14-08-2019, 03:34 PM
नैना ने अपने हाथ खुल जाने के बाद भी विरोध नहीं किया और सिर्फ गरदन ना में हिलायी। मैंने एक झटके से उसके शर्ट को उसके शारीर के उपरी भाग से हटा दिया। मेरी आँखें फट कर बाहर आ गयी। उसका काला ब्रा पूरा मेरे सामने था और उसमें से उसके मोठे मुम्मो का उभार फट कर बाहर आने को उतारु थे। वो झलक मैंने १ सेकंड ही देखि थी की नैना चीख़ते हुए पलटि और मुझे अपने ऊपर से गिरा दिया और दूसरी तरफ पलट भागने लागी।
मैने नैना का शर्ट पकड़ लिया और वो वही उलटा लेट गयी। मैं अब उसकी जाँघ पर दोनों तरफ पेअर कर उस पर बैठ सवार हो गया। मैने नैना के कंधे पर हाथ रखा और उसके शर्ट को कंधे से निकालने लाग। उसने अपना शर्ट पकड़ लिया और खुलने नहीं दिया। मैंने जोर से खिंचा तो उसने फ़टने के डर से शर्ट छोड़ दिया। मैने उसका शर्ट खिंच कर उसके शरीर से दूर कर दिया और नैना अब ऊपर से सिर्फ ब्रा में उलटा लेती थी। मैंने बिना देर किये उसके ब्रा का हुक भी पीठ से खोल दिया और अब उसी पूरी नंगी पीठ और कमर मेरे सामने थी। मैने अपने दोनों हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेरते हुए उसके बदन को छुने का मजा लिया और फिर ब्रा के स्ट्राप को उसके कन्धो से भी नीचे कर दिया। मैने उसका एक कन्धा पकडे सीधा करने की कोशिश की ताकि आगे से उसके बूब्स देख पाउ पर उसने अपना शरीर टाइट कर दिया था और हिली नाहि। मैन अब उसकी जाँघो पर से नीचे खिसका और उसके पाजामा को कमर से पकड़ लिया और अंदर थोड़ी ऊँगली ड़ाल कर नैना की पेंटी भी पकड़ ली। मैन अब उस पाजामे को पेंटी सहित नीचे खिंच कर उसको नंगा कर उसकी गाँड देखना चाहता था। मैंने नैना के पाजामा को पेंटी सहित २-३ इंच नीचे खिंच लिया और नैना की गाँड की दरार दिखनि शुरू हो गयी। उसकी गोरी और चिकनी गाँड को देख कर मैं पागल हो गया था और उसको पूरा नंगा करने की ताक में था की नैना के चिल्लाने की आवाज आयी।
नैना: "ओके, ओके, यह पति हार मानता है। मुझे जाने दो"
मुझे नैना को नंगा करना ही था, पर अब मैं क्या उसके मना करने पर भी जबरदस्ती उसको नंगा कर देता? मैं फिर रुक गया और उस पर से उतर गया। उसने गरदन घुमा कर मुझे देखा, फिर वो मेरी तरफ पीठ रखते हुए अपने ब्रा को थामे घुटनो के बल खड़ी हुई और अपने ब्रा के हुक बाँधने लगी। मैने उस से कहा की मैं मदद कर दू तो उसने हां बोल दिया। उसने आगे से अपना ब्रा थामे रखा ताकि नंगी न हो जाए। पीछे से उसके ब्रा के स्ट्राप लटके हुए थे तो बगल के नीचे से थोड़ा सा बूब्स का नंगा उभार मुझे दीख रहा था। इतना क़रीब आकर भी उसने मुझे अपने बूब्स नहीं दिखाये थे। अभी सबसे अच्छा टाइम था की मैं उसके बूब्स को दबोच सकता था पर मेरे अंदर के पुरुष ने मुझे रोक। मैने उसके ब्रा के हुक बंद कर दिए। फिर उसने अपना पाजामा जो थोड़ा निचे खिसका था और उसकी थोड़ी गाँड दिखने लगी थी उसको उठा कर धका। उसने वह पड़ा उसका शर्ट उठा लिया और हाथो में ड़ाल कर पहन लिया और बटन बंद करने के बाद ही मेरी तरफ मुदी। वो अपनी गरदन अविश्वास में हिलाने लगी।
पराग: "क्या हुआ, डर गयी?"
