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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#36
फिर राज ने धीरे से रानी के बदन के निचे हाथ डालकर पिछेसे रानी के ब्रा की पट्टीयां खोल दी। गुम्बज के सामान फैले हुए रानी के मस्त उरोज ब्रा के बंधन में से मुक्त होते ही रानी की छाती पर डोल कर सब का ध्यान आकर्षित करने लगे। उन उच्छृंखल उरोजों पर गोरी गोरी एरोला की चॉकलेटी गोलाई दिख रही थी जिसमें छोटी छोटी सैंकड़ों फुंसियां खिली हुई थीं जो रानी के गरम होने की चुगली खा रहीं थी। उन गोरी अरोलाओं के घेरे के बिचोंबिच रानी के स्तनों की चोटी पर दो दण्डों के सामान उसकी फूली निप्पलें (चुचुक) गजब ढा रही थीं। 

कमल पहले से ही इसी का इंतजार कर रहा था की कब राज अपनी पत्नी के गाउन के पट खोले और उसे राज की बीबी रानी की मद मस्त अल्लड़ चूँचियों के दर्शन हों। रानी के खुल्ले हुए अफलातून स्तनों को देखकर कमल की भी वही दशा हुई जो राज की कमल की बीबी कुमुद के स्तनों को देख कर हुई थी। लगता था जैसे कमल की आँखें रानी के मस्त परिपक्व फुले हुए अल्लड़ गुम्बजोँ को देख कर चौंधियाँ सी गयीं। कमल से रहा नहीं जा रहा था। वह रानी की उन चूँचियों को अपने दोनों हाथों में लेकर मसलना चाहता था। कमल रानी की चूँचियों को मसल ने का आनंद थोड़ी देर पहले ही ले चुका था। पर वह थोड़ी देर के उस स्पर्श से कमल को संतुष्टि नहीं हो रही थी। वह रानी के गुम्बजोँ को प्यार से और देर तक चूसना, चूमना और मसलना चाहता था। 

पर उसे अपनी बीबी की उपस्थिति में थोड़ी सी झिझक हो रही थी। कुमुद ने देखा की उसका पति कमल राज की बीबी के स्तनों को घुरघुर कर देखा रहा था। कुमुद को बरबस हंसी आगयी। वह सोचने लगी यह पुरुष की जात बन्दर के समान है। जैसे ही कोई सुन्दर बंदरिया उसे दिखती है वह जीभ लपलपाता अपनी बीबी कितनी ही सुन्दर क्यों ना हो, को छोड़ कर दूसरी के पीछे भागने लगता है। 

कुमुद ने अपने पति कमल के लण्ड को अपनी गाँड़ में टक्कर मारते हुए महसूस किया। कमल एकदम गरम हो चुका था। कमल ने कुमुद का हाथ पकड़ा और पीछे की और घुमाकर उसे अपने लण्ड पर रख दिया। कमल चाहता था की कुमुद उसके लण्ड को सहलाये। कुमुद ने अपने पति का लण्ड अपने हाथों में लिया और उसे धीरे धीरे सहलाने लगी। उसे इस पोजीशन में असुविधा हो रही थी। 

दोनों पति दूसरे की पत्नी को और उसके बदन को भूखी नज़रों से देख रहे थे। पर उनमें हिम्मत नहीं हो रही थी की दूसरे की पत्नी को छुए। दोनों बीबियाँ भी काफी गरम हो चुकी थीं और चाहती थीं की उनका पति उनको और गरम करे। अपने मनमें शायद वह समझ चुकी थीं की उस रात उन दोनों की खूब चुदाई होने वाली थी। 

कमल ने राज को इशारा किया की राज अपनी बीबी रानी के गाउन को पूरी तरह उतार फेंके। इधर कमल ने भी अपनी बीबी के गाउन को कुमुद के हलके फुल्के अवरोधकों ना मानते हुए पूरा खोल दिया। रानी और उसका पति राज कमल और कुमुद की गतिविधियों को बड़े ध्यान से देखने लगे। कुमुद के दूध समान गोरे नंगे बदन को पहेली बार अपनी नज़रों के समक्ष देखकर राज की बोलती बंद हो गयी। कुमुद एक अप्सरा के समान दिख रही थी। उसका नग्न बदन उसकी पतली कमर, उसके उन्नत फुले हुए स्तन मंडल और उसकी गिटार के सामान सुआकार कमर के निचे की बदन की गोलाई देखते ही बनती थी। 

