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आँचल दीदी की शादी
#68
कुछ समय बाद प्रीति की बहन की शादी में मुझे गाँव जाना था। मैं खुश हो गया और सोचने लगा कि वो कैसी लग रही होगी.. अब मुझे सेक्स का नॉलेज हो चुका था। मैं सोचने लगा कि वो कैसे पटेगी मेरे साथ चुदने के लिए!!

खैर हम सब गाँव पहुँच गए, मैं प्रीति को ढूँढ रहा था.. अचानक वो मेरे सामने आई। अरे वाह.. क्या जवान हो गई थी वो..! उसका दूध सा गोरा रंग, ऐसा लग रहा था जैसे अप्सरा हो।

मेरे हिसाब से उसके 32 के दूध और 34 की गांड होगी। वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी, मैं उसके पास गया और ‘हाय’ कहा। वो मुझसे बात तो कर रही थी, पर शर्मा रही थी। शाम को मैंने उसको छत पर आने का इशारा किया, वो समझ गई। हम दोनों वहाँ रखी सूखी घास में बैठ कर बात करने लगे।

मैंने कहा- काफ़ी बड़ी हो गई हो।
वो मुस्कुरा दी.. मैंने उसको उसका फिगर साइज़ पूछा.. तो उसने बताया कि 32-28-34 का है।
मैंने बोला- जवान लड़की के लिए आइडियल फिगर है।
वो मुस्कुरा दी, फिर मैंने उससे पूछा- याद है, हम यहाँ मिले थे!
वो मेरी तरफ देख कर शर्मा रही थी.. मैंने बोला- तुम मुझे बहुत पसंद हो.. आई लाइक यू वेरी मच।

उसने मुस्कुरा कर नजर नीचे कर ली। मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसके गालों को चूम लिया, उसने भी मेरे गालों पर चुम्मी कर दी।

मुझे तो मानो सिग्नल मिल गया था, मैंने देर ना करते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगा।

क्या मजा आ रहा था.. वो भी मेरा साथ देने लगी.. हम बस चूमते रहे। दस मिनट बाद हम दोनों ने होंठों को अलग किया.. उसके होंठ लाल हो गए थे। मैंने फिर से उसको जकड़ कर चूमना चालू किया। अब मैं उसके गाल, गर्दन पर चूम रहा था.. उसको मजा आ रहा था। धीरे-धीरे उसकी मादक सिसकारियाँ बढ़ने लगीं।

मैंने अब धीरे से उसके मम्मों को दबाना चालू किया, तो मैंने महसूस किया कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं उसका कुर्ता ऊपर करके उसके मम्मों को देखने लगा। वो शर्मा गई, पर मुस्कुरा कर मेरे हाथ को पकड़े हुए थी।

मैंने उसे रोका और बोला- ये काफ़ी बड़े हैं.. मुझे इधर किस करने दो।
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उसने मुस्कुराते हुए बोला- भाई तुम्हारे ही हैं.. तुमसे वादा जो किया था.. अब तक निभा रही हूँ। आ जाओ मेरे राजा भैया.. लो अपनी बहन का दूध पियो।

उसने हाथ खोल दिए और लेट गई.. मैं तो बस उन मम्मों पर टूट पड़ा। मैंने उसके लेफ्ट बूब को मुँह में लिया और चूसने लगा ‘उम्म्म उम्म्म उम्म्म…’
वो भी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करते हुए मेरा साथ दे रही थी।

मैंने ज़ोर से दबाना चालू किया.. तो प्रीति बोली- हाँ दबाओ.. और दबाओ बंटी.. तुम्हारे लिए कबसे प्यासे थे ये.. और दबाओ आ आ आअहह आअहह!


यह सब सुनकर मेरा लंड टाइट हो गया.. मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और दबाने को बोला। मैं उसके निपल्स काटने लगा.. उसकी सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थीं।
मैं काफ़ी उत्तेजित हो चुका था.. मैंने उसकी पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत दबाई.. तो उसने एक लंबी साँस ली- आआहह भैया.. बस करो!

मैंने पजामी को खोलने की कोशिश की ताकि उसकी गुलाबी चुत देख पाऊँ।

वो मुझे अपने से दूर करते हुए बोली- मेरे सैंया होश में आओ, हम खुली छत पर हैं, इधर कोई आ जाएगा तो देख लेगा। रात को मेरी जवानी का, मेरे बदन का पूरा मजा लूटना.. सब्र का फल मीठा होता है।

मैंने पूछा- कब?? मैं पागल हो चुका हूँ तेरे लिए..!
वो मुस्कुराई और बोली- रात को सेकेंड फ्लोर पर जो स्टोर रूम है, वहाँ आ जाना। गाँव में सब जल्दी सो जाते हैं, मैं वहीं मिलूंगी। फर्स्ट फ्लोर पर सामान पड़ा है.. तो उधर कोई नहीं होगा।

मैंने उसको किस किया और नीचे जाकर काम करने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आँचल दीदी की शादी - by neerathemall - 16-08-2019, 02:57 PM



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