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आँचल दीदी की शादी
#71
मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसके निप्पल टाइट होने लगे थे।
मुझे उनको छूने में आनन्द आ रहा था.. वो गर्म हो रही थी।

मैंने अचानक उसके एक चूचे को दबा दिया- आअहह भैया!
उसके मुँह से सिसकारी निकल गई.. मैंने तुरन्त ही उसको चूमना चालू कर दिया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

हम दोनों एक-दूसरे के होंठ ऐसे चाट रहे थे.. जैसे बरसों के प्यासे हों। मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल कर उसके मम्मों को अपने हाथ में ले लिए।

प्रीति बोलीं- अह.. ले लो इन्हें.. जल्दी काटो मेरे चूचुकों को.. अह..

मैंने उसका एक दूध अपने मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। वो धीरे-धीरे कामुक सिसकारियां ले रही थी ‘हाँ दबाओ.. काटो मुझे बंटी.. अया आहह अया अया.. मेरे सैंया.. ज़ोर से दबाओ आआह आआह..’

मैंने अपनी टी-शर्ट और पजामा दोनों निकाल दिया.. मेरा लंड खड़ा हो चुका था। प्रीति लंड को ऊपर से दबाने लगी.. मैंने उसका हाथ अपने बॉक्सर के अन्दर डाल दिया और लंड हाथ में दे दिया।

वो बोली- अरे भैया ये तो बहुत गर्म है.. बड़ा भी बहुत ज्यादा है.. कम से 6-7 इंच का तो होगा न!
वो लंड को पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगी.. मुझे मजा आने लगा। हम दोनों लेट कर किस करने लगे, मैं कभी उसके मम्मों को दबाता.. तो कभी किस करता।

वो गरम आहें भर रही थी- अया अहहाअ.. दबाओ भैया.. चूसो इन्हें.. अया दबाओ.. पूरा मुँह में ले लो…

मैंने उसके शॉर्ट को निकाल कर उसकी गोरी जाँघों पर अपना हाथ रखा.. वो मचलने लगी। मैं उसकी मुलायम जाँघों को दबाने लगा.. और उसकी पेंटी निकाल कर उसकी चुत के दर्शन किए- अरे वाह.. चुत पर एक भी बाल नहीं है डार्लिंग.. आह.. क्या गुलाबी चुत है तुम्हारी!
वो बोली- आज तुम्हारे लिए ही मैंने बाल साफ़ किए हैं।

मैंने उसकी चुत को हाथ से दबाया.. तो वो छटपटाने लगी। फिर मैंने धीरे से एक उंगली उसकी चुत में अन्दर डाल दी।
‘आआह.. धीरे.. पहली बार छुआ है किसी ने..!’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आँचल दीदी की शादी - by neerathemall - 16-08-2019, 02:58 PM



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