16-08-2019, 06:56 PM
मैंने कहा, "अच्छा जनाब? तो फिर क्यूँ ना हम शैम्पैन की बोतल खोकर उस पुरानी औरत को अलविदा कहें और नयी औरत बनाम मुसीबत का स्वागत करें?"
योग मेरी इस अठखेली से हँस पड़े l अब वह काफी तनाव मुक्त लग रहे थे। वह उठकर एक अल्मिराह के पास गए और उसे खोल कर उसमें से शैम्पेन की एक बोतल निकाली। उसे एक बर्फ से भरी छोटी सी बाल्टी जैसे बर्तन में रख कर कुछ देर तक चुचाप इंतजार करते रहे। फिर उन्होंने बोतल का ढक्कन मेरे मुंह के सामने जोर से खोला। ढक्कन उछल कर दूर जा गिरा और शैम्पेन एक उफान की तरह उमड़ पड़ी और मेरे सर, मुंह, होंठ, गर्दन और छाती पर फ़ैल गयी। शैम्पेन मेरे ब्लूज़, ब्रा को गीला कर अंदर मेर स्तनों पर भी फ़ैल गयी।
योग ने उसी मश्कारे अंदाज में कहा, "ओ नयी औरत! आप भी सावधान रहना। योग तुम्हें पुरानी औरत की तरह आसानी से छोड़ने वाला नहीं है।"
मैंने मेरे होंठों पर लगी शैम्पेन चाटी और चखी।
योग ने पहले मेरा ग्लास भरा और फिर उफान में उठती हुई शैम्पेन से अपना गिलास भी भरा। मेरे प्रोग्राम के सम्मान में योग ने अपना गिलास उठाकर बड़ी गंभीरता और जिम्मेदारी भरे शब्दों में कहा, "यह बड़े ही उच्चतम प्रोग्राम राइटर ने डिज़ाइन किये हुए अत्यंत उमदा और व्यावसायिक तौर पर सफल होने वाले प्रोग्राम के लिए।", योग ने गिलास में से एक चुस्की ली और मेरी और मूड कर बड़े ही मनोहर शब्दों में फिर कहा, "प्रिया, मुझे आपके इस सॉफ्टवेयर प्रोग्राम की मुहीम में शामिल होने में बड़ा गर्व महसूस हो रहा है। मुझे इस में शामिल करने के लिए बहुत शुक्रिया।" ऐसा कह कर उन्होंने शम्पैन की एक और चुस्की ली। मुझे योग की तरह धीरज नहीं थी। मैं उस शाम कुछ ख़ास करने की फिराक में थी, वह करने के लिए मुझे काफी हिम्मत और हौसले की जरुरत थी।
मैं गटक से पूरा गिलास एक ही झटके में पी गयी। मैंने दूसरा गिलास भी शैम्पेन से भर दिया और उसे भी गटका गयी। योग के शब्दों ने मेरे अंदर भावनाओं की एक सुनामी जैसी ऊँची ऊँची लहरें पैदा कर दी थीं। मेरे लिए यह एक अद्भुत एवं अविश्वश्नीय बात थी की योग के जैसे कट्टर महिला विरोधी पुरुष अब उन्हीं महिलाओं के काम का कितना कायल हो गया था। मेरे मन में योग के लिए जो घृणा और वैमनस्य था, वह डैम फटने से जैसे डैम के परखच्चे उड़ जाते हैं, वैसे ही उड़ गए। योग के प्रति जो नफरत की दिवार थी वह रातो रात ढह गयी और अब उसकी जगह उनके लिए मेरे मन में एक अजीब सी रोमांचकारी रूमानी भावना ने जगह ले ली थी। मेरे काम के लिए उन्होंने जो प्रशंशा भरे शब्द बोले थे यह सुनकर मैं पागल सी हो रही थी।
मेरे पति को मेरी खुली चुनौती Ch. 05
योग की कहानी और उनकी मेरे काम के प्रति तारीफ सुन कर मैं फूली नहीं समां रही थी, इस चक्कर में मैंने शम्पेन के 3-4 गिलास एक साथ गटक लिए! मैं अब योग बिखरे हुए घर के बारे में, उनके अकेलेपन के बारे में, उनकी पत्नी (जिसकी शक्ल मुझसे हूबहू मिलती थी) के बारे में सोचने लगी। मुझे लगा योग को इस वक्त मेरी सख्त जरुरत थी। एक स्त्री के प्रेम के बगैर भला पुरुष कैसे जी सकता है? पत्नी के बगैर अकेले रह कर उनमें करुणा और नर्माहट का भाव सुख गया था। योग के रूखेपन का कारण मुझे यही लगा। मेरे उनके करीब आते ही जैसे उनके जीवन में फिरसे प्यार और करुणा वापस लौट आयी थी।
