15-08-2019, 09:53 PM
इससे पहले वह लड़का के बढ़ता जग्गू ने खड़े होकर गान तान दी - भोसड़ी वालो कोई आगे बढ़ा तो यही लाशे बिछा दूंगा | यही तो वो चाहती है | आज पहले मै रीमा को चोदुंगा चाहे उसके लिए तुमारी लाश पर से ही क्यों न गुजरना पड़े | जग्गू के तेवर देखकर अब सच में दोनों लड़कों की फट के हाथ में आ गई | उन्हें लगा कही सच में ही न गोली मार दे | वो पीछे हट गए | रीमा की लग की उसकी सारी मेहनत बेकार हो गयी | अब तो सचमुच में रीमा की आँखों में आंसू आ गए | जग्गू के तेवर देख रीमा समझ गयी अब जग्गू से बचना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है | उसे पता था अगर जग्गू ने उसे चोद दिया तो तो जिंदगी भर अपनी आँखों में आंखे डाल कर सीना चौड़ा करके नहीं जी पायेगी | अब उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर वो क्या करे, उसके अन्दर का दर्द, बेबसी पीड़ा आंसू बनकर बहने लगा था और उन्हें वो रोक पाने में पूरी तरह असमर्थ थी |
उसके चेहरे के आंसू देखकर जग्गू ने अट्टहास किया - क्यों निकल गयी सारी हेकड़ी रीमा मैडम | उस दिन मुझे जरा सी गलती क्या हुई थी आपने तो मेरी गांड का भर्ता बना दिया था | आज आप कितने भी घड़ियाली आंसू बहावो, कितन भी मेरे पांव पड़ो, मिन्नतें करो लेकिन आज तो मै तुमारे साथ वही करूंगा जो सोचकर आया हूँ | चुपचाप चुदवा लो नहीं तो तड़प तड़प कर चुदोगी |
रीमा का पीला निराश चेहरा देख जग्गू अपना लंड हिलाता हुआ - स्वागत नहीं करोगी मेरे लंड का |
रीमा को लगा अब सबकुछ जग्गू के हाथ में है, एक बार माफ़ी मांगना जिंदगी भर की जिल्लत ढोने से तो अच्छा हो है |
रीमा - जग्गू ठीक है मुझसे गलती हो गई मुझे इतना ज्यादा तुम पर अत्याचार नहीं करना चाहिए था लेकिन गलती हर इंसान से होती है गलती माफी तो की जा सकती है प्लीज मुझे माफ कर दो |
जग्गू हैरान सा होकर अट्टहास भरने लगा - साला कितनी मादरचोद चूत है तू साली कुतिया, जब कुछ नहीं सूझ रहा तो मुझे माफ़ी पर ज्ञान चोद रही है | मेरी डिक्शनरी से माफ़ी शब्द उसी दिन गायब हो गया था जब तू बेरहमी से मेरी गांड के चीथड़े उड़ा रही थी | तुझे लगता है तूने जो मेरे साथ किया उसके बाद मै तुझे माफ़ कर दूंगा | तू भोसड़ी वाली अब कितन भी रो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता |
रीमा अब रुआंसी हो आई, रुंधे गले से रुआंसी होकर - प्लीज मुझे माफ कर दो और जग्गू प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी और तुम्हारा लंड भी चूस दूंगी |
जग्गू को रीमा की पीड़ा से बहुत सुख मिल रहा था | उसका अट्टहास सुनकर रीमा समझ गयी अब बहुत देर हो चुकी है |
जग्गू रीमा के नंगे बदन के पास आ गया | उसके खूबसूरत बदन की गर्मी और गंध को सूंघ कर मदहोश होने लगा |
जग्गू - साला ऐसी मादक गंध निकलती है इस हरामन कुतिया के बदन से की पास आते ही मदहोशी सी छाने लगती है | आदमी इस गंध में डूबकर पागल सा हो जाये | ऐसी कौन सी गंध छोड़ती है चूत से की मुर्दे का लंड भी सीधा हो जाये |
इतना कहकर उसने रीमा के गोर मांसल चूतड़ पर एक जोरदार चमाट मारी | रीमा के मुहँ से चीख निकल गयी | जग्गू का पूरा का पूरा हाथ रीमा के चूतड़ पर छप गया |
रीमा जग्गू से गिडगिडाने लगी - पप्लीज जग्गू मै तेरा लंड चूस दूँगी | अगर तू चाहेगा तो हर हफ्ते चूस दिया करूंगी |
जग्गू - अब आई न चूत लंड के नीचे, साला चूत कितनी भी हरामी हो लंड से आगे थोड़े न जा पायेगी | अब समझ में आया न लंड की ताकत और औकात कितनी होती है | अब तेरी भलाई इसी में है चुपचाप चुदवा ले वर्ना चीखे निकाल कर चोदना भी मुझे आता है |
