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Adultery तस्वीर का रहस्य... (COMPLETE)
#23
इस बीच प्रेरणा ड्राइंग रूम से लगे वॉशरुम से बाहर आयी और दूसरी तरफ बेडरूम के वॉशरुम से मिहिर भी गया। मिहिर ने प्रेरणा को बोला की कुछ मिनट्स रिलैक्स के बाद वो फिर पेंटिंग शुरू करेंगे। नैना ने मुझे अब बेडरूम के पास खड़े होकर अंदर बुलाया। मैं तेजी से चल कर बेडरूम में गया। जिस दीवार पर दरवाजा था उसी पर उसकी बड़ी सी नंगी तस्वीर लगी थी।


नैना का चेहरा पहचान में रहा था। तस्वीर में उसके बूब्स जितने मैंने सोचे थे उस से भी बड़े दीख रहे थे। शायद मिहिर ने जानबूझकर बड़े बूब्स बनाये थे जैसे की प्रेरणा के स्केच में बनाये थे। मागर उन ओवर-साइज बूब्स की वजह से उस तस्वीर की खुबसुरती और भी बढ़ गयी थी। नैना की पतली कमर पर उसके बड़े बूब्स गजब थे तो उसकी सुडौल जाँघे भी क़यामत थी। पर जिस चीज को देखने की सबसे उत्सुकता थी वो थी तस्वीर में नैना की चुत। उसकी चुत की दरार थोड़ी सी दीख रही थी और उसी में मैंने संतोष कर लिया। उसकी चुत पर कुछ बाल भी उगे हुए थे।

प्रेरणा ने तो चुत सफाचट की थी पर क्या नैना अपनी चुत पर बाल रखती होगी? या फिर शायद तस्वीर को क्लासिक लुक देने के लिए नैना ने चुत पर बाल रहने दिए होंगे, या फिर मिहिर ने खुद ही बाल बना दिए होंगे। मैने उस तस्वीर की खूबसूरती को देख "ओहो, कितनी खूबसूरत हैं तस्वीर" कहा। असल में तो मैं नैना के उस नंगे बदन की तारीफ़ कर रहा था।

नैना: "इतनी पसन्द आयी तुम्हे मेरी तस्वीर"

पराग: "हॉ, बहुत"

नैना: "मेरी शादी की पहली सालगिरह पर मिहिर ने यह तस्वीर बनायीं थी"

पराग: "इतने टाइम के बाद भी तुम वैसी की वैसी ही हो, वैसा ही फिगर और चेहरा!"

नैना: थैंक यू बोलते हुए थोड़ा मुस्कुरायी और फिर दूसरी दीवार पर लगा अपना स्केच दिखाया। मगर मेरा ध्यान फिर उसकी उस नंगी पेंटिंग पर गया।

नैना: "अब तो तुम्हे अपने बेडरूम में लगाने के लिए भी एक तस्वीर मिलने वाली है। देखना प्रेरणा की बहुत अच्छी तस्वीर बनेगी"

पराग: "अगर तस्वीर इतनी अच्छी नहीं बानी तो फिर मैं तुम्हारी यह वाली तस्वीर ले जाऊँगा अपने बेडरूम में लगाने के लिए"

नैना: "मेरी तस्वीर क्यों! प्रेरणा से प्यार करते वक़्त क्या मेरी तस्वीर देख कर करोगे!"

(
नैना को क्या पता की पिछली कुछ चुदाई में मैं नैना को ही बंद आँखों से देखकर प्रेरणा को चोद रहा हू। उसने मजाक मजाक में मेरे दिल की बात कह दी थी। मैंने भी मजाक जारी राख।)


पराग: "इसमें क्या बुरा हैं? खूबसूरती को देखते हुए प्यार और बढ़ जाता हैं"

नैना(हँसते हुए): "प्यार करते करते मेरा नाम मत लेने लग जान, नहीं तो प्रेरणा नाराज हो जाएगी"

(
हम दोनों ही अब खुल कर इस बात पर हंस रहे थे। पिछली बार हमारे कविता गाने के दौरान अब हम थोड़ा खुल गए थे और अच्छी दोस्त की तरह हो गए थे। ऊपर से खुले विचारों की तो नैना थी ही।)


पराग: "यह वोही तस्वीर हैं जिसके बनाते वक़्त तुम्हे भी प्रेरणा की तरह प्रॉब्लम हुई थि, वो गीला होने की!"

नैना: "हां यही तस्वीर थी। मेरा भी पहला मौका था। मुझे भी प्रेरणा की तरह शर्म रही थी"
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RE: तस्वीर का रहस्य - by usaiha2 - 14-08-2019, 03:23 PM



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