16-08-2019, 02:47 AM
रात को एक बजे मुझे अपने मुँह पर गीला गीला सा कुछ अजीब सा लगा. मैंने आंख खोल कर देखा, तो स्मायरा मेरे बिस्तर पर बगल में लेटी हुई मुझे किस कर रही थी.
मैंने फुसफुसाते हुए कहा- इस टाइम कोई देख लेगा.
वो बोली- सब सो रहे हैं और पापा भैया हॉस्पिटल गए हैं, वे सुबह ही आएंगे.
मैंने बोला- फिर भी यार भाभी या कोई और आ गया तो?
स्मायरा बोली- डर मुझे लगना चाहिये और डर आप रहे हो?
ये बोल कर वो हंसने लगी. मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठों के बीच लेकर किस करने लगा.
वो बोली- रुको एक मिनट.
वो खुद के रूम में जाकर आयी.
मैं बोला- क्या लेने गई थी?
वो बोली- ये.
उसके हाथ में कंडोम देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं समझ गया कि ये पूरी तैयारी में आई है.
मैंने पूछा- ये कहां से लाईं?
वो बोली- हॉस्पिटल से आते टाइम हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर से ले लिया था. मुझे पता था मेरे भोलू राम तो लेंगे नहीं.
ये बोल कर स्मायरा हंसने में लग गयी.
उसके मुँह से ये सब सुन कर मेरे अन्दर जोश आ गया. एक तो वो वैसे ही सेक्सी थी, ऊपर से उसने बरमूडा और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिसमें से उसकी चिकनी जांघें दिख रही थीं.
मैं तो जैसे पागल ही हो गया. उसको किस करता हुआ उसके 34 साईज के बोबों को टी-शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा और जोर जोर से दबाने लगा.
उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं. मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए, उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. सामने पिंक कलर की ब्रा में उसके सफ़ेद टाइट मम्मे इतने सुंदर लग रहे थे कि मेरे मुँह से आह निकल गई.
उसके तने हुए मम्मे मानो मुझसे कह रहे थे कि हमको आजाद कर दो … मगर मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही अपने दांतों से उनको काट रहा था.
स्मायरा का चेहरा वासना से एकदम लाल हो गया था. एक तो वो दूध के जैसी गोरी पहले से ही थी. इस पर उसके चेहरे की लालिमा उसे और भी मादक और खूबसूरत बना रही थी. मैं उसके जिस्म को चूमता हुआ उसकी पीठ के पीछे किस करने लगा.
वो चुदास से ऐसे तड़प रही थी, जैसे जल बिन मछली हो. मैं पीठ को चूमता हुआ ब्रा की पट्टी पर आया और अपने दांतों से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. मैंने उसके बोबों को आजाद कर दिया. इस बीच उसने भी मेरी टी-शर्ट उतार दी थी.
उसके मम्मे आजाद होते ही खुली हवा में मचलने लगे. मम्मों के ऊपर गुलाबी निप्पल मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक को जैसे ही अपने मुँह में लिया, उसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया. उसकी इस हरकत से मुझे और जोश आ गया. मैंने उसके निप्पल के साथ पूरे चूचे को मुँह में भर लिया. वो मुझे इस तरह अपने अन्दर समा रही थी कि कभी छोड़ेगी ही नहीं.
मैंने फुसफुसाते हुए कहा- इस टाइम कोई देख लेगा.
वो बोली- सब सो रहे हैं और पापा भैया हॉस्पिटल गए हैं, वे सुबह ही आएंगे.
मैंने बोला- फिर भी यार भाभी या कोई और आ गया तो?
स्मायरा बोली- डर मुझे लगना चाहिये और डर आप रहे हो?
ये बोल कर वो हंसने लगी. मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठों के बीच लेकर किस करने लगा.
वो बोली- रुको एक मिनट.
वो खुद के रूम में जाकर आयी.
मैं बोला- क्या लेने गई थी?
वो बोली- ये.
उसके हाथ में कंडोम देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं समझ गया कि ये पूरी तैयारी में आई है.
मैंने पूछा- ये कहां से लाईं?
वो बोली- हॉस्पिटल से आते टाइम हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर से ले लिया था. मुझे पता था मेरे भोलू राम तो लेंगे नहीं.
ये बोल कर स्मायरा हंसने में लग गयी.
उसके मुँह से ये सब सुन कर मेरे अन्दर जोश आ गया. एक तो वो वैसे ही सेक्सी थी, ऊपर से उसने बरमूडा और टी-शर्ट पहन रखी थी, जिसमें से उसकी चिकनी जांघें दिख रही थीं.
मैं तो जैसे पागल ही हो गया. उसको किस करता हुआ उसके 34 साईज के बोबों को टी-शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा और जोर जोर से दबाने लगा.
उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं. मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए, उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. सामने पिंक कलर की ब्रा में उसके सफ़ेद टाइट मम्मे इतने सुंदर लग रहे थे कि मेरे मुँह से आह निकल गई.
उसके तने हुए मम्मे मानो मुझसे कह रहे थे कि हमको आजाद कर दो … मगर मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही अपने दांतों से उनको काट रहा था.
स्मायरा का चेहरा वासना से एकदम लाल हो गया था. एक तो वो दूध के जैसी गोरी पहले से ही थी. इस पर उसके चेहरे की लालिमा उसे और भी मादक और खूबसूरत बना रही थी. मैं उसके जिस्म को चूमता हुआ उसकी पीठ के पीछे किस करने लगा.
वो चुदास से ऐसे तड़प रही थी, जैसे जल बिन मछली हो. मैं पीठ को चूमता हुआ ब्रा की पट्टी पर आया और अपने दांतों से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. मैंने उसके बोबों को आजाद कर दिया. इस बीच उसने भी मेरी टी-शर्ट उतार दी थी.
उसके मम्मे आजाद होते ही खुली हवा में मचलने लगे. मम्मों के ऊपर गुलाबी निप्पल मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक को जैसे ही अपने मुँह में लिया, उसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया. उसकी इस हरकत से मुझे और जोश आ गया. मैंने उसके निप्पल के साथ पूरे चूचे को मुँह में भर लिया. वो मुझे इस तरह अपने अन्दर समा रही थी कि कभी छोड़ेगी ही नहीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.