अचानक मेरी साँसों की रफ़्तार बढ़ गयी। मेरी निप्पलेँ फूलने लगीं, मेरी चूत में से पानी रिसने लगा। मेरे जहन में एक उत्तेजक उन्मादक सिहरन फ़ैल गयी। मेरी जाँघों के बिच वही पुरानी खुजली सी पैदा होने लगी। मेरी चूत मेंअजीब सी फड़कन होनेलगी। मेरी चूत में योग के लण्ड के लिए एक ललक सी होने लगी। दो गिलास शैम्पेन ने मेरी भावनाओं को और रोमांचक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैं योग के करीब गयी और उनसे लिपटकर उनकी बाहों में चली गयी और उनसे बोली, "योग डार्लिंग, मैंने थोड़ी देर पहले आपसे कहा था की मेरे काम के बारे में आपकी तारीफ़ ही मुझे मिलने वाले कोई भी तोहफे से मेरे लिए सबसे उत्तम तोहफा होगा। पर मैं गलत थी। अगर आप मेरे काम से वाकई में इतने प्रसन्न हैं तो उससे भी ऊंचा और उससे भी उत्तम एक और तोहफा है जिसके में लायक हूँ और जो मैं आपसे चाहती हूँ l मैं चाहती हूँ योग की आज रात तुम मुझसे खूब गहरा और घनिष्ट अंतरंग प्यार करो। योग तुम मुझे आज रात अपना सर्वस्व समर्पण कर दो और मेरा सर्वस्व स्वीकार करो। मैं तुम्हें अपने आपको समर्पित करना चाहती हूँ। क्या आज रात तुम मुझसे एकाकी अंतरंग प्यार करोगे? क्या आज रात तुम मुझे चोदोगे? अगर आप मुझे कोई तोहफा देना चाहते हो तो यही मेरे लिए सर्वोत्तम तोहफा होगा।"
योग मेरी इस अठखेली से हँस पड़े l अब वह काफी तनाव मुक्त लग रहे थे। वह उठकर एक अल्मिराह के पास गए और उसे खोल कर उसमें से शैम्पेन की एक बोतल निकाली। उसे एक बर्फ से भरी छोटी सी बाल्टी जैसे बर्तन में रख कर कुछ देर तक चुचाप इंतजार करते रहे। फिर उन्होंने बोतल का ढक्कन मेरे मुंह के सामने जोर से खोला। ढक्कन उछल कर दूर जा गिरा और शैम्पेन एक उफान की तरह उमड़ पड़ी और मेरे सर, मुंह, होंठ, गर्दन और छाती पर फ़ैल गयी। शैम्पेन मेरे ब्लूज़, ब्रा को गीला कर अंदर मेर स्तनों पर भी फ़ैल गयी।
योग ने उसी मश्कारे अंदाज में कहा, "ओ नयी औरत! आप भी सावधान रहना। योग तुम्हें पुरानी औरत की तरह आसानी से छोड़ने वाला नहीं है।"
मैंने मेरे होंठों पर लगी शैम्पेन चाटी और चखी।
योग ने पहले मेरा ग्लास भरा और फिर उफान में उठती हुई शैम्पेन से अपना गिलास भी भरा। मेरे प्रोग्राम के सम्मान में योग ने अपना गिलास उठाकर बड़ी गंभीरता और जिम्मेदारी भरे शब्दों में कहा, "यह बड़े ही उच्चतम प्रोग्राम राइटर ने डिज़ाइन किये हुए अत्यंत उमदा और व्यावसायिक तौर पर सफल होने वाले प्रोग्राम के लिए।", योग ने गिलास में से एक चुस्की ली और मेरी और मूड कर बड़े ही मनोहर शब्दों में फिर कहा, "प्रिया, मुझे आपके इस सॉफ्टवेयर प्रोग्राम की मुहीम में शामिल होने में बड़ा गर्व महसूस हो रहा है। मुझे इस में शामिल करने के लिए बहुत शुक्रिया।" ऐसा कह कर उन्होंने शम्पैन की एक और चुस्की ली। मुझे योग की तरह धीरज नहीं थी। मैं उस शाम कुछ ख़ास करने की फिराक में थी, वह करने के लिए मुझे काफी हिम्मत और हौसले की जरुरत थी।
