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आँचल दीदी की शादी
#39
लेकिन उस दिन की घटना के बाद से दीदी के लिए मेरा नजरिया ही बदल गया. उस दिन दीदी अपनी सहेली की शादी में जाने के लिए तैयार हो रही थीं. जब वो तैयार होकर अपने कमरे से बाहर आईं तो एक पल के लिए मेरी साँसें थम गईं.

गोरे बदन पे लाल रंग की साड़ी, जिसका पल्लू जालीदार था. जालीदार पल्लू होने की वजह से पूरा ब्लाउज साफ दिखाई पड़ रहा था. उभरी हुई छाती, गहरे गले का ब्लाउज पहने हुए दीदी एकदम मादक माल लग रही थीं. दीदी ने साड़ी नाभि के नीचे बांधी ताकि उनकी नाभि की रिंग एकदम साफ दिखाई दे. दीदी स्वर्ग की अप्सरा रंभा के समान लग रही थीं.

दीदी ने मुझसे उन्हें अपनी सहेली के घर तक छोड़ने को कहा. इतना कह कर दीदी आगे बढ़ गईं. जैसे ही मैंने पीछे से उनकी गदराई हुई गांड को ठुमकते हुए देखा तो मेरे होश उड़ गए.
मैं दीदी को छोड़ कर घर वापस आ गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आँचल दीदी की शादी - by neerathemall - 14-08-2019, 03:37 PM



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