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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#43
राज ने रानी की और देखा और झुक कर रानी के होँठ पर एक हल्का सा चुम्बन किया। फिर थोड़ा खिसक कर राज ने कुमुद के नंगे और कमनीय बदन को अपनी दोनों टाँगों के बिच रखा और झुक कर उसने कुमुद के होँठों पर अपने होँठ दबा दिए और वह कुमुद को पुरे आवेग से चुम्बन करने लगा। राज का खड़ा पुरे जोश से अकड़ा हुआ लण्ड कुमुद के पेट की ढूंटी को कुरेद रहा था। कुमुद ने अपनी उँगलियों में राज का लण्ड पकड़ा और राज से पुरे आवेग के साथ चुम्बन करते हुए वह राज का कड़ा लण्ड सहलाने लगी। फिर धीरे से थोड़ा खिसक कर और अपने और राज के बदन को थोड़ा सा एडजस्ट करते हुए कुमुद ने राज का लंड अपनी चूत के छिद्र पर रखा और उसे अपनी चूत की सतह पर रगड़ने लगी। 


कुमुद और राज के रस से सराबोर होने के कारण राज का लण्ड भी चिकनाहट से सराबोर लथपथ था। राज के लण्ड पर भी बून्द दर बून्द उसका पूर्व रस निकल रहा था। राज ने कुमुद का इशारा समझते हुए अपना लण्ड अपनी भाभी कुमुद की चूत में घुसाया। हालांकि राज का लण्ड कमल के लण्ड मुकाबले में थोड़ा सा छोटा था फिर भी कुमुद को उसे अपनी चूत के छिद्र में घुसाने में थोड़ी दिक्कत जरूर हुई। कुमुद की साँस कुछ लम्हों तक रुकी रही जब तक राज ने अपना लण्ड कुमुद की चूत में और थोड़ा घुसाया। अब राज का लण्ड लगभग आधा कुमुद की चूत में घुस चुका था और कुमुद उसे अपने अंदर ले पायी थी। वैसे भी अंदर की सतह पूरी तरह चिकनाहट से भरी हुई होने के कारण कुमुद को ज्यादा दर्द नहीं महसूस हुआ और वह अपने देवर राज के कड़े और मोटे लंड का अपनी चूत की गहराईयों में महसूस करने लगी। 

राज ने जब हलके से अपना पूरा लण्ड अपनी भाभी की चूत में घुसेड़ दिया तो कुमुद हलके से कराह उठी। उसे थोड़ा दर्द जरूर हुआ पर उससे कहीं ज्यादा उसे अपने पुरे बदन में रोमांच और एक अजीब सी थनगनाहट महसूस हुई। ऐसा रोमांच और ऐसी प्यारी झनझनाहट उसने कभी अपने कमल के साथ अनुभव नहीं की थी। वह तो बेचारी हमेशा यही सोच कर परेशान रहती की कमल कब उसके ऊपर से निचे उतर जाए और उसका इतना भारी भरखम लण्ड उसकी चूत से बाहर निकले ताकि उसका दर्द कम हो। 

राज ने धीरे धीरे से अपनी भाभी कुमुद को चोदना शुरू किया। कुमुद को अब कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। वह राज के लण्ड को अपनी चूत की गुफा की पुरी सतह पर महसूस कर रही थी। शादी के इतने सालों के बाद उसे यह अनुभव हुआ की राज का लण्ड उसकी प्यासी चूत को कैसे एक अद्भुत अनुभव करा रहा था जिसका उसे सालों से इंतजार था। राज कुमुद के होठोँ से अपने होँठ चिपकाए हुए ही कुमुद को चोद रहा था और यह अनुभव कुमुद के लिए बड़ा रोमांचकारी था। चुम्बन करते हुए चुदना यह शायद उसका पहला अनुभव था। 

