16-08-2019, 02:49 PM
खैर मैं भी कोई कम हिम्मत वाली नहीं थी। अगर योगराज ने मुझ पर जबरदस्ती की तो फिर तो उन की मैं ऐसी बैंड बजाऊंगी की वह याद रखेंगे। मैं उन के विरुद्ध शिकायत कर सकती थी या फिर उन पर मुकद्दमा भी दायर कर सकती थी। पर मैं यह भी जानती थी की जो योग कह रहे थे वह एकदम सही था। योगराज वह काम ऑफिस में नहीं कर सकते थे। अगर वह अपने फ्री टाइम में मेरा काम कर देते हैं तो कंपनी को कोई आपत्ति नहीं थी। और दूसरे हमें अकेले में शान्ति से बैठना तो पडेगा ही। ऐसे काम में फोकस एकदम जरुरी था और उसके लिए एकदम शान्ति और एकांत होना अनिवार्य था। बस मैं उनकी यह बात से खूब गुस्सा थी की प्रोग्राम को देखे बगैर वह कैसे कह सकते हैं की वह घटिया होगा? खैर मुझे योगराज का आईडिया ठीक लगा। मैंने कुछ हिचकिचाहट के साथ कहा, "ठीक है। मैं समझ सकती हूँ की आप कह रहें वह सही है। मैं आपका जाती रूप से शुक्रिया अदा करती हूँ की आप मुझे और मेरी टीम को मदद करने के लिए तैयार हुए l हमने हमारे यह प्रोग्राम का काफी सख्ती से परिक्ष्ण किया है। फिर भी आप जैसे सीनियर प्रोग्रामर की राय हमारे लिए बहुत मायने रखती है। चूँकि आप ऑफिस के नजदीक रहते हैं इस लिए अगर आपको एतराज ना हो तो आपके घर में ही यह काम करें तो बेहतर है। तो फिर कब शुरू करें?"
योगराज मेरी बात सुनकर मुस्कराये। उनकी मुस्कान मुझे अच्छी लगी। उस मुस्कान में कोई कड़वाहट नहीं थी। मुझे योग से इतनी ज्यादा पूर्व ग्रह होते हुए भी ऐसा लगा की वह मुस्कान में कोई कटाक्ष या कटुता नहीं थी। पर फिर मेरे मन में शक उठा की एक माहिर अभिनेता की तरह उनकी मुस्कान कहीं उनकी लोलुपता और कपटता को छुपानी उनकी कोशिश तो नहीं थी? हालांकि मैं खुश थी की वह हमें मदद करने के लिए राजी हो गए थे, पर उस से योगराज के प्रति उन का महिलाओं की व्यावसायिक कार्यदक्षता के प्रति जो हीन भाव था, उसके कारण मेरे जहन में कूट कूट कर भरा जो द्वेष और घृणा का भाव था वह कम नहीं हुआ था। खैर योग और मैंने तय किया की हम शुक्रवार शाम से काम शुरू करेंगे। पहले वह ऑफिस में अपना काम ख़तम करके मुझे अपनी कार में उनके घर ले जाएंगे। हम दोनों वहाँ देर रात तक काम करेंगे और फिर योगराज मुझे मेरे घर छोड़ देंगे। दूसरे दिन शनिवार को सुबह फिर वह मुझे अपने घर से अपनी कार में लेने आएंगे और फिर हम दोनों उनके घर शनिवार पुरे दिन उनके घर काम करेंगे। इतवार को भी ऐसे ही चलता रहेगा। हमें उम्मीद थी की सारा काम इतवार रातको खतम हो जाएगा। यह सब तय करने के बाद मेरी और देखकर योगराज बोले, "प्रिया, मैं एक व्यावसायिक प्रोफेशनल हूँ। मेरे जहन में तुम्हें पाने की कितनी भी गहरी इच्छा क्यों ना हो, मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ की मैं तुम्हें मेंरे अपार्टमेंट में अकेला पाकर जबरदस्ती नहीं करूंगा। मैंने योग की और देखा और उतने ही आत्म-विश्वास और हिम्मत से जवाब दिया, "आप ऐसा कुछ करने के बारे में सोचना भी मत। मैं भी एक प्रोफेशनल हूँ और बलात्कारियों या छेड़नेवालों से कैसे निपटना यह मैं बहुत अच्छी तरह जानती हूँ। आप गलती से भी यह कोशिश करने के बारे में अपने ही भले के लिए मत सोचियेगा।" मैंने ऐसा कह तो दिया पर मेरे अंदर वास्तवमें इतना आत्म-विश्वास था नहीं जितना की मैं दिखावा कर रही थी।
