14-08-2019, 03:39 PM
पहले तो वे मुझे देखती रहीं फिर दीदी मुस्कुरा कर बोलीं- मुझे भी नहीं पता, आज करके देखते हैं.
मैं दीदी के पास जाकर बैठ गया, दीदी ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया. मैंने भी दीदी को बाँहों में ले लिया और उनके रसीले होंठों को चूमने लगा. लगभग 5 मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे.
तभी एकदम से दीदी बोलीं- अमित, अब बस करो. मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है.
मैं समझ गया कि दीदी गर्म होने लगी हैं, मैंने कहा- दीदी, मुझे आपसे किस करके बहुत अच्छा लग रहा है.
वो कुछ नहीं बोलीं. मैंने फिर से उन्हें चूमना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि वो चुदवाने के मूड में आ गई हैं. मैं दीदी की चूचियों को जोर से मसलने लगा. दीदी के मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं. मैंने धीरे से दीदी की गाउन खोला और चूची चूसने लगा.
दीदी के कुछ भी न बोलने पर मैंने कहा- दीदी, गाउन उतार दो न प्लीज.
वो बोलीं- अमित मुझे डर लग रहा है, किसी को पता चल गया तो?
मैं बोला- दीदी कुछ नहीं होगा, किसी को पता नहीं चलेगा.
मैं दीदी के पास जाकर बैठ गया, दीदी ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया. मैंने भी दीदी को बाँहों में ले लिया और उनके रसीले होंठों को चूमने लगा. लगभग 5 मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे.
तभी एकदम से दीदी बोलीं- अमित, अब बस करो. मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है.
मैं समझ गया कि दीदी गर्म होने लगी हैं, मैंने कहा- दीदी, मुझे आपसे किस करके बहुत अच्छा लग रहा है.
वो कुछ नहीं बोलीं. मैंने फिर से उन्हें चूमना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि वो चुदवाने के मूड में आ गई हैं. मैं दीदी की चूचियों को जोर से मसलने लगा. दीदी के मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं. मैंने धीरे से दीदी की गाउन खोला और चूची चूसने लगा.
दीदी के कुछ भी न बोलने पर मैंने कहा- दीदी, गाउन उतार दो न प्लीज.
वो बोलीं- अमित मुझे डर लग रहा है, किसी को पता चल गया तो?
मैं बोला- दीदी कुछ नहीं होगा, किसी को पता नहीं चलेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.