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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#30
कमल अपनी बीबी को ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई देखता ही रहा। कुमुद उस वेश में बड़ी खूबसूरत दिख रही थी। कुमुद की पतली कमर के निचे का घुमाव जो उसकी आकर्षक गांड और चूत में जाकर मिलता था, वह देखते ही बनता था। वैसे तो उसने कई बार कुमुद को नंगी भी देखा था, परन्तु आज की बात कुछ और थी। जब कुमुद झुक कर गाउन निकाल कर पहनने लगी तो कमल कुमुद के पीछे गया। कुमुद की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर पीछे से अपना लण्ड कुमुद की गांड में घुसाने का नाटक करते हुए कमल ने अपनी बीबी की ब्रा की पट्टी खोल दी और कुमुद की पेंटी को निचे की और खिसकाते हुए बोला, "यह निकालो। "


कुमुद आश्चर्य से अपने पति को देखती ही रह गयी और बोली, " बात क्या है? यह क्या कर रहे हो?"

कमल ने शरारत भरी नजर से कुमुद की और देखते हुए कहा, "अरे भाई मैंअपनी खूबसूरत बीबी को नँगी देखना चाहता हूँ। मैंने तुम्हें काफी समय से नँगी नहीं देखा है। अरे जब यह ब्रा और पैंटी जल्द ही उतरनी ही है, तो पहनने की क्या जरुरत है?"

कुमुद ने असहायता दिखते हुए कहा, "ठीक है… तुम मेरे पति और स्वामी हो। तुम्हारी बात तो माननी ही पड़ेगी।" कुमुद ने जल्दी ही सिर्फ नाइट गाउन पहना और अंदर कुछ नहीं पहना। 

कमल ने भी फुर्ती से अपने कपडे बदले और कुर्ता पजामा पहन कर तैयार हुआ और तैयार होते ही कमल ने अपनी बीबी कुमुद का हाथ पकड़ा और राज के बैडरूम की और चल पड़ा।

राज के साथ रानी अपने कपडे बदल कर सफ़ेद नाइट गाउन पहन कर रही थी। रानी का गाउन महिम कॉटन का था। शायद राज ने भी रानी को अन्तर्वस्त्र (यानी पेंटी और ब्रा) पहनने से रोका था जिसके कारण हवा का एक झोंका और पीछे से आती प्रकाश की किरणें रानी के गाउन में से उसके कमसिन नंगे बदन की आकृति की साफ़ साफ़ झांकी दे रही थीं। दोनों टांगो को एक दूसरे से दबाती हुई चलती रानी दो सुआकार जाँघों के बिच सिकुड़ी हुई अपनी खूबसूरत चूत को दूसरों की नजरों से छुपाने का नाकाम प्रयास कर रही थी। बड़ी ही सहमी सहमी धीरी चाल से चलती हुई रानी सफ़ेद परी के सामान दिख रही थी। रानी की चाल से थिरकते हुए उसके उन्नत उरोज और मटकती हुई उस की गाँड़ देखते ही बनती थी। कुमुद ने देखा की बड़ी मुश्किल से उसके पति कमल ने अपनी नजर रानी के कमसिन बदन से हटाई। 

कुमुद ने सोचा बेचारे उसके पति का क्या दोष? ऐसी खूबसूरत और सेक्सी स्त्री को देखकर कुमुद का खुद का मन भी तो रानी को बाहों में लेने को मचल रहा था। 

कमल और कुमुद के पहुँचते ही राज ने कहा, "भैया, आज हम चारों मिलकर खुल्लम खुल्ला बाते करते हैं और सारी समस्यायों का समाधान करते हैं। इसलिए मेरा सुझाव है की आज की रात एक साथ गुजारेंगे। बल्कि हम दूसरा एक पलंग ले आते हैं और दोनों पलंग एकसाथ कर देते हैं। फिर पूरी रात सोते रहेंगे, बाते करते रहेंगे। बोलो भैया ठीक है?" 

कमल ने कहा, "राज दूसरे पलंग की क्या जरुरत है? हम चारों तो एक ही पलंग में भी समा सकते हैं।"

कुमुद और रानी एकदूसरे को चुपचाप देखते ही रहे। राज ने कमल को इशारा किया और कमल और राज दोनों ने मिलकर दूसरे बैडरूम में से एक पलंग उठाया और उसे लाकर राज और रानी के पलंग के साथ जोड़ दिया। 

पलँगो के जुड़ते ही, राज ने जैसे सुहाग रात में पति पत्नी को अपनी शैय्या पर ले जाता है, ऐसे ही अपनी पत्नी रानी को बाहों में उठाकर अपने पलंग पर कोने में ले जा बैठा और रानी को अपनी गोद में बिठा दिया। 

कुमुद सेहमी सी एक कोने में खड़ी बिना बोले दोनों मर्दों की करतूतें देख रही थी। कमल मूड़ा और अपनी पत्नी कुमुद को भी अपनी बाहों में ऊपर उठा कर दूसरे पलंग के पास जा पहुंचा। 

जब राज और रानी ने कमल को अपनी पत्नी कुमुद को अपनी बाहों में उठाकर लाते हुए देखा तो राज बोल पड़ा, "आज कुमुद भाभी की खैर नहीं। लगता है कमल भैया बड़े मूड में हैं।"

कमल ने अपनी पत्नी कुमुद को धीरे से पलंग पर लिटाते हुए कहा, "देखो राज, सच तो यह है की मैं मेरी प्यारी कुमुद के बिना कई दिनों से अलग रहा। आज तुम्हारे कारण मुझे मेरी प्यारी के साथ सोने का मौक़ा मिला है तो मैं उसे खोना नहीं चाहता।"

कमल अपनी बात खतम करे उससे पहले ही राज बोल पड़ा, "सोने का मौक़ा या फिर कुछ और करने का मौक़ा? भैया साफ़ साफ़ क्यों नहीं बोलते?"

कमल राज की और खिसियानी नजर से देख कर बोला, "हाँ भाई। मैं जानता हूँ तू क्या कहना चाहता है। अब हमें खुल्लम खुल्ला शब्दों में बात करनी है, तू यही कहना चाहता है ना? तेरी बात भी ठीक है। चल तो मैं कह ही देता हूँ की आज मैं मेरी बीबी को चोदने का मौक़ा खोना नहीं चाहता। बस? अब तो खुश?"
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RE: साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... - by usaiha2 - 14-08-2019, 05:33 PM



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