14-08-2019, 04:03 PM
इसके बाद मिहिर और नैनाने वो पेंटिंग क्लासेज का नया बहाना ढूंढ लिया। प्रेरणा नहीं जाना चाहती थी पर मैंने उस वक़्त अन्जाने में बेवकुफ़ी कर दी और उसको क्लास पर जाने को बोल दिया क्यों की मैं खुद नैना को उस दिन चोदना चाहता था। मै अब प्रेरणा पर भडक गया की वो इतना बेवक़ूफ़ कैसे हो सकती है। उन दोनों ने मिलकर उसको चुदने को तैययर किया और प्रेरणा मान भी गयी। प्रेरणा फिर रोने लगी की इस तरह नंगे बैठे और कामुक तरिकेसे छुने के कारण उसको कोई होश ही नहीं रहा और उसने ग़लती कर ली। अब मैं प्रेरणा को क्या दोष देता, मैं खुद तो नैना के प्यार में बहक गया था और उसको लगभग चोद चूका था। मैं प्रेरणा को लेकर उसी वक़्त मिहिर और नैना के घर गया।
नैना ने उसी मुस्कराहट से स्वागत किया पर प्रेरणा क रोते हुए चेहरे को देखकर उसको शायद माजरा समझ में आ गया था तो चेहरा सीरियस बना कर हुमको अंदर आने को कहा। मैने नैना को कहा की वो मिहर को भी बुलाये और उसने मिहिर को आवाज देकर बाहर बुलया। उसको देखते ही मेरा खून खोलने लगा और मैं लपक कर उस पर झपटा पर नैना बीच में आ गायी। नैना ने वोही घुटनो तक का गाउन पहने था। उसने अपनी छाती मेरी छाती से चिपका दी और अपने हाथों और छाती के जोर से मुझे रोके राख। मै भी औरत पर क्या जोर लगता। मैं मिहिर पर बरस पड़ा की उसकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बीवी को बहला कर चोदने की। मैंने उसको सिक्युरिटी में जाने की भी धमकी दि। नैना ने अब बचाव किया की मिहिर ने कोई जबरदस्ती नहीं की हैं, जो भी हुआ हैं वो प्रेरणा की मर्जी से हुआ है। प्रेरणा चाहती तो ना बोल सकती थी पर उसने मना नहीं किया और तैयार हो गयी।
मै फिर भी उनको सुनाता रहा की उन्होने मेरी बीवी को बहला कर चोदा हैं और यह भी कानूनी रूप से गलत है। नैना ने अब मेरी पोल खोलनी शुरू कर दी की मैं भी तो उसको चोदने की तयारी में था। प्रेरणा के लिए यह भी एक शॉक था की मैं भी उसकी पीठ पीछे नैना से इश्क़ के पेच लड़ा रहा था। खा जाए तो दोषी हम चारो ही थे। हम लोगो ने कही न कही अपने शारीर की आग को ठण्डा करने के लिए गलत चीजो का इस्तेमाल करने की ग़लती की थी।
मै सिक्युरिटी में जाना चाहता था पर प्रेरणा ने रोक दिया की आधी ग़लती उसकी भी हैं और वो अब और बदनामी नहीं चाहती हैं तो मामला वही ख़त्म करते है। नैना ने फिर इस सब के पीछे के कारण को बताया। उसको एक बच्चा चाहिए था और उसके लिए उन्होंने प्रेरणा और मुझे फसाया था। वो प्रेरणा को एक सरोगेट मदर की तरह इस्तेमाल करना चाहते थे। नैना ने मुझसे कहा की मैं अगर चाहु तो उसको जितनी बार चाहु चोद सकता हूं, पर मुझे प्रेरणा के होने वाले बच्चे को उन्हें सौपना पडेगा।
नैना को चोदने के लिए तो मैं कबसे तड़प रहा था। अब वो मौका मेरे सामने था। मैंने नैना का गाउन पकड़ कर उसके शारीर से बाहर निकाल दिया और वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी। मै ग़ुस्से में था पर नैना के बदन को पहली बार इतना नंगा देख कर मेरे लंड मेरी पैण्ट में झटके मारने लगा। पीछे खड़ी प्रेरणा ने मुझे आवाज देकर रोकने की कोशिश की पर मैंने उसको चुपचाप खड़े होकर तमाशा देखने का इशारा किया। मै नैना को उसी बेंच के पास ले गया और उसको उस बेंच पर पेट के बल आधा लीटा दिया और उसके पैर घुटनो के बल नीचे जमीन पर थे। मैने नैना की पेंटी खिंच कर पैरो से बाहर निकली और उसकी गोरी गाँड को पहली बार देखा और उसकी गाँड पर हाथ मल कर मजे लिए और एक दो चाँटे भी मार कर गुस्सा निकाल। मैने अब अपने कपड़े निकाले और मेरा कड़क लंड नैना को पहली बार चोदने को तैयार था। उसके पहले मैंने मिहिर की तरफ देखा जो वह खड़ा सिर्फ मुझे उसकी बीवी को चोदते हुए देख सकता था। मै अब नैना के पिछवाडे पर घुटनो के बल बैठा। मैंने नैना की गाँड को चौड़ा किया और अपना कड़क लंड उसकी गाँड और चुत के छेद के ऊपर रगड़ा।