मैं वास्तव में तो उनकी बात सुनकर डर गयी और सोचने लगी की जरूर योगराज के मन में मुझ पर जबरदस्ती करने का प्लान है। पर मैंने मेरे इस शक को फ़ौरन खारिज कर दिया यह सोच कर की अगर उनके मन में ऐसा प्लान होता तो भला मुझे वह इसके बारे में ऐसे कहते नहीं। योग ने मेरा प्रोग्राम अपने लैपटॉप में लोड कर लिया था और उनकी एप्प उन्होंने मुझे दी थी; ताकि मैं भी उसे देखलूं की वह मेरे प्रोग्राम के साथ कॉन्फ़िगर हो सकती थी या नहीं। मैंने जब मेरी टीम को योग के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया सबमें राहत और ख़ुशी की लहर फ़ैल गयी। सब ने आकर मुझे बधाई दी और मेरा आभार व्यक्त किया।
जिस लड़की ने मुझे योग से मिलने की सलाह दी थी उसने जब सूना तो वह मेरे पास आयी और मुझे बधाई देते हुए मेरे कानों में फुसफुसा कर बोली, "योगराज सिर्फ काम के मामले में ही एक्सपर्ट नहीं है, वह बिस्तर में भी कमाल के लवर हैं। मैं गलत नहीं कह रही, जब वह सेक्स करते हैं तो वह उद्दंड और अभिमानी नहीं बल्कि एक अनुकम्पाशील प्रेमी की तरह व्यवहार करते हैं। एक बार उनसे सेक्स करने से उनकी लत लग जाती है।". फिर वो मेरी और देखकर एक गहरी साँस लेते हुए बोली, "काश मुझे यह अनुभव दुबारा होता। तुम तो बहुत भाग्य शाली हो। तुम्हारे आते ही वह एकदम बदल गए। अब वह हमारी और देखते भी नहीं है। योग सर तो तुम्हें जैसे चकोर चाँद को देखता है ऐसे देखते हैं। मेरी और से बेस्ट ऑफ़ लक।" यह कह कर वह लड़की मेरी और देख कर आँख मार कर चली गयी। मैं समझ गयी की लड़की का क्या इशारा था। वह सोच रही थी की अब तो मेरा योग सर से चुदवाना तय था। बस और क्या था? मेरी टाँगें, मेरी चूत और मेरी निप्पलेँ फिर जवाब देने लगीं। मेरी चूत में से पानी रिसना फिर शुरू हो गया, मेरी निप्पलेँ फूलगयीं और मेरी टाँगें ढीली पड़ने लगीं।
योगराज मेरी बात सुनकर मुस्कराये। उनकी मुस्कान मुझे अच्छी लगी। उस मुस्कान में कोई कड़वाहट नहीं थी। मुझे योग से इतनी ज्यादा पूर्व ग्रह होते हुए भी ऐसा लगा की वह मुस्कान में कोई कटाक्ष या कटुता नहीं थी। पर फिर मेरे मन में शक उठा की एक माहिर अभिनेता की तरह उनकी मुस्कान कहीं उनकी लोलुपता और कपटता को छुपानी उनकी कोशिश तो नहीं थी? हालांकि मैं खुश थी की वह हमें मदद करने के लिए राजी हो गए थे, पर उस से योगराज के प्रति उन का महिलाओं की व्यावसायिक कार्यदक्षता के प्रति जो हीन भाव था, उसके कारण मेरे जहन में कूट कूट कर भरा जो द्वेष और घृणा का भाव था वह कम नहीं हुआ था। खैर योग और मैंने तय किया की हम शुक्रवार शाम से काम शुरू करेंगे। पहले वह ऑफिस में अपना काम ख़तम करके मुझे अपनी कार में उनके घर ले जाएंगे। हम