16-08-2019, 12:49 PM
अजित में टिकने की क्षमता देख कर मैं हैरान रह गयी। मेरे पति मुझे चोदते समय ज्यादा से ज्यादा दो या तीन मिनट तक टिक पाते थे। पर अजित तो लगा ही रहा। कम से कम दस से पंद्रह मिनट तक जरूर अच्छी तरह उसने मुझे चोदा। मुझे अजित के लण्ड की चुदाई से इतनी उत्तेजना हो रही थी की अजित से पहले ही मैं दुबारा ढेर होने वाली थी। पर मैं चाहती थी की मैं और अजित एक साथ ही अपना माल छोड़ें। मुझे अजित के माल छोड़ने की चिंता नहीं थी क्यूंकि मैंने उसे टोटी पहना रक्खी थी। मैंने अजित को निचे से ही ऊपर की और धक्का मारना शुरू किया। मैं अजित को जताना चाहती थी की मैं अब अपना पानी छोड़ने वाली हूँ। अजित ने जब यह देखा तो उसने अपनी रफ़्तार और तेज कर दी। अब मैं उत्तेजना से तार तार हो रही थी। मेरा दिमाग उत्तेजना और रोमाँच से घूम रहा था। मैं जैसे उत्तेजना के सैलाब में उल्लास की ऊँची ऊँची मौंजों पर एक काबिल गोताखोर की तरह पाँव में लकड़ी की पट्टी लेकर चरम की ऊँचाइयाँ छू रही थी। मेरे जहन में एक ही गजब का धमाका हुआ और मेरा पूरा बदन जैसे तनाव से झकझोर हो गया। मैं कामोन्माद की चरम सीमा पार कर चुकी थी। वह सम्भोग के चरम का उन्माद अवर्णनीय था। अजित कैसा भी हो, चुदाई का वह निष्णात था। मेरे छूटने के साथ साथ ही मुझे महसूस हुआ की उसकी टोटी में उसका गरम गरम वीर्य का फौव्वारा छूटा और वह थैली उसके माल से भर गयी। मुझे डर था की उसका वीर्य इतना ज्यादा ना हो की कहीं थैली ही ना फट जाए।
अपना माल छोड़ कर अजित मेरे ऊपर ही निढाल होकर गिरा। अब मुझे उसके बदन का भार लगा। चुदाई के पागलपन में तो मुझे उसके वजन का एहसास तक नहीं हुआ था। उस रात मैंने अजित से मेरी कई महीनों की चुदाई की भूख शांत हो इतनी चुदाई कराई। मैं उससे निचे रह कर एक बार तो एक बार उसके ऊपर चढ़ कर, एक बार मेरी पीछे से कुत्ता कुतिया जैसे तो एक बार टेढ़े होते हुए चुदाई करवाई। सुबह होते होते मेरी चूत सूझ गयी थी। मैं ठीक से चल ने की हालत में नहीं थी। पर मुझे संतोष था की मैंने मेरे पति की बेवफाई का उस रात पूरा बदला लिया। मेरे पति ने किसी और को चोदा था तो मैंने किसी और से चूदवाया। और एक बार नहीं, कई बार चुदवाया।
उस रात के बाद मैंने अजित को दो बार देर रात घर पर बुलाया और उससे मेरी अच्छी तरह चुदाई कराई। मुझे अब अच्छा लगने लगा था।
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समय बीतते मुझे महसूस होने लगा की अजित हमारी चुदाई के बाद से मुझे हीन नज़रों से देखने लगा था। वह मुझ पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश करने लगा था। उसे लगा की जैसे मैं उसकी बपौती संपत्ति हूँ। मुझे यह कतई मंजूर नहीं था। मैं एक सम्मान के काबिल स्वतंत्र प्रोफेशनल महिला था। एक रात के वाकये से इंसान बदल तो नहीं जाता? मैंने कई बार अजित को बताने की कोशिश की जो उस रात को हुआ वह आवेश में हुआ था। उसे पीछे छोड़ कर हमें आगे बढ़ना चाहिए। मैं कोई राँड़ नहीं थी। पर अजित का मेरी तरफ रवैया नहीं बदला। वह मेरे साथ वही अपमान जनक तरीके से बात करने लगा। तो फिर मैंने तय लिया की अजित से नाता तोड़ दिया जाए। इतना ही नहीं, वह मुझसे अशिष्ट भाषा में बात करने लगा था। मुझे अपमान जनक शब्द वह आम बोलने लगा था। मुझे लगा की अजित को पहले से ही मुझे नियत्रण में रखना चाहिए था। पर तीर कमान से निकल चुका था।
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तीसरी बार अजित बिना बुलाये घर आ गया। वह काफी शराब पिए हुए था और मुझसे बड़ा ही अपमान जनक व्यवहार करने लगा और मुझे बड़े भद्दे शब्दों में गालियाँ देने लगा। उस रात अजित ने मुझ पर जबर दस्ती की। मेरे काफी मना कर ने पर भी उसने नशे में ही मुझे चोदा और मैंने उससे चुदाई तो करवाई पर मैंने तय किया की उस रात के बाद मैं अजित से कोई सम्बन्ध नहीं रखूंगी।
