Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तस्वीर का रहस्य... (COMPLETE)
#36
नैना ने पडोसी पराग के सामने बच्चा पैदा करने का खेल करने का प्रपोजल रखा और पराग को एक मौका दिखा की अब वो नैना को चोद पायेगा। आगे की कहानी पराग की जुबानी जारी हैं ...




मैने तुरंत नैना को पलटा और पीछे से उस से चिपक गया। मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था और दूसरा उसके सीने के ऊपर एक कंधे से दूसरे कंधे तक लिपटा हुआ था। उसका टॉप कमर से ढीला ही था तो मैंने अपना हाथ अंदर डाल उसके नंगे कोमल पेट पर रख सहलाने लगा।

पराग: "नैना डार्लिंग, चलो मैं तुम्हे अपने बच्चे की माँ बना दू"

नैना: "मैं माँ कैसे बन सकती हूँ! डॉक्टर ने तो जवाब दे दिया हैं"

पराग: "तुम चिंता मत करो नैन, मैं इतना जोरसे चोदुगा की तुम माँ बनही जाऒगी।"

नैना ने अपनी गाँड से मुझको धकक दिया और मुझसे दूर होकर मुझसे शिकायत करने लगी।

नैना: "ऐसी लैंग्वेज में मुझसे क्यों बात कर रहे हो?"

पराग: "आई ऍम सोरी, बूत तुम कॉलेज में अपने दोस्तों से ऐसी भाषा में बात नहीं करती थी क्या?"

नैना: "हॉ, मगर सिर्फ अपनी सहेलियो से, लड़के तो यह शब्द हम लड़कियों के सामने इस्तेमाल नहीं करते थे"

पराग: "पर अभी तो हम पति पत्नी का रोले कर रहे हैं, मिहिर तो यह शब्द इस्तेमाल करता ही होगा!"

नैना: "ओह सॉरी! थोड़ी देर के लिए मैं करैक्टर से बाहर गयी थी। चलो कंटिन्यू करते हैं"

(
नैना एक बार फिर मेरे सीने से अपनी पीठ चिपकाये खड़ी हो गयी और मैंने अपने दोनों हाथों की पोजीशन पहले वाली कर लि, एक पेट पर तो दूसरा कंधे और सीने पर। मैने उसके नंगे पेट पर रखा और हाथ थपथपाते हुए कहा।

h
पराग: "तुम्हारा यह पतला सा पेट बहुत जल्दी ही फूल जायेगा और उसमें हम दोनों का एक बच्चा आएग। मैं आज ही तुम्हारी चुत में अपना बीज डालूँगा जो जरूर फूटेगा"


नैना: "तुम सच कह रहे हो!!"

(
मैने उसके सीने के ऊपर चिपका अपना हाथ धीरे धीरे नीचे खिसका कर उसके बूब्स के ऊपर लाने की कोशिश करता रहा। साथ ही उसके पेट पर रखा हाथ उसके टॉप के अंदर ही एक दम धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढा कर बूब्स की तरफ ला रहा था।)


पराग: "तुम चिंता मत करो नैना, मैं तुम्हे दिन रात चोद चोद कर माँ बना ही दूंगा"

नैना: "हम तो कितने साल से कर ही रहे हैं ! अब तक तो कुछ नहीं हुआ! अब कैसे होगा?"

पराग: "होगा, हम दिल से और मेहनत करेंगे तो जरूर होगा"

नैना: "मेरी बंजर जमीन पर तुम अपना हल कितना भी चला लो, इसमें फसल नहीं उगेगी "

पराग: "मैं अपना हल तब तक चलाता रहूँगा जब तक तुम्हारी बंजर जमीन पर फसल ना लहलहाने लगे"

नैना: "काश यह सच होता पर ऐसा नहीं होगा"

पराग: "एक बार करके देखते हैं ?"
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: तस्वीर का रहस्य - by usaiha2 - 14-08-2019, 03:39 PM



Users browsing this thread: 3 Guest(s)