रीमा - देख जग्गू मै मानती हूँ मुझे गलती हुई है मुझे माफ़ कर दे | अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगा | मेरे हाथ खोल दे मै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
अब तक उछाले मार रहा जग्गू का अहंकार रीमा के झुकाते ही कुछ नरम पड़ा |
लड़का भी बोल उठा - पता नहो बॉस आपकी मैडम से इतना फटती क्यों है मैडम सही तो कह रही है | साला हम तीन लोग है और ये अकेली , ऊपर से हमारे पास गन भी है ये क्या उखाड़ लेगी हमारा | लिटाओ इसकी जमीं पर उलटा पेट के बल फिर जब इसके गद्देदार चुताड़ो पर ठोकर मारोगे तो सीधे जन्नत की सैर करोगे |
जग्गू को लगा लड़का सही कह रहा है | साला ऐसे खड़े खड़े चोदने में मजा न आएगा | लेकिन जग्गू के अन्दर का डर अभी भी इसके लिए राजी नहीं था |
जग्गू - ठीक है इसे जमीं पर लिटा देना, लेकिन इसकी चूत का सुभारम्भ कर लेने दो एक बार, एक बार इसकी चूत में लंड घुसा दू, इसको चोदने की शुरुआत तो मै ऐसे खड़े खड़े ही करूंगा | फिर तुम लोग इसके हाथ खोलकर इसे जमीं पर लिटा देना |
लड़का बोलो - आप एक नंबर के फट्टू हो, आपकी फटती बहुत है इसी वजह से अब तक आप मैडम की चूत में लंड नहीं घुसा पाए हो | इतना फट्टू पण न होता आपके अन्दर तो अब तक रीमा मैडम की चूत में दो राउंड की चुदाई कर चुके होते और तीसरे चक्कर के लिए अपना लंड चुसवा रहे होते |
जग्गू को लड़के की बातो से जोश आ गया | जग्गू रीमा के सामने आ गया, उसके दोनों स्तनों को हाथो में भर लिया और बारी बारी से उसके स्तनाग्र को अपने मुहँ में भरकर चूसने लगा |
रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | वो अपने अन्दर इस अपमान की पीड़ा को बर्दाश्त करने की हिम्मत जुटाने लगी | जिस सख्स की वो शक्ल नहीं देखन चाहती थी वो उसके स्तनों का पान कर रहा हिया उर कुछ देर में उसकी मखमली चूत में अपना लंड घुसेड़ने वाला है | ये सोचकर ही रीमा को अन्दर तक घिन आ गयी | रीमा को ये सब बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी | उसने स्तनों को मुहँ से चुसना जारी रखा और अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर जमा दिए | उसने अपने तने हुए खड़े लंड को रीमा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया और उसके चुताड़ो को अपनी तरफ ठेल कर उसके बदन को अपने बदन से चिपकाने लगा | बार बार रीम एके चुताड़ो की पकड़ कर उसकी कमर को अपनी तरफ ठेलता, जिससे रीमा की जांघो में बीच फंसा उसका लंड रीमा के चूत के ओंठो की मालिश करता हुआ आगे पीछे हो रहा था | रीमा के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर था लेकिन रीमा कुछ भी नहीं कर सकती थी |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम, मेरा लंड आपके चूत के ओंठो की मसाज कर रहा है | कभी सोचा था आपने मै आपको इस तरह से चोदुंगा | मैने तो आपके नाम से न जाने कितनी बार मुठ मारी है |
रीमा - मै थक गयी हूँ ऐसे खड़े खड़े, मेरे पांव दुखने लगे है | ऐसे खड़े खड़े मुझे चोदकर तुझे क्या मिलेगा | आराम से लिटाकर चोद, औरत को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा की आँखे आसुओं से गीली थी, फिर भी उसका मन हार मानने को तैयार नहीं था |
जग्गु को भी लगा अब तो ये पूरी तरह से राजी है चुदने के लिए, फिर क्यों न इसे लिटाकर चोदा जाये | लड़के भी कह रहे थे लड़की को आराम से लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा मैडम को लिताऊंगा, फिर उनकी जांघे फैला दूंगा और फिर उनकी मखमली चूत में पूरा का पूरा लंड घुसेड दूंगा | ऐसे खड़े खड़े बस लंड का सुपाडा ही जायेगा रीमा की चूत में |
