखे खोल कर मुझे आगे बढ़ने को कहा.
मैं ने फिर से लंड पर थूक लगाया और लंड को चूत पर रखा .और रेशमा के उपर आ गया.
आज रेशमा मेरी हो जाएगी
मैं ने पहले रेशमा के होंठो पर एक किस किया और फिर मैं ने एक झटका मारा पर कुछ नही
हुआ, मेरा लंड फिसल गया.
लंड को ठीक से सेट नही किया था
मैं ने फिर से लंड को चूत पर रखा और एक झटका मारा कि लंड रेशमा की चूत मे चला गया .
रेशमा के मुँह से आहे निकल गयी .
दर्द रेशमा को हो रहा था और पानी मेरी आँखो मे आ रहा था.
रेशमा अपने होंठो को दबा कर अपनी चीख को रोकने लगी. पर रेशमा को दर्द हो रहा था.
रेशमा का दर्द कम करने के लिए मैं अपने होंठ रेशमा के होंठो पर रख कर चूसने लगा.
जिस से रेशमा दर्द को भूल कर किस पर फोकस कर सके ताकि दर्द कम होज़ाये.
अभी तो सिर्फ़ थोड़ा लंड अंदर गया था. पूरा लंड अंदर जाना बाकी था. पर मुझे क्या हुआ था कि मैं
रेशमा को दर्द होता हुआ देख नही पा रहा था.पर रेशमा को प्यार भी करना था.
शायद उसका हज़्बेंड नामर्द हो तभी इतना सा लंड अंदर जाने से दर्द हुआ रेशमा को
उपर से मेरा लंड रेशमा की चूत मे जाने के लिए बेताब हो रहा था.
थोड़ी देर मे रेशमा शांत हो गयी फिर भी मैं हाथो से बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर मे
रेशमा को पूरी तरह से अच्छा लगने लगा .
मैं ने रेशमा को इशारे मे पूछा कि अंदर डालु पर वो तो आँखे बंद करके उस मिलन को फील
कर रही थी
फिर मैं ने जोरदार झटका मारा और 5 इंच तक अंदर चला गया.
रेशमा ने बहुत कोशिस की चीख ना निकले पर ये ऐसा झटका था जिस के मारते ही हर लड़की की चीख
निकल जाती है.
रेशमा की भी चीख निकल गयी.पर मेरे किस करने से उसकी दबी हुई चीख मेरे मुँह मे दब गयी .
रेशमा और मेरी आँखो से पानी निकलने लगा .
उसको सासे लेने की ज़्यादा ज़रूरत थी जिस से मैं ने उसके होंठो को अपने होंठो से आज़ाद किया. पर
मैं बूब्स दबाता रहा.
रेशमा के मुँह से दाआर्र्र्र्र्द्द्द्द्द वर्ड निकाला. पर रेशमा ने कंट्रोल करते हुए उस वर्ड को
बीच मे रोक दिया.
मुझे पता था कि रेशमा को दर्द हो रहा है.फिर भी रेशमा ने मुझे लंड बाहर निकालने को नही
कहा और अंदर डालने को भी नही कहा.
वो बस मेरे नीचे लेटी हुई अपने दर्द को मुझ पर जाहिर नही होने देना चाहती थी.
रेशमा मुझसे इतना प्यार करती थी कि उसने आँखे खोल कर मुझे आँखो से इशारा करके थोड़ी
देर रुकने को कहा.
उसे लगा कि अगर मैं भी उस से प्यार करता हूँ तो मैं उसका इशारा समझ जाउन्गा .और हुआ भी ऐसा
ही मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाहती है.
मैं ऐसे ही रुका रहा. मुझे ऐसे देख कर उसकी आँखो मे एक चमक आ गयी.
उसका दर्द कम हो गया. मैं ने रेशमा के होंठो को छोड़ दिया .और बूब्स को भी ...
बहुत टाइट थी रेशना की चूत
रेशमा के चेहरे पर अब दर्द नही था बस प्यार ही प्यार दिख रहा था.
मैं ने लंड को धीरे से बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा .धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.
