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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
MEGAUPDATE 38


रेशमा को देख कर मेरे जान मे जान आ गयी
रेशमा कैसे भी हालत मे क्यूँ ना हो वो ठीक है ये मेरे लिए एक पॉज़िटिव बात थी
अब रेशमा की लाइफ को मुझे प्यार से भरना था
अब रेशमा कभी अकेली नही रहेगी
मैं पर पल उसके साथ रहूँगा
रेशमा के हर वो खुशियाँ दूँगा जिससे वो अब तक दूर रही
मैं रेशमा के पास बैठ गया
रेशमा वैसे आसमान की तरफ देख रही थी
मैं ने रेशमा के हाथ को अपने हाथो मे लिया
और रेशमा की तरफ देख कर उसको चूम लिया
मेरे चूमते ही रेशमा की आँख मे आँसू निकल गये
रेशमा के निकल रहा एक एक आँसू मेरे दिल को तेज़ाब की तरह जला रहा था
रेशमा का इस तरह रोना मुझे छलनी छलनी कर रहा था
मैं ने रेशमा के आँसू को अपने हाथ पर लिया और पी गया
मैं रेशमा के सारे दर्द को पीना चाहता था
रेशमा ने मेरी तरफ देखा
उसके आँसू को पीते ही रेशमा की आँख सुख गयी
रेशमा की आँख से आँसू निकलने बंद हो गये
रेशमा मुझे देखती रह गयी
मुझे अपने दर्द को पीता हुआ देख कर इतनी भावुक हो गयी और मेरे गले लग गयी
रेशमा मेरे गले लग कर खुद के दर्द को हल्का करना चाहती हो
मैं ने उसको वो सहारा दिया जो वो चाहती थी
उसको विश्वास दिलाया कि मैं ज़िंदगी भर उसका सहारा बन कर रहूँगा
उसको कभी अकेला नही पड़ने दूँगा
मेरी बाहों मे आते ही रेशमा को सुकून मिला
जैसे उसको मेरा ही इंतज़ार था
वो बस यही चाहती थी कि मैं उसको ढूंढता हुआ आ जाउ
अगर सच मे मैं उसको प्यार करता हूँ तो मैं आज उसके पास ज़रूर आउन्गा
और देखो रेशमा का प्यार मुझे उसके पास ले आया
शायद रेशमा मेरी परीक्षा लेना चाहती हो
शायद वो देखना चाहती थी कि मेरा प्यार कहीं वासना तो नही है
वो खुश थी कि मैं उसके पास हूँ
रेशमा को यकीन नही हो रहा होगा कि मैं उसके पास कैसे आ गया
रेशमा को ये उम्मीद ही नही थी कि कोई उस से इतना प्यार करेगा कि वो उसके पास खिचा चला
आएगा
रेशमा को ये सपना ही लग रहा था
रेशमा ने मुझे और कस के गले लगाया
रेशमा अब मुझे खुद से दूर नही करेगी
मैं भी रेशमा को दूर नही करना चाहता था
हम तो एक दूसरे की बाहों मे आते ही प्यार को फील कर रहे थे
हमारे प्यार ने आज हमे मिलाया था
रेशमा मुझे छोड़ ही नही रही थी
शिकवे शिकायते कर रही थी कि मैं उससे दूर क्यूँ गया
रेशमा की सारी शिकायतों को मैं अपने प्यार से ख़तम करना चाहता था
रेशमा का गले लगना कितना कुछ बया कर रहा था
रेशमा की धड़कनो से जब मेरी धड़कने मिलने लगी तो हमारे दिल मे प्यार से भरने लगा
रेशमा का दिल मैं पा रहा था और रेशमा मेरे दिल को अपना बना रही थी
हम दोनो के दिल एक हो रहे थे
रेशमा के रेशमी बाल तो हम दोनो के मिलन को सब से छुपा रहे थे
रेशमा को शायद डर लग रहा होगा कि वो मुझसे अलग होगी तो उसका सपना टूट जाएगा
पर उस पगली को कौन ये बताएगा कि ये सपना नही हक़ीकत है
रेशमा की तरह मैं भी उसको खुद से दूर नही करना चाहता था
रेशमा से दूर रह कर मैं भी जी नही पा रहा था
रेशमा और मैं तो गले गलने के साथ एक दूसरे की पीठ पर हाथ घुमा रहे थे
मैं ने तो रेशमा के गर्दन को चूमना भी शुरू किया
रेशमा तो इस से मेरी बाहों मे मचलने लगी
पर खुद को मुझसे दूर नही कर रही थी
मैं भी अब उसको खुद से दूर नही होने दे सकता था
और हम एक दूसरे को प्यार करने लगे
रेशमा भी मुझे चूमने लगी
दोनो तो प्यार की आग मे जल रहे थे
इस तरह प्यार करते हुए हम ज़मीन पर लेट गये
और एक दूसरे को चूमते गये
मैं ने रेशमा के चेहरे को किस करना शुरू किया तो उसकी पकड़ ढीली होती गयी
रेशमा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ किया शायद वो शरमा रही हो
मैं ने रेशमा के चेहरे को अपनी तरफ किया .रेशमा ने अपनी आँखे बंद कर ली .