राज ने ऊपर उठकर कुमुद की चूत में अपने लण्ड को पेलने की गति बढ़ाई और अब वह तेजी से अपनी भाभी को चोदने लगा। अब कुमुद भी अपनी गाँड़ उठा कर अपने देवर का लण्ड पूरा अपनी चूत में घुस सके ऐसे इरादे से उसका साथ दे रही थी। जैसे जैसे राज की चोदने की फुर्ती बढ़ती गयी वैसे वैसे कुमुद की कामुकता भरी सत्कारियाँ भी बढ़ने लगीं। कुमुद की चूत में हो रहे कम्पन का राज भी अनुभव कर रहा था क्यूंकि राज के लण्ड को कुमुद की चूत ने इतना सख्ती से जकड रखा था की कुमुद की चूत में होती थोड़ी सी कम्पन भी राज के लण्ड को महसूस होती थी। और कुमुद की चूत में कप्म्पन इतनी ज्यादा हो रही थी की सिर्फ राज का लण्ड बल्कि राज का पूरा बदन कुमुद की चूत की कम्पन के कारण एक अजीब रोमांच और आवेग से मचल रहा था। 

राज ने फुर्ती से कुमुद को चोदना शुरू किया और नजर घुमा कर देखा तो कमल भैया भी उसकी बीबी रानी की चूत में अपना लण्ड तेजी से पेले जा रहे थे। जैसे कोई स्टीम इंजन का पिस्टन सिलिन्डर में से अंदर बाहर होता है ऐसे ही कमल का लण्ड रानी की चूत में अंदर तक घुसता और फिर वापस निकलता। और इस प्रक्रिया में रानी की चूत में से बह रहे स्त्री रस और कमल के लण्ड में से टपक रही पूर्व स्राव की बूंदों की चिकनाहट कमल के लण्ड को चमका रही थी। 

रानी के उछलते हुए दोनों स्तन कमल ने अपने हाथों में सख्त जकड़े हुए थे और वह उन्हें अपनी हथेलियों में मसल रहा था। रानी भी कमल के हरेक धक्के का कस के उँह....... उँह..... सीत्कारियाँ यों में जवाब दे रही थी। कमल का आह... और रानी की उँह ... की आवाज कमरे में एक अजीब सा रोमांचक वातावरण बना रही थी। 

दोनों पति अपने दोस्त की बीबी के साथ चुदाई में मस्त थे। हालांकि वह एक दूसरे की गतिविधि जरूर देखते रहते थे। दोनों पति देखना चाहते थे की उनकी पत्नी कैसे दूसरी के पति से चुदवा रही थी और यह समझने की कोशिश कर रहे थे की उनका दोस्त जो उसकी बीबी को चोद रहा था वह कैसा महसूस कर रहा था। दोनों बीबियाँ दूसरे के पति से हो रही चुदाई के कारण अपनी चूत में पैदा कर रही रोमांचक प्रक्रिया का भरपूर आनंद लेती हुई अपनी आँखें मूँद कर पुरे दमखम से अपनी गाँड़ उछाल उछाल कर चुदवा रहीं थीं। उनकी लाज मर्यादा का बाँध अब टूट चुका था। अब पति के दोस्त के लण्ड का मजा लेने में उनको कोई ज्यादा शर्म नहीं महसूस हो रही थी। 

हाँ थोड़ा दिखावा तो करना ही पड़ता है। तो वह अपने पार्टनर (यानी दुसरी के पति) से खुल्लम खुल्ला नजर मिलाने से बचने की कोशिश जरूर कर रही थी। वह आँखें मूंदे सिर्फ दूसरे के पति से अपनी चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी, बल्कि अपने कूल्हे उठा उठा कर उन्हें चोदने वाले साथीदार का मनोबल बढ़ा भी रही थी और उसका लण्ड अपनी चूत में दूर दूर तक घुस सके वह भी सुनिश्चित कर रही थी। 
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RE: साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... - by usaiha2 - 14-08-2019, 07:46 PM



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