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आँचल दीदी की शादी
#60
फिर मैंने उसकी कमर पकड़ कर एक जोर का झटका मारा और लौड़ा पूरा का पूरा एक ही चोट में अंदर… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआ… भै..या… जी… क्या किया ये
उसे दर्द हो गया था पर मस्ती इतनी चढ़ी थी क़ि फिर बोली- चोदो भैया जी चोदो, मैं तुम्हारी गुनहगार हूँ, फाड़ डालो इस कमीनी चूत को!
मैं जोर जोर से झटके पे झटके लगा रहा था, आखिर मैंने दोस्त की बहन को चोद ही डाला था।

मैं तो मदहोश हो गया था- बहनचोद मादरचोद आज तक क्यों नहीं आयी, रंडी साली चोद चोद के तेरी चूत फाड़ दूंगा आज, बहनचोद तेरी पूरी बी ऍफ़ भी बनेगी और जब तू नहीं होगी तो इसी बी एफ को देख देख कर तेरी चूत की चुदाई कर के मुठ मारूँगा. बहनचोद, अब तो तेरे पति के सामने आ के चोद दूंगा तुझे रंडी!
और भी पता नहीं क्या क्या बड़बड़ा रहा था मैं।

वो बोली- भोसड़ी के, बहनचोद नहीं हूँ मैं भाई चोद हूँ, तू मेरा भैया ह ना, और मैं तुझे चोद रही हूँ, बहनचोद तो तू है, मुझे चोद रहा है ना?
“हाँ मेरी रानू, हाँ मैं तेरा भाई भी यार भी, आशिक भी तेरा गुलाम भी मेरी जान!”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आँचल दीदी की शादी - by neerathemall - 15-08-2019, 03:23 AM



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