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Adultery चुनौती... (Complete)
#12
अजित ने कहा, "मेरी बीबी का नाम पूजा है। मैं पूजा को सरप्राइज देना चाहता था। इस लिए मैंने उसे बताया नहीं की मैं रहा था। घर पहुँचने वाली ट्रैन काफी लेट थी। दो दिन का सफर पूरा करने के बाद मैं घर देर से रात को करीब बारह बजे पहुंचा l मेरे पास घर की चाभीयाँ थी, तो मैं ने बाहर का दरवाजा खोला। मेरे माँ बाप सो गए थे। जैसे ही मैं अपने बैडरूम के दरवाजे के पास पहुंचा की उसको अंदर से पूजा की हँसने की आवाज सुनाई दी। उसके फ़ौरन बाद किसी मर्द की आवाज सुनाई दी। मुझे लगा की जैसे पूजा किसी मर्द के साथ हँस हँस के बात कर रही थी l आधी रात को बैडरूम का दरवाजा बंद करके पूजा किसी और मर्द से क्या बात कर रही होगी? यह सोच कर मेरा माथा ठनक गया। मैं जैसे धरती में गड गया हो ऐसा मुझे महसूस हुआ, फिर मैंने सोचा की शायद मुझे कोई गलफहमी हो सकती है। तो मैंने धीरे से बैडरूम के दरवाजे में अपनी चाभी लगाई और उसे इतने धीरे से खोला की अंदर उसको आवाज ना सुनाई दे। हमारा बैडरूम काफी बड़ा है और दरवाजे के बाद एक छोटा सा पैसेज है। बैडरूम के अंदर से कोई देख नहीं सकता की दरवाजा खुला है या बंद। पैसेज में एक पर्दा लगा हुआ था। परदे के पीछे छिप कर अंदर का नजारा देख कर मेरी की आँखें चौंधियाँ गयीं और पाँव तले से जैसे जमीन खिसक गयी

मेरा छोटा भाई और मेरी बीबी दोनों बिस्तर में एकदम नंगे लेटे हुए थे और मेरा भाई अपनी भाभी के मम्मों को चूस रहा था। पूजा मेरे भाई के लण्ड को सहला रही थी और दोनों आपस में कुछ बातें कर रहे थे।" अजित की आँखें यह कहते हुई भर आयीं। उसने मेरे कंधे पर सर रखा और थोड़ी देर तक चुप रहा। उस ने कहा, "मेरा मन किया की मैं उस मेरी बीबी राँड़ को वहीँ गोली दाग कर मार डालूं। या कम से कम जोर से चिल्लाऊं और उन दोनों को डाँटू l मैं अपने भाई से क्या कहूं? मेरा भाई बड़ा सीधा सदा है। वह ऐसा कुछ कर नहीं सकता सिवाय के उसे उकसाया ना जाये। इसमें जरूर वह राँड़ की ही करतूत है। मेरी बीबी इतनी खूबसूरत है और कहीं ना कहीं मेरे भाई को उसने जरूर अपने जाल में लपेटा होगा l पर मैं यह सब देख कर अंदर से मर गया था। मुझे अब दुनिया में कुछ भी नजर नहीं रहा था। मैं किसको क्या कहूं? एक मेरा सगा भाई था और दूसरी मेरी बीबी। मुझे तब समझ में आया की शायद इनका चक्कर मेरी शादी से पहले से ही चल रहा होगा। क्यूंकि शादी से पहले ही मेरी बीबी घर में मेरे माँ बाप के साथ रहने के लिए राजी हो गयी थी।"

अजित जैसे वह सारा दृश्य अपनी आँखों के सामने देख रहा था। उसने कहा, "अँधेरे में उन दोनों ने मुझे नहीं देखा था। मैं वापस घुमा और दरवाजा वैसे ही धीरे से बंद करके उलटे पॉंव स्टेशन पर जा पहुंचा। वहाँ से सीधा वापस गया। मैं हैरान था उस औरत पर जिसने मुझे इतना बड़ा धोका दिया था। उस वेश्या को, उस कुलटा को मेरे भाई के साथ ही यदि रंगरेलियां ही करनी थी तो साली कुतिया ने मुझे शादी से पहले क्यों नहीं बताया? मैं उससे शादी नहीं करता l मेरा बहुत मन किया की मैं अपनी बीबी को इतनी सारी गालियां दूँ की वह आगे से कभी ऐसा करने का सोचे नहीं। पर मैं अपना मन मसोस कर वापस आने के दो दिनों तक अपने कमरे में ही पड़ा रहा। मैंने छुट्टियां ले रखीं थीं। तो मुझे ऑफिस जाने की जल्दी नहीं थी l फिर मैंने तय किया की मैं अपनी जिंदगी वैसे ही जारी रखूंगा जैसे पहले थी और फिर आराम से सोचूंगा की मुझे क्या करना है। आज मैं ऑफिस गया और पहले की तरह काम में जुट गया। और इसी कारण देर हुई और फ़ोन भी नहीं कर पाया। पर मेरे मन में जो आग लगी है उसका क्या करूँ

 
मुझे अजित अपनी आप बीती सुना चूका था और शायद अब बारी मेरी थी. अजित मेरी और देखने लगा।

मैंने कहा, "औरत और मर्द मिलते हैं ना? जब उनके लिंग मिलते हैं ना? तो उसे मैटिंग कहते हैं?" अजित ने कहा, "ओह, तुम्हारा मतलब है मैटिंग का मतलब है चुदाई करना।" अजित की बात सुनकर मैं थोड़ा सा सहम गयी। मैंने उम्मीद नहीं की थी अजित ऐसी बात कहेंगे। मैं थोड़ी हैरानगी से अजित की और देखने लगी। मेरी चूत में कुछ कुछ खुजली सी होने लगी और रस रिसना शुरू हो गया। मेरी निप्पलोँ में भी कुछ कुछ होने लगा। धीरे धीरे मेरी निप्पलें फुलने लगीं। मैंने अजित से कहा, "मेरे भड़वे पति ने भी मेरे साथ भी वही किया जो तुम्हारी बीबी ने तुम्हारे साथ किया। साला कुत्ता! अरे कुत्ता तो वफादार होता है। वह तो कुत्ता से भी बदतर है।" मैंने चंद शब्दों में ही मेरी कहानी कह डाली। मैंने भी ऐसा कह कर मेरे मन की भड़ास निकाली।

पर अब मुझे अजित के बारे में सोचना था। वह तो मेरे घर आकर बैठ गया था। हालांकि उसका दर्द गहरा था फिर भी ऐसे बिन बुलाये जाना मुझे जँचा नहीं। मैं अपने मन में सोच रही थी, यह जनाब कब जाएंगे? जाएंगे भी या नहीं? मैं अजित को ज्यादा पसंद नहीं करती थी। मुझे उसका देहाती रवैया वैसे भाता नहीं था, पर हाँ उसका यह खुरदरा पन और कर्कश बर्ताव मेरे जहन में कुछ अजीब सी हलचल पैदा करता था, जिससे मेरी उससे चुदाई करने की इच्छा प्रबल हो जाती थी। मेरा दिमाग कह रहा था की अजित चला जाए और मन कह रहा था की अजित रुक जाए और मुझ पर जबरदस्ती करे और मुझे चोदे।
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चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:23 PM
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RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 01-08-2021, 03:53 PM



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