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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#29
राज यह सुन कर आगे आया और बोला, "मेरी प्यारी रानी! शर्म और लज्जा स्त्री के आभूषण हैं। लज्जा तो आएगी ही। डार्लिंग, तुम्हें कुछ नहीं करना है। यह सब ऊँची ऊँची गंभीर बातें छोडो। बस हम दोनों पति और दोनों पत्नियां मिलकर यह शपथ लें की अब हम एकदूसरे से कुछ नहीं छुपायेंगे। इसकी शुरुआत हम ऐसे करें की आज रात हम हमारे बिस्तर एक साथ एक ही रूम में लगाएंगे और खूब प्रेम से एक दूसरे से खुली बात करेंगे और एक दूसरे की बातें सुनेंगे। हम चारों के बीचमें कोई भेद हम नहीं रखेंगे। हम पति और पत्नी खूब प्रेम करेंगे और एक दूसरे के सामने ही करेंगे। अब हम एक दूसरे से पर्दा नहीं करेंगे। अब हमें पूरी आजादी रहेगी। हम जो चाहे कर सकते हैं। बोलो मंजूर है?"

सब ने मिलकर कहा, " मंजूर है।"

तब कुमुद थोड़ा मुस्कुरायी और रानी के पास आयी और उसे अपनी बाँहों में लेती हुई बोली, "तू मुझे अपनी बहिन कहती है ? और मुझसे ही चोरी छुप्पी? मेरा पति तो पहले से ही लम्पट है। मुझे पता है की वह तुम्हें छेड़े बगैर रहेगा नहीं। तुम्हें छेड़ रहा था वह? सच सच बोलना। और अगर तू उसे पसंद है ना तो वह तुझे छोड़ेगा भी नहीं।" इतना बोल कर कुमुद चुप हो गयी और सब की और देखने लगी। 

फिर कुमुद ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, "पर आखिर तू भी तो एक स्त्री है और तेरी भी तो अपनी कामनाएं हैं और मजबूरियां भी हैं। मेरे लम्पट और आकर्षक पति को दूर रखना कोई भी स्त्री के लिए बड़ा ही मुश्किल है। उसके ऊपर तुम्हें लपेटने में कमल के सहायक और हितैषी तुम्हारे पति? तुम कहाँ बच पाती? तुम्हारा क्या दोष?" कह कर कुमुद ने रानी को गले लगा लिया। 

रानी: "कुमुद तुम मेरी सच्ची बड़ी बहन हो। मैं तुम्हें कभी आहत नहीं करुँगी। यह मेरा वादा है।"

कुमुद अपने पति कमल के पास गयी और बोली, "डार्लिंग, तुम तो सुधरोगे नहीं। तुम अपने आपको क्या समझते हो? कोई लड़की ने ज़रा सी छूट दे दी तो तुम जो चाहो करोगे? अब चलो मेरे साथ मैं तुम्हें इसकी सजा देती हूँ।

यह कह कर कमल का हाथ पकड़ कर कुमुद अपने पति को खिंच कर दूर बैडरूम में ले गयी। कमरे में पहुंच कर पलंग पर पति को बिठाकर कुमुद स्वयं उसकी गोद में बैठ गयी। अपने पति कमल को कुमुद ने गले लगा लिया, अपनी बाहों में ले लिया और कमल के कानों में फुसफुसाती हुई बोली, "मेरे चालु लम्पट पतिदेव। बेचारी भोली भाली चिड़िया को फँसा रहे थे? यार निर्लज्जता की भी कोई हद होती है। अपने भाई की बीबी को ही चोदना चाहते हो?"

