14-08-2019, 04:35 PM
कुमुद भी उनके पास आयी और उन दोनों से लिपट कर बोली, "यह तो इमोशनल अत्याचार हो गया।अब बस भी करो। तुम दोनों सगे भाई ना होते हुए भी एक दूसरे को इतना चाहते हो की एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हो। यह अद्भुत है। भगवान आप दोनों की जोड़ी सलामत रखे।"
अगले दिन राज को वापस जाना था। उस रात राज, कमल और कुमुद तीनों बिस्तर पर लेटे हुए देर रात तक बातें करते रहे। कुमुद राज और कमल के बिच में लेटी हुई थी। उस रात बातें करते हुए पता नहीं कितनी बार राज और कुमुद में शारीरिक स्पर्श हुआ होगा। देर रात तक बातें चलती रहीं। फिर राज अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। दूसरे दिन राज वापस अहमदावाद चला गया।
जब भी उनकी फोन पर बातचीत होती तो कमल रानी के बारेमें पूछता और राज कुमुद के बारेमें।
एक दिन राज कुछ ज्यादा ही दुखी था। कमल से फ़ोन पर बात करते करते वह बोल पड़ा, "भैया, अब तो जिंदगी बोझ बन गयी हो ऐसा लगता है। शादी के शुरू में तो मेरी और रानी की खूब जमी। हमने खूब मजे किये। पर अब तो सेक्स का जोश धीरे धीरे कम हो गया है। इस लिए नहीं की हमें सेक्स करना अच्छा नहीं लगता, पर इस लिए की सारी नवीनता ख़त्म हो गयी है। मुझसे ज्यादा रानी पर इस का असर दिखाई देने लगा है। क्या बताऊँ? मेरी सेक्स करने की इच्छा को वह अक्सर "थक गयी हूँ।" कह कर टाल देती है या फिर टाँगे फैला कर कहती "चलो जल्दी निपटाओ, मुझे नींद आ रही है। मुझे बड़ा दुःख होता है पर क्या करूँ? मेरी समझ में नहीं आता की क्या किया जाय।"
तब अचानक कमल को वह लेख याद आया जो उसने कोई ब्लॉग में पढ़ा था। कमल ने कहा, "राज मेरे पास एक फॉर्मूला है। अगर तुझे पसंद आता है तो अमल कर।" कमल ने फिर उसका प्लान जो उस ब्लॉग के लेख पर आधारित था, राज को विस्तार से बताया।
सुनकर राज खिल उठा। राज ने कहा, "भाई, तुम्हारे प्लान में दम है। तुम कहो तो मैं इसे आज से ही अमल करना शुरू कर देता हूँ।"
कमल ने कहा, "राज यह पहला सोपान है। इस प्रोग्राम के तीन सोपान है। दुसरा और तीसरा बाद में बताऊंगा। "
राज ने कमल को विश्वास दिलाया की वह उसे एकदम अमल करना शुरू कर देगा और कमल को बताता रहेगा की असर कैसा रहा।
करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा। तब फिर एक दिन अचानक ही राज का फ़ोन आया। राज ने सबसे पहले तो इतने दिन तक फ़ोन न करने के लिए माफ़ी मांगी और फिर तब तक का विस्तार पूर्वक विवरण दिया।
राज ने कमल से कहा, "कमल भैया तुम तो यार कमाल के जादूगर हो। जैसा तूम ने बताया था, मैं रानी को बाहर घुमाने के लिए ले जाने लगा हूँ। पहले मैं खुद तो बाहर घूमता था और नए नए लोगों से मिलता रहता था। शाम को मैं जब घर लौटता तो "थक गया हूँ" कह कर यातो टीवी देखने लगता यातो अखबार पढ़ने। रानी बेचारी रसोई में लगी और घरमें बैठ कर वही पुरानी घिसी पिटी जिंदगी जी रही थी। उसके लिए आज और कल में कोई भी फर्क नहीं था। मैं धीरे धीरे रानी को मेरे साथ शामको बाहर खाने, तो कभी उसकी सहेलियों से मिलने तो कभी क्लब में ले जाने लगा। मेरी बीबी में इस कारण जो परिवर्तन आया वह मुझे हैरान करने वाला था। रानी की मुस्कान लौट आने लगी। भैया वाकई फॉर्मूला जबरदस्त है।"
कमल ने कहा, "मैं जैसा कहता हूँ ऐसा करते जाओ। देखो तुम्हारे जीवन में कैसे बहार लौट आती है। अब दुसरा कदम आगे बढ़ाओ। रानी को थोड़े भड़कीले कपडे पहनने का आग्रह करो। कोई उनको लाइन मारेगा तो वह कभी किसी को थोड़ी छूट भी देगी। चिंता मत करो, तुम्हारी बीबी तुम्हारी ही रहेगी। इस बिच तुम भी कभी कभी किसी की बीबी पर लाइन मारोगे तो रानी भाभी तुम्हें कुछ नहीं कहेगी।"
राज ने कुछ निराशा से कहा, "भैया रानी बाहर जाने के लिए तो तैयार होती है, उसे सजधज ने का भी बड़ा शौक है पर आजकल वह अपने अंग प्रदर्शन करने से डरती है। कहती है, "अब मैं एक माँ बन गयी हूँ। यह सब मुझे शोभा नहीं देता। कॉलेज की बात और थी। ऐसे भड़कीले वेश में मुझे देख कर लोग हँसेंगे। कहेंगे बूढी घोड़ी जवान बनना चाहती है।"
