15-08-2019, 09:45 PM
एक दिन रीमा शाम को अकेली घर में थी तभी एक फ़ोन उसे आया | वो पहचान नहीं पाई की फ़ोन किसका है लेकिन उधर से आने वाली आवाज ने सिर्फ इतना कहा - तुमने जो पाप किये है उसकी सजा इसी जनम में तुम भोगोगी | एक बार मेरे आदमियों के हाथ से फिसल गयी हो कब तक इस तरह से बचकर निकलती रहोगी | मै तुम्हे दबोच ही लूँगा और फिर मै तुमारे साथ वो करूंगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकती |
रीमा - कौन बोल रहा है ?
उधर वाला आदमी फ़ोन पर ही हँसने लगा |
रीमा - तुमारे जैसे दो चार रोज मुझे गीदड़ धमकी देते है | ऐसे डरने वाली होती तो आज तक अकेले जी नहीं पाती | असली का मर्द है तो सामने आकर बात कर, साले छक्के कही के, फ़ोन पर धमकी दे रहा है |
फ़ोन - ऐईईईईईईईईईई मेरी मर्दानगी को मत ललकारना वरना बहुत पछताएगी |
रीमा - क्यों तुमारी लुल्ली सिर्फ दो इंच की है या तुम 20 सेकंड में निपटने वालो में से हो |
फ़ोन - तू जानती नहीं मै कौन हूँ |
रीमा - तो जान पहचान करा दो, चल फ़ोन रख तेरे जैसे बहुत देखे दो टके के सड़क छाप |
फ़ोन - तू मुझे बहुत हलके में ले रही है | पिछली बार जनरल स्टोर वाले हब पर पार्किंग लोट में तू फिसल गयी थी लेकिन इस बार तू नहीं बचेगी |
रीमा समझ गयी ये वही आदमी है जिन्होंने उसको किडनैप करने की कोशिश की थी |
रीमा थोड़ा गंभीर हो गयी - आखिर तुम कौन हो और तुम्हे क्या चाहिए |
फ़ोन - मुझे बस तुम चाहिए सिर्फ तुम |
रीमा - तुमारा दिमाग तो नहीं घूम गया, पता है मै कौन हूँ, यहाँ की सिक्युरिटी तुमारे बाप दादा तक के घर की नीव खोद डालेगी अगर मुझे कुछ हो गया तो |
फ़ोन से आने वाली आवाज - तुझे सजा जरुर मिलेगी और वो मै दूंगा |
इतना कहकर फ़ोन काट गया | रीमा ने अपने पति के दोस्त को वो नंबर दे दिया हालाँकि इसका जिक्र उसने अनिल और रोहिणी से बिलकुल नहीं किया |
बात आई गयी हो गयी कुछ दिन बीत गए | कुछ दिन रीमा सतर्क रही | उसके फ़ोन में जीपीएस हमेशा ऑन रहता और सिक्युरिटी ने भी उसके फ़ोन को सर्विलांस पर डाल रखा था | रीमा ने ये बात अनिल को नहीं बताई
फिर भी ये बात रोहित को पता चल गयी और रोहित ने रोहिणी से इस बारे में बात करी | रोहिणी ने अनिल को इस बारे में बताया | अनिल ने भरोसा दिलाया वो रीमा पर नजर रखेगें | अनिल रीमा के पास जाने से हिचकने लगे थे फिर भी अगर कोई काम होता था तो रोहिणी के साथ ही जाते थे |
रीमा को वो सच बताकर डराना नहीं चाहते थे इसलिए रीमा की सुरक्षा के लिए जो भी किया चुपचाप किया |
एक दिन की बात थी रीमा जब ऑफिस से वापस आ रही थी तो उसने देखा उसकी गाडी का टायर पंचर हो गया | पार्किंग में खड़ी गाड़ी का टायर कैसे पंचर हो सकता है लेकिन उसकी गाड़ी का टायर पंचर था | उसने ऑफिस से नौकर को बुलाकर टायर बदलने को कहा | लेकिन जब ऑफिस बॉय ने स्टेपनी टायर निकाला तो वो तो पहले से ही पंचर था |
