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Adultery चुनौती... (Complete)
#37
कनिका और मैं मेरा प्रमोशन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और जब उस औरत ने हमारे सपनों को चकनाचूर कर दिया तो मैं टूट सा गया।" योग की आँखे यह कहते छलछला उठीं, "कनिका ने मुझे ढाढस देने की खूब कोशिश की पर मेरे जहन में जो नफरत और घृणा का ज़हर भरा था वह हट नहीं रहा था। मैं दिन रात बस यही विचारों के कारण कुढ़ता रहता था l मेरा ऐसा हाल देख कर एक शाम कनिका ने मुझे बाहर एक रोमांटिक शाम गुजारने के और रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए आग्रह किया। हम वहाँ ही एक अच्छे क्लब में गए। क्लब में मैंने शराब थोड़ी ज्यादा पी ली। मेरा दुर्भाग्य की मैंने क्लब में मेरे बॉस को उस औरत के साथ एक निजी कमरे से बाहर निकलते हुए देखा।


जाहिर था की मेरे बॉस, उस औरत को कमरे में चोद रहे थे, क्यूंकि वह जब बाहर आये तो उन दोनों के कपडे सही तरीके से पहने हुए नहीं थे। उनको साथ में देख कर मेरी छुपी हुई गुस्से की आग भड़क उठी। मैं अपने आप को गुस्से में रोक नहीं पाया, तो मैंने उस औरत को पकड़ा और जोर से हिलाया और उसे खूब गालीयाँ दी। मैंने मेरे बॉस को भी भला बुरा कहा। पहले तो मेरा बॉस मुझे इतना गुस्सैल देख कर हड़बड़ाया और फिर मुझे फ़ौरन नौकरी से बर्खाश्त कर दिया।"

योग के चेहरे पर गुस्सा और कूँठता का भाव था। पर अपनी बात जारी रखते हुए योग बोले, "मैंने कनिका का हाथ पकड़ा और ग़ुस्से में क्लब के बाहर निकला और कार में बैठा। कनिका ने मुझे शांत करने की बड़ी कोशिश की l मैं घर वापस जाने के लिए पहाड़ी रास्ते पर तेजीसे कार चलाने लगा। कनिका ने मुझे बार बार कार धीमी चलाने के लिए कहा। पर मुझ पर जनून सवार था। मैं उस औरत तो कोसता हुआ गुस्से में तेजी से कार चलाता था की अचानक सामने एक बड़ा ट्रक आने के कारण, मैं अपनी कार पर नियंत्रण नहीं रख पाया और मेरी कार गहरी खाई में जा गिरी। कनिका को गहरी चोटें आयीं और उसने वहीं दम तोड़ दिया। और मैं अकेला हो गया।" योग की आँखों में जैसे आंसुओं की बाढ़ उमड़ रही थी। मैं अनायास ही योग के पास पहुंची और मेरे रुमाल से उनके आंसू पोंछे, और वह भयावह एवं दुखद हादसे पर अपनी सहानुभूति जता ने के लिए उनके एकदम करीब जा बैठी।

मुझे तब समझ में आया की योग कार्यव्यस्त महिलाओं के खिलाफ इतनी नफरत और तिरस्कार की भावना क्यों रखते थे। मैंने योग का हाथ अपने हाथों में लिया और बोली, "कनिका की कमी की पूर्ति तो कोई नहीं कर सकता। परन्तु कनिका की आखरी इच्छा थी की आप खुश रहो और जो हो गया उसे भूल जाओ। तो आपको उस बात का तो सम्मान करना चाहिए l आपको अपने आप पर नियत्रण रखना होगा। आपको उस घटिया और चालु औरत को भूलना होगा और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना होगा। अगर मैं इस में आपकी कुछ भी मदद कर पाऊं तो वह मेरा सद्भाग्य होगा और ऐसा करने पर मुझे बड़ी ख़ुशी होगी।"

योग थोड़ी देर के लिए कनिका का फोटो देखते रहे, फिर एक गहरी साँस लेकर बोले, "मैंने आपके साथ जो सलूक किया है उसके लिए मैं आप से माफ़ी माँगता हूँ। मैं उस घटिया औरत के प्रति मेरी नफरत को भुला नहीं पा रहा था l मुझे हमेशा लगता था की मैंने मेरी प्यारी कनिका को उस धोखे बाज, घटिया राँड़ के कारण ही गँवाया था। इस के कारण मैं हर एक प्रोफेशनल औरत को उस औरत जैसा ही मानने लगा था और उनसे नफरत करने लगा था, मेरे मन में प्रोफेशनल औरतों के लिए एक पूर्वग्रह पैदा हो गया था..

आपका यह प्रोग्राम का अध्यन करने के बाद जब मैंने देखा की आपने कितना कार्यदक्ष यह प्रोग्राम डिज़ाइन किया है तो मेरी समझ में आया की महिलाएं भी इतना बढ़िया प्रोग्राम डिज़ाइन कर सकती हैं l वह एक धोखे बाज औरत के कारण मैं सारी औरत जात को धोखेबाज समझने लगा था। मेरे कड़वे और घातक शब्दों के कारण आप का ह्रदय तोड़ने के लिए मुझे आप माफ़ करना।" फिर योग सर की आँखों में आंसू झलक पड़े।

मैंने योग का सर मेरी छाती पर रखा और मैं उनके बालों में बड़े प्यार से अपनी उँगलियाँ फिराने लगी। मेरे जहन में उस समय अनजानी अजीब सी उत्तेजनात्मक भावनाएँ उमड़ रहीं थीं। मुझे लगा की यह समय था की जब मैं योग सर का अपने स्त्री सुलभ मनोभाव से हौसला बढ़ाऊँ। मैंने उनसे कहा, "मुझे ख़ुशी है की आप उस घटिया स्त्री को पीछे छोड़ चुके हो।" फिर मैंने योग के होठोँ पर उंगली फिसलाते और उनकी आँखों में आँखें डालते हुए नटखट अंदाज में कहा, "पर सावधान। आपको उतनी ही चालाक और शायद उससे कहीं अधिक कष्ट दायक दूसरी औरत से भी निपटना है।" योग इतने गंभीर होते हुए भी बरबस मुस्करा उठे। उन्होंने उतने ही शरारत भरे अंदाज में कहा, " मैं उस उतनी ही चालाक और कष्टप्रद स्त्री को बड़ी अच्छी तरह जानता हूँ। मैं यह भी जानता हूँ की ऐसी औरतों से कैसे निपटा जा सकता है।"
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चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:23 PM
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RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 01-08-2021, 03:53 PM



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