कमल ने हंसकर कहा, "तुम एक काम करो। तुम रानी से कहो की वह शादी के बाद तो और भी सुन्दर और सेक्सी हो गयी है। दूसरे मर्द रानी को देख कर हँसेंगे नहीं, उसे देखकर घूरेंगे और रानी के पति की यानी तेरी इर्षा करेंगे। कहेंगे यह साले बन्दर ने मोरनी को फाँस लिया।
अगले दिन राज को वापस जाना था। उस रात राज, कमल और कुमुद तीनों बिस्तर पर लेटे हुए देर रात तक बातें करते रहे। कुमुद राज और कमल के बिच में लेटी हुई थी। उस रात बातें करते हुए पता नहीं कितनी बार राज और कुमुद में शारीरिक स्पर्श हुआ होगा। देर रात तक बातें चलती रहीं। फिर राज अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। दूसरे दिन राज वापस अहमदावाद चला गया।
जब भी उनकी फोन पर बातचीत होती तो कमल रानी के बारेमें पूछता और राज कुमुद के बारेमें।
एक दिन राज कुछ ज्यादा ही दुखी था। कमल से फ़ोन पर बात करते करते वह बोल पड़ा, "भैया, अब तो जिंदगी बोझ बन गयी हो ऐसा लगता है। शादी के शुरू में तो मेरी और रानी की खूब जमी। हमने खूब मजे किये। पर अब तो सेक्स का जोश धीरे धीरे कम हो गया है। इस लिए नहीं की हमें सेक्स करना अच्छा नहीं लगता, पर इस लिए की सारी नवीनता ख़त्म हो गयी है। मुझसे ज्यादा रानी पर इस का असर दिखाई देने लगा है। क्या बताऊँ? मेरी सेक्स करने की इच्छा को वह अक्सर "थक गयी हूँ।" कह कर टाल देती है या फिर टाँगे फैला कर कहती "चलो जल्दी निपटाओ, मुझे नींद आ रही है। मुझे बड़ा दुःख होता है पर क्या करूँ? मेरी समझ में नहीं आता की क्या किया जाय।"
तब अचानक कमल को वह लेख याद आया जो उसने कोई ब्लॉग में पढ़ा था। कमल ने कहा, "राज मेरे पास एक फॉर्मूला है। अगर तुझे पसंद आता है तो अमल कर।" कमल ने फिर उसका प्लान जो उस ब्लॉग के लेख पर आधारित था, राज को विस्तार से बताया।
सुनकर राज खिल उठा। राज ने कहा, "भाई, तुम्हारे प्लान में दम है। तुम कहो तो मैं इसे आज से ही अमल करना शुरू कर देता हूँ।"
कमल ने कहा, "राज यह पहला सोपान है। इस प्रोग्राम के तीन सोपान है। दुसरा और तीसरा बाद में बताऊंगा। "
राज ने कमल को विश्वास दिलाया की वह उसे एकदम अमल करना शुरू कर देगा और कमल को बताता रहेगा की असर कैसा रहा।
करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा। तब फिर एक दिन अचानक ही राज का फ़ोन आया। राज ने सबसे पहले तो इतने दिन तक फ़ोन न करने के लिए माफ़ी मांगी और फिर तब तक का विस्तार पूर्वक विवरण दिया।
राज ने कमल से कहा, "कमल भैया तुम तो यार कमाल के जादूगर हो। जैसा तूम ने बताया था, मैं रानी को बाहर घुमाने के लिए ले जाने लगा हूँ। पहले मैं खुद तो बाहर घूमता था और नए नए लोगों से मिलता रहता था। शाम को मैं जब घर लौटता तो "थक गया हूँ" कह कर यातो टीवी देखने लगता यातो अखबार पढ़ने। रानी बेचारी रसोई में लगी और घरमें बैठ कर वही पुरानी घिसी पिटी जिंदगी जी रही थी। उसके लिए आज और कल में कोई भी फर्क नहीं था। मैं धीरे धीरे रानी को मेरे साथ शामको बाहर खाने, तो कभी उसकी सहेलियों से मिलने तो कभी क्लब में ले जाने लगा। मेरी बीबी में इस कारण जो परिवर्तन आया वह मुझे हैरान करने वाला था। रानी की मुस्कान लौट आने लगी। भैया वाकई फॉर्मूला जबरदस्त है।"
कमल ने कहा, "मैं जैसा कहता हूँ ऐसा करते जाओ। देखो तुम्हारे जीवन में कैसे बहार लौट आती है। अब दुसरा कदम आगे बढ़ाओ। रानी को थोड़े भड़कीले कपडे पहनने का आग्रह करो। कोई उनको लाइन मारेगा तो वह कभी किसी को थोड़ी छूट भी देगी। चिंता मत करो, तुम्हारी बीबी तुम्हारी ही रहेगी। इस बिच तुम भी कभी कभी किसी की बीबी पर लाइन मारोगे तो रानी भाभी तुम्हें कुछ नहीं कहेगी।"
राज ने कुछ निराशा से कहा, "भैया रानी बाहर जाने के लिए तो तैयार होती है, उसे सजधज ने का भी बड़ा शौक है पर आजकल वह अपने अंग प्रदर्शन करने से डरती है। कहती है, "अब मैं एक माँ बन गयी हूँ। यह सब मुझे शोभा नहीं देता। कॉलेज की बात और थी। ऐसे भड़कीले वेश में मुझे देख कर लोग हँसेंगे। कहेंगे बूढी घोड़ी जवान बनना चाहती है।"
कमल ने हंसकर कहा, "तुम एक काम करो। तुम रानी से कहो की वह शादी के बाद तो और भी सुन्दर और सेक्सी हो गयी है। दूसरे मर्द रानी को देख कर हँसेंगे नहीं, उसे देखकर घूरेंगे और रानी के पति की यानी तेरी इर्षा करेंगे। कहेंगे यह साले बन्दर ने मोरनी को फाँस लिया।