अभी तक 5 इंच लंड अंदर था.मैं आराम से 2 मिनिट तक लंड को हिलाता रहा.
रेशमा बस बिना पलकें झुकाए मुझे देख रही थी. क्या पता क्या देख रही थी.
मैं जो प्यार से लंड अंदर बाहर कर रहा था .मैं उसे ज़्यादा दर्द नही होने दे रहा था. शायद
रेशमा यही देख रही थी.
मैं लंड को बड़े प्यार से रेशमा की चूत मे डाल रहा था. शायद रेशमा मेरा यही प्यार देख
रही थी.
फिर धीरे धीरे गति बढ़ाने लगा .अब रेशमा का कुछ दर्द कम हुआ था. पर मैं ने अभी तक पूरा लंड
अंदर नही डाला था.मैं इंतज़ार करने लगा कि कब रेशमा की चूत पानी छोड़ेगी.
5 मिनिट तक ऐसे ही चुदाई करने से रेशमा की चूत ने पानी छोड़ दिया.
रेशमा की चूत का पानी बाहर आ गया था. चूत अब गीली हो गयी थी. लंड के लिए जगह बन रही थी.
फिर मैं ने आख़िरी झटका मारा और पूरा लंड अंदर चला गया. रेशमा की दबी हुई दर्द भरी
चीख निकल गयी.
मैं रेशमा का बचा हुआ दर्द बूब्स दबा कर कम करने लगा.
मैं ने रेशमा से कहा बस हो गया .अब दर्द नही होगा... जितना दर्द होना तो हो गया ...पूरा
लंड अंदर चला गया है..,बस थोड़ा देर रूको सब ठीक हो जाएगा
रेशमा की आँख कह रही थी कि अवी मुझे दर्द नही हो रहा है.
मुझे पता था कि रेशमा झूठ बोल रही थी.
मेरे लंड से दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
रेशमा की चूत मे दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
लंड अंदर जाने के बाद चीख निकली और दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
रेशमा ने मेरे लिए कहा कि उसे दर्द नही हो रहा.
रेशमा की बात सुन ने के बाद मैं ने लंड को बाहर निकाल लिया.
मैं समझ गया कि वो मेरे लिए ,अपने प्यार के लिए दर्द बर्दास्त कर रही है.
मैं ने लंड को धीरे से फिर से अंदर डाल दिया और रेशमा के बूब्स दबाते हुए लंड को धीरे धीरे
आगे पीछे करना शुरू किया.
लंड को हिलाने से रेशमा को दर्द हो रहा था .उसने अपने हाथ मेरे पीठ पे रख दिए. जैसे उसको
दर्द होता वो अपने नाख़ून मेरी पीठ मे गढ़ा देती.और कहती कि मुझे दर्द नही हो रहा
एक तरफ दर्द के वजह से नाख़ून से मेरी पीठ को खरॉच रही थी और दूसरी तरफ कह रही थी कि मुझे
दर्द नही हो रहा.
रेशमा के साथ चुदाई करते हुए मुझे कोई जल्दी नही थी.
मैं हर एक धक्के को महसूस करना चाहता था. मैं ऐसा क्यूँ कर रहा था मुझे पता नही
था.
पर हर एक धक्के के साथ मुझे एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
रेशमा भी अब मेरे धक्को को महसूस करके अपने दिलो दिमाग़ मे ये चुदाई फिट कर रही थी.
मैं बड़े प्यार से रेशमा की चुदाई कर रहा था.
आज मुझे क्या हुआ था कुछ समझ नही रहा था.
मैं सुबह भगवान से दुआ कर रहा था कि आज का दिन जल्दी निकल जाए और अब मैं हर एक
सेकेंड को जीना चाह रहा था.
सुबह मैं सोच रहा था कि रेशमा आज मुझसे दूर रहे और अब रेशमा को छोड़ने का मन नही
हो रहा.
एक पल के लिए लगा कि रेशमा को भूल जाउ और एक पल के लिए लगा कि रेशमा को बस प्यार करता जाउ.
ना रेशमा को जल्दी थी और ना मुझे जल्दी थी.
