14-08-2019, 04:05 PM
नैना की चुत पर उगे तीखे बाल मेरे लंड को हल्का सा चुभ गए। मैंने अब एक झटके में अपने लंड की टोपी को नैना की चुत में घूसा दिया। मैने अब नैना के कुल्हो को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और एक धक्का मारते हुए अपना लंड पूरा नैना की चुत में उतार दिया और नैना के मुहसे एक तेज आआआह निकली। मैने अब धक्के पर धक्के मारते हुए नैना को चोदना शुरू कर दिया। प्रेरणा अब रोते हुए फ्लैट से बाहर चली गयी। मैं दोनों हाथों से नैना की पतली कमर और गाँड के किनारे को पकडे पकडे धक्के मार चोदता रहा और बीच में वह खड़े मिहिर को घूर लेता।
थोड़ि देर चोदने के बाद मुझ पर चुदाई का नशा चढ़ा तो मेरा गुस्सा अब शांत हो चला था।। मैंने नैना के ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी पीठ पर अपनी हथेली रगड़ि। मैने फिर रह रह कर ७-८ जोर के झटके अपने लंड से उसकी चुत में मारे और नैना हर बार जोर जोर से चिखि। मैंने फिर अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकला और उसको खड़ा किया और उसका ब्रा निकाल कर उसको पूरा नंगा किया। मैने उसके लुभावने बूब्स देखे जो लचक खाकर ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबोच अपनी इतनी दिनों की भड़ास निकाली। नैना थोड़ा दर्द से कराहने लागी। मैने उसको बाहों में उठाया और उसके बेडरूम में लाया और बिस्तार पर लेता दिया। मैं उसके दोनों पैर के बीच आया और उसके पैर चौड़े कर उसकी नंगी खुली चुत को अच्छे से देखा।
मैने अपना सर उसकी दोनों जाँघो के बीच घूसा कर उसकी चुत को अच्छी से चुसा और चाटा। मैने नैना के दोनों हाथों को पकड़ा और उसके सर के दोनों तरफ रख कर दबा दिया। नैना के बूब्स फूल कर और ऊपर उभर आये और मुझे इन्वाइट करने लगे की मैं उनका उपयोग कर लु। मै नैना के ऊपर चढ़ा और मैंने झुक कर उसके बूब्स को निप्पल सहित अपने मुह में भर लिया। नैना के बूब्स बहुत मुलायम थे पर मैंने बिना रहम किये अच्छे से अपने मुह में भर निचोड दिया।
जीतना मैं नैना के बूब्स को देखने के लिए तड़प था, मैं अब साड़ी तड़प मिटा रह था। अपने मुह से निचोड कर मैंने नैना के गोर गोर बूब्स को लाल कर दिया था। मै अब नैना के ऊपर चढ़ कर पूरा लेत गया। फिर मैं अपना चेहरा नैना के चेहरे पर लाया। अपने होंठ उसके होंठों पर धर दिए। मैंने उसको होंठ खोलने को बोला और फिर उसके होठो को अपने होठो में भर कर उसके रस को पूरा निचोड ड़ाला। नैना के होंठ इतने रसीले थे की मेरी प्यास उसको चुस्ने से वैसे ही बूझ रही थी। मेरा लंड अब फड़फड़ाते हुए माचल रहा था। मेरे लंड को नैना की चुत का रस पीकर अपनी प्यास बुझनी थी। मैंने अपना लंड फिर नैना की चुत में ड़ाल कर उसको जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।
नैना: "जितना चोदना हैं चोद लेना, चाहे मेरी चुत ही फाड़ देना पर मुझे प्रेरणा को होने वाला बच्चा दे देना। मैं ज़िन्दगी भर तुम जो बोलोगे वो खेल खेलने को तैयार हूँ"
मै उस दिन जो चुदाई की थी वैसी मैंने पहले कभी नहीं की थी और न ही फिर कभी ऐसी चुदाई करने को मिली। नैना की चीखें रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और उसकी चीख़ें मुझे सुकून दे रही थी। इसी बेडरूम में मिहिर ने भी मेरी बीवी प्रेरणा की चीखें निकाली होगी। कभि मैं लंड से नैना की चुत को झटके मार दर्द देता तो कभी धक्के मार कर मजा दिलाता और उसकी सिसकियां और चीखें निकलती रहि। थोड़ि देर बाद मिहिर बेडरूम में आगया। उसके चेहरे पर एक तड़प थी और मुझे यह देख मजा आया। उसी कमिने ने मेरी प्रेरणा को इसी तरह बेरहमी से चोदा होगा। रुंधे गले से वो नैना से बात करने लगा।
मिहिर: "मैंने बोला था नैना की यह तरीका ठीक नहि, अब देखो इसका क्या अन्जाम हो रहा है। मैं तुम्हे इस तरह चुदते और तडपते नहीं देख सकता"