दोनों वहाँ देर रात तक काम करेंगे और फिर योगराज मुझे मेरे घर छोड़ देंगे। दूसरे दिन शनिवार को सुबह फिर वह मुझे अपने घर से अपनी कार में लेने आएंगे और फिर हम दोनों उनके घर शनिवार पुरे दिन उनके घर काम करेंगे। इतवार को भी ऐसे ही चलता रहेगा। हमें उम्मीद थी की सारा काम इतवार रातको खतम हो जाएगा। यह सब तय करने के बाद मेरी और देखकर योगराज बोले, "प्रिया, मैं एक व्यावसायिक प्रोफेशनल हूँ। मेरे जहन में तुम्हें पाने की कितनी भी गहरी इच्छा क्यों ना हो, मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ की मैं तुम्हें मेंरे अपार्टमेंट में अकेला पाकर जबरदस्ती नहीं करूंगा। मैंने योग की और देखा और उतने ही आत्म-विश्वास और हिम्मत से जवाब दिया, "आप ऐसा कुछ करने के बारे में सोचना भी मत। मैं भी एक प्रोफेशनल हूँ और बलात्कारियों या छेड़नेवालों से कैसे निपटना यह मैं बहुत अच्छी तरह जानती हूँ। आप गलती से भी यह कोशिश करने के बारे में अपने ही भले के लिए मत सोचियेगा।" मैंने ऐसा कह तो दिया पर मेरे अंदर वास्तवमें इतना आत्म-विश्वास था नहीं जितना की मैं दिखावा कर रही थी।
मैं वास्तव में तो उनकी बात सुनकर डर गयी और सोचने लगी की जरूर योगराज के मन में मुझ पर जबरदस्ती करने का प्लान है। पर मैंने मेरे इस शक को फ़ौरन खारिज कर दिया यह सोच कर की अगर उनके मन में ऐसा प्लान होता तो भला मुझे वह इसके बारे में ऐसे कहते नहीं। योग ने मेरा प्रोग्राम अपने लैपटॉप में लोड कर लिया था और उनकी एप्प उन्होंने मुझे दी थी; ताकि मैं भी उसे देखलूं की वह मेरे प्रोग्राम के साथ कॉन्फ़िगर हो सकती थी या नहीं। मैंने जब मेरी टीम को योग के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया सबमें राहत और ख़ुशी की लहर फ़ैल गयी। सब ने आकर मुझे बधाई दी और मेरा आभार व्यक्त किया।
जिस लड़की ने मुझे योग से मिलने की सलाह दी थी उसने जब सूना तो वह मेरे पास आयी और मुझे बधाई देते हुए मेरे कानों में फुसफुसा कर बोली, "योगराज सिर्फ काम के मामले में ही एक्सपर्ट नहीं है, वह बिस्तर में भी कमाल के लवर हैं। मैं गलत नहीं कह रही, जब वह सेक्स करते हैं तो वह उद्दंड और अभिमानी नहीं बल्कि एक अनुकम्पाशील प्रेमी की तरह व्यवहार करते हैं। एक बार उनसे सेक्स करने से उनकी लत लग जाती है।". फिर वो मेरी और देखकर एक गहरी साँस लेते हुए बोली, "काश मुझे यह अनुभव दुबारा होता। तुम तो बहुत भाग्य शाली हो। तुम्हारे आते ही वह एकदम बदल गए। अब वह हमारी और देखते भी नहीं है। योग सर तो तुम्हें जैसे चकोर चाँद को देखता है ऐसे देखते हैं। मेरी और से बेस्ट ऑफ़ लक।" यह कह कर वह लड़की मेरी और देख कर आँख मार कर चली गयी। मैं समझ गयी की लड़की का क्या इशारा था। वह सोच रही थी की अब तो मेरा योग सर से चुदवाना तय था। बस और क्या था? मेरी टाँगें, मेरी चूत और मेरी निप्पलेँ फिर जवाब देने लगीं। मेरी चूत में से पानी रिसना फिर शुरू हो गया, मेरी निप्पलेँ फूलगयीं और मेरी टाँगें ढीली पड़ने लगीं।