जग्गू - मै रीमा मैडम को लिटाकर उनकी चूत को चोदने की सोच रहा हूँ | क्या कहते हो तुम लोग |
लड़का - बॉस मैंने तो पहले ही कहा था, लड़की और चूत जब लंड के नीचे होती है तभी मजा आता है बॉस | बॉस लड़की को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा मैडम पूरी तरह से हमारे कब्जे में है, वो खुद पूरी तरह से चुदने को तैयार है | फिर भी अगर जरा सा भी चु चपड़ करी तो मसल डालेंगे साली को | क्या कमाल की औरत है जब से नंगी हुई है लंड मुरझाने का नाम ही नहीं ले रहा बॉस | जल्दी से रीमा मैडम को चोद डालो, ताकि हमारे लंडो को भी पनाहगाह में जाने का मुका मिले | इतनी देर से अकड़े अकड़े लंड फटने को आये और इनमे दर्द भी होने लगा है |
जग्एगू अपने लंड को मसलता हुआ रीमा से अलग हो गया | एक लड़के ने रीमा को थाम लिया और दूसरा उसके हाथ खोलने लगा | रस्सी के खुलते ही रीमा के हाथ आजाद थे | रीमा ने राहत की एक लम्बी साँस ली | रीमा जमीन पर लेटने की बजाय कुर्सी पर बैठ गयी |
ये देखते ही जग्गू का पारा गरम हो गया |
रीमा आइस्ते से बोली - काहे की जल्दी है जग्गू, आराम से जांघे खोल दूँगी जीभर के चोदना, जब तक मन न भर जाए तब तक चोदना | पहले थोडा खेल खा तो लो | मुझे भी अच्छा लगेगा |
लड़का रीमा का समर्थन करता हुआ बोला - सही बात है रीमा मैडम का जिस्म इतना खूबसूरत है इससे खेलने में क्या बुराई है | रीमा मैडम हमें जन्नत की सैर करवाने वाली है हमारा भी तो फर्ज है उन्हें चूम के चूस के चाट के अच्छा फील कराये |
जग्गू - फील अच्छा बात में कर लेगी अभी लंड डालकर चोदने दे पहले |
लड़का - जग्थोगू बॉस थोड़ा रीमा मैडम के जिस्म का रस भी तो पियो, देखो कितनी रसीली है फिर रीमा मैडम कहाँ भागी जा रही है जो इतने उतावले हो रहे हो उन्हें चोदने के लिए | आखिर में रीमा मैडम की चूत की चुदाई ही तो करनी है बस चुदाई | गांड का पसीना निकल जाता है लड़की को चोदने के लिए मनाने में | यहाँ तो रीमा मैडम खुद ही अपनी मखमली गुलाबी चूत चुदवाने के लिए पूरी तरह से राजी है | तो थोडा चूसने चाटने में क्या चला जायेगा |
रीमा उस लड़के के बालो पर हाथ फेरती हुई - तुम कितने प्यारे हो | तुम्हे मै दो बार अपनी चूत चोदने को दूँगी | मेरी चूत खूबसूरत तो है न |
लड़का - बहुत खूबसूरत है मैडम, हम शब्दों से बयां नहीं कर सकते |
जग्गू - चूत तो चूत होती है, उसमे खूबसूरत बदसूरत क्या ? हर लड़की के पास ऐसी ही चूत होती है | इसमे ऐसी कौन सी अनोखी बात है |
लड़का - देखो बॉस मुझसे ज्यादा लौडियां नहीं चोदी होंगी आपने इसलिए मुझसे ज्यादा चूत भी नहीं देखि होंगी | इतनी साफ़ सुथरी चिकनी मखमली गुलाबी चूत बड़े किस्मत वालो की मिलती है | आप जाकर उन गन्दी झांटो से भरी काली चूतों में मुहँ मारो, मै तो रीमा मैडम की चूत की ही पूजा करूंगा | रीमा मैडम की चूत सबसे अलग है |
आप ही बतावो बॉस कहाँ मिलेगा ऐसा संगमरमरी बदन, कहाँ मिलेगे ऐसे तने हुए सुडौल उरोज, सपाट पेट, सुराही की मुहँ जैसी पतली गर्दन , ये बलखाती पतली कमर | मैडम क्या मै आपको चूम सकता हूँ |
रीमा अपनी तारीफे सुनकर मंत्र मुग्ध हो गयी - हाँ हाँ मेरे ओंठो को छोड़कर कही भी चूम सकते हो | दोनों लड़के रीमा के आसपास आ गए |
दोनों ही रीमा के कोमल नाजुक से गोरे बदन को चूमने लगे | दोनों में से एक ने रीमा की कमर को चूमना शुरू कर दिया और दूसरे ने रीमा की चुचियों को चुसना शुरू कर दिया | जग्गू वही बुत बना खड़ा रहा जग्गू को समझ में नहीं आ रहा था यह हो क्या रहा है वह तो रीमा को चोदने जा रहा था फिर यह सब नौटंकी कहां से शुरू हो गई हालांकि इससे पहले वह कुछ कहता .............