नैना: "मैं पति बनी थी न, तो पति तो हमेशा ही बीवी से डरता हैं"
पराग: "अगली बार तुम बीवी बन जाना"
नैना: "मैं कुछ भी बनी, हार तो मेरी ही होगी। चलो हाथ दो मुझे। मजा आया न खेल में?"
पराग: "अगली बार खेल कब खेलेंगे?
मैने नैना का शर्ट पकड़ लिया और वो वही उलटा लेट गयी। मैं अब उसकी जाँघ पर दोनों तरफ पेअर कर उस पर बैठ सवार हो गया। मैने नैना के कंधे पर हाथ रखा और उसके शर्ट को कंधे से निकालने लाग। उसने अपना शर्ट पकड़ लिया और खुलने नहीं दिया। मैंने जोर से खिंचा तो उसने फ़टने के डर से शर्ट छोड़ दिया। मैने उसका शर्ट खिंच कर उसके शरीर से दूर कर दिया और नैना अब ऊपर से सिर्फ ब्रा में उलटा लेती थी। मैंने बिना देर किये उसके ब्रा का हुक भी पीठ से खोल दिया और अब उसी पूरी नंगी पीठ और कमर मेरे सामने थी। मैने अपने दोनों हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेरते हुए उसके बदन को छुने का मजा लिया और फिर ब्रा के स्ट्राप को उसके कन्धो से भी नीचे कर दिया। मैने उसका एक कन्धा पकडे सीधा करने की कोशिश की ताकि आगे से उसके बूब्स देख पाउ पर उसने अपना शरीर टाइट कर दिया था और हिली नाहि। मैन अब उसकी जाँघो पर से नीचे खिसका और उसके पाजामा को कमर से पकड़ लिया और अंदर थोड़ी ऊँगली ड़ाल कर नैना की पेंटी भी पकड़ ली। मैन अब उस पाजामे को पेंटी सहित नीचे खिंच कर उसको नंगा कर उसकी गाँड देखना चाहता था। मैंने नैना के पाजामा को पेंटी सहित २-३ इंच नीचे खिंच लिया और नैना की गाँड की दरार दिखनि शुरू हो गयी। उसकी गोरी और चिकनी गाँड को देख कर मैं पागल हो गया था और उसको पूरा नंगा करने की ताक में था की नैना के चिल्लाने की आवाज आयी।
नैना: "ओके, ओके, यह पति हार मानता है। मुझे जाने दो"
मुझे नैना को नंगा करना ही था, पर अब मैं क्या उसके मना करने पर भी जबरदस्ती उसको नंगा कर देता? मैं फिर रुक गया और उस पर से उतर गया। उसने गरदन घुमा कर मुझे देखा, फिर वो मेरी तरफ पीठ रखते हुए अपने ब्रा को थामे घुटनो के बल खड़ी हुई और अपने ब्रा के हुक बाँधने लगी। मैने उस से कहा की मैं मदद कर दू तो उसने हां बोल दिया। उसने आगे से अपना ब्रा थामे रखा ताकि नंगी न हो जाए। पीछे से उसके ब्रा के स्ट्राप लटके हुए थे तो बगल के नीचे से थोड़ा सा बूब्स का नंगा उभार मुझे दीख रहा था। इतना क़रीब आकर भी उसने मुझे अपने बूब्स नहीं दिखाये थे। अभी सबसे अच्छा टाइम था की मैं उसके बूब्स को दबोच सकता था पर मेरे अंदर के पुरुष ने मुझे रोक। मैने उसके ब्रा के हुक बंद कर दिए। फिर उसने अपना पाजामा जो थोड़ा निचे खिसका था और उसकी थोड़ी गाँड दिखने लगी थी उसको उठा कर धका। उसने वह पड़ा उसका शर्ट उठा लिया और हाथो में ड़ाल कर पहन लिया और बटन बंद करने के बाद ही मेरी तरफ मुदी। वो अपनी गरदन अविश्वास में हिलाने लगी।
पराग: "क्या हुआ, डर गयी?"
नैना: "मैं पति बनी थी न, तो पति तो हमेशा ही बीवी से डरता हैं"
पराग: "अगली बार तुम बीवी बन जाना"
नैना: "मैं कुछ भी बनी, हार तो मेरी ही होगी। चलो हाथ दो मुझे। मजा आया न खेल में?"
पराग: "अगली बार खेल कब खेलेंगे?