14-08-2019, 03:30 PM
(मैने नैना का हाथ छोड़ दिया और उसकी कमर से पकड़ जाने नहीं दिया। मैंने अब अपने एक हाथ से उसको मुम्मो पर लपटने के लिए हाथ आगे किया। मैन अपना हाथ नैना के बूब्स पर लपेट पाता उसके ठीक पहले उसने अपने दोनों हाथ मोड़ कर अपने बूब्स को धक् लिया और मैं सिर्फ उसके हाथो को दबोच पाया। नैना ने अपनी गाँड से एक ठुमका मेरे लण्ड पर मारा और मेरी पकड़ से छुटकार चली गायी। वो पीछे पलट कर एक बार मुझे देख मुस्करायी। मुझे लग रहा था की मजाक की आड़ में ही सही मैं उसके थोड़े बहुत मजे तो लूट ही सकता हू। उसको जो मजाक लग रहा हैं वोही मेरे लिए मजा था, शायद उसको भी इस तरह के मजाक में मजा आ रहा था। मिहिर ड्राइंग रूम में आ गया था और उसके बाद प्रेरणा ने जाकर बेडरूम में कपड़े पहन लिये। कपडे पहन लेने के बाद वो नार्मल लग रही थी।
उस दिन प्रेरणा खुश थी की उसकी पसन्द की तस्वीर बन रही थी और मैं खुश था की आज नैना से बहुत अंदर की बातें कर उसको छुने के भी मजे लिए थे। मैने सोच लिया की अगली बार मैं एक कदम आगे बढूँगा और कम से कम उसके बूब्स तो पहली बार दबा ही लुंगा। प्रेरणा ने पहले बताया था की अगले दो पेंटिंग के सेशन सोमवार और मंगलवार को होने वाले थे। मगर उस दिन तो मैं ऑफिस में रहुंगा। मुझे फिर नैना के साथ अकेले रहने का मौका कैसे मिलता। मैंने सोच लिया की मैं एक दिन ऑफिस से छुट्टी ले लुंगा। अगले दिन सोमवार को मैं ऑफिस गया पर मंगलवार को मैंने छुट्टी ले ली थी। सूबह सुबह मैं नैना के फ्लैट के बाहर ही घूम रहा था की उसके दर्शन हो जाए तो पूरा दिन अच्छा जाएग। वह घूमते हुए २०-३० मिनट हो गए पर वो दिखी नहीं। फिर नैना के फ्लैट का दरवाजा खुला। मैं अलर्ट हो गया। नैना अपने हाथ में डस्टबिन लिए बाहर आयी। मैं सामने ही खड़ा था। उसने गुड मॉर्निंग बोला और मैंने भी। उसने घुटनो तक का नाईट गाउन पहने था। नींद से उठि थी पर फिर भी बहुत खूबसूरत लग रही थी। वो डस्टबिन बाहर रखने आयी थी।
मुझे एक मौका दिखाई दिया। जब वो झुकेगी तो उसके ढीले गाउन से उसके मुम्मो का दीदार तो हो ही जाएग। मैंने लिफ्ट का बटन दबाया और यह दिखाने की कोशिश की की मैं लिफ्ट का वेट कर रहा था। नैना थोड़ा सा झुकी और मेरे दिल की धड़कन तेज हुयी। आधा झुकने के बाद उसने अपने दूसरे हाथ से अपना गाउन सीने से दबा दिया और मेरे अरमानो का गला भी गोट दिया। डस्टबिन रखकर नैना फिर सीधा कड़ी हुई और अपना हाथ गाउन से हटाया और मुझे मुस्कुरा कर जैसे चिढा दिया की मैं उसके मुम्मो के दर्शन नहीं कर पाया। मैने नैना को बोल दिया की मैं आज घर पर ही हूँ और वो प्रेरणा के तस्वीर बनाते वक़्त मेरे फ्लैट पर आ जाए। मेरी लिफ्ट आ गयी और मैं उसको बाई बोल कर लिफ्ट में चला गया और वो भी मुड कर अपने फ्लैट में गयी।
मैने सोच लिया की आज तो नैना के बूब्स को दबा कर ही दम लुंगा। १० बजे प्रेरणा को तस्वीर बनाने के लिए मिहिर के घर जाना था। प्रेरणा नीयत टाइम पर चली गयी और मैं नैना का इन्तेजार करने लाग। १० मिनट बाद नैना मेरे घर पर आयी। उसने पाजामा और बटन वाला शर्ट पहने था। मैंने उसके साथ गन्दी बातें शुरू की।
पराग: "कल भी प्रेरणा का पानी निकला था क्या?"
