Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तस्वीर का रहस्य... (COMPLETE)
#15
नैना: "कुछ तो बताओ पराग, क्या प्रॉब्लम हैं तस्वीर बनवाने में?"


पराग: "इस तरह गैर मर्द के सामने प्रेरणा कपड़े खोले, यह मुझे पसंद नहीं हैं"

नैना ने अब मेरे कंधे पर पड़ा हाथ मेरे गालो के नीचे राख दिया। पहली बार वो मेरे चेहरे को छु रही थी और मुझे कुर्रत सा लाग।

नैना: "पराग, तुम्हारी इतनी छोटी सोच होगी, यह मैंने सोचा भी नहीं थी। बीच पर भी तो लाडक्या बिकिनी में घुमति है। एक्टर लोग भी तो कपड़े उतारते ही हैं"

पराग: "बिकिनी तो बीच पर पहनते हैं वो ठीक है। एक्टर लोगो का पेशा हैं तो वो कपड़े वहाँ खोलते हैं मगर प्रेरणा एक हाउसवाइफ हैं, एक आम औरत है। ऐसे कैसे कोई किसी के सामने अपने कपड़े खोल सकता हैं!"

नैना: "पराग, मैं तुमसे बहुत निराश हुई हू। मैं तुम्हे बहुत खुले विचारों वाला समझती थी पर तुम्हारी सोच तो बहुत दकियानूसी है। सिर्फ एक पेंटिंग बनवाने में तुमको इतनी आपत्ति है। फिर तुम भी तो वहाँ मौजूद रहोगे!"

पराग: "मुझे अच्छा नहीं लगेगा यह देखते हुए की मेरी आँखों के सामने मेरी बीवी वहाँ अकेली नंगी खड़ी होगी और बाकी सब देख रहे होंगे"

नैना: "अगर, प्रेरणा को कोई प्रॉब्लम नहीं हैं तो फिर तुम्हे क्यों हैं? अगर तुम्हे लगता हैं की अकेली प्रेरणा नंगी हैं तो ठीक हैं, मैं भी प्रेरणा की तरह कपड़े खोल दुगी, फिर तो वो अकेली नंगी नहीं होगी। फिर तुम्हे मंजूर हैं?" यह सुनकर मेरी तो ख़ुशी की सीमा नहीं राहि। नैना को मैं नँगा देख पाउंगा। उसके मुम्मो की एक हलकी झलक देखने को कितना तड़प रहा था और यहाँ वो खुद अपने कपड़े खोलने को तैयार थी। मागर नैना को नंगा देखने के चक्कर में मुझे अपनी बीवी को भी तो नंगा करना होग, किसी गैर मर्द के सामने।

पराग: "नहीं वो अकेले नंगे होने की बात नहीं है। मुझे बस यह ठीक नहीं लग रहा है।"

नैना ने अब मेरे दोनों हाथ फिर से पकड़ लिये। उसके नरम हाथ पकडे अच्छा लग रहा था, काश वो हाथ मेरे हाथ में ही रहता।

नैना: "तुम्हे पता हैं प्रेरणा कितना एक्ससिटेड थी अपनी पेंटिंग बनवाने को लेकर! उसके बारे में भी सोचना। आई होप की तुम सही डिसिशन लो। इसमें कुछ भी गलत या बुरा नहीं हैं" नैना ने फिर मेरा हाथ छोड़ा और उठ कर बाहर चली गयी और मैं अपने हाथ ही देखता रह गया और अपने हाथो को चूम लिया।

इतना लम्बा नाराज तो प्रेरणा कभी नहीं हुई थी। मैंने उसको समझाने की कोशिश की की उसकी जिद बेकार हैं, मगर उसने बात तक नहीं की। पहले जब कभी वो नाराज होती तो मैं उसको घुमाने ले जाता और वो मान जाती थी। मैंने यही ट्रिक उसे मानाने की। अगले दिन थर्सडे को मैंने अपने करीबी दोस्त संतोष को बोला की इस संडे घुमने का प्रोग्राम करते हैं क्यों की प्रेरणा नाराज है। संतोष ने बोला की वो फ्राइडे शाम को अपनी वाइफ वीणा के साथ मेरे घर आएगा और घुमने का प्रोग्राम फाइनल करेंगे। शाम को आते वक़्त मैं प्रेरणा के लिए उसकी पसन्द की ड्रेस भी लाया। मैंने प्रेरणा को बताया की मैंने संडे को घुमने का प्रोग्राम बनाए हैं और उसकी सहेली वीणा और हस्बैंड संतोष भी रहे हैं। मागर प्रेरणा ने बोल दिया की उसको कही घूमने नहीं जाना हैं और मेरी गिफ्ट की ड्रेस को भी हाथ नहीं लगया। मैंने भी सोचा की कल जब वीणा आकर उसको समझायेगी तो मान ही जाएगी। वइसे भी संडे में अभी दिन बाकी हैं तो तब तक उसका मूड थोड़ा अच्छा हो ही जाएग। फ्राइडे शाम को वीणा और संतोष मेरे घर आए। प्रेरणा रूठ कर बेडरूम में ही बैठी थी। मैंने वीणा को इशारा कर दिया की प्रेरणा बेडरूम में हैं और वो उसको समझाये। वीणा फिर प्रेरणा से मिलने बेडरूम चली गायी।

मैने फिर संतोष को बताया की पूरा मामला क्या है। अपने पडोसी मिहिर और नैना के बारे में भी बताया। संतोष को पता ही था की प्रेरणा पेंटिंग्स के पीछे कितनी दीवानी है। तभी वीणा बेडरूम से बाहर चहकते हुए आयी और उसके हाथ में मेरी वाइफ प्रेरणा का मोबाइल भी था।

वीना: "अब पता चला की पूरा मामला क्या है। यह देखो संतोष, कितनी प्यारी तसवीरे हैं"
Like Reply


Messages In This Thread
RE: तस्वीर का रहस्य - by usaiha2 - 14-08-2019, 03:14 PM



Users browsing this thread: 5 Guest(s)