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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#38
रानी अपने पति को देखती ही रही। उसे अच्छी तरह से वो वाक्या याद था। वह खुद भी तो राज की बात सुनकर उत्तेजित हो चुकी थी। कमल से चुदवाने के लिए तो मानसिक रुप से वह तब की तैयार थी जबसे राज ने उसे कमल का नाम लेकर चुदवाने के लिए राजी कर लिया था। उसे लगा की राज की नियत उसे सिर्फ नंगी करने की या खुद चोदने की नहीं लग रही थी। शायद वह रानी को कमल से चुदवाना चाहता था।


रानी ने कहा, "देखो राज, अब बात कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ रही है। पहले तो तुमने मुझे कमल भैया के सामने नंगी करके ठीक नहीं किया। अब तुम और आगे बढ़कर मुझे कमल भैया के सामने ही चोदने लगे और कमल भैया की नियत खराब हो गयी और कहीं उनको मुझे चोदने का मन हो गया तो? तब तो गज़ब हो जाएगा। अब मेहरबानी कर के बस भी करो। प्लीज।"

रानी के बदन में कमल से चुदवाने की बात सोचते ही एक अजीब सी रोमांच भरी सिहरन फ़ैल गयी। कमल का खड़ा लम्बा और मोटा लण्ड उसकी आँखों से ओझल नहीं हो रहा था। उस वक्त तो राज और कुमुद ने बिच में ही उनका खेल बिगाड़ दिया था। कमल रानी को चोदने वाला ही था की उस का पति राज और कमल की पत्नी कुमुद अचानक ही टपक पड़े और सारा मजा किरकिरा कर दिया। क्या उसका यह ख्वाब आज पूरा होगा? यह सोच कर रानी के रोँगटे खड़े हो गए। रानी की चूत में से रस रिसने लगा। 

खैर अब रानी को कुछ नहीं करना था। जो भी करना था वह उसका पति ही करेगा यह विश्वास रानी को हो गया। बल्कि रानी ने सोचा की अब तो थोड़ा ना नुक्कड़ का ड्रामा करने में कोई बुराई नहीं है। रानी ने तुरंत राज का हाथ थाम कर कहा, "राज यह हम ठीक नहीं कर रहे। आप कमल भैया और कुमुद से कहो ना की वह अपने कमरे में चले जाएँ और जो करना है वह वहाँ करें।"

राज ने अपनी पत्नी रानी के कानों में कहा, "भाई मैं तो यह सब कमल भैया से नहीं कह सकता। अगर तुम ठीक समझती हो तो कमल भैया से तुम ही कहो।"

राज की बात सुनकर रानी चुप हो गयी। वह ग़ुस्सेमें होने का नाटक करते हुए बोली, "मैं कैसे बोलूं उनको? ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी। फिर यह ना कहना की जो हुआ वह क्यों हुआ। आखिर तुम मुझसे क्या चाहते हो? भैया के सामने तुम मुझे चोदना चाहते हो या फिर तुम्हारी मंशा कुछ और ही है?"

राज ने प्यार से हँसते हुए अपनी पत्नी रानी के कानों में फुसफुसाते हुए कहा, "देखो डार्लिंग, अब ज्यादा अनजान बनना छोडो। तुम अच्छी तरह जानती हो की मेरी मंशा क्या है। तुम्हारी जो मंशा है वही मेरी मंशा है। अब जो होता है उसे मत रोको होने दो और एन्जॉय करो।

अपने पति की बात सुनकर रानी ने अपनी आँखें मूँद ली। अब उसके पास इंतजार करने के अलावा और कोई रास्ता था। राज ने फुर्ती से अपना पजामा निकाल फेंका। राज अब अपनी बीबी रानी के ऊपर दो हाथ और दो पॉंव के सहारे सवार हो गया, हालांकि उसने अपना वजन रानी के बदन पर नहीं रखा था। 

राज और रानी दोनों कमल और कुमुद का अगला कदम क्या होगा उसका इंतजार करने लगे। कमल अपनी बीबी कुमुद की चूत में डाली उंगलियां चाट कर फ़ौरन घुटनों के बल कुमुद के बदन पर झूल गया और दोनों हाथों का सहारा लेकर कुमुद की चूत पर अपना लोहे के मोटे और लम्बे छड़ के समान कड़क लण्ड लहराने लगा। कुमुद आँखें मूँदे हुए अपने पति कमल के लण्ड का उसकी चूत में घुसने का इंतजार करती हुई बिना कुछ बोले पड़ी हुई थी। रानी ने कमल के लटकते हुए टट्टे (अंडकोष) को देखा. उन मोटे बड़े थैली के सामान अंडकोषों में कमल का कितना वीर्य भरा होगा यह सोचकर रानी की हालत पतली हो रही थी। वह भी कुमुद की तरह कमल के झूलते हुए मोटे लण्ड को कुमुद की छोटी सी योनि में घुसने का इंतजार करने लगी। 

कमल ने अपने लण्ड की गोलाई पर और फिर अपनी पत्नी की चूत में अपनी उँगलियों से कुछ ऑइंटमेंट जैसा, जेल जैसा कुछ चिकना पदार्थ अच्छी तरह लगाया और अपना मोटा लण्ड अपनी बीबी की चूत में हलके से घुसाया। लण्ड के घुसते ही कुमुद के मुंह से निकली हुई हलकी सी सीत्कार की आवाज सब ने सुनी। दर्द से ज्यादा वह रोमांचक उत्तेजना की आवाज थी। थोड़ा लण्ड घुसाकर रुकने के बाद कमल ने और एक हल्का धक्का दिया और अपना लण्ड कुमुद की चूत में और थोड़ा घुसेड़ा। 

इस बार कुमुद की आवाज में दर्द की मात्रा कुछ ज्यादा थी। पर साथ साथ में करीब एक महीने से ना चुदवाने के कारण उसकी उत्तेजना अपनी सीमा को पार कर रही थी। साथ में राज और रानी उसकी चुदाई देख रहे थे यह बात कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का कारण बन रही थी। 

एक और धक्का देकर कमल ने अपना लण्ड अपनी बीबी कुमुद की चूत में घुसाया तो कुमुद दर्द के मारे दबे आवाज में चिल्ला उठी। कुमुद की चीख धीमी पर दर्दनाक थी। रानी कुमुद की चीख सुनकर सिहर उठी। उसे कमल के वह वाक्य याद आये जिसमें कमल ने रानी से कहा था की कुमुद की चूत कुछ ज्यादा ही टाइट थी और कमल के चोदने से कुमुद को दर्द होता था। इसी कारण कमल रानी का नाम याद कर कुमुद को चोदता था। रानी को कमल और कुमुद पर थोड़ा तरस भी आया। जब चोदना दर्द का कारण बने तो चोदने का मज़ा बिगड़ जाता है। 

रानी ने सोचा अगर कमल का लण्ड उसकी चूत में घुसे तो क्या उसे भी ऐसा ही दर्द होगा? शायद नहीं। क्यूंकि राज हमेशा रानी को कहता था की रानी की चूत राज के लिए कुछ ज्यादा ही ढीली सी थी। शायद राज के लिए कुमुद की चूत सही थी और रानी के लिए शायद कमल का लण्ड सही था। इस बात को सोच कर रानी की चूत में से रस रिसने लगा।
 
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RE: साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... - by usaiha2 - 14-08-2019, 07:38 PM



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