Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery चुनौती... (Complete)
#44
तब अचानक योग बोल उठे, "जानूं, क्या मैं कंडोम पहनलूँ?" मैं नहीं चाहती थी की उस रात मेरी और योगके बिच कोई प्लास्टिक आये। मैंने कहा, "योग डार्लिंग, आज की रात मैं अपनी चूत और तुम्हारे लण्ड के बिच कोई भी अवरोध आने देना नहीं चाहती। वैसे तो यह पीरियड गर्भ धारण के अनुकूल नहीं है फिर भी यदि तुम्हारे वीर्य से मुझे गर्भ हुआ तो मैं उसे अपना सौभाग्य समझूंगी और मैं मेरे पति को बता दूंगी की मैंने तुमसे चुदवा कर यह गर्भ धारण किया है l मैं अपने पति से कई सालों से चुद रही हूँ और पिछले कुछ सालों से तो हमने कोई सुरक्षा नहीं अपनायी। पर कोई गर्भ धारण नहीं हुआ। वह मुझे माँ नहीं बना पाए। अब तुमसे अगर मुझे कोई बच्चा हुआ तो मैं उसे बड़ा करुँगी और उसे योग कुमार या योग कुमारी का नाम दूंगी। मेरे पति को अगर कोई शिकायत हो तो मैं उससे तलाक लेने के लिए तैयार हूँ, चाहे तुम मुझे अपना साथी बनाना चाहो या नहीं।' योग ने कहा, "मेर सौभाग्य होगा अगर तुम मेरी पूरी जिंदगी के लिए मेरी पत्नी बनो। मेरी दूसरी कनिका को पा कर मेरा जीवन सफल हो जाएगा।"


पिछले कुछ महीनों से मेरी चुदाई हुई ही नहीं थी। मेरे पति विदेश गए हुए थे। अजित से ब्रेक अप हो गया था। शायद इसलिए मेरा छिद्र और भी छोटा दिख रहा था। अब मुझे भरोसा था की योग से बार बार चुदवाकर मेरा छिद्र चोदने लायक तो हो ही जाएगा। खैर, मैंने योग के लण्ड को अपनी चूत की पंखुड़ियों पर रगड़ा जिससे उसका लण्ड चिकनाहट से लिप्त हो जाए। अच्छी तरह स्निग्ध करने बाद मैंने एक हाथ की मेरी उँगलियों से मेरी चूत की दोनों पंखुड़ियाँ खोली और दूसरे हाथ से योग का लण्ड मेरी उँगलियों में पकड़ कर मेरे छिद्र में धीरे से घुसेड़ा। उसके लण्ड के थोड़े से प्रवेश होने पर ही मुझे रोमांच हो उठा और मेरे रोंगटे खड़े हो गए। अब यह चिंता थी की आगे क्या होगा। क्या योग का मोटा लण्ड मेरी छोटी सी चूत में घुस पायेगा? और अगर घुस भी पाया तो मुझे कितना दर्द देगा। मुझे डर ज्यादा था, क्यूंकि योग का लण्ड देखते ही मेरी हालत खराब हो जाती थी। ऐसा लगता था योग की दोनों झांघों के बिच किसीने रबर का एक सॉलिड पाइप घुसेड़ दिया हो। मैं जानती थी की ऐसे कोई दिक्कत नहीं होती है। एक बार स्त्री जब वयस्क हो जाती है तो उसकी चूत बड़ा लण्ड भी ले सकती है। बल्कि बड़े लण्ड से चुदवाने में उसे और भी मजा आता है क्यूंकि उसकी चूत का पूरा हिस्सा लण्ड के साथ अच्छी तरह से जब रगड़ता है तो फिर स्त्री को एक गजब की ऊंचाई का अनुभव होता है जिसे बताना बड़ा मुश्किल है। वह एक अजीब सा नशा है जो औरत और मर्द दोनोँ महसूस करते हैं। सेक्स में कुछ ऐसा अनोखा उत्तेजक उन्माद झटका लगता है की जिसका अनुभव करते ही बनता है।