एक लड़के ने जग्गू को बोला - अबे भोसड़ी के सामने गुलाबी कमसिन गुलाबी चिकनी चूत खुली पड़ी है और तू भोसड़ी के जो है अपने लंड को मसल रहा है कम से कम साला अपने मुंह लगाकर इसको चाट कर तो देख इसका स्वाद कितना स्वादिष्ट होता है |
जग्गू ना चाहते हुए भी रीमा की जांघों के बीच में झुक गया और अपने होठों को रीमा की गर्म गुलाबी चिकनी चूत पर रख दिया रीमा के मुंह से आह निकल गई वह चाहती तो नहीं थी लेकिन जिस्म की आग है ही ऐसी की अगर दुश्मन भी भड़कायेगा तो भी भड़केगी | रीमा जग्गू से जितनी नफरत करती थी उतनी शायद किसी से न करती हो लेकिन अपनी मखमली गुलाबी चूत के चिकने ओंठो पर जग्गू के होठों का स्पर्श पाते ही उसके मुंह से एक मादक सिसकारी निकल गई |
एक लड़का जोश में बोला - साली को मजा आ रहा है ऐसे ही चूस जग्गू, कसकर चूस, रीमा मैडम गर्म हो रही है |
दोनों लड़के रीमा के एक-एक स्तनों को अपने मुंह में भर करके चूसने लगे | रीमा अपने आसपास की खबर से अनजान तीन जवान लडको के साथ में नंगी पड़ी हुई थी उसे नहीं पता था अगले पल क्या होने वाला है लेकिन अब उसके जिस्म पर वासना हावी होने लगी थी | और वह ना चाहते हुए भीउसमे डुबने को मजबूर थी | दोनों लड़के रीमा के स्तनों को बहुत कस कर चूस रहे थे और उसके पूरे गोरे बदन को मसल रहे थे जबकि जग्गू रीमा की चूत पर अपने सख्त ओंठ जमाये हुए था | रीमा की वजह से उसकी तो लाटरी की निकल पड़ी थी | उसने आज से पहले कभी किसी लड़की की चूत नहीं चुसी थी |
रीमा की जांघो से सर निकाल कर - बड़ा मजा आ रहा सालो रीमा मैडम की चूत चुसने में | क्या रसभरी चूत है |
एक लड़का बोला - मैंने कहा था न बॉस, एक बार रीमा मैडम की चूत में मुहँ लगाकर तो देखो | सारे स्वाद भूल जाओगे |
रीमा वासना में डूबती चली जा रही थी अब उसके अंदर का प्रतिरोध खत्म होने लगा था वह जो कुछ भी अब तक सोच रही थी सब कुछ फ़ैल हो चुका था | अब तो उसे भी लग रहा था इन तीनो से चुदने में क्या बुराई है | अगर ये सलीके से शराफत से उसे चोदते है तो क्या हर्ज है | चूत बनी ही है चुदने के लिए | मेरी चूत इनके लंड घुसते ही ये भी जन्नत की सैर करेगे और मै भी | रीमा को लग रहा था कि अब इन तीनों के हाथों में चुदने के अलावा उसके पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है और वह तीनों उसे चोद कर ही मानेंगे | रीमा भी शायद उनका लंड अपनी चूत में लेने का पूरा मन बना चुकी थी |
बस अब उसके मन के किसी कोने में जो जग्गू से चुदने की ग्लानी थी बस वही बाकि थी | जग्गू रीमा को बदले के लिए चोद रहा था बस रीमा को यही एक पश्चाताप था | रीमा का दिमाग काम करना बंद कर चुका था | तीन तीन लड़के उसकी वसना की आग भड़काने में लगे हुए थे रीमा का बदन वासना की गर्मी से तपने लगा था रीमा के अंदर भी चुदाई का बुखार चढ़ने लगा था लेकिन उसके अंदर जग्गू को लेकर जो नफरत भरी थी वह बड़ी मुश्किल से रीमा काबू में किए हुए थी | दोनों लड़के रीमा के स्तनों को बुरी तरह मसल रहे थे और उनके लंड रीमा के दोनों तरफ उसकी जांघों से रगड़ खा रहे थे जबकि जग्गू जो है रीमा की जांघो के बीच में सर डालकर उसकी गुलाबी चूत में खोया हुआ था | अब रीमा का उसके दिलो दिमाग पर सेनियंत्रण ख़त्म होने लगा था | अब रीमा ने हार मान ली उसे अब लग रहा था कि अब इनको अपना सुख देने में ही फायदा है क्योंकि अब उम्मीद की किरण खत्म हो चुकी थी रीमा ने आंखें बंद कर ली और जग्गू की चूत चूसने के मस्ती को अपने दिलो-दिमाग में से महसूस करने लगी वह तो अब मन से पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी |
उसके चेहरे के आंसू देखकर जग्गू ने अट्टहास किया - क्यों निकल गयी सारी हेकड़ी रीमा मैडम | उस दिन मुझे जरा सी गलती क्या हुई थी आपने तो मेरी गांड का भर्ता बना दिया था | आज आप कितने भी घड़ियाली आंसू बहावो, कितन भी मेरे पांव पड़ो, मिन्नतें करो लेकिन आज तो मै तुमारे साथ वही करूंगा जो सोचकर आया हूँ | चुपचाप चुदवा लो नहीं तो तड़प तड़प कर चुदोगी |
रीमा का पीला निराश चेहरा देख जग्गू अपना लंड हिलाता हुआ - स्वागत नहीं करोगी मेरे लंड का |
रीमा को लगा अब सबकुछ जग्गू के हाथ में है, एक बार माफ़ी मांगना जिंदगी भर की जिल्लत ढोने से तो अच्छा हो है |
रीमा - जग्गू ठीक है मुझसे गलती हो गई मुझे इतना ज्यादा तुम पर अत्याचार नहीं करना चाहिए था लेकिन गलती हर इंसान से होती है गलती माफी तो की जा सकती है प्लीज मुझे माफ कर दो |
जग्गू हैरान सा होकर अट्टहास भरने लगा - साला कितनी मादरचोद चूत है तू साली कुतिया, जब कुछ नहीं सूझ रहा तो मुझे माफ़ी पर ज्ञान चोद रही है | मेरी डिक्शनरी से माफ़ी शब्द उसी दिन गायब हो गया था जब तू बेरहमी से मेरी गांड के चीथड़े उड़ा रही थी | तुझे लगता है तूने जो मेरे साथ किया उसके बाद मै तुझे माफ़ कर दूंगा | तू भोसड़ी वाली अब कितन भी रो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता |
रीमा अब रुआंसी हो आई, रुंधे गले से रुआंसी होकर - प्लीज मुझे माफ कर दो और जग्गू प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी और तुम्हारा लंड भी चूस दूंगी |
जग्गू को रीमा की पीड़ा से बहुत सुख मिल रहा था | उसका अट्टहास सुनकर रीमा समझ गयी अब बहुत देर हो चुकी है |
जग्गू रीमा के नंगे बदन के पास आ गया | उसके खूबसूरत बदन की गर्मी और गंध को सूंघ कर मदहोश होने लगा |
जग्गू - साला ऐसी मादक गंध निकलती है इस हरामन कुतिया के बदन से की पास आते ही मदहोशी सी छाने लगती है | आदमी इस गंध में डूबकर पागल सा हो जाये | ऐसी कौन सी गंध छोड़ती है चूत से की मुर्दे का लंड भी सीधा हो जाये |
इतना कहकर उसने रीमा के गोर मांसल चूतड़ पर एक जोरदार चमाट मारी | रीमा के मुहँ से चीख निकल गयी | जग्गू का पूरा का पूरा हाथ रीमा के चूतड़ पर छप गया |
रीमा जग्गू से गिडगिडाने लगी - पप्लीज जग्गू मै तेरा लंड चूस दूँगी | अगर तू चाहेगा तो हर हफ्ते चूस दिया करूंगी |
जग्गू - अब आई न चूत लंड के नीचे, साला चूत कितनी भी हरामी हो लंड से आगे थोड़े न जा पायेगी | अब समझ में आया न लंड की ताकत और औकात कितनी होती है | अब तेरी भलाई इसी में है चुपचाप चुदवा ले वर्ना चीखे निकाल कर चोदना भी मुझे आता है |
रीमा - देख जग्गू मै मानती हूँ मुझे गलती हुई है मुझे माफ़ कर दे | अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगा | मेरे हाथ खोल दे मै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
अब तक उछाले मार रहा जग्गू का अहंकार रीमा के झुकाते ही कुछ नरम पड़ा |
लड़का भी बोल उठा - पता नहो बॉस आपकी मैडम से इतना फटती क्यों है मैडम सही तो कह रही है | साला हम तीन लोग है और ये अकेली , ऊपर से हमारे पास गन भी है ये क्या उखाड़ लेगी हमारा | लिटाओ इसकी जमीं पर उलटा पेट के बल फिर जब इसके गद्देदार चुताड़ो पर ठोकर मारोगे तो सीधे जन्नत की सैर करोगे |