नैना ने उसी मुस्कराहट से स्वागत किया पर प्रेरणा क रोते हुए चेहरे को देखकर उसको शायद माजरा समझ में आ गया था तो चेहरा सीरियस बना कर हुमको अंदर आने को कहा। मैने नैना को कहा की वो मिहर को भी बुलाये और उसने मिहिर को आवाज देकर बाहर बुलया। उसको देखते ही मेरा खून खोलने लगा और मैं लपक कर उस पर झपटा पर नैना बीच में आ गायी। नैना ने वोही घुटनो तक का गाउन पहने था। उसने अपनी छाती मेरी छाती से चिपका दी और अपने हाथों और छाती के जोर से मुझे रोके राख। मै भी औरत पर क्या जोर लगता। मैं मिहिर पर बरस पड़ा की उसकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बीवी को बहला कर चोदने की। मैंने उसको सिक्युरिटी में जाने की भी धमकी दि। नैना ने अब बचाव किया की मिहिर ने कोई जबरदस्ती नहीं की हैं, जो भी हुआ हैं वो प्रेरणा की मर्जी से हुआ है। प्रेरणा चाहती तो ना बोल सकती थी पर उसने मना नहीं किया और तैयार हो गयी।
मै फिर भी उनको सुनाता रहा की उन्होने मेरी बीवी को बहला कर चोदा हैं और यह भी कानूनी रूप से गलत है। नैना ने अब मेरी पोल खोलनी शुरू कर दी की मैं भी तो उसको चोदने की तयारी में था। प्रेरणा के लिए यह भी एक शॉक था की मैं भी उसकी पीठ पीछे नैना से इश्क़ के पेच लड़ा रहा था। खा जाए तो दोषी हम चारो ही थे। हम लोगो ने कही न कही अपने शारीर की आग को ठण्डा करने के लिए गलत चीजो का इस्तेमाल करने की ग़लती की थी।
मै सिक्युरिटी में जाना चाहता था पर प्रेरणा ने रोक दिया की आधी ग़लती उसकी भी हैं और वो अब और बदनामी नहीं चाहती हैं तो मामला वही ख़त्म करते है। नैना ने फिर इस सब के पीछे के कारण को बताया। उसको एक बच्चा चाहिए था और उसके लिए उन्होंने प्रेरणा और मुझे फसाया था। वो प्रेरणा को एक सरोगेट मदर की तरह इस्तेमाल करना चाहते थे। नैना ने मुझसे कहा की मैं अगर चाहु तो उसको जितनी बार चाहु चोद सकता हूं, पर मुझे प्रेरणा के होने वाले बच्चे को उन्हें सौपना पडेगा।
नैना को चोदने के लिए तो मैं कबसे तड़प रहा था। अब वो मौका मेरे सामने था। मैंने नैना का गाउन पकड़ कर उसके शारीर से बाहर निकाल दिया और वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी। मै ग़ुस्से में था पर नैना के बदन को पहली बार इतना नंगा देख कर मेरे लंड मेरी पैण्ट में झटके मारने लगा। पीछे खड़ी प्रेरणा ने मुझे आवाज देकर रोकने की कोशिश की पर मैंने उसको चुपचाप खड़े होकर तमाशा देखने का इशारा किया। मै नैना को उसी बेंच के पास ले गया और उसको उस बेंच पर पेट के बल आधा लीटा दिया और उसके पैर घुटनो के बल नीचे जमीन पर थे। मैने नैना की पेंटी खिंच कर पैरो से बाहर निकली और उसकी गोरी गाँड को पहली बार देखा और उसकी गाँड पर हाथ मल कर मजे लिए और एक दो चाँटे भी मार कर गुस्सा निकाल। मैने अब अपने कपड़े निकाले और मेरा कड़क लंड नैना को पहली बार चोदने को तैयार था। उसके पहले मैंने मिहिर की तरफ देखा जो वह खड़ा सिर्फ मुझे उसकी बीवी को चोदते हुए देख सकता था। मै अब नैना के पिछवाडे पर घुटनो के बल बैठा। मैंने नैना की गाँड को चौड़ा किया और अपना कड़क लंड उसकी गाँड और चुत के छेद के ऊपर रगड़ा।