नैना: "मुझे कुछ नहीं ... आआह्ह्ह आआह्ह ... कुछ नहीं हुआ हैं, तुम बाहर जाओ ... ऊऊह्ह्ह माँ ... तुम्हे यह देखने की ...। ईह ...। देखने की जरुरत नाहि। ओह्ह्ह ओह्ह्ह मममम ...। तुम हैडफ़ोन लगा कर बैठ जाओ मेरी आवाज नहीं आएगी ।। ओए आई तुम जाओ मिहिर ...। "
थोड़ि देर चोदने के बाद मुझ पर चुदाई का नशा चढ़ा तो मेरा गुस्सा अब शांत हो चला था।। मैंने नैना के ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी पीठ पर अपनी हथेली रगड़ि। मैने फिर रह रह कर ७-८ जोर के झटके अपने लंड से उसकी चुत में मारे और नैना हर बार जोर जोर से चिखि। मैंने फिर अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकला और उसको खड़ा किया और उसका ब्रा निकाल कर उसको पूरा नंगा किया। मैने उसके लुभावने बूब्स देखे जो लचक खाकर ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबोच अपनी इतनी दिनों की भड़ास निकाली। नैना थोड़ा दर्द से कराहने लागी। मैने उसको बाहों में उठाया और उसके बेडरूम में लाया और बिस्तार पर लेता दिया। मैं उसके दोनों पैर के बीच आया और उसके पैर चौड़े कर उसकी नंगी खुली चुत को अच्छे से देखा।
मैने अपना सर उसकी दोनों जाँघो के बीच घूसा कर उसकी चुत को अच्छी से चुसा और चाटा। मैने नैना के दोनों हाथों को पकड़ा और उसके सर के दोनों तरफ रख कर दबा दिया। नैना के बूब्स फूल कर और ऊपर उभर आये और मुझे इन्वाइट करने लगे की मैं उनका उपयोग कर लु। मै नैना के ऊपर चढ़ा और मैंने झुक कर उसके बूब्स को निप्पल सहित अपने मुह में भर लिया। नैना के बूब्स बहुत मुलायम थे पर मैंने बिना रहम किये अच्छे से अपने मुह में भर निचोड दिया।
जीतना मैं नैना के बूब्स को देखने के लिए तड़प था, मैं अब साड़ी तड़प मिटा रह था। अपने मुह से निचोड कर मैंने नैना के गोर गोर बूब्स को लाल कर दिया था। मै अब नैना के ऊपर चढ़ कर पूरा लेत गया। फिर मैं अपना चेहरा नैना के चेहरे पर लाया। अपने होंठ उसके होंठों पर धर दिए। मैंने उसको होंठ खोलने को बोला और फिर उसके होठो को अपने होठो में भर कर उसके रस को पूरा निचोड ड़ाला। नैना के होंठ इतने रसीले थे की मेरी प्यास उसको चुस्ने से वैसे ही बूझ रही थी। मेरा लंड अब फड़फड़ाते हुए माचल रहा था। मेरे लंड को नैना की चुत का रस पीकर अपनी प्यास बुझनी थी। मैंने अपना लंड फिर नैना की चुत में ड़ाल कर उसको जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।
नैना: "जितना चोदना हैं चोद लेना, चाहे मेरी चुत ही फाड़ देना पर मुझे प्रेरणा को होने वाला बच्चा दे देना। मैं ज़िन्दगी भर तुम जो बोलोगे वो खेल खेलने को तैयार हूँ"
मै उस दिन जो चुदाई की थी वैसी मैंने पहले कभी नहीं की थी और न ही फिर कभी ऐसी चुदाई करने को मिली। नैना की चीखें रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और उसकी चीख़ें मुझे सुकून दे रही थी। इसी बेडरूम में मिहिर ने भी मेरी बीवी प्रेरणा की चीखें निकाली होगी। कभि मैं लंड से नैना की चुत को झटके मार दर्द देता तो कभी धक्के मार कर मजा दिलाता और उसकी सिसकियां और चीखें निकलती रहि। थोड़ि देर बाद मिहिर बेडरूम में आगया। उसके चेहरे पर एक तड़प थी और मुझे यह देख मजा आया। उसी कमिने ने मेरी प्रेरणा को इसी तरह बेरहमी से चोदा होगा। रुंधे गले से वो नैना से बात करने लगा।
मिहिर: "मैंने बोला था नैना की यह तरीका ठीक नहि, अब देखो इसका क्या अन्जाम हो रहा है। मैं तुम्हे इस तरह चुदते और तडपते नहीं देख सकता"
नैना: "मुझे कुछ नहीं ... आआह्ह्ह आआह्ह ... कुछ नहीं हुआ हैं, तुम बाहर जाओ ... ऊऊह्ह्ह माँ ... तुम्हे यह देखने की ...। ईह ...। देखने की जरुरत नाहि। ओह्ह्ह ओह्ह्ह मममम ...। तुम हैडफ़ोन लगा कर बैठ जाओ मेरी आवाज नहीं आएगी ।। ओए आई तुम जाओ मिहिर ...। "