16-08-2019, 02:59 PM
मैं धीरे-धीरे उंगली अन्दर-बाहर करने लगा.. उसकी चुत काफ़ी गीली हो गई थी, जिससे उसको मजा आने लगा था।
मैंने दूसरे हाथ से एक दूध को पकड़ा हुआ था और उसे गूँथ रहा था.. अपने मुँह से उसे किस कर रहा था ‘उम्म्म.. उम्म्म आआहह..’
वो धीरे-धीरे कामुक सिसकारियां ले रही थी। उसे इस बात का ध्यान था कि यहाँ से आवाज बाहर जानी नहीं चाहिए, कोई देख लेता तो खेल वहीं ख़त्म हो जाता।
मैं नीचे की तरफ बढ़ा और उसके पेट को चूमने लगा। वो बोली- गुदगुदी हो रही है।
मैं अपना मुँह और नीचे ले गया और उसकी चुत को चूम लिया।
‘आआहह.. भैया ये क्या कर रहे हो!’
मैंने उसकी चुत को चाटना चालू कर दिया।
‘आअहह आअहह ये सब कहाँ से सीखा तुमने.. बड़ा मजा आ रहा है.. अह.. च..चाटो.. आआह अया अया..!’
वो अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थी।
यकायक वो अकड़ने लगी.. उसका बदन कस रहा था.. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने अपनी उंगली निकाल ली क्योंकि अभी मैं उसको थोड़ा और भोगना चाहता था।
मैंने दूसरे हाथ से एक दूध को पकड़ा हुआ था और उसे गूँथ रहा था.. अपने मुँह से उसे किस कर रहा था ‘उम्म्म.. उम्म्म आआहह..’
वो धीरे-धीरे कामुक सिसकारियां ले रही थी। उसे इस बात का ध्यान था कि यहाँ से आवाज बाहर जानी नहीं चाहिए, कोई देख लेता तो खेल वहीं ख़त्म हो जाता।
मैं नीचे की तरफ बढ़ा और उसके पेट को चूमने लगा। वो बोली- गुदगुदी हो रही है।
मैं अपना मुँह और नीचे ले गया और उसकी चुत को चूम लिया।
‘आआहह.. भैया ये क्या कर रहे हो!’
मैंने उसकी चुत को चाटना चालू कर दिया।
‘आअहह आअहह ये सब कहाँ से सीखा तुमने.. बड़ा मजा आ रहा है.. अह.. च..चाटो.. आआह अया अया..!’
वो अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थी।
यकायक वो अकड़ने लगी.. उसका बदन कस रहा था.. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने अपनी उंगली निकाल ली क्योंकि अभी मैं उसको थोड़ा और भोगना चाहता था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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