मैंने उसे सुबह जाते हुए कह दिया की अब हम नहीं मिलेंगे। उस रात के बाद मैंने उसके फ़ोन लेना बंद कर दिया। फिर भी वह मुझे फ़ोन करने से बाज नहीं आया तो मैंने उसे धमकी दी की अगर वह मुझे फ़ोन करेगा तो मैं सिक्युरिटी में शिकायत कर दूंगी। उसके बाद उसके फ़ोन आने बंद हो गए और उसके बाद हम नहीं मिले। उसके कई मैसेज आये। मैंने उसे एक ही मैसेज दिया की मैं अब उसमें इंटरेस्टेड नहीं हूँ।
उस रात के बाद मैं शाम को घर आते डरती थी। पर मुझे अजित ने और परेशान नहीं किया। मैंने मेरे ऑफिस जाने का समय भी बदल दिया। मैं अजित से दूर रहना चाहती थी।
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ऐसे ही कई महीने बीत गए। मुझे अजित नहीं दिखा। शायद उसने घर या जॉब बदल दिया था। अजित से चुदवाने के बाद मेरी चूत कुछ दिनों के लिए तो शांत हुई, पर फिर तो उसकी भूख और भी बढ़ गयी।
अपना माल छोड़ कर अजित मेरे ऊपर ही निढाल होकर गिरा। अब मुझे उसके बदन का भार लगा। चुदाई के पागलपन में तो मुझे उसके वजन का एहसास तक नहीं हुआ था। उस रात मैंने अजित से मेरी कई महीनों की चुदाई की भूख शांत हो इतनी चुदाई कराई। मैं उससे निचे रह कर एक बार तो एक बार उसके ऊपर चढ़ कर, एक बार मेरी पीछे से कुत्ता कुतिया जैसे तो एक बार टेढ़े होते हुए चुदाई करवाई। सुबह होते होते मेरी चूत सूझ गयी थी। मैं ठीक से चल ने की हालत में नहीं थी। पर मुझे संतोष था की मैंने मेरे पति की बेवफाई का उस रात पूरा बदला लिया। मेरे पति ने किसी और को चोदा था तो मैंने किसी और से चूदवाया। और एक बार नहीं, कई बार चुदवाया।
उस रात के बाद मैंने अजित को दो बार देर रात घर पर बुलाया और उससे मेरी अच्छी तरह चुदाई कराई। मुझे अब अच्छा लगने लगा था।
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समय बीतते मुझे महसूस होने लगा की अजित हमारी चुदाई के बाद से मुझे हीन नज़रों से देखने लगा था। वह मुझ पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश करने लगा था। उसे लगा की जैसे मैं उसकी बपौती संपत्ति हूँ। मुझे यह कतई मंजूर नहीं था। मैं एक सम्मान के काबिल स्वतंत्र प्रोफेशनल महिला था। एक रात के वाकये से इंसान बदल तो नहीं जाता? मैंने कई बार अजित को बताने की कोशिश की जो उस रात को हुआ वह आवेश में हुआ था। उसे पीछे छोड़ कर हमें आगे बढ़ना चाहिए। मैं कोई राँड़ नहीं थी। पर अजित का मेरी तरफ रवैया नहीं बदला। वह मेरे साथ वही अपमान जनक तरीके से बात करने लगा। तो फिर मैंने तय लिया की अजित से नाता तोड़ दिया जाए। इतना ही नहीं, वह मुझसे अशिष्ट भाषा में बात करने लगा था। मुझे अपमान जनक शब्द वह आम बोलने लगा था। मुझे लगा की अजित को पहले से ही मुझे नियत्रण में रखना चाहिए था। पर तीर कमान से निकल चुका था।
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तीसरी बार अजित बिना बुलाये घर आ गया। वह काफी शराब पिए हुए था और मुझसे बड़ा ही अपमान जनक व्यवहार करने लगा और मुझे बड़े भद्दे शब्दों में गालियाँ देने लगा। उस रात अजित ने मुझ पर जबर दस्ती की। मेरे काफी मना कर ने पर भी उसने नशे में ही मुझे चोदा और मैंने उससे चुदाई तो करवाई पर मैंने तय किया की उस रात के बाद मैं अजित से कोई सम्बन्ध नहीं रखूंगी।
मैंने उसे सुबह जाते हुए कह दिया की अब हम नहीं मिलेंगे। उस रात के बाद मैंने उसके फ़ोन लेना बंद कर दिया। फिर भी वह मुझे फ़ोन करने से बाज नहीं आया तो मैंने उसे धमकी दी की अगर वह मुझे फ़ोन करेगा तो मैं सिक्युरिटी में शिकायत कर दूंगी। उसके बाद उसके फ़ोन आने बंद हो गए और उसके बाद हम नहीं मिले। उसके कई मैसेज आये। मैंने उसे एक ही मैसेज दिया की मैं अब उसमें इंटरेस्टेड नहीं हूँ।
उस रात के बाद मैं शाम को घर आते डरती थी। पर मुझे अजित ने और परेशान नहीं किया। मैंने मेरे ऑफिस जाने का समय भी बदल दिया। मैं अजित से दूर रहना चाहती थी।
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ऐसे ही कई महीने बीत गए। मुझे अजित नहीं दिखा। शायद उसने घर या जॉब बदल दिया था। अजित से चुदवाने के बाद मेरी चूत कुछ दिनों के लिए तो शांत हुई, पर फिर तो उसकी भूख और भी बढ़ गयी।