14-08-2019, 03:26 PM
पराग: "ओहः, चिंता मत करॉ, मैं मिहिर को नहीं बताऊँगा"
नैना: "उसको पहले ही पता हैं, मैंने बताया था। उसके भी शादी के पहले फिजिकल रिलेशन थे अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ। तुम बताओ तुम्हारा कैसा रहा?"
पराग: "मैं तो शादी तक वर्जिन ही था। प्रेरणा का भी मेरे जैसा ही हैं"
नैना: "तुम्हारा अच्छा हैं की लाइफ सेटल्ड हैं, एक बच्चा भी हैं"
पराग: "हॉ, तुमने उस दिन बताया, क्या प्रॉब्लम हैं, कही दिखाया?"
नैना: "कुछ प्रॉब्लम हैं, डॉक्टर ने बोला की कोई चमत्कार ही मुझे माँ बना सकता हैं बाकी मेडिकली तो पॉसिबल नहीं"
पराग: "ओह आई ऍम सॉरी"
नैना: "तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड तो रही होगी!"
पराग: "कॉलेज में एक लड़की को चाहता था, पर उसका पहले से एक बॉयफ्रेंड था तो कभी उसको बोल ही नहीं पाया"
नैना: "अरे तो क्या हुआ! तुम तो उसको चाहते थे न! बोल देते अपने दिल की बात। फिर उसकी इच्छा की वो स्वीकार करे या न करे। तुम तो अपनी बात रखते"
पराग: "मैंने सोचा जब मिलनी ही नहीं हैं तो बोलने का क्या फायदा"
नैना: "ऐसे थोड़े ही होता है। बोलकर अपनी कोशिश तो कर ही सकते थे। चलो मैं तुम्हे आज तुम्हारी अधूरी तमन्ना पूरी करवाती हू। क्या नाम था उस लड़की का बताओ"
उस लड़की का नाम मैंने "नैना" बताया। नैना को बड़ा आस्चर्य हुआ मगर उसको क्या पता की मैं झूठ बोलकर उसी की बात कर रहा था।
नैना: "हम सहेलिया कॉलेज टाइम पर यह वाला खेल बहुत खेलती थी। ठीक हैं तो तुम मुझको अपनी कॉलेज की वो वाली नैना समझ लो। फिर मैं तुम्हे २ मिनट डुंग, तुम्हे मुझको वो वाली नैना समझ कर जो भी मेरे साथ कहना करना हैं वो कर लो"
पराग: "कुछ भी कह और कर सकता हूँ?"
नैना: "हॉ, यही तो खेल हैं, तभी तो बिना डर के रियल फीलिंग आएगी"
नैना अब सोफ़े से उठ कर मेरे सामने कड़ी हो गायी। मेरे लिए यह खुला इनविटेशन था की मैं उसके साथ कुछ भी कर सकता हू। क्या वो सच में सीरियस थी या सिर्फ एक खेल!
नैना: "उसको पहले ही पता हैं, मैंने बताया था। उसके भी शादी के पहले फिजिकल रिलेशन थे अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ। तुम बताओ तुम्हारा कैसा रहा?"
पराग: "मैं तो शादी तक वर्जिन ही था। प्रेरणा का भी मेरे जैसा ही हैं"
नैना: "तुम्हारा अच्छा हैं की लाइफ सेटल्ड हैं, एक बच्चा भी हैं"
पराग: "हॉ, तुमने उस दिन बताया, क्या प्रॉब्लम हैं, कही दिखाया?"
नैना: "कुछ प्रॉब्लम हैं, डॉक्टर ने बोला की कोई चमत्कार ही मुझे माँ बना सकता हैं बाकी मेडिकली तो पॉसिबल नहीं"
पराग: "ओह आई ऍम सॉरी"
नैना: "तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड तो रही होगी!"
पराग: "कॉलेज में एक लड़की को चाहता था, पर उसका पहले से एक बॉयफ्रेंड था तो कभी उसको बोल ही नहीं पाया"
नैना: "अरे तो क्या हुआ! तुम तो उसको चाहते थे न! बोल देते अपने दिल की बात। फिर उसकी इच्छा की वो स्वीकार करे या न करे। तुम तो अपनी बात रखते"
पराग: "मैंने सोचा जब मिलनी ही नहीं हैं तो बोलने का क्या फायदा"
नैना: "ऐसे थोड़े ही होता है। बोलकर अपनी कोशिश तो कर ही सकते थे। चलो मैं तुम्हे आज तुम्हारी अधूरी तमन्ना पूरी करवाती हू। क्या नाम था उस लड़की का बताओ"
उस लड़की का नाम मैंने "नैना" बताया। नैना को बड़ा आस्चर्य हुआ मगर उसको क्या पता की मैं झूठ बोलकर उसी की बात कर रहा था।
नैना: "हम सहेलिया कॉलेज टाइम पर यह वाला खेल बहुत खेलती थी। ठीक हैं तो तुम मुझको अपनी कॉलेज की वो वाली नैना समझ लो। फिर मैं तुम्हे २ मिनट डुंग, तुम्हे मुझको वो वाली नैना समझ कर जो भी मेरे साथ कहना करना हैं वो कर लो"
पराग: "कुछ भी कह और कर सकता हूँ?"
नैना: "हॉ, यही तो खेल हैं, तभी तो बिना डर के रियल फीलिंग आएगी"
नैना अब सोफ़े से उठ कर मेरे सामने कड़ी हो गायी। मेरे लिए यह खुला इनविटेशन था की मैं उसके साथ कुछ भी कर सकता हू। क्या वो सच में सीरियस थी या सिर्फ एक खेल!