14-08-2019, 03:42 PM
(This post was last modified: 14-08-2019, 04:00 PM by usaiha2. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पराग: "मैं तुम्हे चोदना चाहता हूं, तुम्हारी चुत चाटना चाहता हूं।"
नैना: "यह मुमकिन नहीं है। मेरी पेंटी गीली हो चुकी है। मुझे जाने दो"
पराग: "मुझे तुम अपनी पेंटी गिफ्ट करोगी?"
नैना कुछ सोचने लगी और फिर उसने कहा की वो मुझे उसकी कोई दूसरी साफ़ पेंटी दे देगि, मगर मैंने उसको ना बोल दिया।
पराग: "मेरी प्यार की वजह से तुम्हारी पेंटी गीली हुई हैं, मुझे यही पेंटी चहिये। यह मेरे प्यार की निशानी रहेगी"
नैना फिर अपनी पेंटी देने को तैयार हो गयी। मैं उसके ऊपर से उतर गया और वो बिस्तार से उतर कर कड़ी हो गायी। नैना ने घुटनो से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठाय और उसकी गोरी जाँघे दिखने लागी।
जांघो तक स्कर्ट को ऊपर चढ़ा कर नैना ने अपना हाथ स्कर्ट में नीचे से अंदर ड़ाला और अपनी पेंटी खिंच कर बाहर निकाल दी और मुझे थमा दी और अपनी स्कर्ट फिर नीचे कर दि।
मैने भी सोच लिया की मैं अपना प्यार नैना को दिखाउंगा। मैंने उसकी पेंटी को सूँघा और अपनी आँखें बंद किये उसकी चुत की खुसबू को महसूस किया। फिर आँखें खोल कर उसकी पेंटी के गीली हिसे को अपनी जबान से चाट लिया। उसके चुत के पानी का टेस्ट प्रेरणा की चुत के पानी जैसा ही था पर उस वक़्त एक जूनून सा था और मैंने दो तीन बार उसकी पेंटी के गीलेपन को चाटा। सामने यह सब देखकर नैना तड़प उठि और एक हाथ आगे बढा कर मुझको रोकने की कोशिश की। मैंने अपनी जुबान बाहर निकाल कर उसको दिखायी।
नैना: "ऐसे मत करॉ, मैंने पेंटी नहीं पहनी हैं और मेरी चुत अब और भी गीले हो गयी हैं"
पराग: "मैं वो भी चाट लुंग, यह लो अपनी पेंटी और इसे चुत का पानी पोंछ कर फिर मुझे दे दो"
नैना: "नहि, तुम खुद अपने मुह से चाट कर चूस लो और साफ़ कर लो"
मै यह सुनकर बड़ा खुश हुआ। चोदने को न सही पर नैना की चुत तो दीख ही जाएगी और उसको चाट भी पाउंगा। नैना ने मेरा एक हाथ पकड़ा और मुझे बिस्तार पर बैठया।
नैना: "मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं, पर तुम्हारी तड़प को देखते हुए मैं इजाजत दे रही हूं। पर मैं तुम्हे सिर्फ चाटने डुंगी, तुम मेरी गीली चुत को नहीं देख पाओगे"
यह कहते हुए नैना ने वह पड़ी प्रेरणा की चुनरी उठायी और मेरी आँखों पर बाँध दि। अब मैं नैना की चुत तो नहीं देख पाउँगा पर उसको हाथ लगा कर चाट तो पाउँगा ही यही मेरे लिए काफी था। मुझे कुछ दीख नहीं रहा था पर नैना के बिस्तार पर चढ़ने की और उसके स्कर्ट के खुलने की आवाज जरूर आयी। उसने फिर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे पोजीशन में लेकर आयी। मेरा एक हाथ जाकर नैना की नंगी जाँघ पर लगा और मुझे लग गया की वो नीचे से नंगी है। मैं अपना हाथ उसकी जाँघो से ऊपर चढ़ा कर उसकी चुत की तरफ बढ़ाने लाग।
नैना ने मेरा दूसरा हाथ भी पकड़ लिया और हिदायात दी की मैं अपने हाथ से उसकी चुत को नहीं छु सकता, सिर्फ मुह से चाट सकता हूं।
नैना: "यह मुमकिन नहीं है। मेरी पेंटी गीली हो चुकी है। मुझे जाने दो"
पराग: "मुझे तुम अपनी पेंटी गिफ्ट करोगी?"