यह अजीब सा अनोखा अनुभव भगवत कृपा से ही इंसान और दूसरे जानवरों को प्राप्त है। इसी लिए तो पुरुष और स्त्री चोदते हैं। अगर चुदाई की क्रिया ना हो तो संसार कैसे चलेगा।? कई बार हम सोचते हैं की भगवान् को इंसानों की चुदाई की क्रिया पसंद नहीं है। शायद इसीलिए संत महात्मा कहते हैं स्त्रियों के संग से दूर रहो। पर भगवान् ने ही तो पुरुष और स्त्री में जातीयता की भावना दी है ना? पुरुष स्त्री की और, और स्त्री पुरुष की और क्यों आकर्षित होते हैं? क्यों की यह भाव भगवान् ने ही दिया है। इस लिए स्त्री पुरुष का मिलन यानी चोदना वर्ज्य नहीं है। संत लोग यह इस लिए कहते हैं यदि आप भगवान् का भजन एक निष्ठा से करना चाहते हैं तो यह आकर्षण उस में बाधा देता है। परन्तु यहां भी भगवत इच्छा ही आती है। अच्छे अच्छे महात्मा स्त्री का अवैध संग भी करते हैं तो यह साफ़ हो जाता है की वह सिर्फ दिखावा ही करते हैं और लोगों को धोखा देते हैं। चुदाई करने की इच्छा से या कोई भी कारण किसी भी स्त्री पर जबरदस्ती करना या उस पर मानसिक या शारीरिक अत्याचार करना अथवा अभद्र व्यवहार करना वर्ज्य है। वह ना सिर्फ सामाजिक बुराई बल्कि घोर पाप है। किसी भी नाबालिग को लुभाकर या ताड़ कर यौन व्यवहार करना घोर अपराध या पाप है। कानूनन भी इसकी कड़ी सजा होनी चाहिए और है। एक बात और। हमारे समाजने नियम बनाये हैं की किसीकी पत्नीसे चुदाई नहीं करनी चाहिए, पर आजकल सामाजिक तनाव या चुदाई के अभाव के कारण शादी शुदा स्त्रियां अलग अलग पुरुषों से चुदवाती हैं या शादी शुदा पुरुष अलग अलग स्त्रियों को चोदते हैं। आपस की सहमति से अगर यह होता है तो यह भी वर्ज्य नहीं माना जाना चाहिए। कई बार पति या पत्नी लज्जा या सामाजिक ग्रंथि के कारण सीधे सीधे इजाजत ना दें पर उनकी मौन अनुमति होती है ऐसा भी मैंने देखा है। हमारे समाज में स्त्रियों का स्थान पहले से ही ऊंचा रहा है। पर आजकल उनपर होते हुए अत्याचार या मानसिक यातना देख कर हम सब जो समझदार हैं उनका का दिल पसीज जाता है। सब लेखक और पाठक गण से प्रार्थना है की ऐसा ना करें और ना होने दें।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:23 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:24 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:25 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:26 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:28 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:29 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:31 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:34 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:37 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:38 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:39 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:40 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:41 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:42 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:43 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:44 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:45 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:49 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 01:37 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:31 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:32 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:35 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:36 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:38 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:41 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:44 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:45 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:46 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:47 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:49 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:51 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:52 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:47 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:49 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:51 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:53 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:54 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:56 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:58 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:01 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:09 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:11 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:13 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:16 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:18 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:19 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:20 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:21 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:27 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:30 PM
RE: चुनौती... - by asha10783 - 27-09-2019, 06:06 AM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 27-09-2019, 08:06 AM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 27-09-2019, 08:07 AM
RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 29-01-2020, 02:41 PM
RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 08-04-2020, 04:48 AM
RE: चुनौती... (Complete) - by bhavna - 08-10-2020, 01:06 AM
RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 01-08-2021, 03:53 PM



Users browsing this thread: 3 Guest(s)