ना रेशमा मुझसे अलग होना चाहती थी. और ना मैं रेशमा को अलग होने देना चाहता था
आज मेरे साथ सब अजीब हो रहा था.
मैं लंड को रेशमा की चूत की गहराई तक अंदर डाल कर धक्के मारता गया. फिर भी उसका दर्द
कम नही हुआ.पर मुझे लग रहा था कि उसका प्यार बढ़ रहा है.
चुदाई के बाद मैं रेशमा को क्या कहूँगा ,उसका सामना कैसे करूँगा ,इसकी मुझे कोई फिकर
नही थी.

बस मैं धक्के मार कर अपने जीवन को सफल कर रहा था.
मैं लंड को धीरे से पूरा बाहर निकाल लेता फिर अंदर कर लेता. ऐसा 20 25 करने के बाद रेशमा की
चूत ने मेरे लंड के लिए जगह बना दी.और लंड आराम से अंदर जाने लगा.
रेशमा के दिल मे भी मेरे लिए जगह बन गयी
चूत मे लंड के लिए जगा बनने से रेशमा का दर्द ख़तम हो गया. मैं धक्के लगाता रहा .
रेशमा भी अपनी गंद उपर करके मेरा साथ दे रही. रेशमा अब शीष्कारिया ले रही थी पर खुल कर
नही ले रही थी. वो मुझसे शरमा रही थी.
बस बीच बीच मे आहह आहह कर रही थी.10 मिनिट तक मैं ने दिमाग़ को चुदाई से अलग रख कर दिल
को रेशमा की चुदाई फील करने दे रहा था.
मैं रेशमा की ऐसे ही चुदाई करता रहा.फिर से रेशमा ने पानी छोड़ दिया.
फिर मैं ने रेशमा के पैर को थोड़ा ज़्यादा फैला दिया और धक्के मारने लगा.
मैं जितनी गति के साथ दूसरो के साथ धक्के मारता उस से कई गुना कम गति से मैं रेशमा की
चूत मे धक्के मार रहा था.
मैं रेशमा को हर धक्के का मज़ा दे रहा था और ले भी रहा था. मैदान मे हमारे चुदाई
का म्यूज़िक गूँज रहा था.
म्यूज़िक कब से बज रहा था ये ना रेशमा को पता था और ना मुझे पता था.
रेशमा ने ज़्यादा तर समय अपनी आँखे बंद रखी थी.पर रेशमा बीच बीच मे अपनी आँखे खोल
कर मुझे धक्के मारते हुए देख कर फिर से अपनी आँखे बंद कर लेती.
रेशमा ने फिर एक बार पानी छोड़ दिया.इस लंबी चुदाई मे मुझे भी लग रहा था कि अब मेरा भी होने
वाला है.
अब मुझे अपनी धक्के मारने की गति बढ़ानी थी.पर रेशमा को दर्द ना हो,इसके लिए दिल मुझे इसकी
इजाज़त नही दे रहा था.
अगर दिल की जगह दिमाग़ होता तो अब तक मैं ने . गति बढ़ा दी होती और मेरा वीर्य रेशमा की
चूत मे होता.
मैं बड़े प्यार के साथ आखरी झटके भी धीरे धीरे मार रहा था.
आख़िरी झटके वो भी धीरे धीरे मारने के लिए मुझे अपने दिल ने बहुत मदद की.
मेरा धक्के की गति थोड़ी बढ़ गयी थी शायद उस से रेशमा ने पता लगा गया होगा कि मेरा होने
वाला है .इस लिए वो अपनी गंद उठाकर मेरा साथ देने लगी.
फिर एक आखरी धक्के के साथ मेरा वीर्य निकल गया. मैं ने अपना वीर्य रेशमा की चूत मे
डाल दिया.मेरा वीर्य चूत मे महसूस कर के रेशमा ने आँखे खोल दी और मैं रेशमा के
उपर गिर गया..
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Please read my new story
CHODURAJA(Incest)
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13748&page=2
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RE: रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 17-08-2019, 06:04 AM



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