नैना: "तुम्हारा बच्चा उठ गया था तो मैं इधर तुम्हारे घर पर आ गयी थी, वो काफी देर तक सोया ही नहीं तो मैं फिर इधर ही रही थी। प्रेरणा अपना काम ख़त्म करके यहाँ आयी तब मैं अपने घर जा पायी। मैं गयी तब तो बेंच साफ़ ही थी।"
पराग: "अच्छा तो मेरी नयी बिवी, यह बताओ की आज तुम मेरी क्या सेवा करोगी"
नैना: "आज भी वोही वाला मजाक कंटिन्यू करना हैं!!"
पराग: "तो फिर चेंज करने के लिए मैं तुम्हारी बीवी बन जाता हूँ"
नैना: "हां यह कुछ नया हैं"
(मैने अब एक चुनरी खुद पर डाल ली और नैना की बीवी की एक्टिंग की।)
उस दिन प्रेरणा खुश थी की उसकी पसन्द की तस्वीर बन रही थी और मैं खुश था की आज नैना से बहुत अंदर की बातें कर उसको छुने के भी मजे लिए थे। मैने सोच लिया की अगली बार मैं एक कदम आगे बढूँगा और कम से कम उसके बूब्स तो पहली बार दबा ही लुंगा। प्रेरणा ने पहले बताया था की अगले दो पेंटिंग के सेशन सोमवार और मंगलवार को होने वाले थे। मगर उस दिन तो मैं ऑफिस में रहुंगा। मुझे फिर नैना के साथ अकेले रहने का मौका कैसे मिलता। मैंने सोच लिया की मैं एक दिन ऑफिस से छुट्टी ले लुंगा। अगले दिन सोमवार को मैं ऑफिस गया पर मंगलवार को मैंने छुट्टी ले ली थी। सूबह सुबह मैं नैना के फ्लैट के बाहर ही घूम रहा था की उसके दर्शन हो जाए तो पूरा दिन अच्छा जाएग। वह घूमते हुए २०-३० मिनट हो गए पर वो दिखी नहीं। फिर नैना के फ्लैट का दरवाजा खुला। मैं अलर्ट हो गया। नैना अपने हाथ में डस्टबिन लिए बाहर आयी। मैं सामने ही खड़ा था। उसने गुड मॉर्निंग बोला और मैंने भी। उसने घुटनो तक का नाईट गाउन पहने था। नींद से उठि थी पर फिर भी बहुत खूबसूरत लग रही थी। वो डस्टबिन बाहर रखने आयी थी।
मुझे एक मौका दिखाई दिया। जब वो झुकेगी तो उसके ढीले गाउन से उसके मुम्मो का दीदार तो हो ही जाएग। मैंने लिफ्ट का बटन दबाया और यह दिखाने की कोशिश की की मैं लिफ्ट का वेट कर रहा था। नैना थोड़ा सा झुकी और मेरे दिल की धड़कन तेज हुयी। आधा झुकने के बाद उसने अपने दूसरे हाथ से अपना गाउन सीने से दबा दिया और मेरे अरमानो का गला भी गोट दिया। डस्टबिन रखकर नैना फिर सीधा कड़ी हुई और अपना हाथ गाउन से हटाया और मुझे मुस्कुरा कर जैसे चिढा दिया की मैं उसके मुम्मो के दर्शन नहीं कर पाया। मैने नैना को बोल दिया की मैं आज घर पर ही हूँ और वो प्रेरणा के तस्वीर बनाते वक़्त मेरे फ्लैट पर आ जाए। मेरी लिफ्ट आ गयी और मैं उसको बाई बोल कर लिफ्ट में चला गया और वो भी मुड कर अपने फ्लैट में गयी।
मैने सोच लिया की आज तो नैना के बूब्स को दबा कर ही दम लुंगा। १० बजे प्रेरणा को तस्वीर बनाने के लिए मिहिर के घर जाना था। प्रेरणा नीयत टाइम पर चली गयी और मैं नैना का इन्तेजार करने लाग। १० मिनट बाद नैना मेरे घर पर आयी। उसने पाजामा और बटन वाला शर्ट पहने था। मैंने उसके साथ गन्दी बातें शुरू की।
पराग: "कल भी प्रेरणा का पानी निकला था क्या?"
नैना: "तुम्हारा बच्चा उठ गया था तो मैं इधर तुम्हारे घर पर आ गयी थी, वो काफी देर तक सोया ही नहीं तो मैं फिर इधर ही रही थी। प्रेरणा अपना काम ख़त्म करके यहाँ आयी तब मैं अपने घर जा पायी। मैं गयी तब तो बेंच साफ़ ही थी।"
पराग: "अच्छा तो मेरी नयी बिवी, यह बताओ की आज तुम मेरी क्या सेवा करोगी"
नैना: "आज भी वोही वाला मजाक कंटिन्यू करना हैं!!"
पराग: "तो फिर चेंज करने के लिए मैं तुम्हारी बीवी बन जाता हूँ"
नैना: "हां यह कुछ नया हैं"
(मैने अब एक चुनरी खुद पर डाल ली और नैना की बीवी की एक्टिंग की।)