जग्गू को लगा लड़का सही कह रहा है | साला ऐसे खड़े खड़े चोदने में मजा न आएगा | लेकिन जग्गू के अन्दर का डर अभी भी इसके लिए राजी नहीं था |
जग्गू - ठीक है इसे जमीं पर लिटा देना, लेकिन इसकी चूत का सुभारम्भ कर लेने दो एक बार, एक बार इसकी चूत में लंड घुसा दू, इसको चोदने की शुरुआत तो मै ऐसे खड़े खड़े ही करूंगा | फिर तुम लोग इसके हाथ खोलकर इसे जमीं पर लिटा देना |
लड़का बोलो - आप एक नंबर के फट्टू हो, आपकी फटती बहुत है इसी वजह से अब तक आप मैडम की चूत में लंड नहीं घुसा पाए हो | इतना फट्टू पण न होता आपके अन्दर तो अब तक रीमा मैडम की चूत में दो राउंड की चुदाई कर चुके होते और तीसरे चक्कर के लिए अपना लंड चुसवा रहे होते |
जग्गू को लड़के की बातो से जोश आ गया | जग्गू रीमा के सामने आ गया, उसके दोनों स्तनों को हाथो में भर लिया और बारी बारी से उसके स्तनाग्र को अपने मुहँ में भरकर चूसने लगा |
रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | वो अपने अन्दर इस अपमान की पीड़ा को बर्दाश्त करने की हिम्मत जुटाने लगी | जिस सख्स की वो शक्ल नहीं देखन चाहती थी वो उसके स्तनों का पान कर रहा हिया उर कुछ देर में उसकी मखमली चूत में अपना लंड घुसेड़ने वाला है | ये सोचकर ही रीमा को अन्दर तक घिन आ गयी | रीमा को ये सब बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी | उसने स्तनों को मुहँ से चुसना जारी रखा और अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर जमा दिए | उसने अपने तने हुए खड़े लंड को रीमा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया और उसके चुताड़ो को अपनी तरफ ठेल कर उसके बदन को अपने बदन से चिपकाने लगा | बार बार रीम एके चुताड़ो की पकड़ कर उसकी कमर को अपनी तरफ ठेलता, जिससे रीमा की जांघो में बीच फंसा उसका लंड रीमा के चूत के ओंठो की मालिश करता हुआ आगे पीछे हो रहा था | रीमा के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर था लेकिन रीमा कुछ भी नहीं कर सकती थी |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम, मेरा लंड आपके चूत के ओंठो की मसाज कर रहा है | कभी सोचा था आपने मै आपको इस तरह से चोदुंगा | मैने तो आपके नाम से न जाने कितनी बार मुठ मारी है |
रीमा - मै थक गयी हूँ ऐसे खड़े खड़े, मेरे पांव दुखने लगे है | ऐसे खड़े खड़े मुझे चोदकर तुझे क्या मिलेगा | आराम से लिटाकर चोद, औरत को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा की आँखे आसुओं से गीली थी, फिर भी उसका मन हार मानने को तैयार नहीं था |
जग्गु को भी लगा अब तो ये पूरी तरह से राजी है चुदने के लिए, फिर क्यों न इसे लिटाकर चोदा जाये | लड़के भी कह रहे थे लड़की को आराम से लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा मैडम को लिताऊंगा, फिर उनकी जांघे फैला दूंगा और फिर उनकी मखमली चूत में पूरा का पूरा लंड घुसेड दूंगा | ऐसे खड़े खड़े बस लंड का सुपाडा ही जायेगा रीमा की चूत में |
जग्गू - मै रीमा मैडम को लिटाकर उनकी चूत को चोदने की सोच रहा हूँ | क्या कहते हो तुम लोग |