रीमा ने माथा पीट लिया | वो उस टायर को ठीक कराना भूल ही गयी थी | ऑफिस बॉय ने रीमा को गाड़ी बाद में ठीक कराकर भेजने की बात कह दी और उसके लिए टैक्सी देखने चला गया | किस्मत अच्छी थी बिल्डिंग के बाहर गेट पर एक टैक्सी थी | वो रीमा को उसमे बैठाकर फिर कार का टायर ठीक कराने चला गया | रीमा ने कार में बैठेते ही अपने घर का पता बता दिया | कुछ दूर चलने के बाद तेल भराने के बहाने ड्राईवर ने यू टर्न ले लिया |
रीमा - किधर जा रहे हो आगे भी तो पेट्रोल पम्प है|
ड्राईवर - मैडम जी मैंने आगे वाली पेट्रोल पम्प की मेम्बरशिप ली, मुझे ठीकठाक कैशबैक दे देते है, मैडम जी आप परेशान न हो बस पांच मिनट की तो बात है |
रीमा सर हिलाकर रह गयी | पेट्रोल पंप मुख्य सड़क से थोडा अन्दर था और उसके लिए एक सुनसान गली से गुजरना पड़ता था | रीमा फ़ोन में बिजी हो गयी थी | जैसे ही ड्राईवर ने कार मैंन सड़क से नीचे उतारी, कुल १०० मीटर चलने के बाद ही तीन आदमी कार के चारो तरफ कूद पड़े | एक आदमी ने फटाक से ड्राईवर वाला दरवाजा खोला और उसको गन सटा दी | इससे पहले रीमा कुछ समझ पाती दो आदमी दोनों तरफ के दरवाजे खोलकर पिछली सीट पर आ गए | रीमा तो एकदम से घबरा गयी, उसके होश उड़ गए | उसमे से एक ने चाकू निकाल लिया और दुसरे ने गन | दोनों ने रीमा की तरफ चाकू और गन तान दिए | रीमा गन और चाकू देखकर बहुत घबरा गयी थी | वो दहसत से भर गयी | उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और अचानक सब कुछ इतनी तेजी से हुआ की रीमा को प्रतिक्रिया देने का अवसर ही नहीं मिला | सबी आदमियों के चेहरे पर नकाब था इसलिए किसी को पहचानना मुश्किल था | फिर भी उसने दिमाग ने तेजी दिखाते हुए अपना फ़ोन अपनी जांघ के नीचे दबा लिया | ड्राईवर को आगे वाले आदमी ने बाहर आने को कहा और जैसे ही वो बाहर आया, उसका फ़ोन पर्स सब छीन लिया और उसके सर पर पिस्टल का कुंडा मार कर उसे जमीन पर गिरा दिया | आगे वाले ने कार को फिर से तेजी से उसी तरफ ले गया जहाँ से वो पेट्रोल पंप की तरफ मुड़ी थी | कार के शीशे चढ़ा लिए और रीमा को नीचे की तरफ झुका दिया | कार तेजी से मैंन रोड से होती हुई कुछ ही मिनटों में शहर पार कर गयी | पिछली सीट पर बैठे आदमी रीमा के सर पर गन ताने रहा और दूसरा पकड़कर उसे नीचे की तरफ झुकाए रहे ताकि बाहर से कोई देख न ले | शहर पार करते ही उन दोनों की साँस में साँस आई | उन्होंने एक सुनसान इलाके में कार रोकी | रीमा को कार से बाहर निकाला |
रीमा- कौन हो तुम लोग और क्या चाहते हो मुझसे | तुम्हे पैसा चाहिए तो मै दे दूँगी | प्लीज मुझे कोई नुकसान मत पंहुचाना |
उन्होंने रीमा की बात अनसुनी कर दी |
वो आपस में ही उलझ कर रह गए | उनको आपस में उलझा हुआ देख रीमा ने भागने की कोशिश की, तो ड्राईवर सीट पर बैठे इन्सान ने बाहर निकलकर उस पर गन तान दी - मैडम होशियारी नहीं चलेगी सीधे जान से जाओगी | रीमा तो जैसे वही बर्फ बन गयी, एक दम सर्द बर्फ के मुताबिक जम गयी, उलटे पाँव लौट आई - प्लीज गोली मत चलाना, गोली मत चलाना |
वही बोला - अबे गधो ज्यादा टाइम नहीं है हमारे पास इसे बांधकर पीछे डालो डिग्गी में |
उनमे से एक बोला - बॉस ये रस्सी लाना भूल गया, बांधे किससे |
ड्राईवर सीट वाला - तुम साले दोनों के दोनों जिंदगी भर गधे ही रहोगे | एक काम नहीं होता तुमसे ढंग से |
थोड़ा सोचकर - गाड़ी में जाकर देखो पड़ी होगी |
रीमा - प्लीज प्लीज ऐसा मत करो, जो तुम कहोगे वो मै करूंगी |
पिछली सीट वाले में से एक - बॉस ये हमारे साथ शांतिपूर्वक चलने के लिए तैयार है |
ड्राईवर सीट वाला - अबे गधे इसको गोली मारने से पहले मै तुझे न उड़ा दू |
एक आदमी वहां से रस्सी ढूंढ कर लाया | उसने रीमा के हाथ पांव और मुहँ तीनो बांध दिए और दिग्गी में धकेल दिया | जल्दी से तीनो वहां से कार लेकर निकल गए |
रीमा अन्दर डिग्गी में हजार सवालो के साथ भयभीत हुई पड़ी थी | ये सब मेरे साथ क्या करने वाले हैं इनका निजी क्या मकसद है यह क्यों क्यों मुझे किडनैप करके कही ले जा रहे है रीमा का डर और दहसत से बुरा हाल हो गया | वो सदमे में चली गयी, उसकी हालत अर्द्ध बेहोशी की हो गयी थी | रीमा का मोबाईल कार की पिछली सीट पर पड़ा था | कार मैंन रोड से उतर कर अब जंगलो के बीच सुनसान सड़क पर जा रही थी | कुछ देर बाद कार एक कच्चे रास्ते पर उतर गयी | तभी रीमा के मोबाईल पर पीछे सीट पर बैठे लडके की नजर गयी | उसने इतना महंगा फ़ोन देखते ही उछाल पड़ा | उसके हाथ में फ़ोन देखते ही आगे कार चला रहा आदमी चिल्लाया - अबे गधो फ़ोन स्विच off करो वरना सिक्युरिटी हमारी मौत का फरमान लेकर आती होगी |
उन्ही में से एक बोला - क्या माल मिला है किडनैप करने को, मैडम तो बिलकुल चकाचक है, बिलकुल रसमलाई की तरह मन करता है गप गप कर खा जाऊ | साड़ी में जब इतना कहर ढा रही है तो एक बार बिना कपड़ो के .....................|
आगे वाले से - भाई बस एक झलक लेनी मम्मो की बस एक झलक, कैसे दुधिया मम्मे होंगे | |
जो गाड़ी चला रहा था वो बोला - बकवास बंद कर साले वरना तेरी खोपड़ी में अभी छेद कर दूंगा | साले हमें इसको बिना किसी नुकसान के बॉस तक पंहुचाना है | मैडम की तरफ नजरे भी उठाई तो आंखे फोड़ दूंगा |
पिचली सीट पर बैठे - भाई आप तो नाराज हो जाते हो लेकिन आप ही दिल पर हाथ रखकर बतावो मैडम है तो चकाचक न |
जो गाड़ी चला रहा था वो बोला - फ़ोन स्विच off कर वर्ना मै तुझे स्विच off कर दूंगा |
पिचली सीट पर बैठे लड़के ने जल्दी से फ़ोन स्विच off किया | गाड़ी जिस तरह से हिल रही थी उससे लग रहा था गाड़ी कच्चे रास्ते पर चल रही है | कुछ देर चलने के बाद गाड़ी रुक गयी | तीनो car से उतरे | एक ने आकर कार की डिग्गी खोली | रीमा की दहसत भरी और आसुओं से भरी आँखों को देखकर बोला - मैडम तो सच में डर गयी |
रीमा ने मुहँ से कुछ कहने की कोशिश की लेकिन उसके मुहँ में तो कपड़ा बंधा हुआ था इसलिए आवाज बस घुट कर रह गयी |
किडनैप करने वाला - कोई चालाकी मत कर वरना कुतिया की मौत मरी जाओगी | वो कुछ कहना चाहती थी इसलिए उसने हल्का सा उसके मुहँ से कपड़ा हटाया और रीमा गिडगिडाने लगी - प्लीज मुझे छोड़ दो, मैंने क्या बिगाड़ा है तुमारा, क्यों कर रहे हो ये सब | तुम्हे पैसा चाहिए मै तुम्हे ढेर सारा पैसा दूँगी | प्लीज ....................|
इससे आगे वो कुछ बोलती किडनैपर ने फिर से उसके मुहँ में कपड़ा ठूंस दिया | रीमा फिर से कुछ कहना चाहती थी | किडनैपर ने फिर से उसके मुहँ से कपड़ा नीचे खिसकाया |
रीमा - प्लीज जिस तुम बोलेगे मै वैस ही करूंगी, मेरे हाथ पाँव खोल दो | मै बिलकुल नहीं चिल्लाउंगी | प्लीज |
किडनैपर ने कुछ सोचा और उसने हाथ पकड़कर उसे डिग्गी से निकाला और रीमा के हाथ पैर खोल दिए थे, रीमा ने अपने मुहँ पर लगा कपड़ा भी निकाल फेंका | चारो एक पगडण्डी पर चलने लगे | तभी एक और आदमी वहां आ गया जो भी मुहँ पर मास्क लगाये हुए था | दो आदमी रीमा का हाथ सख्थाती से थामे उसके साथ चल रहे थे | एक आदमी पीछे से उस पर गन ताने था | जबकि तीसरा आदमी रीमा को देखकर बहुत खुस था | रीमा समझ गयी थी यहाँ चालाकी दिखाने का कोई मतलब नहीं है | यहाँ कुछ भी गलत किया तो लावारिश लाश बनकर रह जाउंगी |
रीमा चुपचाप जंगल में उन किडनैपर के साथ चलती रही, कुछ देर बाद एक मकान दिखा | सभी उस में घुस गए | रीमा को नहीं पता था कि वो कहाँ पर है | उसे बस इतना अंदाजा था की गाड़ी कम से 40 मिनट चलने के बाद यहाँ आई है | इसलिए उसे लग रहा था की वो शहर से कोई 50-60 किमी दूर किसी जंगल के बीचो बीच में है | अन्दर जाकर एक लड़के ने रीमा को कुर्सी पर बैठ दिया और उसके हाथ पाँव दोनों कुर्सी से बांध दिए | दोनों लडके रीमा को बांधने के बाद उससे दूर चले गए | जो उन किडनैपर का लीडर था | उसने बाद में आये आदमी से मुखातिब होते हुए बोला - मैं अपना काम कर दिया, अब मुझे पेमेंट चाहिए |
रीमा - कौन बोल रहा है ?
उधर वाला आदमी फ़ोन पर ही हँसने लगा |
रीमा - तुमारे जैसे दो चार रोज मुझे गीदड़ धमकी देते है | ऐसे डरने वाली होती तो आज तक अकेले जी नहीं पाती | असली का मर्द है तो सामने आकर बात कर, साले छक्के कही के, फ़ोन पर धमकी दे रहा है |
फ़ोन - ऐईईईईईईईईईई मेरी मर्दानगी को मत ललकारना वरना बहुत पछताएगी |
रीमा - क्यों तुमारी लुल्ली सिर्फ दो इंच की है या तुम 20 सेकंड में निपटने वालो में से हो |
फ़ोन - तू जानती नहीं मै कौन हूँ |
रीमा - तो जान पहचान करा दो, चल फ़ोन रख तेरे जैसे बहुत देखे दो टके के सड़क छाप |
फ़ोन - तू मुझे बहुत हलके में ले रही है | पिछली बार जनरल स्टोर वाले हब पर पार्किंग लोट में तू फिसल गयी थी लेकिन इस बार तू नहीं बचेगी |
रीमा समझ गयी ये वही आदमी है जिन्होंने उसको किडनैप करने की कोशिश की थी |
रीमा थोड़ा गंभीर हो गयी - आखिर तुम कौन हो और तुम्हे क्या चाहिए |
फ़ोन - मुझे बस तुम चाहिए सिर्फ तुम |
रीमा - तुमारा दिमाग तो नहीं घूम गया, पता है मै कौन हूँ, यहाँ की सिक्युरिटी तुमारे बाप दादा तक के घर की नीव खोद डालेगी अगर मुझे कुछ हो गया तो |
फ़ोन से आने वाली आवाज - तुझे सजा जरुर मिलेगी और वो मै दूंगा |
इतना कहकर फ़ोन काट गया | रीमा ने अपने पति के दोस्त को वो नंबर दे दिया हालाँकि इसका जिक्र उसने अनिल और रोहिणी से बिलकुल नहीं किया |
बात आई गयी हो गयी कुछ दिन बीत गए | कुछ दिन रीमा सतर्क रही | उसके फ़ोन में जीपीएस हमेशा ऑन रहता और सिक्युरिटी ने भी उसके फ़ोन को सर्विलांस पर डाल रखा था | रीमा ने ये बात अनिल को नहीं बताई
फिर भी ये बात रोहित को पता चल गयी और रोहित ने रोहिणी से इस बारे में बात करी | रोहिणी ने अनिल को इस बारे में बताया | अनिल ने भरोसा दिलाया वो रीमा पर नजर रखेगें | अनिल रीमा के पास जाने से हिचकने लगे थे फिर भी अगर कोई काम होता था तो रोहिणी के साथ ही जाते थे |
रीमा को वो सच बताकर डराना नहीं चाहते थे इसलिए रीमा की सुरक्षा के लिए जो भी किया चुपचाप किया |
एक दिन की बात थी रीमा जब ऑफिस से वापस आ रही थी तो उसने देखा उसकी गाडी का टायर पंचर हो गया | पार्किंग में खड़ी गाड़ी का टायर कैसे पंचर हो सकता है लेकिन उसकी गाड़ी का टायर पंचर था | उसने ऑफिस से नौकर को बुलाकर टायर बदलने को कहा | लेकिन जब ऑफिस बॉय ने स्टेपनी टायर निकाला तो वो तो पहले से ही पंचर था |
रीमा ने माथा पीट लिया | वो उस टायर को ठीक कराना भूल ही गयी थी | ऑफिस बॉय ने रीमा को गाड़ी बाद में ठीक कराकर भेजने की बात कह दी और उसके लिए टैक्सी देखने चला गया | किस्मत अच्छी थी बिल्डिंग के बाहर गेट पर एक टैक्सी थी | वो रीमा को उसमे बैठाकर फिर कार का टायर ठीक कराने चला गया | रीमा ने कार में बैठेते ही अपने घर का पता बता दिया | कुछ दूर चलने के बाद तेल भराने के बहाने ड्राईवर ने यू टर्न ले लिया |
रीमा - किधर जा रहे हो आगे भी तो पेट्रोल पम्प है|
ड्राईवर - मैडम जी मैंने आगे वाली पेट्रोल पम्प की मेम्बरशिप ली, मुझे ठीकठाक कैशबैक दे देते है, मैडम जी आप परेशान न हो बस पांच मिनट की तो बात है |
रीमा सर हिलाकर रह गयी | पेट्रोल पंप मुख्य सड़क से थोडा अन्दर था और उसके लिए एक सुनसान गली से गुजरना पड़ता था | रीमा फ़ोन में बिजी हो गयी थी | जैसे ही ड्राईवर ने कार मैंन सड़क से नीचे उतारी, कुल १०० मीटर चलने के बाद ही तीन आदमी कार के चारो तरफ कूद पड़े | एक आदमी ने फटाक से ड्राईवर वाला दरवाजा खोला और उसको गन सटा दी | इससे पहले रीमा कुछ समझ पाती दो आदमी दोनों तरफ के दरवाजे खोलकर पिछली सीट पर आ गए | रीमा तो एकदम से घबरा गयी, उसके होश उड़ गए | उसमे से एक ने चाकू निकाल लिया और दुसरे ने गन | दोनों ने रीमा की तरफ चाकू और गन तान दिए | रीमा गन और चाकू देखकर बहुत घबरा गयी थी | वो दहसत से भर गयी | उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और अचानक सब कुछ इतनी तेजी से हुआ की रीमा को प्रतिक्रिया देने का अवसर ही नहीं मिला | सबी आदमियों के चेहरे पर नकाब था इसलिए किसी को पहचानना मुश्किल था | फिर भी उसने दिमाग ने तेजी दिखाते हुए अपना फ़ोन अपनी जांघ के नीचे दबा लिया | ड्राईवर को आगे वाले आदमी ने बाहर आने को कहा और जैसे ही वो बाहर आया, उसका फ़ोन पर्स सब छीन लिया और उसके सर पर पिस्टल का कुंडा मार कर उसे जमीन पर गिरा दिया | आगे वाले ने कार को फिर से तेजी से उसी तरफ ले गया जहाँ से वो पेट्रोल पंप की तरफ मुड़ी थी | कार के शीशे चढ़ा लिए और रीमा को नीचे की तरफ झुका दिया | कार तेजी से मैंन रोड से होती हुई कुछ ही मिनटों में शहर पार कर गयी | पिछली सीट पर बैठे आदमी रीमा के सर पर गन ताने रहा और दूसरा पकड़कर उसे नीचे की तरफ झुकाए रहे ताकि बाहर से कोई देख न ले | शहर पार करते ही उन दोनों की साँस में साँस आई | उन्होंने एक सुनसान इलाके में कार रोकी | रीमा को कार से बाहर निकाला |
रीमा- कौन हो तुम लोग और क्या चाहते हो मुझसे | तुम्हे पैसा चाहिए तो मै दे दूँगी | प्लीज मुझे कोई नुकसान मत पंहुचाना |
उन्होंने रीमा की बात अनसुनी कर दी |
वो आपस में ही उलझ कर रह गए | उनको आपस में उलझा हुआ देख रीमा ने भागने की कोशिश की, तो ड्राईवर सीट पर बैठे इन्सान ने बाहर निकलकर उस पर गन तान दी - मैडम होशियारी नहीं चलेगी सीधे जान से जाओगी | रीमा तो जैसे वही बर्फ बन गयी, एक दम सर्द बर्फ के मुताबिक जम गयी, उलटे पाँव लौट आई - प्लीज गोली मत चलाना, गोली मत चलाना |
वही बोला - अबे गधो ज्यादा टाइम नहीं है हमारे पास इसे बांधकर पीछे डालो डिग्गी में |
उनमे से एक बोला - बॉस ये रस्सी लाना भूल गया, बांधे किससे |
ड्राईवर सीट वाला - तुम साले दोनों के दोनों जिंदगी भर गधे ही रहोगे | एक काम नहीं होता तुमसे ढंग से |
थोड़ा सोचकर - गाड़ी में जाकर देखो पड़ी होगी |
रीमा - प्लीज प्लीज ऐसा मत करो, जो तुम कहोगे वो मै करूंगी |
पिछली सीट वाले में से एक - बॉस ये हमारे साथ शांतिपूर्वक चलने के लिए तैयार है |
ड्राईवर सीट वाला - अबे गधे इसको गोली मारने से पहले मै तुझे न उड़ा दू |
एक आदमी वहां से रस्सी ढूंढ कर लाया | उसने रीमा के हाथ पांव और मुहँ तीनो बांध दिए और दिग्गी में धकेल दिया | जल्दी से तीनो वहां से कार लेकर निकल गए |
रीमा अन्दर डिग्गी में हजार सवालो के साथ भयभीत हुई पड़ी थी | ये सब मेरे साथ क्या करने वाले हैं इनका निजी क्या मकसद है यह क्यों क्यों मुझे किडनैप करके कही ले जा रहे है रीमा का डर और दहसत से बुरा हाल हो गया | वो सदमे में चली गयी, उसकी हालत अर्द्ध बेहोशी की हो गयी थी | रीमा का मोबाईल कार की पिछली सीट पर पड़ा था | कार मैंन रोड से उतर कर अब जंगलो के बीच सुनसान सड़क पर जा रही थी | कुछ देर बाद कार एक कच्चे रास्ते पर उतर गयी | तभी रीमा के मोबाईल पर पीछे सीट पर बैठे लडके की नजर गयी | उसने इतना महंगा फ़ोन देखते ही उछाल पड़ा | उसके हाथ में फ़ोन देखते ही आगे कार चला रहा आदमी चिल्लाया - अबे गधो फ़ोन स्विच off करो वरना सिक्युरिटी हमारी मौत का फरमान लेकर आती होगी |
उन्ही में से एक बोला - क्या माल मिला है किडनैप करने को, मैडम तो बिलकुल चकाचक है, बिलकुल रसमलाई की तरह मन करता है गप गप कर खा जाऊ | साड़ी में जब इतना कहर ढा रही है तो एक बार बिना कपड़ो के .....................|