मैं ये क्या कर रहा था मुझे समझ नही आ रहा था.
और इस के बाद क्या होगा मैं रेशमा को कैसे समझाउन्गा ये सब चीज़े मेरे दिमाग़ से कहाँ चली
गयी पता नही चला.
रेशमा होश मे नही थी या फिर वो यही चाहती थी कि होश मे ना रहे
अगर होश मे आने के बाद उसको ये पसंद नही आया तो
वो बाद मे देख लूँगा अभी तो मैं रेशमा को उसके हिस्से की खुशी देना चाहता था
किसी ने सच कहा है जब किसी को प्यार होता है तो वो दिमाग़ से नही दिल से सोचता है.
क्या मुझे माला से ज़्यादा रेशमा से...नही नही ये मैं क्या सोच रहा हूँ.
मैं ने रेशमा के चेहरे को गोर से देखा, इस समय रेशमा के चेहरे को पढ़ना मुश्किल था.
उसके चेहरे पे खुशी, गम,दुख, प्यार,नफ़रत, ऐसा बहुत कुछ था.
अगर उसकी आँखे खुली होती तो मैं कुछ समझ पाता.पर रेशमा ने अपनी आँखे बंद कर रखी
थी.
मैं ने उसकी आँखो पर किस किया रेशमा ने फिर भी अपनी आँखे नही खोली.
फिर मैं ने उसके माथे पर किस किया. फिर उसके गालों पर किस किया.
जब मैं उसके चेहरे पे जगह जगह पर किस कर रहा था तो रेशमा के होंठ काप रहे थे.
पता नही क्यूँ काप रहे थे. मेरे होंठो से मिलने के लिए या मेरे होंठ उसे ना छुए इस लिए.
जैसे ही रेशमा ने मुझे छोड़ा वैसे मैं उसके होंठो की तरफ अपने होंठ ले जाने लगा
रेशमा के होंठो से रस टपक रहा था
रेशमा ने अपने होंठो को दातों मे दबा के रखा था
पर जैसे ही मेरे होंठ उसके होंठो के पास आए तो उसके होंठो ने उसको धोका दिया
और मेरे होंठो से जा मिले
मैं ने धीरे से अपने होंठो उसके होंठो से लगा दिए. इतना सॉफ्ट टच था जैसे एक पल के लिए मैं
भूल गया था कि मैं कहाँ हूँ मैं क्या कर रहा हूँ.
मेरे होंठ उसके होंठो से लगते ही रेशमा ने अपनी आँखे खोल कर फिर बंद की.
वो इतना जल्दी हुआ कि मैं उसकी आँखो मे देख नही पाया.
हमारे होंठो के मिलते ही हमारे अंदर प्यार का सूनामी आ गया
इस किस मे इतना प्यार भरा हुआ था कि क्या बताऊ
रेशमा के होंठो को मेरे होंठ छु गये ये सपने जैसे था
जैसे लिफ्ट मे मिरर इमेज को किस करके फील हुआ था उस से कही ज़्यादा स्वीट था ये किस .
इस किस मे रेशमा मेरा साथ दे रही थी
हम दोनो एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे
इस किस से हमारा प्यार के मंदिर की पहली नीव रखी गयी
ये किस हमारे एक होने का सबूत बन रहा था
इस किस से रेशमा मेरी हो गयी
किस के साथ प्यार मिल रहा था हम दोनो को
रेशमा के रस को पी कर मैं उसको अपना प्यार दे रहा था
मैं उसके होंठो को किस करने मे इतना खो गया था कि मैं ने भी अपनी आँखे कब बंद की,
मुझे पता भी नही चला.
इतना मधुर मिलना था हमारे होंठो का कि क्या बताऊ. ऐसा लग रहा था कितनी सदियों के बाद हम
मिले हो और बस ये मिलन कभी ख़तम ना हो.