लड़का - बॉस मैंने तो पहले ही कहा था, लड़की और चूत जब लंड के नीचे होती है तभी मजा आता है बॉस | बॉस लड़की को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा मैडम पूरी तरह से हमारे कब्जे में है, वो खुद पूरी तरह से चुदने को तैयार है | फिर भी अगर जरा सा भी चु चपड़ करी तो मसल डालेंगे साली को | क्या कमाल की औरत है जब से नंगी हुई है लंड मुरझाने का नाम ही नहीं ले रहा बॉस | जल्दी से रीमा मैडम को चोद डालो, ताकि हमारे लंडो को भी पनाहगाह में जाने का मुका मिले | इतनी देर से अकड़े अकड़े लंड फटने को आये और इनमे दर्द भी होने लगा है |
जग्एगू अपने लंड को मसलता हुआ रीमा से अलग हो गया | एक लड़के ने रीमा को थाम लिया और दूसरा उसके हाथ खोलने लगा | रस्सी के खुलते ही रीमा के हाथ आजाद थे | रीमा ने राहत की एक लम्बी साँस ली | रीमा जमीन पर लेटने की बजाय कुर्सी पर बैठ गयी |
ये देखते ही जग्गू का पारा गरम हो गया |
रीमा आइस्ते से बोली - काहे की जल्दी है जग्गू, आराम से जांघे खोल दूँगी जीभर के चोदना, जब तक मन न भर जाए तब तक चोदना | पहले थोडा खेल खा तो लो | मुझे भी अच्छा लगेगा |
लड़का रीमा का समर्थन करता हुआ बोला - सही बात है रीमा मैडम का जिस्म इतना खूबसूरत है इससे खेलने में क्या बुराई है | रीमा मैडम हमें जन्नत की सैर करवाने वाली है हमारा भी तो फर्ज है उन्हें चूम के चूस के चाट के अच्छा फील कराये |
जग्गू - फील अच्छा बात में कर लेगी अभी लंड डालकर चोदने दे पहले |
लड़का - जग्थोगू बॉस थोड़ा रीमा मैडम के जिस्म का रस भी तो पियो, देखो कितनी रसीली है फिर रीमा मैडम कहाँ भागी जा रही है जो इतने उतावले हो रहे हो उन्हें चोदने के लिए | आखिर में रीमा मैडम की चूत की चुदाई ही तो करनी है बस चुदाई | गांड का पसीना निकल जाता है लड़की को चोदने के लिए मनाने में | यहाँ तो रीमा मैडम खुद ही अपनी मखमली गुलाबी चूत चुदवाने के लिए पूरी तरह से राजी है | तो थोडा चूसने चाटने में क्या चला जायेगा |
रीमा उस लड़के के बालो पर हाथ फेरती हुई - तुम कितने प्यारे हो | तुम्हे मै दो बार अपनी चूत चोदने को दूँगी | मेरी चूत खूबसूरत तो है न |
लड़का - बहुत खूबसूरत है मैडम, हम शब्दों से बयां नहीं कर सकते |
जग्गू - चूत तो चूत होती है, उसमे खूबसूरत बदसूरत क्या ? हर लड़की के पास ऐसी ही चूत होती है | इसमे ऐसी कौन सी अनोखी बात है |
लड़का - देखो बॉस मुझसे ज्यादा लौडियां नहीं चोदी होंगी आपने इसलिए मुझसे ज्यादा चूत भी नहीं देखि होंगी | इतनी साफ़ सुथरी चिकनी मखमली गुलाबी चूत बड़े किस्मत वालो की मिलती है | आप जाकर उन गन्दी झांटो से भरी काली चूतों में मुहँ मारो, मै तो रीमा मैडम की चूत की ही पूजा करूंगा | रीमा मैडम की चूत सबसे अलग है |
आप ही बतावो बॉस कहाँ मिलेगा ऐसा संगमरमरी बदन, कहाँ मिलेगे ऐसे तने हुए सुडौल उरोज, सपाट पेट, सुराही की मुहँ जैसी पतली गर्दन , ये बलखाती पतली कमर | मैडम क्या मै आपको चूम सकता हूँ |
रीमा अपनी तारीफे सुनकर मंत्र मुग्ध हो गयी - हाँ हाँ मेरे ओंठो को छोड़कर कही भी चूम सकते हो | दोनों लड़के रीमा के आसपास आ गए |
दोनों ही रीमा के कोमल नाजुक से गोरे बदन को चूमने लगे | दोनों में से एक ने रीमा की कमर को चूमना शुरू कर दिया और दूसरे ने रीमा की चुचियों को चुसना शुरू कर दिया | जग्गू वही बुत बना खड़ा रहा जग्गू को समझ में नहीं आ रहा था यह हो क्या रहा है वह तो रीमा को चोदने जा रहा था फिर यह सब नौटंकी कहां से शुरू हो गई हालांकि इससे पहले वह कुछ कहता .............