राज क्या राज की पत्नी रानी भी कुमुद का कमसिन और गोरा जलपरी सा नंगा बदन देखकर जैसे मोहित हो गयी। रानी अपने आपको रोक नहीं पायी और बरबस रानी का एक हाथ कुमुद के स्तनों से खेलने लगा। रानी और कुमुद दोनों एक दूसरे से एकदम सट कर लेटे हुए थे। दोनों की जांघें और कंधे एक दूसरे से रगड़ रहे थे। रानी के हाथ जब कुमुद के स्तनों पर थे तब कमल ने रानी के हाथों को थाम लिया और रानी की हथेली के पीछे उपरसे अपनी हथेली रानी के हाथ पर रख दी। कुमुद की सुन्दर उरोजों से कमल और रानी दोनों ही खेलने लगे। 

कुमुद ने कमल के लण्ड से अपना हाथ हटा लिया क्यूंकि कुमुद को दर्द हो रहा था। तब कमल ने अपने पाजामे का नाडा खोल दिया और अपने लण्ड को खुल्ला छोड़ दिया। कमल अपनी पत्नी कुमुद के पीछे था इसलिए राज और रानी उसे देख नहीं पाए पर उन्होंने देखा की कमल अपना पजामा उतार चुका था और वह कुमुद की बाहों के ऊपर से अपना एक हाथ लंबा कर अपनी बीबी कुमुद के स्तनोँ को दबा रहा था और साथ साथ रानी के हाथ जो कुमुद के स्तनोँ को सेहला रहे थे उन्हें दबा कर अपनी इच्छा प्रकट कर रहा था। पीछे से कमल कुमुद की गांड की दरार में हलके से अपना लण्ड फँसा ने में जुटा हुआ था। 

यह देखकर राज भी उत्तेजित हो कर अपनी बीबी रानी के स्तनों को और जोश से मलने लगा। राज का सपना साकार होने वाला था। कुमुद के नग्न बदन के दर्शन करनेका राजका पहला सपना तो साकार हो ही चुका था। अब उसे दूसरे सपने का फलीभूत होने का बेसब्री से इंतजार था। वह बेचैन था की कब उसे कमल भैया की पत्नी और उसकी चाह, कुमुद के नंगे बदन को अपने हाथों से सहलाने का, दुलार करने का मौक़ा मिले। 

कमरे में सेक्स की खुशबु चारों और फ़ैल रही थी। दोनों बीबियों ने जो परफ्यूम लगाए थे उसके साथ चारों की योनियों से रिसते हुए रस की खुशबु मिल कर एक रोमांचक सी महक कमरे को तरबतर कर रही थी। कोई कुछ भी बोल नहीं रहा था। सब का ध्यान 'अब आगे क्या होगा ' पर केंद्रित था। हालांकि सबको आज रात का अंजाम भलीभांति पता था, पर फिर भी आखिरी वक्त पर कहीं कोई पासा उलटा ना पड़ जाए, कहीं कोई बेगम नाराज ना हो जाए, उसकी आशंका से दोनों पति अपनी पत्नियों को कुछ ज्यादा ही खुश रखने में मशगूल थे। 

हालांकि दोनों मर्द अपनी बीबी से ज्यादा दूसरे की बीबी के बारेमें सोच रहे थे; पर क्यूंकि बीबियों की रजामंदी के बगैर जो वह करना चाहते थे वह नहीं हो सकता था इस लिए, दोनों पति अपनी बीबियों को यह जताने में लगे हुए थे की उनका ध्यान अपनी बीबियों पर ही था। कोई भी पति दूसरे की बीबी को छेड़ने की पहल नहीं कर रहा था। हाँ कमल कुमुद के स्तनों को सहलाते हुए रानी के हाथ को दबा कर अपनी कामना का संकेत जरूर दे रहा था।
 
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RE: साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... - by usaiha2 - 14-08-2019, 07:35 PM



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