Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery चुनौती... (Complete)
#5
अजित के सवाल से मैं सकते में गयी। उसने जाने अनजाने में बिना पूछे अप्रत्यक्ष रूप से मुझे पूछ लिया की आप ही बताओ, क्या आप मेरी मदद कर सकती हो? वैसे तो सवाल का जवाब आसान था। उसके लण्ड को एक स्त्री की चूत की चाह थी और मेरी चूत को एक पुरुष के कड़क लण्ड की। हम अगर एक दूसरे की मदद करें तो हो सकती थी। पर हमारी दूरियां हमारी मज़बूरीयाँ थी। 

मैंने उसे सहमे आवाज में कहा, "अजित तुम्हारा दर्द मैं समझ सकती हूँ। हमारा दर्द एक सा है। तुम्हारी पत्नी होते हुए भी तुम्हें उससे दूर रहना पड़ता है। मेरे भी पति होते हुए भी मुझे उनका साथ नहीं मिलता।" अजित को यह एहसास दिलाना की मैं भी उसीकी तरह पीड़ित हूँ वह मेरी तीसरी गलती थी।



-

उन्ही दिनों एक दीन मेट्रो लाइन में कुछ गड़बड़ी के कारण मेट्रो देरी से चल रही थीं और दो ट्रैन के आने बिच का अंतर काफी ज्यादा था। जब मैं स्टेशन पर पहुंची तो पाया की इतनी ज्यादा भीड़ जमा हो गयी थी की ऐसा लगता था की मेट्रो में दाखिल होना नामुमकिन सा लग रहा था। मैं अजित के साथही मेट्रो स्टेशन पर आयी थी। भीड़ देख कर मैंने अजित से कहा, "इस भीड़ में तो दाखिल होना मुश्किल है। मेरा ऑफिस जाना बहुत जरुरी है। अगर मैं बस या टैक्सी करके जाउंगी तो बहुत समय लग जाएगा।"
 
तब अजित ने मुझे कहा, "तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हें मेट्रो में ले जाऊंगा और तुम्हें सही समय पर दफ्तर पहुंचा दूंगा। यह मेरी जिम्मेवारी है।" मैंने उसकी बात सुनी और मुझे अजित पर पूरा विश्वास था। जैसे ही मेट्रो ट्रैन रुकी, की अजित ने लगभग मुझे अपनी बाँहों में उठा लिया और दौड़ कर दरवाजा खुलते ही अंदर घुस गया। जब अजित ने मुझे अपनी बाहों में उठाया तो उसके एक हाथ की उँगलियाँ सीधी मेरे स्तनोँ को दबा रही थीं। वह अपनी उंगलियां ऊपर निचे करके मेरे स्तनोँ का मजा ले रहा था। मैंने यह साफ़ साफ़ अनुभव भी किया। मेरा एक बार मन भी किया की मैं उसे कहूं की ऐसा ना करे। पर मैं भी तो उसके इस कार्य से काफी उत्तेजित हो रही थी और दिल से नहीं चाहती थी की वह रुके।

मुझे उस समय यह चिंता भी थी की मैं ऑफिस कैसे जल्दी पहुंचूं। बल्कि मैं अजित की आभारी रही की उसने कैसे भी करके मेट्रो में मुझे पहुंचा ने का जुगाड़ तो किया। मुझे सीट तो नहीं मिली पर मुझे दिवार से सट कर खड़े रहने की जगह मिलगई। अजित मेरे बिलकुल सामने ढाल की तरह खड़ा हो गया, ताकि और कोई मुझे धक्का नहीं दे सकें. जिस कोच में 100 इंसान होने चाहिए उसमें 2000 लोग जमा हो तो क्या हाल होगा? इतने लोग घुसे की तिल भर की जगह नहीं थी। अजित खड़ा भी नहीं हो सकता था। उसको मेरी और अपनी कमर आगे करनी पड़ रही थी क्यूंकि पीछे से उसको ऐसा धक्का लग रहा था। जैसे तैसे ट्रैन चल पड़ी। अजित और मैं ऐसे भीड़ में चिपके हुए थे की जैसे हमारे दोनों के बदन एक ही हों।

अजित का लण्ड मेरी चूत को इतने जोर से दबा रहा था की यह समझ लो की अगर कपडे नहीं पहने होते तो उसका लण्ड मेरी चूत में घुस ही जाता। अजित की छाती मेरे स्तनों को कस कर दबा रही थी। मैंने महसूस किया की मेरे बदन का सहवास पाते ही अजित का लण्ड खड़ा हो रहा था। कुछ ही देर में तो वह लोहे की छड़ की तरह खड़ा हो गया था। और क्यूँ ना हो? मेरे जैसी औरत अगर उसके बदन चिपक कर खड़ी हों तो भला कोई नामर्द का लण्ड भी खड़ा हो जाए। तो अजित तो अच्छा खासा हट्टाकट्टा नौजवान था। उसका लण्ड खड़ा होना तो स्वाभाविक ही था। पर मेरा हाल यह था की अजित का लण्ड मेरी चूत में चोँट मारते रहने से मेरी हालत खराब हो रही थी। मेरी कमजोरी है की मैं थोड़ी सी भी उत्तेजित हो जाती हूँ तो मेरी चूत में से पानी रिसने लगता है और पेरी निप्पलेँ फूल जाती हैं।

उस समय भी ऐसा ही हुआ। मैंने जीन्स पहन रखी थी। मुझे डर था की कहीं ज्यादा पानी रिसने कारण वह गीली हो जाए। और अगर वह ज्यादा गीली हो गयी तो गड़बड़ हो जायेगी। ख़ास तौर से अजित को यह पता ना लगे की मैं ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी, वरना वह कहीं उसका गलत मतलब ना निकाल ले। मुझे देखना था की कहीं मेरी जीन्स ज्यादा गीली तो नहीं हो गयी थी। मैंने अपना हाथ निचे की और करने की कोशिश की। भीड़ इतनी थी की मैं अपना हाथ इधर उधर नहीं कर पा रही थी। मेरा हाथ एक स्टील के पकड़ ने वाले पाइप को पकडे हुए था। वैसे तो मैं ऐसी फँसी हुई थी की कोई चीज़ को पकड़ने की जरुरत ही नहीं थी। अजित ने मुझे इतना कस के पकड़ा था की मैं कहीं भी टस की मस नहीं हो पा रही थी। जब अजित ने देखा की मैं अपना हाथ निचे ले जाने की कोशिश कर रही थी तो उसने बड़ी ताकत लगाई और मेरा हाथ पकड़ कर निचे किया।
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:23 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:24 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:25 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:26 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:28 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:29 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:31 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:34 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:37 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:38 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:39 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:40 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:41 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:42 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:43 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:44 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:45 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 12:49 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 01:37 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:31 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:32 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:35 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:36 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:38 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:41 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:44 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:45 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:46 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:47 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:49 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:51 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 02:52 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:47 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:49 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:51 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:53 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:54 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:56 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 06:58 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:01 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:09 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:11 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:13 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:16 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:18 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:19 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:20 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:21 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:27 PM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 16-08-2019, 07:30 PM
RE: चुनौती... - by asha10783 - 27-09-2019, 06:06 AM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 27-09-2019, 08:06 AM
RE: चुनौती... - by usaiha2 - 27-09-2019, 08:07 AM
RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 29-01-2020, 02:41 PM
RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 08-04-2020, 04:48 AM
RE: चुनौती... (Complete) - by bhavna - 08-10-2020, 01:06 AM
RE: चुनौती... (Complete) - by usaiha2 - 01-08-2021, 03:53 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)