मैं गटक से पूरा गिलास एक ही झटके में पी गयी। मैंने दूसरा गिलास भी शैम्पेन से भर दिया और उसे भी गटका गयी। योग के शब्दों ने मेरे अंदर भावनाओं की एक सुनामी जैसी ऊँची ऊँची लहरें पैदा कर दी थीं। मेरे लिए यह एक अद्भुत एवं अविश्वश्नीय बात थी की योग के जैसे कट्टर महिला विरोधी पुरुष अब उन्हीं महिलाओं के काम का कितना कायल हो गया था। मेरे मन में योग के लिए जो घृणा और वैमनस्य था, वह डैम फटने से जैसे डैम के परखच्चे उड़ जाते हैं, वैसे ही उड़ गए। योग के प्रति जो नफरत की दिवार थी वह रातो रात ढह गयी और अब उसकी जगह उनके लिए मेरे मन में एक अजीब सी रोमांचकारी रूमानी भावना ने जगह ले ली थी। मेरे काम के लिए उन्होंने जो प्रशंशा भरे शब्द बोले थे यह सुनकर मैं पागल सी हो रही थी।
मेरे पति को मेरी खुली चुनौती Ch. 05
योग की कहानी और उनकी मेरे काम के प्रति तारीफ सुन कर मैं फूली नहीं समां रही थी, इस चक्कर में मैंने शम्पेन के 3-4 गिलास एक साथ गटक लिए! मैं अब योग बिखरे हुए घर के बारे में, उनके अकेलेपन के बारे में, उनकी पत्नी (जिसकी शक्ल मुझसे हूबहू मिलती थी) के बारे में सोचने लगी। मुझे लगा योग को इस वक्त मेरी सख्त जरुरत थी। एक स्त्री के प्रेम के बगैर भला पुरुष कैसे जी सकता है? पत्नी के बगैर अकेले रह कर उनमें करुणा और नर्माहट का भाव सुख गया था। योग के रूखेपन का कारण मुझे यही लगा। मेरे उनके करीब आते ही जैसे उनके जीवन में फिरसे प्यार और करुणा वापस लौट आयी थी।
अचानक मेरी साँसों की रफ़्तार बढ़ गयी। मेरी निप्पलेँ फूलने लगीं, मेरी चूत में से पानी रिसने लगा। मेरे जहन में एक उत्तेजक उन्मादक सिहरन फ़ैल गयी। मेरी जाँघों के बिच वही पुरानी खुजली सी पैदा होने लगी। मेरी चूत मेंअजीब सी फड़कन होनेलगी। मेरी चूत में योग के लण्ड के लिए एक ललक सी होने लगी। दो गिलास शैम्पेन ने मेरी भावनाओं को और रोमांचक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैं योग के करीब गयी और उनसे लिपटकर उनकी बाहों में चली गयी और उनसे बोली, "योग डार्लिंग, मैंने थोड़ी देर पहले आपसे कहा था की मेरे काम के बारे में आपकी तारीफ़ ही मुझे मिलने वाले कोई भी तोहफे से मेरे लिए सबसे उत्तम तोहफा होगा। पर मैं गलत थी। अगर आप मेरे काम से वाकई में इतने प्रसन्न हैं तो उससे भी ऊंचा और उससे भी उत्तम एक और तोहफा है जिसके में लायक हूँ और जो मैं आपसे चाहती हूँ l मैं चाहती हूँ योग की आज रात तुम मुझसे खूब गहरा और घनिष्ट अंतरंग प्यार करो। योग तुम मुझे आज रात अपना सर्वस्व समर्पण कर दो और मेरा सर्वस्व स्वीकार करो। मैं तुम्हें अपने आपको समर्पित करना चाहती हूँ। क्या आज रात तुम मुझसे एकाकी अंतरंग प्यार करोगे? क्या आज रात तुम मुझे चोदोगे? अगर आप मुझे कोई तोहफा देना चाहते हो तो यही मेरे लिए सर्वोत्तम तोहफा होगा।"