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Incest हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है
#81
मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसके निप्पल टाइट होने लगे थे।
मुझे उनको छूने में आनन्द आ रहा था.. वो गर्म हो रही थी।

मैंने अचानक उसके एक चूचे को दबा दिया- आअहह भैया!
उसके मुँह से सिसकारी निकल गई.. मैंने तुरन्त ही उसको चूमना चालू कर दिया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

हम दोनों एक-दूसरे के होंठ ऐसे चाट रहे थे.. जैसे बरसों के प्यासे हों। मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल कर उसके मम्मों को अपने हाथ में ले लिए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
REसाहित्य - by neerathemall - 01-08-2019, 03:29 AM
RE: हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है - by neerathemall - 14-08-2019, 03:17 PM



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