14-08-2019, 03:04 PM
मैंने उसको नजदीक खींच लिया.. हम पुरानी बातें कर रहे थे।
मैं बोला- इस साल की शुरूआत में ही मूवी दोस्तों के साथ देखी तो पता चला कि हम दोनों बचपन में क्या करना चाहते थे।
वो शर्मा गई.. मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा।
उसके निप्पल टाइट होने लगे थे।
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मैं बोला- इस साल की शुरूआत में ही मूवी दोस्तों के साथ देखी तो पता चला कि हम दोनों बचपन में क्या करना चाहते थे।
वो शर्मा गई.. मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा।
उसके निप्पल टाइट होने लगे थे।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