मैं बस उसके होंठो पर अपने होंठ रख कर वैसे ही बिना कुछ किए 5 मिनिट तक उसके होंठो को
महसूस करता रहा.
उसके होंठो को छूने से मेरी प्यास और बढ़ रही थी. उसके होंठ मुझे प्यासा बना कर होंठो का
गुलाबी रस पीने को कह रहे थे.
मैं ने उसके नाज़ुक होंठो का रस पीना शुरू किया.
रस इतना मीठा था कि उसके सामने पूरी दुनिया फीकी लग जाए.
मैं ने रेशमा के होंठो को चूसने लगा.
रेशमा को किस करते हुए मुझे एक पल के लिए माला की याद आ गयी.पर रेशमा के नशीले होंठो
ने वो याद भी मेरे दिमाग़ से निकाल दी.
रेशमा ने अपने होंठो पर लिपस्टिक नही लगाई थी फिर भी रेशमा के होंठ गुलाब की तरह गुलाबी थे.
मैं ने कितनो के साथ चुदाई की कितनो को मैं ने जन्नत दिखाई पर किसीने मुझे जन्नत जैसा मज़ा
नही दिया था.
पर आज सिर्फ़ किस करने से मुझे ऐसा आनंद मिल रहा था जिसकी कल्पना मैं ने माला के साथ की थी.
पर माला भी मुझे वो खुशी नही दे पाई जो रेशमा के एक किस ने दी.
मेरे साथ साथ रेशमा ने भी मेरे होंठो को चूसना शुरू किया.
हम दोनो दुनिया को पीछे छोड़ कर अपनी नही दुनिया मे खो गये थे जहाँ सिर्फ़ प्यार था.
मैं यहाँ रेशमा को घर ले जाने आया था. मुझे पता नही था कि वहाँ मुझे सिर्फ़ प्यार मिलेगा.
ऐसा प्यार जिसमे मैं इतना खो जाउन्गा कि मैं खुद को भूल जाउन्गा.
मैं रेशमा के होंठो को चूसने लगा. पर मेरी हिम्मत नही हुई कि मैं अपनी जीभ रेशमा के
मुँह मे डालु .
पर रेशमा जैसे मेरे मन की बात जान गयी हो उसने अपनी जीभ मेरे मुँह मे डाल दी.
मैं रेशमा के जीभ को चूसने लगा. फिर रेशमा भी अपनी जीभ के साथ मेरी जीभ भी अपने मुँह मे
ले गयी. और चूसने लगी.
मुझे तो लग रहा था कि ये किस कभी ख़तम ही ना हो पर जो चीज़ हमे अच्छी लगती है वो जल्दी
ख़तम हो जाती है.
रेशमा तो मेरे होंठो को छोड़ने को तैयार नही थी पर उसकी चेस्ट ज़ोर ज़ोर धड़क रही थी.उसकी चेस्ट
फुल रही थी
फिर भी रेशमा मेरे होंठो को छोड़ने के लिए तैयार नही थी.
उसकी धड़कने मेरे धड़कानों से मिल रही थी.
मुझे लगा कि अब मुझे रुक जाना चाहिए.मैं जिस चीज़ के लिए भगवान से दुआ माँग रहा था कि
वो ख़तम ना हो उसी चीज़ को मुझे रोकना पड़ा.
मैं ने अपने होंठो को बड़ी मुश्किल से रेशमा के होंठो से अलग किया. मेरे होंठ अलग होते ही
रेशमा ने अपनी आँखे खोली.
रेशमा की आँखो मे देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने रेशमा के बदन से उसकी आत्मा
अलग की हो.
उसकी आँखे लाल हो गयी थी. जैसे उसके बदन का सारा खून उसकी आँखो मे चला गया हो.
उसकी धड़कने इतनी तेज चल रही थी कि ऐसा लग रहा था कि अगर एक सेकेंड भी देर हो जाती तो कहना
मुश्किल था कि क्या हो जाता.
हमारे होंठ अलग होते ही रेशमा लंबी लंबी सासे लेकर कर अपने आप को नॉर्मल करने की
कोशिस कर रही थी.
मैं भी खुद को नॉर्मल कर रहा था.मेरी भी हालत रेशमा जैसी थी.
किस करने से मेरा प्यार और बढ़ गया .
ये बर्तडे रेशमा के लिए बेस्ट साबित होगा
उसको प्यार मिल रहा था
इस बर्तडे पे वो अकेली नही है उसके साथ मैं था
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Please read my new story
CHODURAJA
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RE: रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 14-08-2019, 03:22 PM



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