कमल बड़े ही असमंजस में अपनी बीबी कुमुद को देखता रहा। उसे समझ नहीं रहा था की वह क्या बोले। उसने कुमुद का यह रूप कभी पहले नहीं देखा था। कुमुद बोली, "तुम तो सुधरने से रहे। अब मुझे ही सुधरना पडेगा। मैं कोई गुस्से में नहीं हूँ। तुम्हारे और रानी के बारे में मेरी राज से खुल्लमखुल्ला बात हुई है। अब मुझे तुम से कोई शिकायत नहीं है। अब तक के मेरे रूखे बर्ताव के लिए मुझे माफ़ करना। पर हाँ याद रहे मैं तुम्हारी बीबी हूँ और हमेशा रहूंगी। तुम पर मेरा ही अधिकार है। रानियां तो आएंगी और जाएंगी। और दूसरी बात तुम्हारी खैर नहीं जो मेरे पीछे, मुझसे पूछे बगैर कुछ भी गड़बड़ की। राज से मेरी साफ़ साफ़ बात हुई है। अब हम जो भी करेंगे, साथ में मिलकर करेंगे। बोलो मंजूर?"

कमल को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उस के चेहरे पर तो वैसे ही पहले से ही हवाइयां उड़ रही थीं। अपनी पत्नी का वह रूप देख कर उसकी बोलती बंद हो गयी थी। कुमुद की बात सुनकर कमल की जान में जान आयी। वह आगे बढ़ा और अपनी पत्नी कुमुद को अपनी बाहों में लेते हुए बोला, "मुझे मंजूर है। तुम बहुत अच्छी पत्नी हो जो मुझ जैसे लम्पट को भी झेल रही हो। अब मैं तुमसे कोई धोखाधड़ी नहीं करूंगा। जोभी करूंगा यातो तुम्हारे सामने या फिर तुमको बताकर करूँगा।"

कुमुद ने जवाब में कहा, "कमल, मतलब तुम अपनी करतूतों से बाज नहीं आओगे? खैर मैं जानती हूँ तुम सुधर नहीं सकते। पर तुम्हारा क्या दोष? मैं भी तो तुम पर बेकार ही इतना गुस्सा कर बैठी और तुम्हें कई रातों तक पास नहीं आने दिया। मैं जानती हूँ सेक्स के बगैर तुम रह नहीं सकते। अब मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी। तुम्हारी ख़ुशी मैं ही मेरा जीवन है। मैं तुम्हारी हूँ और तुम मुझसे जो चाहे कर सकते हो और तुम जो कहोगे मैं करुँगी। मुझे तुम पर पूरा विश्वास है। मैं तुम्हें किसी भी बातमें कभी नहीं रोकूंगी।"

अपनी बीबी की बात सुनकर कमल का मुंह खुआ का खुला ही रह गया। उसकी समझ में नहीं आया की यह सब क्या हो गया था। पर जो भी हुआ इससे कमल खुश था। कमल ने कुमुद को अपनी बाहों में ऊपर उठा लिया और पूछा, "डार्लिंग क्या बात है? राज के साथ क्या बात हुई जो तुम अचानक ही मुझ पर इतनी मेहरबान हो गयी?"

कुमुद ने अपने पति की और हँसते हुए देखा और कहा, "तुम तो पागल हो, पर रानी तो समझदार है। राज कह रहा था की कमल भैया तो पागल हैं, उनकी बातों का क्या बुरा मानना?"

कमल: "अच्छा तो मैं राज और तुम्हारी नजर में पागल हूँ? तो फिर तो आज मैं अपना पागलपन जरूर दिखाऊंगा। और तुम मुझे रोकेगी नहीं, मंजूर है?"

कुमुद, "अच्छा वचन दिया की मैं तुम्हेँ बिलकुल नहीं रोकूंगी। बस? अब चलो हम कपडे बदल कर चलते हैं और देखते हैं की राज और रानी क्या कर रहें हैं?" ऐसा कह कर कुमुद ने कमल को सूटकेस खोल कर अपने पति कमल को उसका कुर्ता पजामा दिया और खुद स्कर्ट और टॉप निकाल फेंका।
 
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RE: साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... - by usaiha2 - 14-08-2019, 05:31 PM



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