14-08-2019, 03:38 PM
माँ के बाहर काम करने की वजह से दीदी को आजादी मिल गई. अब वो और भी भड़कीले कपड़े घर में पहनने लगीं और अपनी मादक जवानी से मुझे सम्मोहित करने लगीं. मैं उनकी वासना को भड़काने के लिए रोज उनकी ब्रा पैन्टी में मुठ मारकर वैसे ही रख देता था. दीदी को भी और मुझे भी दोनों को पता था कि हम क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं.
एक दिन दीदी के रूम का एसी खराब हो गया, जिसकी वजह से उन्हें मेरे कमरे में सोने की वजह मिल गई. उनकी हवस से भरी आँखें साफ चमक रही थीं. माँ, दीदी और मैं खाना खाकर उठे. माँ को सुबह ऑफिस जाना था, इसलिए वो खाना खाकर सोने चली गईं. मैं भी अपने कमरे में चला गया. आधे घण्टे के बाद दीदी मेरे कमरे में आईं.
एक दिन दीदी के रूम का एसी खराब हो गया, जिसकी वजह से उन्हें मेरे कमरे में सोने की वजह मिल गई. उनकी हवस से भरी आँखें साफ चमक रही थीं. माँ, दीदी और मैं खाना खाकर उठे. माँ को सुबह ऑफिस जाना था, इसलिए वो खाना खाकर सोने चली गईं. मैं भी अपने कमरे में चला गया. आधे घण्टे के बाद दीदी मेरे कमरे में आईं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.