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Adultery चुनौती... (Complete)
#43
मैंने योग के मुंह से निकली लार चाटी। इसे देख योग मुस्कुराये। मैंने योग से कहा, "जनाब आपका शिकार आपके लण्ड का इंतजार कर रहा है। अब इंतजार किस बात का?" योग ने कहा, "तुम मेरा शिकार नहीं, मेरे लिए वरदान हो। तुमने आज मुझे एक कड़वाहट भरे इंसान से अच्छा इंसान बनाया है। मैं तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करूँ?" मैंने कहा, "जनाब, अब तुम मुझसे अच्छे शब्द प्रयोग ना करें l मेरे सपने में तुम ने मुझे बहोत गंदे गंदे शब्द कहे थे। मुझे राँड़ कहा था, वेश्या कहा था, मेरी चूत को भोसड़ा कहा था। मुझे थप्पड़ भी मारा था। वह तुम्हारा रूप डरावना था l पर अब मैं तुमसे डरने वाली नहीं हूँ। मैं जानती हूँ की तुम मुझसे बहुत प्रेम करते हो। जो व्यक्ति बहुत प्रेम करता हो तो उसकी गालियां भी अच्छी लगती हैं l मैं आक्रामक चुदाई करवाना चाहती हूँ। तो तुम मुझे ऐसे चोदिये जैसे तुमने कभी संजना को चोदा था या फिर उससे भी ज्यादा आक्रामक तरीके से चोदो। मुझे आपने जैसे सपने में कहा था कहिये। आज मैं आपकी रखैल बनना चाहती हूँ। मुझे बेशक गन्दी गालियां दो, कुछ भी कहो, मुझे अच्छा लगेगा। " योग ने मेरे गाल पर अपने होँठ रखे और मुझे अपने दांतों से जोर से काटा। मेरी चीख निकल गयी। फिर वह बोले, "तुम मेरी प्यारी कनिका हो या प्रिया हो। मैं तुम पर कभी हाथ नहीं उठा सकता। पर मेरी कनिका भी जब बहुत चुदवाने के मूड में होती थी तो वह भी मुझे गंदे गंदे शब्द बोलने को कहती थी। जब मैं उसे छिनाल, राँड़ ऐसे कहता था तो वह मुझसे लिपट जाती थी और कहती थी, "मैं छिनाल या राँड़ ही सही, पर मैं तुम्हारी हूँ।" फिर मुझे ही गालियां निकालती थी और कहती थी। "इतना मोटा लण्ड लेकर घूमते हो पर इस लण्ड को अगर मेरी चूत में डाला नहीं तो फिर किस काम का? साले डालो इसे जल्दी और तुम्हारी राँड़ की भूख शांत करो।"


मैंने योग के होँठ फिर से जोश से चूमे और मेरे होँठों को उसके होँठों पर रख कर के ही बोली, "साले सपने में तो तू इतनी बहादुरी दिखा कर बड़ा शूरवीर बनता था। अब तुझे क्या हो गया है? क्या तेरा यह लण्ड ढीला पड़ गया?" योग मेरे मन की इच्छा समझ गए और बोले, "राँड़ मेरे लौड़े की ताकत तुझे देखनी है? तो मैं तुझे अभी दिखाता हूँ। जब मैं तुझे चोदुँगा तब अगर तूने चिल्ला चिल्ला कर मुझे रुकने के लिए ना ना कहा तो मैं कभी किसी औरत की चूत में यह लण्ड नहीं डालूंगा।" योगराज की बात सुनकर मैं डर गयी। मैंने धीरे से सहमे से कहा, "योग नहीं यार ऐसा मत करना। मैं तो गन्दी गन्दी बातें उकसाने के लिए कह रही थी। तुमने तो इसे सीरियसली ले लिया।" योग हँस पड़े और बोले, "तो मैं कौन सा सीरियसली कह रहा था? मैं मेरी प्यारी प्रिया को रुलाऊंगा क्या? और फिर तुम्हें मुझे उकसाने की कोई जरुरत है क्या? इसे देखो यह तो कभी का तुम्हारी चूत को चोद ने के लिए फनफना रहा है।" योग ने अपने खड़े मोटे ऊपर की तरफ मुंह किये हुए लम्बे छड़ सामान लण्ड की और इशारा करते हुए कहा। मुझे यह सुनकर अच्छा लगा की योग धीरे धीरे मुझे कनिका से अलग प्रिया मानने के लिए तैयार हो रहे थे। योग ने बड़े प्यार से मेरी टाँगों को उठाकर अपने कंधे पर रख दिया। फिर वह थोड़ा झुक कर मेरी चूत को गौर से देखकर बोले, "जानू तुम्हारी चूत का द्वार वाकई में छोटा है। मेरा लौड़ा डालने से तुम्हें जरूर कष्ट होगा। पर धीरे धीरे कष्ट कम होगा और बादमें हम खूब एन्जॉय करेंगे। मैं मेरी प्रिया की चूत का ध्यान रखूंगा. ओके?"

मैंने आँखें मुंद कर हामी भरी और योग का लण्ड हाथ में पकड़ा और उसे मेरी चूत के छिद्र की नोक पर रखा।
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चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:23 PM
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