नैना कुछ सोचने लगी और फिर उसने कहा की वो मुझे उसकी कोई दूसरी साफ़ पेंटी दे देगि, मगर मैंने उसको ना बोल दिया।
पराग: "मेरी प्यार की वजह से तुम्हारी पेंटी गीली हुई हैं, मुझे यही पेंटी चहिये। यह मेरे प्यार की निशानी रहेगी"
नैना फिर अपनी पेंटी देने को तैयार हो गयी। मैं उसके ऊपर से उतर गया और वो बिस्तार से उतर कर कड़ी हो गायी। नैना ने घुटनो से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठाय और उसकी गोरी जाँघे दिखने लागी।
जांघो तक स्कर्ट को ऊपर चढ़ा कर नैना ने अपना हाथ स्कर्ट में नीचे से अंदर ड़ाला और अपनी पेंटी खिंच कर बाहर निकाल दी और मुझे थमा दी और अपनी स्कर्ट फिर नीचे कर दि।
मैने भी सोच लिया की मैं अपना प्यार नैना को दिखाउंगा। मैंने उसकी पेंटी को सूँघा और अपनी आँखें बंद किये उसकी चुत की खुसबू को महसूस किया। फिर आँखें खोल कर उसकी पेंटी के गीली हिसे को अपनी जबान से चाट लिया। उसके चुत के पानी का टेस्ट प्रेरणा की चुत के पानी जैसा ही था पर उस वक़्त एक जूनून सा था और मैंने दो तीन बार उसकी पेंटी के गीलेपन को चाटा। सामने यह सब देखकर नैना तड़प उठि और एक हाथ आगे बढा कर मुझको रोकने की कोशिश की। मैंने अपनी जुबान बाहर निकाल कर उसको दिखायी।
नैना: "ऐसे मत करॉ, मैंने पेंटी नहीं पहनी हैं और मेरी चुत अब और भी गीले हो गयी हैं"
पराग: "मैं वो भी चाट लुंग, यह लो अपनी पेंटी और इसे चुत का पानी पोंछ कर फिर मुझे दे दो"
नैना: "नहि, तुम खुद अपने मुह से चाट कर चूस लो और साफ़ कर लो"
मै यह सुनकर बड़ा खुश हुआ। चोदने को न सही पर नैना की चुत तो दीख ही जाएगी और उसको चाट भी पाउंगा। नैना ने मेरा एक हाथ पकड़ा और मुझे बिस्तार पर बैठया।
नैना: "मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं, पर तुम्हारी तड़प को देखते हुए मैं इजाजत दे रही हूं। पर मैं तुम्हे सिर्फ चाटने डुंगी, तुम मेरी गीली चुत को नहीं देख पाओगे"
यह कहते हुए नैना ने वह पड़ी प्रेरणा की चुनरी उठायी और मेरी आँखों पर बाँध दि। अब मैं नैना की चुत तो नहीं देख पाउँगा पर उसको हाथ लगा कर चाट तो पाउँगा ही यही मेरे लिए काफी था। मुझे कुछ दीख नहीं रहा था पर नैना के बिस्तार पर चढ़ने की और उसके स्कर्ट के खुलने की आवाज जरूर आयी। उसने फिर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे पोजीशन में लेकर आयी। मेरा एक हाथ जाकर नैना की नंगी जाँघ पर लगा और मुझे लग गया की वो नीचे से नंगी है। मैं अपना हाथ उसकी जाँघो से ऊपर चढ़ा कर उसकी चुत की तरफ बढ़ाने लाग।
नैना ने मेरा दूसरा हाथ भी पकड़ लिया और हिदायात दी की मैं अपने हाथ से उसकी चुत को नहीं छु सकता, सिर्फ मुह से चाट सकता हूं।


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