14-08-2019, 03:39 PM
दीदी कराहते हुए बोलीं- बस करो, बहुत तेज दर्द हो रहा है.
लेकिन मैं कहाँ सुनने वाला था. मैं दीदी की चूत में लंड पेलता चला गया. दीदी की सील टूट गई थी. दीदी की बुर से हल्का हल्का खून निकल रहा था. मैं उनको हचक कर चोदने लगा. दीदी भी मस्ती से चुदवाने लगी थीं
अभी 15 मिनट हुए थे कि मेरा सारा जोश दीदी की बुर में निकल गया. मैं हांफता हुआ दीदी की चूचियों पर गिर गया. दीदी भी झड़ चुकी थीं.
लेकिन मैं कहाँ सुनने वाला था. मैं दीदी की चूत में लंड पेलता चला गया. दीदी की सील टूट गई थी. दीदी की बुर से हल्का हल्का खून निकल रहा था. मैं उनको हचक कर चोदने लगा. दीदी भी मस्ती से चुदवाने लगी थीं
अभी 15 मिनट हुए थे कि मेरा सारा जोश दीदी की बुर में निकल गया. मैं हांफता हुआ दीदी की चूचियों पर गिर गया. दीदी भी झड़ चुकी थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.