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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#2
हाई स्कूल पास करने के बाद वह दोनों को अलग अलग कॉलेज में दाखिला मिला और वह कुछ सालों के लिए अलग हो गए। पर उनकी बात फ़ोन पर होती ही रहती थी। कमल राज को अपनी हर बात बताता और राज कमल को। फ़ोन पर भी वह एक दुसरेकी टांग खींचते रहते की कोई लड़की फँसी के नहीं। 

कमल की शोहरत बढ़ने लगी, क्यूंकि वह क्रिकेट खेलनेमें अव्वल था। उसने अपनी स्कूल को इंटर स्कूल खेलों में चैंपियनशिप दिलाई थी। कॉलेज में वह टीम का कप्तान रहा और वहाँ भी उसने अपने झंडे गाड़ दिए। स्कूल और कॉलेज में लडकियां कमल पर फ़िदा थीं। कॉलेज में खेलते खेलते ही वह रणजी ट्रॉफी में भी खेलने लगा। उसके आकर्षक व्यक्तित्व के कारण वह काफी लोकप्रिय बना। उसके फोटो खेलकूद के और फैशन के मैगज़ीन में अक्सर आते रहते थे। यह कहा जाता था की एक एक दिन वह भारत के लिए जरूर खेलेगा। .

कॉलेज पास होते ही कमल को उसके क्रिकेट में लोकप्रियता के कारण मुंबई में एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिली। उधर राज ने कॉलेज में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के लिए और पढ़ाई की। 

दो तीन सालों के बाद कमल की शादी की बात होने लगी। उस समय कमल ने यह शर्त रखी की जो भी लड़की वह पसंद करेगा उसे राज भी मिलेगा और हाँ कहेगा तभी बात आगे बढ़ेगी। कुमुद नामकी एक लड़की से शादी के बारेमें बात होने लगी तो कमल ने राज को बुलाया। राज को कुमुद से मिलाया। उसी समय कुमुद को पता लगा की कमल के जीवन में राज की कितनी अहमियत थी। राज की रजामंदी से कमल की शादी कुमुद के साथ तय हो गयी। कमल की शादी में राज उसका ख़ास दोस्त बना था। 

कुमुद कुछ गंभीर और अपनी उम्र से कहीं ज्यादा परिपक्व सी लड़की थी। पढ़ाई में वह काफी तेज थी और अपनी कॉलेज में काफी अच्छे नंबर से अव्वल रहती थी। वह देखने में बहुत सुन्दर थी, पर माँ बाप की तालीम के कारण वह धर्म में आस्था रखने वाली, शर्मीली और संकुचित विचारों की थी। कुमुद का नाक नक्श सुकोमल और बदन पतला था पर उसके स्तन उसके बदन के हिसाब से भरे हुए थे। उसकी कमर और नितम्ब उसके ड्रेस में खूब जँचते थे। राज को सबसे अच्छी लगी कुमुद की आँखें जो बिना बताये जैसे बहुत कुछ कह रही थी। कुमुद की आँखों में एक गंभीरता और सौम्यता थी जो कुमुद के व्यक्तित्व को भलीभाँती प्रदर्शित करते थे। 

कमल ने देखा की राज को उसकी भाभी पसंद आयी। कमल ने महसूस किया की कुमुद को देखते ही राज का चेहरा खिल उठता था और उस के चेहरे पर अजीब से भाव दिखाई पड़ते थे। शायद राज को कमल की होने वाली पत्नी कुमुद काफी भा गयी थी। कमल को लगा की राज के मन में कुमुद के लिये जरूर नरम भाव था। कमल ने राज से पूछा, "यार मेरी बीबी कुमुद कैसी लगी?"

राज जवाब देनेमें थोड़ा हिचकिचाया; पर जब राजने देखा की कमल जवाब लिये बिना उसे छोड़ेगा नहीं तब वह दबी आवाज में बोला, "भाभी बहुत सुन्दर है यार।"

राज ने कमल की और कुमुद की जोड़ी की खूब तारीफ़ की। खैर, शादी के दरम्यान उनके बिच खूब हंसी मजाक हुआ। कुमुद भी काफी खुशनुमा लड़की थी। 

राज कॉलेज में ग्रेजुएशन के आखरी साल में पढ़ रहा था उसी दरम्यान रानी कॉलेज में पहले साल में पढ़ती थी। जब राज अव्वल दर्जे से पास हुआ तो रानी पहली लड़की थी जिसने उसे बधाई दी। रानी को देखते ही पहली मुलाक़ात में ही राज उस पर फ़िदा हो गया पर उसने अपने मन के भाव जाहिर नहीं किये। रानी पढ़ाई में थोड़ी कमजोर थी और उसने राज से पढ़ाई में सहायता मांगी। राज तो रानी से मिलने के मौके ही ढूंढता था। राज ने रानी को शाम को थोड़ी देर कॉलेज में ही बैठ कर पढ़ाना शुरू किया। इस तरह उनकी मुलाकातों का दौर शुरू हुआ। 

रानी आधुनिक विचारों वाली लड़की और कॉलेज में खेलकूद में अक्सर अव्वल होती थी। कॉलेज की महिला क्रिकेट टीम की वह कप्तान थी। जब भी महिला टीम का कोई मैच होता था तो पूरा कॉलेज टीम को सपोर्ट करने पहुंचता था। यह बात और है की सारे लड़के महिला टीम को सपोर्ट करने कम और रानी को घूरने ज्यादा आते थे। रानी पुरे कॉलेज की शान थी। रानी के पिता और माँ अपने जमाने में माने हुए खिलाड़ी और एथलिट थे। रानी भी उन्हीं के नक़्शे कदम पर शारीरिक क्षमता पर काफी ध्यान देती थी और खेलकूद के मैदान में और जिम में खासी कसरत एवं परिश्रम कर उसने अपने बदन को फिट रखा था। 

लम्बी, सुन्दर और भरे हुए बदन की रानी जब लेग्गीन पहन कर कॉलेज आती तो सारे लड़के उसकी गाँड़ को घूरते ही रहते। रानी की कमर, जांघें और गाँड़ एकदम सुआकार और सुडौल थी। वह अक्सर जीन्स और टॉप पहनकर कॉलेज आती थी। रानी की कमर के निचेसे उसकी जांघों पर से घूमती हुई उसकी गाँड़ का फैलाव और उसके फुले हुए गालों के बिच की दरार की हलकी सी झलक देखकर लड़के आह भरने लगते। कोई कोई बार जब वह स्कर्ट पहनकर कॉलेज में आती तो रानी की कमल की डंडी के सामान जांघें देखकर अच्छे अच्छों की हालत खराब हो जाती थी और ख़ास कर लड़कों में शर्त लगती थी यह जानने के लिए की उस दिन रानी ने कौनसे रंग की पेंटी पहनी होगी। 

कॉलेज में रानी को महिला टीम में क्रिकेट खेलते हुए देख कर कई लड़के रानी पर मरते थे और उसके करीब आने की भरपूर कोशिश करते थे। रानी का अच्छा खासा फैन क्लब था, पर रानी को राज ज्यादा अच्छा लगा क्यूंकि वह उसकी हर बात मानता था, रानी के बारेमें हमेशा चिंतित रहता था और उसकी बहुत इज्जत करता था। दोनों में मुलाकातें होती गयीं और देखते ही देखते दोस्ती प्यार में बदल गयी। 


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RE: साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... - by usaiha2 - 14-08-2019, 04:24 PM



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