एक लड़के ने जग्गू को बोला - अबे भोसड़ी के सामने गुलाबी कमसिन गुलाबी चिकनी चूत खुली पड़ी है और तू भोसड़ी के जो है अपने लंड को मसल रहा है कम से कम साला अपने मुंह लगाकर इसको चाट कर तो देख इसका स्वाद कितना स्वादिष्ट होता है |
जग्गू ना चाहते हुए भी रीमा की जांघों के बीच में झुक गया और अपने होठों को रीमा की गर्म गुलाबी चिकनी चूत पर रख दिया रीमा के मुंह से आह निकल गई वह चाहती तो नहीं थी लेकिन जिस्म की आग है ही ऐसी की अगर दुश्मन भी भड़कायेगा तो भी भड़केगी | रीमा जग्गू से जितनी नफरत करती थी उतनी शायद किसी से न करती हो लेकिन अपनी मखमली गुलाबी चूत के चिकने ओंठो पर जग्गू के होठों का स्पर्श पाते ही उसके मुंह से एक मादक सिसकारी निकल गई |
एक लड़का जोश में बोला - साली को मजा आ रहा है ऐसे ही चूस जग्गू, कसकर चूस, रीमा मैडम गर्म हो रही है |
दोनों लड़के रीमा के एक-एक स्तनों को अपने मुंह में भर करके चूसने लगे | रीमा अपने आसपास की खबर से अनजान तीन जवान लडको के साथ में नंगी पड़ी हुई थी उसे नहीं पता था अगले पल क्या होने वाला है लेकिन अब उसके जिस्म पर वासना हावी होने लगी थी | और वह ना चाहते हुए भीउसमे डुबने को मजबूर थी | दोनों लड़के रीमा के स्तनों को बहुत कस कर चूस रहे थे और उसके पूरे गोरे बदन को मसल रहे थे जबकि जग्गू रीमा की चूत पर अपने सख्त ओंठ जमाये हुए था | रीमा की वजह से उसकी तो लाटरी की निकल पड़ी थी | उसने आज से पहले कभी किसी लड़की की चूत नहीं चुसी थी |
रीमा की जांघो से सर निकाल कर - बड़ा मजा आ रहा सालो रीमा मैडम की चूत चुसने में | क्या रसभरी चूत है |
एक लड़का बोला - मैंने कहा था न बॉस, एक बार रीमा मैडम की चूत में मुहँ लगाकर तो देखो | सारे स्वाद भूल जाओगे |
रीमा वासना में डूबती चली जा रही थी अब उसके अंदर का प्रतिरोध खत्म होने लगा था वह जो कुछ भी अब तक सोच रही थी सब कुछ फ़ैल हो चुका था | अब तो उसे भी लग रहा था इन तीनो से चुदने में क्या बुराई है | अगर ये सलीके से शराफत से उसे चोदते है तो क्या हर्ज है | चूत बनी ही है चुदने के लिए | मेरी चूत इनके लंड घुसते ही ये भी जन्नत की सैर करेगे और मै भी | रीमा को लग रहा था कि अब इन तीनों के हाथों में चुदने के अलावा उसके पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है और वह तीनों उसे चोद कर ही मानेंगे | रीमा भी शायद उनका लंड अपनी चूत में लेने का पूरा मन बना चुकी थी |
बस अब उसके मन के किसी कोने में जो जग्गू से चुदने की ग्लानी थी बस वही बाकि थी | जग्गू रीमा को बदले के लिए चोद रहा था बस रीमा को यही एक पश्चाताप था | रीमा का दिमाग काम करना बंद कर चुका था | तीन तीन लड़के उसकी वसना की आग भड़काने में लगे हुए थे रीमा का बदन वासना की गर्मी से तपने लगा था रीमा के अंदर भी चुदाई का बुखार चढ़ने लगा था लेकिन उसके अंदर जग्गू को लेकर जो नफरत भरी थी वह बड़ी मुश्किल से रीमा काबू में किए हुए थी | दोनों लड़के रीमा के स्तनों को बुरी तरह मसल रहे थे और उनके लंड रीमा के दोनों तरफ उसकी जांघों से रगड़ खा रहे थे जबकि जग्गू जो है रीमा की जांघो के बीच में सर डालकर उसकी गुलाबी चूत में खोया हुआ था | अब रीमा का उसके दिलो दिमाग पर सेनियंत्रण ख़त्म होने लगा था | अब रीमा ने हार मान ली उसे अब लग रहा था कि अब इनको अपना सुख देने में ही फायदा है क्योंकि अब उम्मीद की किरण खत्म हो चुकी थी रीमा ने आंखें बंद कर ली और जग्गू की चूत चूसने के मस्ती को अपने दिलो-दिमाग में से महसूस करने लगी वह तो अब मन से पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी |