15-08-2019, 03:19 AM
मैं समझ गया कि रीतू का चक्कर है इस लड़के के साथ।
मुझे रीतू को चोदने का बहुत मन हुआ और उस रात मैंने 3 बार मुठ मारी। खैर तब वो सपना सपना ही रह गया और 4 साल बाद रीतू की शादी उसी लड़के के साथ हो गई।
शादी के एक साल बाद प्रदीप का फ़ोन आया क़ि रीतू शहर में आयी है और वो लोग वहां नहीं हैं। रीतू को बी ए की डिग्री निकालनी थी, वो अकेले आयी थी।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, क़ि आज तो साली चुदेगी ही चुदेगी। मैं रीतू से मिला तो मेरी चुदक्कड़ मालो, वो तो बहुत ही चुदक्कड़ रांड लग रही थी। मेरा लंड सख्त हो गया; उसकी नजर फिर मेरे लंड पे पड़ गयी और फिर वही शैतानी हंसी।
उसने मेरे एकदम पास आकर सर झुका कर मुझे प्रणाम किया और मैंने भी आशीर्वाद देने के बहाने अपने हाथ उसके सर से होते हुए गाल में लगाए और फिर गाल पर चिकोटी काट कर हाथ नीचे लाते समय उसके बूब्स पे छुआ दिए। अब उसके चुच्चे 36 इंच हो गए थे।
मैंने उसकी डिग्री का फॉर्म भरा और वो डिग्री शाम तक मिलने वाली थी, तो मुझे मौका मिल गया, मैंने उससे अपने कमरे में चलने को कहा। पहले तो आनाकानी करने लगी, तो मैंने मौका देख कर उसके होंठों पे अपनी उंगली रख दी और कहा कि चुप रहो और कमरे में चल के खाना खा के आते हैं
मुझे रीतू को चोदने का बहुत मन हुआ और उस रात मैंने 3 बार मुठ मारी। खैर तब वो सपना सपना ही रह गया और 4 साल बाद रीतू की शादी उसी लड़के के साथ हो गई।
शादी के एक साल बाद प्रदीप का फ़ोन आया क़ि रीतू शहर में आयी है और वो लोग वहां नहीं हैं। रीतू को बी ए की डिग्री निकालनी थी, वो अकेले आयी थी।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, क़ि आज तो साली चुदेगी ही चुदेगी। मैं रीतू से मिला तो मेरी चुदक्कड़ मालो, वो तो बहुत ही चुदक्कड़ रांड लग रही थी। मेरा लंड सख्त हो गया; उसकी नजर फिर मेरे लंड पे पड़ गयी और फिर वही शैतानी हंसी।
उसने मेरे एकदम पास आकर सर झुका कर मुझे प्रणाम किया और मैंने भी आशीर्वाद देने के बहाने अपने हाथ उसके सर से होते हुए गाल में लगाए और फिर गाल पर चिकोटी काट कर हाथ नीचे लाते समय उसके बूब्स पे छुआ दिए। अब उसके चुच्चे 36 इंच हो गए थे।
मैंने उसकी डिग्री का फॉर्म भरा और वो डिग्री शाम तक मिलने वाली थी, तो मुझे मौका मिल गया, मैंने उससे अपने कमरे में चलने को कहा। पहले तो आनाकानी करने लगी, तो मैंने मौका देख कर उसके होंठों पे अपनी उंगली रख दी और कहा कि चुप रहो और कमरे में चल के खाना खा के आते हैं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.