आगे वाले से - भाई बस एक झलक लेनी मम्मो की बस एक झलक, कैसे दुधिया मम्मे होंगे | |
जो गाड़ी चला रहा था वो बोला - बकवास बंद कर साले वरना तेरी खोपड़ी में अभी छेद कर दूंगा | साले हमें इसको बिना किसी नुकसान के बॉस तक पंहुचाना है | मैडम की तरफ नजरे भी उठाई तो आंखे फोड़ दूंगा |
पिचली सीट पर बैठे - भाई आप तो नाराज हो जाते हो लेकिन आप ही दिल पर हाथ रखकर बतावो मैडम है तो चकाचक न |
जो गाड़ी चला रहा था वो बोला - फ़ोन स्विच off कर वर्ना मै तुझे स्विच off कर दूंगा |
पिचली सीट पर बैठे लड़के ने जल्दी से फ़ोन स्विच off किया | गाड़ी जिस तरह से हिल रही थी उससे लग रहा था गाड़ी कच्चे रास्ते पर चल रही है | कुछ देर चलने के बाद गाड़ी रुक गयी | तीनो car से उतरे | एक ने आकर कार की डिग्गी खोली | रीमा की दहसत भरी और आसुओं से भरी आँखों को देखकर बोला - मैडम तो सच में डर गयी |
रीमा ने मुहँ से कुछ कहने की कोशिश की लेकिन उसके मुहँ में तो कपड़ा बंधा हुआ था इसलिए आवाज बस घुट कर रह गयी |
किडनैप करने वाला - कोई चालाकी मत कर वरना कुतिया की मौत मरी जाओगी | वो कुछ कहना चाहती थी इसलिए उसने हल्का सा उसके मुहँ से कपड़ा हटाया और रीमा गिडगिडाने लगी - प्लीज मुझे छोड़ दो, मैंने क्या बिगाड़ा है तुमारा, क्यों कर रहे हो ये सब | तुम्हे पैसा चाहिए मै तुम्हे ढेर सारा पैसा दूँगी | प्लीज ....................|
इससे आगे वो कुछ बोलती किडनैपर ने फिर से उसके मुहँ में कपड़ा ठूंस दिया | रीमा फिर से कुछ कहना चाहती थी | किडनैपर ने फिर से उसके मुहँ से कपड़ा नीचे खिसकाया |
रीमा - प्लीज जिस तुम बोलेगे मै वैस ही करूंगी, मेरे हाथ पाँव खोल दो | मै बिलकुल नहीं चिल्लाउंगी | प्लीज |
किडनैपर ने कुछ सोचा और उसने हाथ पकड़कर उसे डिग्गी से निकाला और रीमा के हाथ पैर खोल दिए थे, रीमा ने अपने मुहँ पर लगा कपड़ा भी निकाल फेंका | चारो एक पगडण्डी पर चलने लगे | तभी एक और आदमी वहां आ गया जो भी मुहँ पर मास्क लगाये हुए था | दो आदमी रीमा का हाथ सख्थाती से थामे उसके साथ चल रहे थे | एक आदमी पीछे से उस पर गन ताने था | जबकि तीसरा आदमी रीमा को देखकर बहुत खुस था | रीमा समझ गयी थी यहाँ चालाकी दिखाने का कोई मतलब नहीं है | यहाँ कुछ भी गलत किया तो लावारिश लाश बनकर रह जाउंगी |
रीमा चुपचाप जंगल में उन किडनैपर के साथ चलती रही, कुछ देर बाद एक मकान दिखा | सभी उस में घुस गए | रीमा को नहीं पता था कि वो कहाँ पर है | उसे बस इतना अंदाजा था की गाड़ी कम से 40 मिनट चलने के बाद यहाँ आई है | इसलिए उसे लग रहा था की वो शहर से कोई 50-60 किमी दूर किसी जंगल के बीचो बीच में है | अन्दर जाकर एक लड़के ने रीमा को कुर्सी पर बैठ दिया और उसके हाथ पाँव दोनों कुर्सी से बांध दिए | दोनों लडके रीमा को बांधने के बाद उससे दूर चले गए | जो उन किडनैपर का लीडर था | उसने बाद में आये आदमी से मुखातिब होते हुए बोला - मैं अपना काम कर दिया, अब मुझे पेमेंट चाहिए |